दीदी की चूत में अंकल का लंड: एक रोमांचक कहानी
हाय दोस्तों, आप सभी का मेरी इस कहानी में स्वागत है। मैंने कई कहानियाँ पढ़ी हैं और आज अपने अनुभव के आधार पर आपके लिए एक ऐसी सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ, जो आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि कैसे एक लड़की अपनी शारीरिक भूख को शांत करने के लिए मजबूरी में किसी अनजान मर्द के साथ संबंध बना लेती है। तो चलिए, बिना देर किए इस Hot Scene की शुरुआत करते हैं।
मेरा परिवार और कहानी की शुरुआत
सबसे पहले आपको अपने परिवार से मिलवाता हूँ। मेरे घर में चार लोग हैं – पापा, मम्मी, मैं, और मेरी दीदी। पापा अमेरिका में रहते हैं और साल में बस एक-दो बार ही घर आते हैं। मेरी दीदी मुंबई में रहती हैं, और मैं भी उनके साथ वहीं रहता हूँ। यह कहानी आज से चार साल पहले की है, जब हम दोनों एक छोटे शहर में चार कमरों के अलग फ्लैट में रहते थे। हमारे पड़ोस में रहते थे उस्मान खान अंकल, जिनकी यह कहानी का हिस्सा बनने की वजह थी उनकी वो हरकत, जिसने मेरी दीदी को उनकी ओर आकर्षित किया।
वो अनोखा दिन
उस दिन की बात है, जब मैंने अपनी आँखों से वो Sexy Moments देखे, जो आज भी मेरे दिमाग में ताजा हैं। हमारे फ्लैट के पीछे कुछ झाड़ियाँ थीं, जहाँ लोग अक्सर कूड़ा फेंकते थे। उस्मान अंकल वहाँ खड़े होकर पेशाब कर रहे थे। दीदी बालकनी में खड़ी थीं और उनकी नजर अंकल के Uncle ka Land पर पड़ी, जो काफी मोटा और लंबा था। अंकल ने भी दीदी को देखा और उनकी नजर दीदी की Didi ki Choot की ओर नहीं, बल्कि उनकी गोरी चूचियों पर टिक गई। दीदी ने हल्के से मुस्कुराया, और अंकल ने अपने लंड को हिलाकर दीदी की ओर इशारा किया। दीदी शरमा गईं, लेकिन उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी।
मैं उस दिन जॉब पर चला गया था। शाम को जब लौटा, तो देखा कि अंकल हमारे घर पर थे और दीदी से बातें कर रहे थे। मैंने कहा, “दीदी, मैं बहुत थक गया हूँ, टीवी देखने जा रहा हूँ।” दीदी ने जवाब दिया, “ठीक है, तुम जाओ, मुझे अंकल से कुछ जरूरी बात करनी है।” मैं अंदर चला गया और टीवी ऑन कर लिया, लेकिन मेरा मन कुछ और ही सोच रहा था।
जो मैंने देखा
आधे घंटे बाद, जब मैं पढ़ने के लिए बैठा, तो मुझे दीदी के कमरे से कुछ हलचल दिखी। मैं समझ गया कि कुछ तो अलग होने वाला है। मैंने चुपके से रोशनदान के कांच से झाँका। अंदर का नजारा देखकर मेरे होश उड़ गए। अंकल दीदी के कमरे में दाखिल हुए थे। दीदी बेड से उठीं और अपने सिर पर पल्लू डालकर अंकल की ओर पीठ करके खड़ी हो गईं। अंकल धीरे-धीरे दीदी के पास आए और उनके पीछे सटकर खड़े हो गए।
दीदी ने एक कदम आगे बढ़ाया, लेकिन अंकल ने उनकी कमर पर हाथ रखकर उन्हें अपनी ओर खींच लिया। फिर उन्होंने दीदी के सिर से पल्लू हटाकर जमीन पर फेंक दिया। दीदी उस वक्त लो-कट ब्लाउज और साड़ी में थीं, उनकी गोरी कमर चमक रही थी। अंकल ने दीदी की पीठ पर एक चुम्बन लिया और उनकी दाहिनी चूची को धीरे-धीरे दबाने लगे। फिर उन्होंने पीछे से ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसे उतारकर फेंक दिया। इसके बाद साड़ी भी धीरे-धीरे खींचकर उतार दी गई।
