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दिशा को सेक्स का पूरा ज्ञान प्रेक्टिकल के साथ दिया

हाय दोस्तों, मेरा नाम अमित है और मैं छत्तीसगढ़ से हूँ। ये कहानी 2 महीने पुरानी है, जब मैं अपने दोस्त की शादी में गया था। वहाँ एक लड़की थी—बेहद खूबसूरत और सेक्सी। उसका फिगर करीब 36-30-36 रहा होगा। उसे देखते ही मेरे लंड में खुजली शुरू हो गई। फिर क्या था? मैंने उसके बारे में पता लगाया तो मालूम हुआ कि वो बिलासपुर की रहने वाली है। धीरे-धीरे मैंने उससे जान-पहचान बढ़ाई और हमारी दोस्ती हो गई। उसका नाम था दिशा।

एक दिन मैं उसके घर गया। उस दिन घर पर कोई नहीं था, सिर्फ दिशा अकेली थी। उसने कुछ ढीले-ढाले कपड़े पहने थे, जिनमें से उसके बूब्स का उभरा हुआ हिस्सा साफ दिख रहा था। जैसे ही मैं अंदर घुसा, उसने ज़ोर से चिल्लाकर कहा, “वहीं रुक जाओ!” मैंने सोचा, क्या हुआ? उसने कहा, “कुछ नहीं, पोछा लगाऊँगी, तुम बाहर रहो।” मैंने कहा, “मैं बाहर खड़ा रहूँगा तो तुम्हें अच्छा लगेगा क्या?” फिर उसने मुझे अंदर बुलाया और कहा, “पैर ऊपर करके बैठ जाओ।” मैं बैठ गया।

जब वो पोछा लगाने के लिए झुकी, तो उसके बड़े-बड़े बूब्स हिल रहे थे। घुटनों से टकराने की वजह से वो और ऊपर उठ रहे थे। मैंने पूछा, “इतनी देर हो गई, अभी तक सफाई नहीं की?” उसने कहा, “घर पर कोई नहीं था, इसलिए लेट हो गया।” बस, फिर क्या था? मैं मौके की तलाश में था। मैंने टीवी ऑन किया और गाने देखने लगा। तभी मैंने चैनल चेंज किया और FTV लगा दिया। उस वक्त वहाँ लेडीज़ की चड्डी और ब्रा का शो चल रहा था। दिशा की नज़र भी उस पर पड़ी और वो देखने लगी।

मैंने धीरे से पूछा, “क्या देख रही हो?” वो शरमाकर बोली, “कुछ नहीं।” मैंने कहा, “इसमें शर्माने की क्या बात है? जो टीवी पर देख रही हो, वो सब तुम्हारे पास भी तो है।” वो हल्के से मुस्कुराई और बोली, “धत्!” मैंने टॉपिक आगे बढ़ाया, “एक बात पूछूँ?” उसने कहा, “पूछो।” मैंने कहा, “गुस्सा तो नहीं होगी?” उसने कहा, “नहीं।” फिर मैंने हिम्मत करके पूछा, “तुम्हें सेक्स के बारे में कुछ पता है?” वो शर्माते हुए बोली, “कुछ खास नहीं।” फिर उसने पूछा, “तुम कितना जानते हो?” मैंने कहा, “आज़मा के देख लो, पता चल जाएगा।”

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अब मैं उसके बहुत करीब पहुँच गया था। उसकी दिल की धड़कन तेज हो गई। मैंने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा, “हम अच्छे दोस्त हैं, इसमें शर्माने की क्या बात?” तभी उसकी नज़रें मेरी नज़रों से टकराईं। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो सिहर उठी और उसका जोश बढ़ गया। मैंने उसे 5 मिनट तक ऐसे ही吻 किया, जिससे वो गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे से उसके सूट के नीचे से हाथ डाला। वो डर गई और बोली, “नहीं, ये गलत है।” लेकिन जोश में वो भी थी, इसलिए ज्यादा विरोध नहीं किया। मैंने उसका सूट उतार दिया, फिर सलवार भी। अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। उसका जिस्म देखकर मेरा लंड फनफनाने लगा।

मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा। वो बोली, “तुम्हारी पैंट में कुछ है।” मैंने कहा, “खोलकर देख लो।” उसने मेरी पैंट की चैन खोली, पैंट उतारी, फिर शर्ट भी। अब मैं सिर्फ अंडरवेयर में था। मैंने फिर उसके होंठों को चूमा। वो “स्स्स्स्स” करने लगी। 3 मिनट बाद मैंने उसकी ब्रा खोली। उसके 36 साइज़ के बूब्स बाहर आ गए। मैंने उन्हें ज़ोर-ज़ोर से मसला और दबाया। वो इतनी गर्म हो गई कि पूछो मत। फिर मैंने दूसरा हाथ उसकी पैंटी में डाला। उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे और वो गीली थी। मैंने पूछा, “ये गीला क्यों है?” उसने कहा, “ये मेरा पानी है।” मैं समझ गया कि वो झड़ रही है।

मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत का पानी चाटने लगा। उसके मुँह से आवाज़ें निकलने लगीं— “स्स्स्स, आआह, प्लीज़, आआह।” मैंने कहा, “अभी तो शुरुआत है, आगे-आगे देखो क्या होता है।” मैंने अपनी चड्डी उतारी। मेरा लंड देखकर वो डर गई, “इतना बड़ा लंड!” मैंने कहा, “पहली बार है, थोड़ा दर्द होगा, लेकिन बाद में मज़ा आएगा।” मैंने पहले उसका मुँह में लंड डाला। उसने चूसना शुरू किया। फिर मैंने लंड बाहर निकाला और उसकी चूत पर रखा। वो डरते हुए बोली, “इतना मोटा लंड मेरी छोटी चूत में कैसे जाएगा?”

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मैं उसे बेड पर ले गया, नीचे दो तकिए लगाए। 69 पोजीशन में उसकी चूत पर लंड रखकर एक धक्का मारा, पर वो फिसल गया। मैंने कहा, “चूत थोड़ी फैलाओ।” उसने फैलाई, फिर मैंने धक्का मारा। लंड का सुपारा अंदर चला गया। वो गर्म होकर “आआह” करने लगी। मैंने एक और धक्का मारा, आधा लंड अंदर घुस गया। वो चिल्लाई, “प्लीज़ बाहर निकालो, मेरी चूत फट जाएगी।” मैंने उसकी नहीं सुनी और धक्के मारता रहा। पूरा लंड अंदर घुसने पर मैंने उसे किस किया ताकि दर्द कम हो। कुछ देर बाद उसकी चूत से खून निकला, पर मैंने उसे नहीं बताया, वरना वो डर जाती।

खून रुकने के बाद मैंने स्पीड बढ़ाई। दिशा की आवाज़ें कमरे में गूंज रही थीं— “आआह, स्स्स्स, प्लीज़, निकालो।” वो फिर झड़ गई। अब मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने लंड बाहर निकाला और उसके मुँह पर पानी गिरा दिया। उसने चाटकर पी लिया। मैंने पूछा, “कैसा लगा?” वो बोली, “खट्टा-खट्टा।” मैंने कहा, “अंदर गिराता तो मज़ा नहीं आता।” वो बोली, “अच्छा किया, वरना मैं प्रेग्नेंट हो जाती।” मैं हँस पड़ा और बोला, “मैं तुम्हें प्रेग्नेंट नहीं करूँगा। जब मन करे, बुला लेना।”

उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी। हम बाथरूम गए, एक-दूसरे को साफ किया। उसने कहा, “तुम्हें सेक्स के बारे में बहुत पता है।” फिर हमने कपड़े ठीक किए और बाहर आ गए। तब से अब तक मैं दिशा को 17 बार चोद चुका हूँ और खूब मज़े लेता हूँ।