First Time SexTeenage Girl Sex

सुनसान खेत में गांव की गोरी की चुदाई

Gaon Ki Ladki ki Chut Chudai Kahani

गाँव की लड़की की चूत चुदाई की कहानी की पढ़े, में मुंबई में रहता हूँ, लेकिन मेरा असली घर यानी कि मेरा गावं सांगली में है। हम लोग कभी-कभी वहाँ जाया करते थे। आज में आपके सामने एक घटना लेकर आया हूँ, जो कि मेरे साथ मेरे गावं में हुई थी।

फिर कुछ दिनों पहले मेरा वहाँ जाना हुआ तो में मुंबई से बस पकड़कर सांगली के लिए निकल पड़ा और मैंने रास्ते में अपने चाचा जी को फोन कर दिया था कि में आ रहा हूँ और किसी को बस स्टेशन लेने भेज दीजियेगा। फिर में 9 घंटे के बस के सफ़र के बाद वहाँ पहुँचा तो मेरे चाचा का लड़का अनिकेत वहाँ आया हुआ था।

अब में उसके साथ बाइक पर बैठकर घर पहुँच गया अब में आपको बता दूँ कि मेरे चाचा ही हमारे घर को संभालते है। वैसे हमारा घर एक ही है बस कमरे अलग-अलग है। जब में घर पहुँचा तो चाची मुझे देखकर बहुत खुश हुई, क्योंकि में 3 साल के बाद घर आया था और चाचा भी काफ़ी खुश नज़र आ रहा थे। अनिकेत उनका इकलोता बेटा है जो मुझसे 4 साल छोटा है। अब मुझे वहाँ का माहौल काफ़ी अलग सा लग रहा था गाँव की लड़की की चूत चुदाई की कहानी और वहाँ काफ़ी चीज़े बदल गयी थी।

फिर उस दिन मैंने आराम किया और अगले दिन से चाचा का उनके काम में हाथ बांटने लगा, क्योंकि वहाँ टाईम पास के लिए टी।वी तो थी, लेकिन केबल कनेक्शन नहीं था। तभी अनिकेत आया और कहने लगा कि भैया में दुकान जा रहा हूँ और आपके लिए कुछ लाना है। मैंने कहा रुक में भी चलता हूँ।

फिर में और अनिकेत दुकान की और चल पड़े। हमारे घर के पीछे से एक रास्ता जाता था वो रास्ता दुकान को जाता था। जब हम वहाँ से जा रहे थे, तभी हमें एक लड़की पीछे वाले घर से निकलती हुई नज़र आई तो हमने उसे देखा और उसने हमें देखा। फिर हम आगे बढ़ गये।

फिर आगे चलकर मैंने अनिकेत से पूछा कि ये कौन थी? तो उसने बताया कि वो बाळकृष्ण काका की भांजी प्रेमा है। वो दिखने में गोरी थी और उम्र करीब 19-20 साल होगी और फिगर उसका एक नॉर्मल गावं की लड़की की तरह था। उसके बूब्स ना ज्यादा बड़े और ना ज्यादा छोटे थे। उसकी गांड ठीक थी, लेकिन थोड़ी सी बड़ी थी और उसका फिगर साईज 28-25-30 होगा।

फिर अनिकेत ने बताया कि ये कुछ दिनों पहले ही आई है और उसकी उस लड़की से कई बार खेत में मुलाकात भी हुई थी। फिर हम दुकान पर पहुँच गये और फिर वहाँ से अनिकेत ने कुछ सामान लिया और मैंने कुछ सिगरेट ले ली। अनिकेत जानता था कि में सिगरेट पीता हूँ और फिर हम घर वापस आ गये।

मैंने सोचा कि घर पर सिगरेट पीना ठीक नहीं है में खेत पर पिऊंगा। फिर मैंने शाम को अनिकेत से कहा कि चल हम खेत में घूमकर आते है तो वो मेरी बात समझ गया और हम खेत पर पहुँच गये। वहाँ पर गन्ने की फसल लगी हुई थी। Ganv Ki Gori Ki Chudai

फिर हमने एक अच्छी सी जगह देखी और वहीं बैठकर सिगरेट पीने लगे। अब मैंने एक दो ही कश लिए थे कि वहाँ प्रेमा आ गयी और कहने लगी कि अच्छा अनिकेत तू यहाँ ये करने आता है। फिर जैसे ही मैंने ये सुना तो में चौंक गया और मुझे खाँसी आने लगी। फिर मैंने पलट कर देखा तो पीछे प्रेमा खड़ी थी और अनिकेत कांप रहा था। फिर उसने कहा कि नहीं दीदी वो तो सिर्फ़ भैया पी रहे है में तो बस इनको यहाँ लेकर आया हूँ।

