Bhabhi Sex

भाभी का बुद्धू बालम-2

Bhabhi ka bhuddhu baalam-2

“हाय भैया … ये तो बड़े मजे का है … बड़ा तो तुम्हारे भैया जितना ही है … पर मोटा बहुत है …!” कहते हुए वो उठ कर मेरे लण्ड के पास पेटीकोट उठा कर बैठ गई। उसके नंगे चूतड़ मेरी जांघ पर बड़ा मोहक स्पर्श दे रहे थे। अपने मुख में से थूक निकाल कर उसने अपनी गाण्ड पर लगा लिया और मेरे लण्ड पर अपनी गाण्ड का छेद रख दिया। फिर जोर लगा कर उसके सुपाड़ा अन्दर घुसा लिया। मेरे लण्ड में जलन होने लगी। मेरे मुख से आह निकल पड़ी …

“भैया … बिल्कुल फ़्रेश हो क्या?” उसने चुटकी लेते हुये कहा।

“फ़्रेश क्या … दर्द हो रहा है ना … जैसे आग लग गई है …” मैंने कराहते हुये कहा।

“भैया … तू तो बहुत प्यारा है … लव यू … कभी किसी को चोदा नहीं क्या … ?”

उसके मुख से चोदा शब्द सुन कर मेरे मन में गुदगुदी सी हुई।

“भाभी … आप पहली हैं … जिसे चोद …ऽऽ ” मैं बोलता हुआ झिझक गया।

“हां … हां … बोल … बोल दे ना प्लीज … !”

“जी … पहली बार आप ही चुद रही है … ”

“हाय रे मेरे भैया … !” चुदाई की बातें उसे बहुत ही रस पूर्ण लग रही थी।

उसने मुस्कराते हुये अपनी गाण्ड पर और जोर लगाया। मेरा लण्ड भीतर सरकता गया और जलन बढ़ गई। पर मौका था और इस मौके को मैं छोड़ना नहीं चहता था। मस्ती भी बहुत आ रही थी। भाभी ने मुझ पर झुकते हुये मेरे अधरों को अपने अधरों से भींच लिया और कहने लगी,”आप शर्माते बहुत है ना … देखो आपके भैया ने मेरी क्या हालत कर दी थी, मुझे पीट पीट कर मेरा तो पूरा शरीर तोड़ फ़ोड़ कर रख दिया, और आप हैं कि मेरे एक एक अंग को फिर से ठीक कर दिया, मेरे प्यारे भैया, आप बहुत अच्छे हैं।”

“कांची तू बोलती बहुत है … अब जो हो रहा है उसकी मस्ती तो लेने दे !”

“हाय रे, तेरा लाण्डा पुरजोर है … ”

“ये लाण्डा क्या है … ”

“जिसका लण्ड बहुत मोटा होता है उसे हम लड़कियां लाण्डा कहती हैं … ही ही … ”

वह मुँह से मेरा होंठ चाटते हुये हंसी। मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में फ़ंसा हुआ था। वह हौले हौले ऊपर नीचे हो कर आनन्द ले रही थी। मेरा लण्ड तरावट में मीठी मीठी लहरों का मजा ले रहा था। bhabhi ki chudai.com मैं भी अपने चूतड़ों को धीरे धीरे हिला कर चुदाई जैसी अनुभूति ले रहा था। जैसे ही उसके धक्के थोड़े तेज हुये, मेरा बांध टूटने लगा। बदन में कसक भरी मिठास उफ़नने लगी और अचानक ही मैंने उसे अपनी बाहों में भींच लिया।

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“कांची मेरा तो निकला … हाय … आह … ” और उसकी गाण्ड की गहराईयों में लण्ड वीर्य उगलने लगा।

“मेरे प्यारे भैया, निकाल दे … सारा भर दे मेरे अन्दर … पूरा निकाल दे … !” उसने मुझे चूम लिया और प्यार भरी नजरों से मुझे निहारने लगी। वीर्य निकलने के बाद मेरा लण्ड सिकुड़ कर बाहर आ गया। उसकी गाण्ड की छेद से वीर्य टप टप करके बाहर टपकने लगा।

“पता है इतना मजा तो मुझे कभी नहीं आया … हां बलात्कार जैसा अनुभव तो मुझे बहुत है … आपके भैया तो जानवर बन जाते हैं … ” वह मेरी छाती पर लेटे-लेटे ही बोली।

“bhabbi, अब भूख लगी है … कुछ खिलाओ ना … !”

