पहली बार में मैंने पड़ोसन भाभी को चोदा
First time me maine padosan bhabhi ko choda
यह कहानी एक सच्ची घटना है। मैं आज पहली बार अपनी इस अनुभूति को लिख रहा हूँ, और आशा करता हूँ कि यह आपको पसंद आएगी। कुछ महीनों पहले मेरे घर के बगल में एक नया परिवार आया था। वे मुस्लिम थे, जिसमें एक पिता, माँ और उनका 13 वर्षीय बेटा था जो आठवीं कक्षा में पढ़ता था। बेटे को स्कूल में बोर्डिंग हाउस में रहना पड़ता था और उस समय वह छुट्टियों पर घर आया हुआ था।
मेरे पड़ोसी के पिताजी का नाम मोहम्मद अंसारी था, जो लगभग 48 वर्ष के थे। उनकी पत्नी का नाम तबस्सुम था, वे लगभग 35 वर्ष की थीं लेकिन बहुत ही सुंदर और आकर्षक शरीर वाली थीं। यह उनकी दूसरी शादी थी; पहली पत्नी का देहांत हो चुका था। वे सरकारी कर्मचारी थे, और हम दोनों भी सरकारी कर्मचारी होने के कारण एक-दूसरे के घर पर अक्सर मिलते थे और साथ में शतरंज खेलते थे। मैं उन्हें “अंकल” कहकर संबोधित करता था और उनकी पत्नी को “भाभी”।
अंकल बहुत ही अच्छे इंसान थे, लेकिन उनकी पत्नी मुझे हमेशा से ही आकर्षक लगती थी। वह बड़ी-बड़ी चूचियाँ और कुरकुरी त्वचा वाली थी, जो किसी भी आदमी को लुभा सकती थी। अक्सर वह मुझे अपनी नज़रों से देखती थी, कभी-कभी उसकी आँखें जल उठती थीं और बात करते समय मुंह के होंठों को दांतों से दबाया करती थी या फिर होंठों पर बार-बार जीप लगाती थी।
एक दिन बातचीत में उन्होंने कहा कि संजय जी, यूनुस (उनके बेटे का नाम है) के पिताजी को समय नहीं मिलता है और अगर आपके पास समय हो तो शाम को उसे गणित पढ़ा सकते हैं। मैंने कहा कि मुझे कोई परेशानी नहीं है, शाम को ऑफिस से आकर उसके घर पढ़ाने जाऊंगा। फिर मैं रोज़ शाम को अंकल के घर यूनुस को पढ़ाने जाने लगा। अब मेरी भाभी और मेरे बीच बातें बढ़ने लगीं। जब भी मैं उनके बेटे को पढ़ाता, तो वह मेरे पास ही बैठती थी। मैंने उस पर ध्यान देने लगा और महसूस किया कि वह अब मेरे सामने बहुत ही सेक्सी कपड़े पहन रही है। जब कभी साड़ी पहनती थी तो उसका ब्लाउज बहुत ही कड़ा होता था जिसकी वजह से उसकी 36 इंच की चूचियाँ नजर आती थीं और साड़ी भी बहुत ही कसकर लिपटी रहती थी। उसकी चूचियाँ बहुत ही बड़ी-बड़ी थीं, जिसे देखकर मेरा लिंग बुरी तरह से खड़ा हो जाता था। और जब कभी सलवार पहनती थी तो वह भी बहुत ही कसकर होती थी और कमर के नीचे का हिस्सा खुला रहता था जिससे उसकी चूचियाँ बहुत ही सेक्सी लगती थीं।
एक दिन जब मैं उनके बेटे को पढ़ा रहा था, तो वह मेरे सामने वाले सोफे पर बैठी थी। उस दिन उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी और बहुत ही कड़ा ब्लाउज पहना था। ऐसा लग रहा था कि यह उसके चूचियों के आकार से काफी छोटा था। मैं थोड़ी-थोड़ी देर में भाभी पर नज़र डाल रहा था, कभी-कभी हमारी नज़रें मिल जाती थीं तो वह सिर्फ मुस्कुराती थी। उस दिन वह कोई किताब पढ़ रही थी, जैसे ही फोन की घंटी बज गई, उसके हाथ से किताब गिर गई और उसने उसे उठाने के लिए झुकी।
उuffff! क्या अद्भुत नज़ारा था। एकदम कसकर लिपटी हुई दो बहुत ही मोटी गोलाई वाली चूचियाँ मेरे सामने थीं। उसने ब्लाउज बहुत ही लो-कट पहना था तो उसकी चूचियों का काफी हिस्सा दिखाई दे रहा था। जब मेरी और उसकी नज़रें मिलीं तो उसे समझ गया कि मैं उसके चूचियों को गौर से देख रहा हूँ, तब वह मुस्कुराकर फिर किताब पढ़ने लगी पर उसने अपने साड़ी का पल्लू ऊपर नहीं किया अब उसकी कसकर लिपटी हुई मोटी चूचियाँ साफ़ दिख रही थीं।