Hindi Sex Story :  Meri Pehli Chudai Manisha K Saath-5

फिर उसने मेरी तरफ देखा मैंने कहा कि देखो में अक्सर सिगरेट पीता हूँ और उससे पूछा कि ये बात तुम किसी को बाताओगी तो नहीं। उसने एक अजीब सी स्माइल दी और कहा कि कौन सी बात? और वो वहाँ से चली गयी। उसके जाने के बाद अनिकेत ने कहा कि भैया आज तो आपने मुझे मरवा ही दिया था, अब जल्दी से इसे ख़त्म करो और हम घर चले।

फिर मैंने जल्दी से सिगरेट ख़त्म की और हम घर चले गये। अब में आपको बता दूँ कि बाळकृष्ण जी और हमारे परिवार के बीच बहुत अच्छे संबंध है। फिर अगले दिन दोपहर के खाने के बाद हम आराम कर रहे थे और गप्पे मार रहे थे कि तभी प्रेमा आ गयी और चाचा चाची से बातें करने लगी। अब मेरी तो हालत ही खराब होने लगी कि कहीं साली गाँव की लड़की की चूत चुदाई की कहानी ये कुछ बोल ना दे।

फिर उसने कहा कि मामा जी (उसके रिश्ते के हिसाब से) आप जानते है कि कल खेत में क्या हुआ? हमारी तरफ देखते हुए और उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी। अब इतना सुनते ही हम दोनों के प्राण निकल गये कि आज तो गांड में बंबू डल गया। फिर चाचा ने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं वो कल हमारे खेत में एक आवारा सांड घुस आया था तो फिर वहाँ भैया आ गये तो उन्होंने उसे भगा दिया। फिर हम दोनों की सांस में सांस आई और वो हमारी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी।

Sunsan Khet Mein Ganv Ki Gori Ki Chudai

अब में भी समझ गया कि लड़की मज़े ले रही है। फिर वो जाने लगी तो में दूसरे दरवाजे से बाहर आया और उसका हाथ पकड़ लिया। वो कहने लगी कि मुझे जाने दो, हमें कोई देख लेगा। उसकी इस हरकत में विरोध कम और समर्पण ज्यादा था।

फिर मैंने उससे पूछा कि कब मिलोगी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है तो उसने कहा कि शाम को 6 बजे खेत पर मिलना। मैंने कहा ठीक है में इंतजार करूँगा और फिर मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और वो अपने घर चली गयी। फिर में शाम को खेत पर उसका इंतज़ार करने लगा और फिर वो आई और कहने लगी कि आप बड़ी जल्दी आ गये।

में – क्या करता? रहा ही नहीं गया।

प्रेमा – ऐसी क्या बात हो गयी? कि आपसे रहा ही नहीं गया।

में – अब क्या बताए क्या हाल है?

प्रेमा – (हँसते हुए) चलिए रहने भी दीजिए, अच्छा आपको क्या बात करनी थी?

में – मुझे आपका शुक्रिया अदा करना था कि आपने हमारा राज़, राज़ ही रहने दिया।

प्रेमा – कोई बात नहीं वो तो ऐसे ही।

में – अच्छा आओ बैठो, ज़रा कुछ अपने बारे में भी बताइए।

प्रेमा – ( अब वो मेरे बगल में बैठ गयी) बस सब ठीक है।

अब हमारी बातें शुरू हो गयी और बातों-बातों में उसके कंधे से कंधे को रगड़ने लगा और वो ये बात नोटिस कर रही थी, लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी और बातें किए जा रही थी। फिर मैंने अपना एक पैर उसके पैर से रगड़ना चालू किया। वो तब भी कुछ नहीं कह रही थी। फिर मैंने मौका देखकर कहा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और ये सुनकर वो शरमा गयी और अपना मुँह छुपाने लगी।

Hindi Sex Story :  बैंड, बाजा और चुदाई: भाग 2

मैंने उससे पूछा कि में तुम्हें कैसा लगता हूँ? तो वो शर्म के मारे कुछ नहीं कह पा रही थी, लेकिन उसकी शर्म सब बता रही थी। फिर मैंने उसका चेहरा उठाया और उसके गाल पर एक किस कर दिया तो वो एकदम से उठी और भाग गई।

फिर मैंने कहा कि अरे सुनो तो कल कब मिलोगी? तो वो कहने लगी उसी वक्त यहीं पर ही। फिर में खेत पर से आ गया और खाना खाकर सोने लगा और प्रेमा के बारे में सोचने लगा। क्या करता वो थी ही इतनी मस्त? और में उसको चोदने के बारे में सोचने लगा। फिर मेरी कब आँख लग गयी? मुझे पता भी नहीं चला।

फिर अगले दिन में सुबह से ही शाम होने का इंतजार करने लगा और वो शाम आ भी गयी। फिर में खेत पर पहुँच गया तो में वहाँ क्या देखता हूँ? कि वो वहाँ पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी और मुझे देखते ही उसके गाल लाल हो गये। फिर में उसकी बगल में जाकर बैठ गया और उससे बातें करने लगा। मैंने उससे पूछा कि कल तुम भाग क्यों गयी थी? तो वो कहने लगी कि वो घर के लिए देर हो रही थी। मैंने कहा कि तुमने तो मुझे डरा ही दिया था, मुझे लगा कि तुम्हें बुरा लगा होगा तो वो बोली किस बात का? जब उसका चेहरा आगे की तरफ था। Ganv Ki Gori Ki Chudai