“रुक जा … अभी तो मेरी सू सू बाकी है … उसे खिलाऊंगी तुझे …!”

उसकी भाषा पर मैं शरमा गया … फिर भी कहा,”भाभी … खाना खाना है … सू सू नहीं …!”

कांची खिलखिला कर हंस पड़ी … वह उठी अपना पेटीकोट ठीक किया और दूध का एक गिलास भर कर ले आई। मैंने एक ही सांस में पूरा गटक लिया।

“हां सू सू खिलाओगी … या पिलाओगी …?”

“धत्त … पागल हो क्या !” अपना पेटीकोट उतारते हुई हंसने लगी।

“इसकी बात कर रही हूँ … ” उसने चूत की तरफ़ इशारा किया।

मैं अनजाना था … कहा,”हां, हां … यही तो है सू सू … ”

“चल हट, बुद्धू बालम जी … ” हंसती हुई उसने bhabi ki chudai video जैसे अपना ब्लाऊज उतार दिया … “माल तो यहाँ है बालमा … थोड़ा सा स्वाद तो लो … ” कांची ने अपने ओर इशारा करते हुए कहा।

मैं अब नंगा हो कर बिस्तर पर बैठ गया था,”कांची … रे … इसमें तो छोटा सा मुत्ती का छेद है … फिर तुम्हारा ये लाण्डा …कैसे डलवाओगी?”

“तुम क्या सच में इतने बुद्धू हो …? सच है जिसका माल ही आज पहली बार निकला हो, उससे क्या उम्मीद की जा सकती है?” उसकी खिलखिलाती हंसी से मैं झेंप सा गया।

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तभी कांची के छोटे छोटे मम्मे मेरे अधरों से टकराये। उसके मम्मे की नरम सी रगड़ से मेरे रोंगटे खड़े हो गये। सेक्स का इतना मधुर अनुभव होता है, यह मुझे आज ही मालूम हुआ। पता नहीं भैया को इन सबका अनुभव है या नहीं। …फिर इतनी बेदर्दी क्यूँ … जंगलीपना … वहशीपना … अब यह तो मेरी पत्नी नहीं है ना … अगर यह सुखों का भण्डार है तो जब स्वयं की पत्नी आयेगी तो वो मुझे निहाल कर देगी।

मेरा लण्ड खड़ा हो चुका था। मेरे जैसे बुद्धू को चोदना तक नहीं आता था …। वो फिर से एक बार मेरे ऊपर चढ़ गई … मेरे खड़े उफ़नते लण्ड पर वो अपनी सू सू घिसने लगी … उसकी सिसकी निकल पड़ी … फिर मेरा सुपाड़ा फ़क से चूत में उतर गया।

“आह रे कांची … ये सू सू इतनी चिकनी होती है … इसे ही चूत कहते हैं क्या?”

