चुदाई की कहानियाँ

चुदाई का पूरा मजा-1

Chudai ka pura maja-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विकास है, में लुधियाना से हूँ और आज में आप सबके साथ अपनी सच्ची स्टोरी शेयर करने जा रहा हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है, मेरी उम्र 25 साल है, मुझे सेक्स बहुत अच्छा लगता है. ये बात करीब 4 साल पहले की है, में उस टाईम चंडीगढ़ में अपनी MCA कंप्लीट कर रहा था.

कंप्यूटर प्रोफेशन होने के कारण में लैपटॉप से अक्सर चैटिंग करता रहता था और मुझमें सेक्स बहुत ज्यादा था इसलिए मेरी काफ़ी सारी गर्लफ्रेंड होने के बावजूद मुझको संतुष्टि नहीं मिलती थी, कोई भी लड़की एक रात में ज्यादा से ज्यादा 3 या 4 बार सेक्स करने के बाद बस कर देती थी, लेकिन फिर मेरी  एक फ्रेंड बनी, उसका नाम सिमरन था और हम दोनों बहुत देर तक चैटिंग करते रहते थे. फिर हमने एक दूसरे को वेबकैम पर देखा और वो दिखने में बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

हमारी मोबाईल पर बातें शुरू हुई और फिर ऐसे ही 2-3 महीने तक चलता रहा. अब हम नॉनवेज जोक्स शेयर करने लगे थे. अब वो मेरे साथ पूरी तरह से खुल गयी थी. में चंडीगढ़ में अकेला रहता था, मैंने रूम किराये पर लिया हुआ था, लेकिन वो चंडीगढ़ नहीं आ सकती थी. वो लोग पंजाबी थे, लेकिन उसके पापा की जॉब हिमाचल में थी, तो हमने धर्मशाला मिलने का प्रोग्राम बनाया, क्योंकि वो उसे नजदीक पड़ता था.

फिर में एक दिन पहले ही रात को वहाँ पहुँच गया और फिर मैंने एक होटल में रूम ले लिया. फिर अगले दिन मुझको उसकी कॉल आई कि वो बस स्टैंड पर पहुँच गयी है, तो मैंने अपनी गाड़ी निकाली और उसे लेने निकल पड़ा. उसने मुझे अपने सूट का कलर बता दिया था, तो में उसे जल्दी ही मिल गया, वो एकदम सेक्सी लग रही थी. अब मेरा तो दिल कर रहा था कि उसे वहीं पर नंगी कर दूँ और उसके नर्म-नर्म बूब्स को चूस लूँ. खैर फिर वो गाड़ी में बैठी और फिर हम होटल पहुँच गये. मैंने होटल धर्मशाला से ऊपर माकलोदगंज के पास बुक किया था.

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हम रूम में पहुँचे. अब वो डर रही थी कि कहीं कोई प्रोब्लम ना हो जाए. फिर तब मैंने उसे समझाया कि डरने की कोई बात नहीं है, वहाँ का मैनेजर मेरी जान पहचान का ही निकल आया था, वो भी पहले लुधियाना में पार्क प्लाज़ा में जॉब करता था.

हम दोनों काफ़ी देर तक बातें करते रहे. अब मेरा लंड उसको जल्दी से नंगी करना चाहता था. अब हम दोनों सोफे पर बैठे थे. फिर मैंने पहले उसका एक हाथ पकड़ लिया तो उसने मेरी तरफ प्यार से देखा, तो मैंने उसे बाहों में ले लिया और अपना एक हाथ उसकी पूरी बॉडी पर फैरने लगा. अब उसे भी अच्छा लग रहा था.

फिर मैंने उसे किस किया और फिर स्मूच करने लगा और साथ-साथ मेरे हाथ उसके बूब्स को भी दबा रहे थे, उसके बूब्स तो एकदम कड़क, गोल-गोल और हार्ड एकदम खड़े हुए थे और उसके ऊपर छोटे-छोटे निपल्स थे. अब में उसकी कमीज़ के अंदर से उसके बूब्स को दबाता जा रहा था और उसके लिप्स को अपने लिप्स से स्मूच कर रहा था.

अब वो भी इन्जॉय कर रही थी, लेकिन ये उसका पहली बार था तो वो डर रही थी. फिर में उसे गोदी में उठाकर बेड पर ले गया और उसकी कमीज उतारने लगा. अब वो मना कर रही थी कि नहीं में यहाँ इसलिए नहीं आई हूँ, मुझको तो आपसे मिलना था. फिर मैंने उसे समझाया, तो उसने कहा कि हम सेक्स नहीं करेंगे ये प्रॉमिस करो, तो मैंने प्रॉमिस किया.

फिर उस दिन मैंने उसे पूरी नंगी करके हर तरह से प्यार किया और फिर हम दोनों नंगे ही बहुत देर तक बेड पर एक दूसरे की बॉडी के पार्ट्स के साथ खेलते रहे. तो वो हर बार मेरे लंड को पकड़कर कहती देखो कितना बड़ा और मोटा है? आपने प्रॉमिस किया है.

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में उससे कहता कि घबराओं नहीं तुम जब कहोगी तभी अंदर डालूँगा, मेरा लंड 7 इंच लम्बा है, लेकिन मोटा बहुत ज्यादा है. उसकी चूत पर थोड़े- थोड़े ब्राउन कलर के बाल थे और उसकी चूत के लिप्स एकदम लाल थे. अब में उसके बूब्स को सक करता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा था. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था और उसका पहली बार होने के कारण बहुत जल्दी उसका जूस निकल गया था.

फिर मैंने उसे लंड चूसने को कहा, लेकिन वो नहीं मानी, लेकिन उसने मेरे लंड पर किस किया और अपनी जीभ से लिक भी करती रही. अब शाम होने वाली थी और उसे वापस जाना था, तो में उसे बस स्टॉप पर छोड़ने गया, तो वहाँ जाकर पता चला कि लास्ट बस निकल चुकी है, तो वो बहुत परेशान हो गयी. फिर मैंने पता किया तो किसी ने बताया कि बस अभी थोड़ी देर पहले ही निकली है. फिर मैंने उसे गाड़ी में बैठाया और बस के पीछे गाड़ी भगा दी, तो काफ़ी देर के बाद हमें बस मिल गयी और फिर वो बस में चली गयी.

घर पहुँचकर मुझे उसका रात को फोन आया और वो मुझसे सॉरी कहने लगी, उसे लगा कि कहीं में नाराज ना हो गया हूँ, क्योंकि उसने सेक्स नहीं करने दिया था और उसने प्रॉमिस किया था कि अगली बार जब हम मिलेंगे, तो वो मना नहीं करेगी. फिर उसके बाद करीब 1 महीने के बाद हमारा प्रोग्राम बना. अब वो अपनी कॉलेज की पढाई का पता करने के लिए चंडीगढ़ आ रही थी, अभी वो बी.ए IInd ईयर में थी. चंडीगढ़ में उसकी फ्रेंड रहती थी, उसने अपनी फ्रेंड को समझा दिया था और फिर शाम को वो मेरे पास आ गयी थी.