देवर भाभी की चुदाई: सोनी भाभी की कामुक सेक्स स्टोरी
पढ़ें अमर और उसकी सेक्सी भाभी सोनी की हॉट चुदाई की कहानी। भाभी की मोटी गांड और सख्त चूचियों ने कैसे देवर को दीवाना बनाया। Antarvasna XXX Hindi में जानें उनकी रातों की कामुकता का राज।
हाय दोस्तों, मेरा नाम अमर है, और मैं आपको अपनी जिंदगी की सबसे कामुक कहानी सुनाने जा रहा हूँ—मेरी भाभी सोनी के साथ की वो रात, जिसने मेरे सारे सपनों को हकीकत में बदल दिया। भाभी का नाम सुनते ही मेरे जिस्म में आग लग जाती है, और उनका फिगर ऐसा है कि बस सोचते ही लंड हाथ में आ जाता है। तो चलिए, आपको बताता हूँ उनकी वो सेक्सी अदाएँ, जो मुझे पागल कर देती थीं।
भाभी सोनी ना ज्यादा पतली हैं, ना ज्यादा मोटी—बस एकदम गदराया हुआ बदन, जो हर मर्द का सपना होता है। उनका फिगर 34-26-36 है। हाँ, आपने सही सुना—उनकी गांड इतनी मोटी और रसीली है कि जब वो चलती हैं, तो वो मटकती हुई गांड देखकर बस उसे खा जाने का मन करता है। उनकी गोरी चमकती त्वचा, गुलाबी होंठ, और वो कातिलाना नजरें—ऐसा लगता है कि उनके होंठों को चूसते ही जिंदगी बीत जाए। उनकी चूचियाँ 34 साइज की हैं, सख्त और गोल, जो हर बार ब्लाउज में से उभरकर मुझे ललकारती थीं। और उनकी कमर? 26 इंच की पतली कमर, जो उनकी भारी गांड को और भी उभार देती थी।
भाभी की शादी को अभी सिर्फ पाँच साल हुए थे। जब वो हमारे घर आईं, तो पहले-पहल मेरे मन में उनके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था। लेकिन कुछ महीनों बाद, उनकी मटकती गांड और भरे हुए जिस्म को देखकर मेरे अंदर की आग जाग उठी। मैंने ठान लिया—इसे तो चोदकर ही रहूँगा। हम दोनों में खूब बातें होती थीं। वो मुझसे पूछतीं, “अमर, तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?” मैं शरमाते हुए कहता, “भाभी, आप जैसी कोई मिली ही नहीं।” और सच कहूँ, मैं हर रात उनके नाम की मूठ मारता था। उनकी नंगी तस्वीर मेरे दिमाग में घूमती थी—उनकी मोटी गांड, उनकी सख्त चूचियाँ, और वो गुलाबी चूत। मुझे लगता था कि कोई मुझे कीहोल से देख रहा है। बाद में पता चला, वो भाभी ही थीं, जो मुझे हर रात मुठियाते हुए चुपके से निहारती थीं।
एक दिन भैया बाहर गए थे। भाभी ने मुझे बाजार चलने को कहा। मैंने अपनी मोटरसाइकिल निकाली, और भाभी पीछे बैठ गईं। उनकी चूचियाँ मेरी पीठ से चिपक रही थीं, और मैं जानबूझकर बार-बार ब्रेक मारता था ताकि वो और करीब आ जाएँ। शायद भाभी को भी ये सब पता था, लेकिन वो चुप रही। बाजार में हम एक जनरल स्टोर गए। वहाँ भाभी ने मेरे सामने ही ब्रा और पैंटी खरीदीं—लाल रंग की लेस वाली ब्रा और काली पैंटी। ये देखकर मेरा लंड सातवें आसमान पर पहुँच गया। मैं सोचने लगा कि कब ये ब्रा-पैंटी उतारकर उनके नंगे जिस्म को देखूँगा।
वापसी में बारिश शुरू हो गई। हम दोनों भीग गए। भाभी की साड़ी उनके जिस्म से चिपक गई थी। उनकी गहरी नाभि और ब्रा की शेप साफ दिख रही थी। पानी की बूँदें उनके गले से होते हुए उनकी चूचियों के बीच बह रही थीं। ठंड से उनकी निपल्स सख्त होकर ब्लाउज में से उभर आई थीं। भाभी बोलीं, “मुझे ठंड लग रही है।” मैंने कहा, “भाभी, मुझे जोर से पकड़ लो।” उन्होंने मुझे पीछे से जकड़ लिया। उनकी गर्म साँसें मेरी गर्दन पर पड़ रही थीं, और उनकी चूचियाँ मेरी पीठ में धँस रही थीं। मेरा लंड पैंट में तंबू बना चुका था।
घर पहुँचते ही मैं उनके साथ उनके कमरे में चला गया। बाथरूम व्यस्त था, तो भाभी ने कहा, “अमर, आँखें बंद कर लो, मैं कपड़े बदल लूँ।” लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने चुपके से देखा। भाभी ने साड़ी उतारी, फिर ब्लाउज, और आखिरकार ब्रा-पैंटी भी। उनका नंगा जिस्म Antarvasna XXX Hindi मेरे सामने था—गोरी चमकती देह, मोटी गांड, और वो चिकनी चूत। मेरा लंड खड़ा हो गया। भाभी ने मुझे देख लिया और मुस्कुराते हुए बोलीं, “नॉटी, भाभी को देख रहा है?” मैंने इनकार किया, तो वो हँस पड़ीं, “तेरा टॉय सब बता रहा है। चल, कोई बात नहीं। भाभी-देवर में ये सब तो चलता है।” उस रात मैंने फिर उनके नाम की मूठ मारी और सो गया।
