ममता बुआ की पहली चुदाई की कहानी, कानपुर की हॉट सेक्स स्टोरी
कानपुर के 18 साल के अभिजीत की असली सेक्स कहानी, जिसमें उसका पहला अनुभव ममता बुआ के साथ हुआ। इंजीनियरिंग की तैयारी के दौरान घर में अकेलेपन ने कैसे हवस की राह दिखाई, पढ़ें इस गर्मागर्म देसी स्टोरी में। चुचियों से लेकर चूत तक का रोमांचक वर्णन!
मेरा नाम अभिजीत है, और मैं कानपुर से हूँ। अब मैं एक इंजीनियर हूँ, लेकिन ये स्टोरी उस टाइम की है जब मेरा पहला सेक्स एक्सपीरियंस हुआ था। मेरे फैमिली में चार लोग हैं – पापा, जो इंजीनियर हैं, मम्मी स्कूल टीचर हैं, एक छोटा भाई है, और मैं – 25 साल का एनर्जेटिक और जवान लड़का। ये मेरी रियल स्टोरी है, इसमें 99% सच है, कुछ भी फेक नहीं। अगर आपको पसंद आए तो प्लीज, प्लीज मुझे ईमेल जरूर करना। आपकी तारीफ के लिए मैं बहुत थैंकफुल रहूँगा।
बात उस टाइम की है जब मैं 18 का था। इंटरमीडिएट के एग्जाम्स खत्म हो चुके थे, और घर पे इंजीनियरिंग की कोचिंग शुरू हो गई थी। मम्मी और छोटे भाई की छुट्टियाँ थीं। मम्मी को हर साल यही टाइम मिलता था नानी के घर जाने का, क्यूंकि बाकी दिन स्कूल की टेंशन रहती थी। तो मम्मी ने पापा से कहा, “ममता बुआ को कुछ दिनों के लिए बुला लो, ताकि मेरे न होने पर घर में कोई प्रॉब्लम न हो।” दो दिन बाद मम्मी छोटे भाई को लेकर नानी के यहाँ चली गईं। पापा बेडरूम में सोते थे, और मैं और ममता बुआ मेरे रूम में। ममता बुआ हमारे घर का बहुत ख्याल रखती थीं – मेरा भी, पापा का भी।
उस टाइम मेरे मन में उनके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था। सेक्स के बारे में मुझे ज्यादा पता भी नहीं था। बस क्लास में लड़कों की बातें सुनता था, और कभी-कभी अकेले में हैंड प्रैक्टिस (हस्तमैथुन) कर लेता था। ट्यूशन के बाद पूरा दिन मैं और ममता बुआ घर पे अकेले रहते, क्यूंकि पापा ऑफिस चले जाते थे। एक दिन मेरे दोस्त ने अपने कंप्यूटर पे सेक्स मूवी दिखाई। वो देखकर मेरा दिमाग हिल गया। मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी, तो मैं परेशान रहने लगा। जब कोई लड़की नहीं मिली, तो मेरा ध्यान ममता बुआ पे गया। ममता बुआ लुक्स में बहुत सॉलिड थीं – 20 साल की उम्र, 5’4” की हाइट, और 34” की बड़ी-बड़ी चुचियाँ। दिनभर उनकी चुचियों को देखकर मेरा दिमाग और खराब हो जाता।
अब जब वो नहाने जातीं, तो मैं बाथरूम में झाँकने की कोशिश करता। नहाकर निकलतीं, तो गीले कपड़ों में वो किलर लगती थीं। जब वो शीशे के सामने बाल सुलझातीं, तो उनके गीले बालों से पानी उनकी चुचियों पे टपकता – ये सब देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं होता था। एक रात ममता बुआ के कंधे में बहुत दर्द हुआ। उन्होंने मुझसे Iodex मँगवाया। मैंने दिया, लेकिन दर्द की वजह से वो खुद नहीं लगा पा रही थीं। मैंने कहा, “लाइए, मैं लगा देता हूँ।” वो बोलीं, “ठीक है, लगा दो।” मैंने कहा, “ऐसे कैसे लगेगा? कपड़ों में फैल जाएगा।” वो बोलीं, “तो क्या करूँ?” मैंने कहा, “अगर बुरा न लगे तो कुर्ती उतार लीजिए, मैं लगा दूँगा। तब तक चादर ओढ़ लीजिए। लाइट भी बुझा देता हूँ।” वो थोड़ा सोचकर बोलीं, “ठीक है, कोई बात नहीं।”
