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सेलगर्ल रेशमा की चुदाई-2

Salegirl Reshma ki chudai-2

वो उम्र में मुझ से कुछ बड़ी शायद तीस बत्तीस की लग रही थी। ब्लाउज का गला सामान्य से कुछ बड़ा ही था, जिसमे से उसकी बड़ी बड़ी छातियां गजब ढा रही थी।

यस सर ! उसने मुस्कुराते हुए पुछा- सीडी?

हाँ पुरानि फ़िल्म की सीडी या कैस्सेट जो भी हो!

फ़िल्म का नाम ?

गांड है तो जहान है॰॰॰ मैंने जानबूझ कर गांड शब्द का इस्तेमाल किया।

वो घूर कर मुझे देखने लगी।

है तो दे दीजिये।

क्या नाम बताया आपने?

जान है तो जहान है॰॰॰

 

इस नाम की तो कोई फ़िल्म नहीं आई।

आप सर से पूछिये।

ठीक है॰॰ वो कैश काउंटर तक गई। थोरी देर बाद आ कर बोली- सर आपसे बात करना चाह्ते हैं

मैं थोड़ा घबरा गया कि कहीं साले को शक तो नहीं हो गया। मैं उस तक गया तो उसने पूछा- इतना पुराना पुराना गाना कयको मांगता तुमको?

मेरेको नाइ मेरा भाई को मांगता॰॰॰ वो कोइ रिसर्च कर रहा है।

आप एच एम वी में जाके पूछो ना॰॰॰

फ़िर मैंने पूछा- अच्छा आपके पास वो गाना है॰॰॰चूतक चूतक चूतिया॰॰॰?

वो हंसने लगा॰॰॰अरे! ये क्या बोलता॰॰चूतक चूतक नही तूतक तूतक्॰॰॰

लेकिन ये तो नया गाना है तुम्हारा भाई क्या करेगा इसका?

भाई को नही॰॰ ये तो मुझे चाहिये।

अच्छा उधर रेशमा से पूछ लो।

रेशमा कौन?

अरे वही सेल गर्ल्॰॰॰

अच्छा तो उसका नाम रेशमा है॰॰

मैं उसके पास पहुंचा- रेशमा॰॰वो पोप भन्ग्ड़ा है आपके पास्॰॰॰तूतक तूतक तूतिया॰॰॰

वो मेरी तरफ़ देख कर बोली- मेरा नाम किसने बताया आपको?

चन्दू साब ने॰॰॰

कौन चंदू साब?

वो जो काउंटर पे बैठे हैं

अरे वो तो मेहता साब हैं

अच्छा मुझे मालूम नही था।

चूतक चूतक चूतिया है आपके पास?

वो सपाट नज़रों से मुझे देखते हुए बोली॰॰ अब मैं समझ गई॰॰तुम जानबूझ कर गलत बोल रहे थे अब तक

नही है ये गाना॰॰॰ वो नाक फ़ुला कर बोली और दूसरी तरफ़ मुंह कर लिया।

उस दिन मैंने सोच लिया कि आज इसे रास्ते मे पकड़ूंगा।

शाम को सात बजे दुकान बंद हो गई और वो बाहर निकली।

मैं उसके पीछे हो लिया।

थोड़ी देर पीछा करने के बाद ग्रांट रोड स्टेशन आने से पहले ही उसके पास पहुंच कर धीरे से कहा॰॰॰हाय !

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वो चौंक कर मुझे देखने लगी। थोड़ी घबरा भी गई।

मैंने फ़िर हाय कहा।

वो बोली-क्या बात है, क्या काम है?

सोरी, मैं जरा लेट हो गया, आपकी दुकान तो बंद हो गई।

हाँ, अब उसके कदम तेज़ हो गये थे।

अरे ! आप दौड़ क्यों लगा रही हैं?

मुझे जल्दी है। सात बीस की टरेन पकड़नी हैकहाँ रहती हैं आप ?

कहाँ रहती हैं आप ?

उसने जवाब नही दिया

दरअसल मुझे एक और पुरानी फ़िल्म की सीडी चाहिए थी अर्जेंट

अब कल आइये

हाँ वो तो अब कल ही

यहाँ दूसरी दुकाने भी हैं वहाँ ट्राई कीजिये

हाँ, मगर वहाँ आप तो नही मिलेंगी ना

व्हाट? क्या मतलब ?

मैंने हिम्मत करके कहा…देखिये सच कहता हूँ… अब तक जितनी भी शोपिंग मैंने आपकी दुकान से की है सिर्फ़ आपसे मिलने के लिए…

वो रुक गई और मेरी आँखों में देख कर बोली…तुम्हारे इरादे अच्छे नही लगते.

हाँ वो तो है…

क्या मतलब ?

अब मतलब तो आप समझ ही गई होंगी .. मैं आपको डिनर मतलब लंच पर ले जाना चाहता हूँ


…काफी पापड़ बेलने पड़े उसे पटाने के लिए। आख़िर वो रास्ते पर आ ही गई. .. पता चला कि उसका तलाक हो चुका है.
ससुराल वालों ने निकल दिया है घर से. मायका दिल्ली में है और वो अपने माँ बाप के पास रहना नही चाहती। यहाँ बोरिविली में एक चल में किराये पर रहती है.

काफी कोशिशों के बाद मैंने उसे अपने साथ सोने के लिए राजी कर लिया. अब वो काफी खुल चुकी थी. बोली-कहाँ ले जाओगे?..अपने घर ?

नही वहाँ तो मेरी फॅमिली रहती है.

फ़िर?

किसी होटल में.