कुछ दिन बाद, कॉलेज से लौटा तो देखा भाभी मेरे कमरे में थीं। वो मेरे लैपटॉप पर पॉर्न देख रही थीं—एक लड़की दो लड़कों के साथ मजे ले रही थी। भाभी का एक हाथ उनकी सलवार में था, और वो अपनी चूत सहला रही थीं। उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं—आह्ह… म्म्म…। मुझे देखकर वो चौंकीं, फिर मुस्कुराते हुए बोलीं, “ये क्या डाल रखा है लैपटॉप में?” मैंने घबराते हुए कहा, “भाभी, दोस्त ने दे दिया था।” वो बोलीं, “आजकल के लड़के! शादी तक रुक नहीं सकते।” मैंने कहा, “कंट्रोल नहीं होता, भाभी।” वो हँसीं और बोलीं, “ये सब छोड़ो, पढ़ाई पर ध्यान दो।” फिर चली गईं।
उसी दिन भैया मेरे पास आए। मुझे लगा भाभी ने सब बता दिया। लेकिन भैया बोले, “अमर, मुझे मुंबई जाना है मीटिंग के लिए। रात को भाभी के साथ सोना, उन्हें अकेले डर लगता है।” मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। मैंने सोच लिया—आज भाभी की चूत में अपना माल झाड़कर ही रहूँगा। रात को मैं उनके कमरे में गया। भाभी ने लो-कट नाइट सूट पहना था। उनकी चूचियों का क्लीवेज साफ दिख रहा था, और वो हर साँस के साथ ऊपर-नीचे हो रहा था। हम टीवी देखने लगे। एक चैनल पर बी-ग्रेड मूवी चल रही थी—नंगी लड़कियाँ, सेक्स सीन। मैंने वही लगा दिया। कमरे में गर्मी बढ़ने लगी। भाभी की साँसें तेज हो गईं। वो अपनी चूत पर हाथ फेर रही थीं।
मैंने उनका हाथ हटाया और अपनी उंगलियाँ उनकी चूत पर रख दीं। वो सिसक उठीं—म्म्म… आह्ह…। मैंने उनकी चूत को सहलाया, और वो गीली हो गई। फिर हमने एक-दूसरे को जोरदार चूमा। उनके गुलाबी होंठ मेरे मुँह में थे, उनकी जीभ मेरी जीभ से लिपट रही थी। पाँच मिनट तक हम एक-दूसरे को चूसते रहे। मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से उनकी चूचियाँ दबाईं, फिर नाइटी उतार दी। अंदर वही लाल ब्रा थी, जो हमने बाजार में खरीदी थी। मैंने ब्रा भी उतार दी। उनकी सख्त निपल्स मेरे सामने थीं। मैंने उन्हें चूसना शुरू किया। भाभी बोलीं, “दूध चाहिए? बच्चा होगा, तो पिला दूँगी।” मैंने उनकी चूत की ओर हाथ बढ़ाया।
मैंने उनकी पैंटी मुँह से उतारी। उनकी चूत चिकनी और गुलाबी थी—एक भी बाल नहीं। फिर भाभी ने मेरा अंडरवियर उतारा। मेरा 7 इंच का लंड देखकर वो चौंक गईं, “इतना बड़ा? भैया का तो आधा भी नहीं। आज तो ये मेरी चूत का सत्यानाश कर देगा।” मैंने उनकी चूचियाँ दबाईं, चूसीं, और फिर 69 पोजीशन में आ गए। भाभी मेरा लंड चूस रही थीं, और मैं उनकी चूत चाट रहा था। उनकी चूत का स्वाद नमकीन और मीठा था। वो बोलीं, “अब और मत तड़पाओ, अपनी प्यास बुझा दो।”
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक झटके में अंदर डाल दिया। वो चीख पड़ीं—आह्ह… म्म्म…। उनकी चूत टाइट थी। फिर भाभी ने मुझे एक वियाग्रा दी, और हम दो घंटे तक चोदते रहे—मिशनरी, डॉगी, काउगर्ल, हर पोजीशन में। मैंने उनके मना करने के बावजूद उनकी चूत में माल झाड़ दिया। थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। भाभी बोलीं, “अब मेरी गांड मारो। भैया को पसंद नहीं, तो ये अभी तक वर्जिन है। आज इसका उद्घाटन कर दो।”
मैंने उनकी मोटी गांड पर तेल लगाया। लंड रखकर धक्का मारा। सिर्फ टोपा अंदर गया, और वो चीख पड़ीं—आआह्ह… धीरे…। दूसरे झटके में पूरा लंड उनकी गांड में था। वो डॉगी स्टाइल में थीं। मैं उनकी गांड मार रहा था, और उनके बूब्स दबा रहा था। वो सिसकारियाँ ले रही थीं—आह्ह… म्म्म… और जोर से…। मैंने कहा, “भाभी, मैं आपके नाम की रोज मूठ मारता था।” वो बोलीं, “मुझे भी तेरे लंड की चाहत थी।” मैं झड़ने वाला था। मैंने लंड निकाला, और भाभी ने मुँह खोल दिया। मैंने उनके मुँह में माल झाड़ दिया—इतना कि उनकी ठुड्डी तक बहने लगा।
फिर हम बाथरूम गए। शावर में मैंने उनके पूरे जिस्म को चाटा—उनकी चूचियाँ, नाभि, गांड। हम बाथटब में लेट गए, एक-दूसरे से चिपके हुए। बाहर आए, कपड़े बदले, और एक लंबी चुम्मी लेकर मैं चला गया। तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी और भाभी की ये चुदाई? जरूर बताना!
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