भाई-बहन की चुदाई

बहन को चुदाई की गर्मी चढ़ी तो मैंने चोदा

हाय दोस्तों, मेरा नाम मिहिर है। मैं एक सरकारी अध्यापक हूँ। मेरा घर अहमदाबाद में है, लेकिन मैं सूरत में पढ़ाता हूँ। छुट्टियाँ मिलते ही घर चला जाता हूँ। आज मैं HotSexStory.xyz पर अपनी एक sacchi ghatna शेयर कर रहा हूँ। ये मेरी छोटी बहन दीक्षा के साथ हुई hot chudai की कहानी है। जब उसे chudai ki garmi चढ़ी, तो मैंने उसे चोदा और उसकी प्यास बुझाई। ये मेरे लिए एक अनोखा अनुभव था। मैं कई सालों से अहमदाबाद में पढ़ा रहा हूँ, लेकिन ये घटना मेरे जीवन का सबसे kaamuk pal बन गई। तो चलिए, इस vistrit aur masaledar kahani की शुरुआत करते हैं।

परिवार और दीक्षा की शादी तक का सफर

मैं 32 साल का हूँ। सूरत में स्कूल में पढ़ाता हूँ। मेरा परिवार—माँ, पिताजी, और छोटी बहन दीक्षा। दीक्षा 25 की है। उसकी शादी कुछ साल पहले सूरत में हुई। वो कॉलेज में पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। पिताजी उसे बहुत प्यार करते थे। माँ भी उसकी हर बात मानती। मैं घर में seedha ladka समझा जाता था। लोग मुझसे कम बात करते। मैं भी चुपचाप रहता। लेकिन दीक्षा सबकी चहेती थी। मेहमान आते, तो उससे ही बातें करते। मेरे और दीक्षा के बीच गहरी bonding थी। वो मुझे समझती थी। मैं उसका हर राज जानता था।

एक दिन छुट्टियों में मैं घर था। माँ ने कहा, “Saman le aao।” मैं बाइक से निकला। रास्ते में दीक्षा को एक लड़के के साथ देखा। वो कॉलेज में थी तब। मैं चुप रहा। घर लौटी, तो समझाया, “Aise kisi ke saath mat ghoomo।” वो बोली, “Main usse pyar karti hoon।” मैंने कहा, “Padhai pe dhyan do, ये सब बाद में।” वो बोली, “मुझे उससे शादी करनी है।” मैंने बहुत समझाया। कहा, “पापा-मम्मी को पता चला तो naraz ho jayenge।” वो बोली, “आकाश अच्छा लड़का है।”

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आकाश से मुलाकात और शादी की बात

दीक्षा ने कहा, “Usse mil lo।” मैंने कहा, “ठीक है, मिलवा दो। अगर अच्छा लगा, तो घर में बात करूँगा।” उसने मुझे कॉलेज ले जाकर आकाश से मिलवाया। 26 साल का, लंबा, गोरा। मैंने पूछा, “क्या करते हो?” वो बोला, “पिताजी डायमंड व्यापारी हैं। मैं इकलौता हूँ।” उसका परिवार सूरत का बड़ा नाम था। मैंने कहा, “Baat karte hain। शादी कर लो।” उसने पूछा, “आप?” मैंने कहा, “अध्यापक हूँ। अहमदाबाद में रहता हूँ।” घर में बात की। पिताजी को आकाश पसंद आया। उसका परिवार बड़ा था, तो उन्होंने हाँ कर दी।

शादी धूमधाम से हुई। हमने कोई कमी नहीं छोड़ी। मेहमान बोले, “Bahut acha bandobast।” दीक्षा आकाश के साथ खुश थी। फोन पर कहती, “Aakash mujhe pyar karta hai। मैं खुश हूँ।” मैंने कहा, “Khush raho।” लेकिन कई महीने बीत गए, मैं उससे नहीं मिला। एक दिन फोन किया, “Ghar aa rahi ho?” वो बोली, “इस हफ्ते आऊँगी।” मैंने कहा, “मैं भी छुट्टी लेकर आ रहा हूँ।”

घर पर मुलाकात और दीक्षा की गर्मी

छुट्टियाँ लीं। घर पहुँचा। दीक्षा वहाँ थी। मुझे देखते ही गले लगी। बोली, “Bhaiya, aap aa gaye। मैं बहुत खुश हूँ।” हम बातें करने लगे। वो आकाश की तारीफ करती। शाम को वो अपने कमरे में थी। मैं चाय लेने गया। दरवाजा खुला था। वो फोन पर बात कर रही थी। सिसकियाँ—आह, ऊह। मैं रुक गया। वो फोन सेक्स कर रही थी। उंगली चूत में डाले हुए। मैं अंदर गया। बोला, “Yeh kya kar rahi ho?” वो चौंकी। बोली, “Phone sex। मुझसे रहा नहीं गया। आकाश की जरूरत थी।”

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उसकी आँखों में chudai ki garmi थी। मैंने उसे कसकर पकड़ा। वो चिल्लाई, “Bhaiya, zyada tight pakda।” मैंने उसके होंठों पर kiss शुरू की। लंबी, गहरी kiss। मुझे मज़ा आ रहा था। वो भी मेरे होंठ चूसने लगी। उसकी साँसें तेज थीं। मैंने उसकी गांड दबाई। वो सिसकी—आह। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया। उसकी सलवार उतारी। चूत गीली थी। मैंने लंड निकाला—6 इंच, मोटा। उसकी चूत में डाला। वो चिल्लाई, “Chut phad di। आपका लंड bahut mota hai।”

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चुदाई का तूफान और दीक्षा का साथ

मैं उसे तेजी से chodne laga। वो बोली, “Bahut maza aa raha hai।” उसका दर्द मजे में बदल गया। वो साथ देने लगी। मैंने लंड निकाला। उसे अपने ऊपर बिठाया। वो लंड पर बैठी, चिल्लाई—आह। मैंने धक्के मारे। वो चूतड़ ऊपर-नीचे करने लगी। उसका शरीर garam ho gaya। मेरा भी। हम पसीने से तर थे। मैंने उसके बूब्स—34 साइज, टाइट—मुँह में लिए। चूसा। वो सिसकी—आह, ऊह। मैं तेजी से चोदता रहा। उसकी चूत से गर्मी निकली। वो झड़ गई।

मैंने लंड निकाला, उसके मुँह में डाला। वो चूसने लगी। मेरा माल गिरा। उसने निगल लिया। वो खुश थी। बोली, “Bhaiya, maza aa gaya।” मैंने उसे गले लगाया। उस रात माँ-पिताजी सो रहे थे। हमने फिर चुदाई की। सुबह वो बोली, “आकाश को मत बताना।” मैंने कहा, “Raz rahega।”

चुदाई का सिलसिला और नया रिश्ता

उसके बाद दीक्षा घर आती, तो मेरे साथ sex ka khel खेलती। फोन पर कहती, “Kab milenge?” मैं सूरत जाता, उसके घर। आकाश काम पर होता। मैं उसे चोदता। कभी वो मेरे ऊपर, कभी मैं उसके ऊपर। उसकी चूत की गर्मी मुझे पागल करती। एक बार उसने कहा, “आकाश अच्छा है, पर आपकी chudai alag hai।” मैंने कहा, “Teri garmi bujha dunga।” हमारा रिश्ता kaamuk aur gupt बन गया। दोस्तों, ये थी मेरी hot chudai kahani। आपको कैसी लगी, बताएँ।