मैंने लाइट ऑफ कर दी, और नाइट लैंप ऑन किया। ममता बुआ ने कुर्ती उतार दी। उनकी काली ब्रा लैंप की रोशनी में साफ दिख रही थी। मैं Iodex लगाने लगा। मेरा हाथ बार-बार उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स से टकरा रहा था। फिर मैंने कहा, “अब सामने लगा दूँ?” वो पलट गईं और चादर ओढ़ लीं। उनकी चुचियाँ ब्रा में कैद थीं, बाहर आने को बेताब। Iodex लगाते-लगाते मेरा लंड खड़ा हो गया। मेरा हाथ धीरे-धीरे उनकी चुचियों की तरफ बढ़ने लगा, पर डर भी लग रहा था। थोड़ी देर बाद हिम्मत करके मैंने उनकी चुचियों को टच किया। वो बड़ी-बड़ी और सॉफ्ट थीं। मैंने धीरे-धीरे दबाना शुरू किया। उनकी तरफ से कोई रिएक्शन नहीं आया, तो मेरी हिम्मत बढ़ी। मैंने और जोर से दबाया। उनकी मुँह से हल्की सिसकारियाँ निकलने लगीं। डर के मारे मैं रुक गया।
थोड़ी देर बाद वो बोलीं, “Iodex हर जगह लगा दिया?” मैंने कहा, “नहीं, सामने बाकी है।” वो बोलीं, “सब जगह अच्छे से लगा दो, बहुत दर्द है।” ये मेरे लिए हरी झंडी थी। मैंने फिर से शुरू किया और उनके ब्रा के हुक खोल दिए। उनकी चुचियाँ नंगी हो गईं। मैं उनके बगल में लेट गया और कभी उनके होंठ चूसने लगा, कभी चुचियाँ। दोनों हाथों से दबाने लगा। अब वो भी साथ देने लगीं। उन्होंने मेरा हाफ-पैंट नीचे किया और मेरे लंड से खेलने लगीं। मेरा हाथ उनकी सलवार में गया, तो उनकी पैंटी में कोटेक्स पैड लगा था। उनकी चूत पूरी गीली थी। मैंने पूछा, “ये क्या है?” वो बोलीं, “प्लीज, आज सिर्फ ऊपर-ऊपर करो। आज पीरियड्स का लास्ट डे है। कल आगे करेंगे।” तो मैंने उन्हें चूमा और रातभर उनकी चुचियों को चूसता, दबाता, काटता रहा। वो मेरे लंड को हिलाती रहीं।
अगली सुबह मैं देर तक सोता रहा। जब आँख खुली, पापा ऑफिस जा चुके थे। ममता बुआ नहा रही थीं। थोड़ी देर बाद वो गीले बालों के साथ रूम में आईं। लाल स्लीवलेस टॉप और स्कर्ट में वो मस्त लग रही थीं। मेरे पास आकर उन्होंने अपने बालों से पानी की बूँदें मुझ पर झटकीं। मैंने उनकी बाजू पकड़कर पास खींच लिया। वो नखरे करने लगीं, पर मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया। उनका टॉप उतारा – अंदर सफेद ब्रा थी। फिर ब्रा भी उतार दी। उनकी चुचियों पर हल्के गुलाबी निप्पल्स कमाल लग रहे थे। मैंने जोर-जोर से चूसना और काटना शुरू किया। वो बोलीं, “अब तो मैं तुम्हारी हूँ, थोड़ा धीरे करो।” मैंने कहा, “क्या करूँ, आपकी चुचियाँ दिनभर हिलती देखकर कंट्रोल नहीं होता।” उनकी स्कर्ट और नीली पैंटी भी उतार दी। उनकी चूत पर हल्के भूरे बाल थे।