मैंने एक अच्छे होटल में कमरा बुक कर लिया. उस दिन उसने काम से छुटी ले ली थी। मुझे ये सोच कर मजा आ रहा था की मैं सारा दिन उसे चोदूंगा। उसकी चूत चाटुन्गा, वो मेरा लंड अपने कोमल होठों से मसलेगी.

तयशुदा दिन हम होटल में पहुंचे। कमरा पहले से ही बुक था. दोपहर के दो बज रहे थे. हमने बियर पी और खाना खाया .फ़िर मेरे सब्र का पैमाना भर गया.मैंने उसे कहा…रेशमा, हर रात को मैं तुम्हे सपने में चोदता हूँ आज वो दिन आ ही गया जब सचमुच…

वो बोली..मैं भी बिना मर्द के कई दिनों से प्यासी हूँ अभी तक बैंगन ,लोकी से काम चला रही थी, आज मर्द का लंड मिलेगा.. पर

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पर क्या?

अभी तो तुम इतने मर्द नही लगते। कितना बड़ा है तुम्हारा?

देखोगी?

हाँ दिखाओ…

मैंने झट से कपडे उतारे लंड तमतमा कर फडफडा रहा था वो बड़े गोर से मेरे लंड को देखने लगी और फ़िर कहा…चलेगा !

अरे 6 इन्च के लोडे को देख कर कह रही हो… चलेगा… दोडेगा बोलो ना…

6 इंच का लोडा क्या खाक दोडेगा ? दोड़ने के लिए तो कम से कम 8 इंच का घोड़ा चाहिए!

मुझे गुस्सा आ गया और मैं बोला-पहले आजमा तो लो,इस 6 इंच के टट्टू को क्या सरपट दोड़ता है.

अच्छा?

ये कह कर वो आगे झुक गई और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ किया, उसका पकड़ना था की मेरा फ़ड़फ़ड़ाता हुआ लंड आधा इंच और लम्बा हो गया. वो धीरे धीरे लंड के सुपाड़े को सहलाने लगी। मुझे हल्का हल्का नशा आने लगा था।

उसने मुझे बेड पे लिटा लिया और मेरि दोनों टांगो के बीच बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी। मैं उसके मुलायम होठों को अच्छी तरह महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं किसी और दुनिया मे हूं। मेरे जिस्म मे चींटियां रेंगने लगी। उसने अपनी गति बढा दी और जल्दी जल्दी लन्ड को चूसने लगी। थोड़ी देर मे लन्ड से धड़ाधड़ पानी निकलने लगा जिसे उसने गड़प से पी लिया। लन्ड कुछ देर शान्त बना रहा। मैं भी बेड पर निढाल सा पड़ा था। वो उठ कर बोली- क्यो मर्द?… बस क्या?… और कुछ करना है?

जानेमन्… अभी तो पूरा दिन बाकी है… बस एक मिनट्… अभी तैयार हो जाता हूं… ये कह कर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये। वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मैं उसे घूम घूम के चारों ओर से देखने लगा। वो हन्स कर बोली… ऐसे क्या देख रहे हो ?

देख रहा हूं, सपने मे जो हसीना देखी थी, वही अब सामने है… वही रंग रूप, वही उतार चढाव, वही चूत्… वही गांड वही चूची वही जांघ…
तुम सचमुच माल हो यार !

कमाल है यार माल देख के भी धमाल नही कर रहे हो… वो हंसने लगी। मैं उससे लिपट गया। कमरे मे म्युजिक बज रहा था हम अपने आप धीरे धीरे नाचने लगे। मैं उससे यूं लिपटा हुआ था जैसे उसके अन्दर ही समा जाउंगा। वो बहुत भावुक हो रही थी।

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मैंने उसे बेद पे लिटा दिया। उसने खुद अपनी टांगे ऊपर कर ली, जिससे उसकी चूत खुल गई। उसकी चूत देख कर लग रहा था कि उसके पति ने उसे ज्यादा नहीं चोदा था। गुलाबी रस भरी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी। मेरे मुंह मे पानी आ गया। मैं उसकी चूत पर झुक गया। मादक सी गंध आ रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के होठों पर रख दी। वो सिसक पड़ी। होले होले मैं उसकी चूत कि पूरी दरार चाटने लगा। वो तिलमिलाने लगी। तड़फ़ने लगी। मैंने अपनी जीभ की नोक उसकी चूत के छेद मे डाली और अन्दर तक ले गया। वो तड़फ़ती रही। मैं जोर जोर से चूत रगड़ने लगा। उसकी सिसकियां चीखों मे बदल गई।

मैंने उसे उल्टा किया। पीछे का नज़ारा और भी मज़ेदार था। पतली कमर के नीचे सुंदर सी गोल गान्ड्। मैंने उसकी चूत से बहुत सारा रस निकाला और उसकी गान्ड मे मल दिया। गान्ड चिकनी हो गई और चमकने लगी। मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड की मसाज करने लगा। कभी मेरी उन्गलियां उसकी गान्ड मे तो कभी उसकी चूत में।

चूत का रस था कि निकला ही जा रहा था और मैं उसी के रस से उसके सारे शरीर की मालिश कर रहा था। उसे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। मैं उसकी गांड मे अपनी बीच की उंगली घुसाने लगा। दो तीन मिनट में पूरी उन्गली अन्दर घुस गई और मैं बड़े आराम से अपनी उंगली से उसकी गांड की चुदाई करने लगा।

उसकी सिसकारी बद नही हो रही थी। गांड मे उंगली का मज़ा शायद वो पहली बार ले रही थी। आखिर उससे रहा नही गया और वो बोली… अपना लन्ड डाल दो मेरी गांड मे… पेल दो… खूब जोर जोर से… रुको नही एक भी पल्…