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दोस्त की नई प्यासी दुल्हन की चुदाई-2

Dost ki Nai payasi dulhan ki chudai-2

अब वो लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का लंड तो केवल 5 इंच लंबा और 1.5 इंच मोटा है इसलिए मुझे उससे चुदाई करवाते समय इतना ज्यादा मज़ा नहीं आता, क्योंकि वो मेरे पूरे अंदर तक नहीं जाता और मुझे पूरा अंदर तक जाने वाला आपके जैसा मोटा लंड हमेशा से ही अच्छा लगता है और इसलिए देव मुझे आपका लंड बहुत पसंद आया. अब प्लीज़ तुम जल्दी करो में और अब नहीं रुक सकती, प्लीज़ चोद डालो तुम मुझे, जल्दी से अपने लंड के मज़े दो जिसके लिए में कब से इतना तरस रही हूँ.

फिर मैंने उसकी वो जोश भरी बातें सुनकर खुश होकर तुरंत उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिसकी वजह उसकी वो कामुक चूत मेरे सामने पूरी तरह से खुल गई और फिर मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया जिसकी वजह से चूत भी पूरी फैलकर मुझे अपनी चुदाई के लिए कहने लगी.

फिर मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहं पर रखा तो उसकी चूत का छेद पूरा ढक चुका था. मैंने धीरे से अपने लंड को उस पर दबाया तो दर्द की वजह से उसके मुँह से चीख निकल गई आईईईईई उफफ्फ्फ्फ़ मार डाला प्लीज़ देव धीरे करो ना मुझे बहुत दर्द हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत मोटा है इस बात का ध्यान रखकर तुम अपने इस काम को करो, नहीं तो में इसके दर्द से मर ही जाउंगी आह्ह्ह्ह प्लीज धीरे धीरे करना.

फिर मैंने उसकी बात को मानकर दर्द का ध्यान रखकर बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और जब वो मुझे शांत नजर आने लगी तो मैंने उसको पकड़कर उसको तीन चार धक्के लगाए और अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया, लेकिन वो अब दर्द की वजह से बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी और उसकी चूत से निकले खून से मेरा लंड रंग चुका था और वो बहुत इतनी तेज़ चीख पड़ी आाईईईईईईई माँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ मुझे मार डाला देव मेरी पूरी फट गयी है प्लीज मुझ पर तुम थोड़ा सा तरस खाओ, वरना में मर ही जाउंगी और यह दर्द अब मुझे सहना बड़ा ही मुश्किल होता जा रहा है, प्लीज अगर नहीं जा रहा है तो तुम इसके साथ इतनी ज़ोर जबरदस्ती भी मत करो आह्ह्ह्हह्ह मुझे लगता है कि आज तुम मेरी जान निकालकर ही मेरा पीछा छोड़ोगे.

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फिर मैंने उससे बोला कि कोई बात नहीं मेरी जान, अभी तुम भी मेरे साथ मज़े लेने लगोगी, बस कुछ देर इसको सह लो उसके बाद तो बस मज़े ही मज़े, कोई दर्द तुम्हे दोबारा नहीं होगा.

फिर मैंने उससे यह बात कहकर उसके बूब्स और होंठो को चूसना शुरू किया. तब मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि वो अब धीरे धीरे शांत होने लगी थी.

अब उसने मुझसे पूछा कि कितना अंदर गया और कितना जाना अब बाकी है? तो मैंने उससे कि मेरी जान मैंने तो पूरा ही अंदर डाल दिया है, अब तो बस चुदाई करना ही बाकि है और मैंने फिर उसको यह बात कहने के बाद अपनी तरफ से धक्के देने शुरू कर दिए, लेकिन उसका दर्द तब भी बढ़ रहा था और धीरे धक्के देते देते में अपने काम को करता रहा और अब मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा सा बढ़ा दिया था.

मेरे धक्को से वो अब सिसकियाँ भर रही थी और उसके मुहं से सस्स्स्स्ईई ऊउईईईईईईई देव अब मुझे थोड़ा सा मज़ा आने लगा है, लेकिन आज आपने मेरी चूत को पूरा फाड़ दिया है, जिसकी वजह से मुझे अंदर वो जलन महसूस हो रही है, जिसने मुझे अब यह बात सोचने पर ज्यादा मजबूर कर दिया है कि कहीं मेरी फटी चूत को देखकर मेरे पति मेरी यह चुदाई के बारे में समझकर मेरे ऊपर शक ना करने लगे.

मैंने उससे कहा कि जब तक उनका आना होगा तब तक यह दोबारा अपनी उसी हालत में आ जाएगी और में उसके बूब्स को सहलाने के साथ साथ हल्के धक्के देने लगा था, जिसकी वजह से उसको भी अब धीरे धीरे मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड को नीचे से उछालकर मुझसे अपनी चुदाई करवाने लगी थी. फिर वो करीब दस मिनट में ही झड़ गई और उसकी चूत से वो चूत रस बाहर आने लगा था, जिसकी वजह से लंड फिसलता हुआ अंदर बाहर होने लगा. मुझे धक्के देकर चोदने में अब बड़ा मज़ा आ रहा था और वो एक बार से फिर थोड़ी देर में दोबारा से झड़ गई और इस तरह करीब 30 मिनट की चुदाई में वो चार बार झड़ चुकी थी.

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मैंने तब उससे पूछा कि अब तुम्हे कैसा लग रहा है? तो उसने मुझसे कहा कि मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसा मज़ा तो मुझे आज तक मेरे पति ने भी नहीं दिया जैसा मुझे आज तुम्हारे साथ आ रहा है और थोड़ी ही देर लगातार धक्के देकर उसको चोदने के बाद में उससे बोला कि मेरा वीर्य अब बाहर निकलने वाला है, में इसको कहाँ निकालूं? तो उसने कहा कि तुम इसको पूरा मेरी चूत में ही भर दो, में इसको अपने अंदर लेकर महसूस करना चाहती हूँ और फिर मैंने उसके कहने पर अपने लंड का सारा वीर्य उसकी चूत में धक्को के साथ गहराई तक डाल दिया और फिर हम दोनों कुछ देर उसी तरह लेटे रहे.

मेरा लंड जब छोटा होकर उसकी चूत से अपने आप बाहर आ गया, तब में उठकर बाथरूम की तरफ चला गया और वहां पर जाकर मैंने अपने लंड को पानी डालकर अच्छी तरह साफ किया और फिर वापस अंदर आकर मैंने देखा तो सुनीता अब भी वैसे ही लेटी हुई थी, क्योंकि वो उस दर्द की वजह से उठ नहीं पा रही थी, क्योंकि कुछ देर पहले हुई उसकी जबर्दस्त ताबड़तोड़ चुदाई की वजह से उसको अब चलने में बड़ी तकलीफ़ दर्द हो रहा था और यह बात समझकर में उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया और मैंने ही पानी डालकर उसकी चूत को साफ किया.