अब दीदी सिर्फ पेटीकोट में थीं। अंकल ने उनके हाथों को पकड़ा और पेटीकोट का नाड़ा एक झटके में खोल दिया। पेटीकोट जमीन पर गिर गया, और दीदी पूरी तरह नंगी हो गईं। मेरी साँसें तेज हो गईं।
वासना का तूफान
अंकल ने दीदी के कंधे से बाल हटाए और अपनी जीभ को उनके कंधे और गर्दन के बीच रगड़ने लगे। एक हाथ से वे दीदी की चूचियों को दबा रहे थे, तो दूसरे से उनकी Didi ki Choot को सहला रहे थे। दीदी खुद को रोक न सकीं और अचानक पलटकर अंकल से लिपट गईं। अंकल ने उन्हें अपनी बाहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया।
फिर अंकल ने दरवाजा बंद किया और पास की टेबल पर सरसों के तेल का डिब्बा रख दिया। उन्होंने दीदी की जाँघें फैलाईं, जो अब तक सटी हुई थीं। मुझे दीदी की चूत साफ दिख रही थी। अंकल ने तेल लिया और उसे दीदी की चूत पर लगाकर मसलने लगे। दीदी ने अंकल की लुंगी खींची और उनका Uncle ka Land बाहर निकाला, जो अब 8 इंच का हो चुका था। दीदी उसे सहलाने लगीं।
चरम सुख की ओर
कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे को सहलाते रहे। फिर अंकल दीदी की जाँघों पर बैठ गए और अपने लंड को उनकी चूत पर सटाया। दीदी ने अपनी चूत को फैलाया, और अंकल ने धीरे-धीरे कमर हिलाकर लंड अंदर डालना शुरू किया। दीदी की साँसें तेज हो गईं, और उनके मुँह से “आहह” की आवाज निकली। अंकल ने पहले सिर्फ टोपे को अंदर डाला, फिर धीरे-धीरे पूरा लंड डाल दिया।
अब अंकल दीदी के ऊपर लेट गए और कमर हिलाने लगे। दीदी की “आहह” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। कभी-कभी अंकल जोरदार झटके मारते, तो दीदी का पूरा शरीर हिल जाता। दीदी ने अंकल की पीठ को सहलाना शुरू किया, और अंकल उनके गालों को चूमते हुए चूचियों को दबाने लगे। कुछ देर बाद अंकल ने दीदी के पैर मोड़े और उनकी जाँघों को और फैलाया। फिर जोरदार धक्कों का सिलसिला शुरू हुआ।
दीदी ने पूछा, “कितना बाहर है?” अंकल ने एक जोरदार धक्का मारा और बोले, “पूरा चला गया।” अब दोनों एक-दूसरे का पूरा साथ दे रहे थे। आधे घंटे तक यह Hot Scene चलता रहा। अंत में अंकल ने दीदी की चूत में अपना बीज छोड़ दिया, और दोनों शांत होकर लेट गए।
अंतिम पल
अंकल कुछ देर तक दीदी के ऊपर लेटे रहे। फिर जब उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला, तो दीदी ने शरमाते हुए चेहरा ढक लिया। अंकल हँसे और बोले, “अब क्या शर्माना?” दीदी ने मुस्कुराकर कहा, “हाँ, बहुत मजा आया।” इसके बाद अंकल ने एक गर्भनिरोधक गोली दीदी को दी, जिसे उन्होंने खा लिया। फिर अंकल चले गए, और मैं चुपचाप अपने कमरे में लौट आया।
यह कहानी मेरे लिए एक अनोखा अनुभव थी, और आज भी वो Sexy Moments मेरे जहन में ताजा हैं।