“आह्ह्ह्ह … बस चुप हो जा … बुद्धू … ये चूत ही है … सू सू नहीं … !” मेरे अधरों से अपने अधरों को रगड़ती हुई बोली। उसकी आवाज में कसक भरी हुई थी। वो अपने ही होठों को काटते हुये बड़ी सेक्सी लग रही थी। उसके सांवले रूप का जबरदस्त लावण्य किसी को भी पिघला सकता था। उसका कोमल गुंदाज़ जिस्म मेरे बदन में जैसे आग लगा रहा था। उसकी कमर ने एक प्यार भरा हटका दे दिया और उसका बदन जैसे शोलों में घिर गया। उसने एक लचीली लड़की की तरह अपना बदन ऊपर उठा लिया और चूत को मेरे लण्ड पर एक सुर में अन्दर बाहर करने लगी।

उसके मुख से सिसकियाँ निकलने लगी। मेरी सीत्कारें भी कुछ कम नहीं थी। फिर से एक बार मेरी तड़प बढ़ने लगी। मेरे चूतड़ नीचे से उछल उछल कर उसके धक्के लगाने में सहायता कर रहे थे। कांची की कमर तेजी से चलने लगी थी जैसे जन्मों की चुदासी हो … उसके होंठ फ़ड़क रहे थे … पसीने की बूंदें छलक आई थी चेहरे पर …

उसका चेहरा लाल हो गया था। उसकी चूचियाँ दबाने से और मसलने से लाल हो गई थी … उसकी जुल्फ़ें जैसे मेरे चेहरे से उलझ रही थी … आंखें भींच कर बन्द कर रखी थी। वो अपूर्व आनन्द के सागर में डूबी हुई थी।

अचानक जैसे वो चीख सी उठी,”हाय मेरे भैया … मुझे समेट ले … कस ले बाहों में … मैं तो गई … माई रे … मेरे राजा … मेरे बालमा … मुझे जोर से प्यार कर ले … उईईईई …

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ईईईइह्ह्ह्ह्ह …”

मुझे यह सब समझ में नहीं आया पर उसके कहे अनुसार मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया। वो सीत्कार भरती हुई मेरे लण्ड पर दबाव डालने लगी और फिर उसकी चूत में लहरें सी चलने लगी … जैसे मेरे लण्ड को कोई नरम सी चीज़ लिपट रही थी।

उसका पानी निकल चुका था। तभी मेरा लण्ड भी नरम सी गुदगुदी नहीं सह पाया और एक बार bhabi ki chudai com से  और मेरा वीर्य छूट पड़ा। मुझे लगा कि इस बार वीर्य कम ही निकला।

नीचे दबे हुये मैंने एक दीर्घ श्वास ली … और अपने ऊपर कांची के तड़पने आनन्द लेता रहा।

थकी हुई सी, उखड़ी हुई तेज सांसें, भारी सी अखियाँ, उलझी हुई जुल्फ़ें, चेहरे पर पसीने की बूंदें … चेहरे पर अजीब सी शान्ति भरी मुस्कान … लग रहा था कि बरसों बाद उसे दिली संतुष्टि मिली थी … उसने अपनी नशे से भारी पलकें मेरी तरफ़ उठाई और अपने होंठों को मेरे होठों से रगड़ती हुई बोली,”मेरे बालमा … साजना … तुम मुझे ही अपनी पत्नी बना लो, देखो अपनी उम्र भी बराबर है … हाय रे, मैं तो तुम्हारे बिना मर जाऊंगी !”

“भाभी मजाक तो खूब कर लेती हो … पर यह तो बताओ अभी यह सू सू थी या चूत?”

“उह्ह्ह … तुम तो … अब मारुंगी … इस उम्र में मुझे बताना पड़ेगा कि सू सू और चूत में क्या फ़र्क है …? जाओ हम नहीं बोलते।”

“पर घुसा तो मुत्ती में ही था ना … ?”

“ओ हो … अब ये कुर्सी तुम्हारे सर पर दे मारूंगी … बुद्धू, बेवकूफ़, हाय रे मोरा नादान बालमा … !!” उसकी खिलखिलाती, ठसके भरी जोर की हंसी मुझे सोचने पर नमजबूर कर रही थी कि मैंने ऐसा क्या कह दिया है … ?

मेरी प्यारी और अनुभवी पाठिकाओं, यदि आपको ऐसा बालमा मिल जाये तो आपको कैसा लगेगा …

आपकी नेहा