मैंने पूछा, “चूत की शेविंग करवाई है?” वो बोलीं, “नहीं, 2-3 साल से ऐसा है। अनजान से डर लगता था। जोश आए तो फिंगरिंग कर लेती हूँ।” मैंने कहा, “मैंने भी पहले किसी लड़की के साथ ऐसा नहीं किया।” वो बोलीं, “तुम्हारा लंड तो परफेक्ट है चोदने के लिए।” मैंने उनकी चूत को चाटा। पहली बार स्वाद अजीब लगा। उनकी चूत से ढेर सारा पानी निकला। मैंने कहा, “अब मेरा लंड चूसो।” पहले वो मना करने लगीं, फिर मेरे नाराज होने पर मान गईं। मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं। मुझे मजा आने लगा। अचानक मेरा सारा वीर्य उनके मुँह में चला गया। वो बाथरूम में उल्टी करने चली गईं। लौटकर नंगी ही लेट गईं। मैंने मनाया, तो वो बोलीं, “जबरदस्ती क्यों करते हो?” मैंने सॉरी कहा और उनकी चुचियों से खेलने लगा।
वो फिर मूड में आ गईं। मैंने अपना लंड उनकी चूत पे रखा, पर टाइट होने की वजह से घुस नहीं रहा था। मैंने मम्मी के रूम से वैसलीन ली। उनकी चूत में उँगलियों से वैसलीन भरी और अपने लंड पे भी लगाई। फिर जोर लगाया – थोड़ा सा लंड घुसा। वो चिल्लाने लगीं, “निकालो, मर जाऊँगी।” मैंने उनकी जीभ चूसी और एक जोरदार धक्का मारा। आधा लंड अंदर चला गया। वो रोने लगीं। तीसरे धक्के में पूरा लंड घुस गया। थोड़ा खून भी निकला। वो बोलीं, “अब मर जाऊँगी।” मैंने कहा, “दर्द खत्म हो गया।” थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकाला और बाथरूम में फ्रेश होने चला गया। ट्यूशन के लिए निकल गया।
2 बजे लौटा तो वो टीवी देख रही थीं। खाना लगाने गईं, तो लंगड़ाकर चल रही थीं। मैंने पूछा, “क्या हुआ?” वो बोलीं, “ये तुम्हारी करतूत का नतीजा है।” खाना खाकर मैं उनके पास बैठा। उनकी चुचियों को दबाने लगा। वो रूम में जाकर लेट गईं। मैं भी उनके पास लेट गया और फिर से चुदाई शुरू कर दी। इस बार कम दर्द हुआ। दिन में 2-3 बार और रात में भी चोदा। अगले दिन मार्केट से सेक्स मूवीज और कंडोम लाया। मम्मी के लौटने तक रोज उन्हें वीडियो दिखाकर नए-नए एंगल से चोदा। उन्हें भी मजा आता था, क्यूंकि न बदनामी का डर था, न टेंशन। मुझे भी फ्री में 10-12 दिन चूत मिल गई।
मम्मी लौटीं तो बोलीं, “ममता, यहाँ आकर तुम खिल गई हो।” मैं और ममता हँस पड़े। मम्मी के आने के बाद दिन में चुदाई मुश्किल थी, पर रात में मैं रोज 2-3 बार उन्हें चोदता। कुछ दिन बाद वो चली गईं। फिर एक शादी में मिले, जहाँ रात को मैंने उन्हें फिर चोदा। अब उनकी शादी हो गई है। तो दोस्तों, ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी। पसंद आए तो ईमेल जरूर करना – [email protected]। कोई लड़की दोस्ती या सेक्स चैट चाहे तो भी मेल करे। आपके जवाब का इंतजार रहेगा। थैंक्स!