फिर मैंने उसकी किस लेते हुए कहा इस बात का तो वो शरमा गयी और कहा कि आप बड़े गंदे हो। फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना, तो उसने अपना सर नीचे झुकाये हुए ना में अपना सिर हिला दिया। अब में तो एकदम खुश हो गया और फिर मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ किया तो उसकी आँखे बंद थी।

मैंने उसके गुलाबी होंठो पर अपने होंठ लगा दिए। अब वो बिना हीले अपनी आँखे बंद किए बैठी रही और में उसको किस करता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और हम किस करने लगे। अब उसकी साँसे में अपनी जीभ पर महसूस कर सकता था और अब धीरे-धीरे वो साँसे गर्म होती जा रही थी। फिर में अपना एक हाथ उसके एक बूब्स पर रखकर हल्के-हल्के से मसाज़ करने लगा और वो उम्म उम्म्म की आवाज़ के साथ मुझे किस कर रही थी।

अब मेरी पेंट में मेरा हथियार तैयार हो चुका था और फिर मैंने किस का सिलसिला तोड़ते हुए में उसकी कमीज़ उतारने लगा। वो बोली कि नहीं ये मत करो, तो मैंने कहा कि एक बार बस देख लेने दो प्लीज और कहते हुए उसकी कमीज़ उतार दी। अब मुझे सफेद रंग की ब्रा में उसके 28 साईज के बूब्स दिखने लगे, फिर में उन्हें दबाने लगा और वो मस्त होने लगी। Ganv Ki Gori Ki Chudai

फिर मैंने उसकी ब्रा थोड़ी सी नीचे करके। उसके निप्पल पर जैसे ही अपना मुँह लगाया तो वो कांप सी गयी और उम्म उम्म्म की आवाज़ करने लगी। फिर मैंने उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आज़ाद कर दिया और वो खुली हवा में आ गये और में उनका रसपान करने लगा और वो इस मस्ती में, आह्ह्ह्ह आआआ की आवाजें निकालने लगी। इसी बीच में मैंने एक हाथ से उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया। अब वो इस समय इतनी मस्त हो चुकी थी कि उसने कोई विरोध नहीं किया।

Hindi Sex Story :  दोस्त की बहन के साथ तीन दिन-1

फिर मैंने जब उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। अब में उसे ऊपर से ही रगड़ रहा था। अब में भी काबू से बाहर हो रहा था और फिर में खड़ा हुआ और अपनी पेंट और चड्डी नीचे कर दी और अपना हथियार संभाल लिया और उसे नीचे लेटा दिया। अब वो मेरा हथियार देखकर डर गयी और कहने लगी कि ये तो बहुत बड़ा है और मुझे बहुत दर्द होगा। मैंने कहा कि ज्यादा नहीं होगा।

फिर मैंने उसके मुँह पर एक हाथ रखा और एक हाथ से अपना लंड उसकी चूत पर टिकाकर एक धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो पूरी तरह हिल गयी और जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में गया तो में समझ गया कि साली कुंवारी नहीं है।

फिर मैंने सोचा कि में उससे बाद में पूछूँगा। फिर मैंने एक और जोरदार झटका मारा तो अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था और उसकी चीख निकल गयी। फिर मैंने थोड़ा रुक-रुक कर झटके मारना चालू कर दिया और अब वो आहह आहह आअहह की आवाज़ निकाल रही थी और में भी उसको चोदने में मग्न था। अब वहाँ हमारी बॉडी के टकराने से पट पट की आवाज़ आ रही थी। Ganv Ki Gori Ki Chudai

फिर कुछ देर के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो एकदम से कांपती रह गयी और मुझे उसके रस की धार मेरे लंड पर महसूस हुई और में समझ गया कि वो झड़ गयी है। अब उसके पानी ने चूत को और फिसलन भरा कर दिया, जिससे मेरा लंड और तेज़ी के साथ अंदर बाहर होने लगा। अब में भी अपने अंतिम चरण पर पहुँचने लगा, लेकिन झड़ने से पहले मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और अपना सारा माल उसकी गांड पर छोड़ दिया और अब में निढाल हो गया और वो भी शांत हो गई।

फिर हमने अपने कपड़े पहने और फिर मैंने उससे पूछा कि इससे पहले कब किया था? तो उसने कहा कि उसके गावं में उसने एक लड़के के साथ किया था। फिर पहले वो और फिर उसके कुछ देर के बाद में खेतों से निकलकर अपने घर चला आया। अब में जितने दिन वहाँ रहा, उतने दिन मैंने रोज उस गाँव की लड़की की चूत चुदाई की कहानी की चूत मारी। Ganv Ki Gori Ki Chudai