वह कुछ देर तक इस तरह पढ़ती रही और मेरी लिंग को बुरी तरह से प्रभावित कर रही थी। फिर वह बाद में उठकर चली गई। अगले हफ्ते जब मैं उसके घर गया तो पता चला कि उसका बेटा अपने दोस्त के जन्मदिन पर गया था। इसलिए मैंने भाभी से कहा कि ठीक है, तो मैं चलता हूँ। उसने कहा कि चलो जाओ थोड़ी देर रुको।
मैं रुका और उसे गौर से देखा। उसने आज नाईट पहना हुआ था जो बहुत ही पारदर्शी थी और उसके अंदर का सब कुछ साफ़ दिख रहा था। उसने अंदर काली ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी। पैंटी तो उसके चूचियों में एकदम फिट हो गई थी, ऐसा लगता था कि वह केवल ब्रा और पैंटी में खड़ी है। मेरा लिंग पूरी तरह से तंग हो गया जो मेरे पैंट के ऊपर से दिख रहा था।
वह भी मेरे लिंग को ही देख रही थी, बहुत ध्यान से। उसने मुझसे पूछा कि तुम कुछ लेना चाहोगे? मैंने कहा कि कोल्ड ड्रिंक। तो वह कोल्ड ड्रिंक लाने के लिए चली गई। अब मैं उसके चूचियों को देख रहा था जो इधर-उधर झूल रही थीं। वह कोल्ड ड्रिंक लेकर आई और मुझे दे दी। देने के लिए जब वह झुकी तो उसकी चूचियों का दरार दिखाई देने लगा, मैं उसे ही देखने लगा और कोल्ड ड्रिंक लेना भूल गया।
वह भी कुछ नहीं बोली, उसे पता चला कि मैं उसके चूचियों को देख रहा हूँ। फिर मुझे याद आया कि मुझे कोल्ड ड्रिंक लेना है तो मैंने जल्दी से लिया। उसने मुस्कुराते हुए कहा “उफ़्फ संजय, आराम से लो कोई जल्दबाजी नहीं है।”
मैं उसकी बात सुनकर हैरान रह गया। अब मुझे समझ आया कि वह भी तैयार है। उसने मेरे बगल में बैठ गई और मैंने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसके चूचियों को सहलाने और दबाने लगा। फिर वह अपने नाईट उतारने लगी तो मैंने कहा “अभी नहीं मेरी जान। तुझे मैं अपने हाथों से नंगा करूँगा”।
उसने कहा “हाँ, यह भी ठीक है। मुझे नंगा करते समय तुम अच्छे से मज़ा लेना।” आज मेरी दिल की कामना पूरी हो रही थी। उसका शरीर वाकई बहुत ही अद्भुत था। एकदम मुलायम और चिकना। उसे सहलाने में बहुत मजा आ रहा था। अब वह केवल ब्रा और पैंटी ही पहन रही थी।
वह कितनी ही खूबसूरत लग रही थी। मैंने उसके होंठों को चुंबन करना शुरू कर दिया और उसके चूचियों को भी दबाना लगा। अब वह धीरे-धीरे गरम हो रही थी। फिर उसने मेरी शर्ट और पैंट उतार दी, अब मैं केवल अंडरवियर में था। फिर उसने मेरे खड़े हुए लिंग को देखा जो अंडरवियर से बाहर आ गया था।
मेरे लिंग को देखकर वह बोली “संजय वाकई तुम्हारा लिंग तो घोड़े जैसा है, बड़ा और मोटा। इतना बड़ा और मोटा लिंग… मैं तो मर जाऊंगी। लेकिन तुम मुझे पूरी बेदर्दी से चोदोगे। मेरी चुत इस लिंग के लिए कुंवारी जैसी हैं। तुम खुद ही देख लो। फाड़ दो मेरी चुत को आज। तुम्हारा लिंग लेकर इस प्यासी chut की प्यास बुझा दूंगी।”
फिर उसने धीरे-धीरे मेरे लिंग को बाहर निकाला और उसे चूसने लगा। मुझे भी मजा आने लगा। मैंने भी धीरे से उसकी पैंटी उतार दी और फिर ब्रा भी उतार दी। अब वह बिलकुल नंगी थी मेरे सामने।
बहुत ही अद्भुत लग रही थी। मैंने उसके चुत को छूना शुरू कर दिया। अब वह बहुत ही उत्तेजित हो रही थी और मेरा लिंग भी तंग हो रहा था। मैं अब उस पर चढ़ गया और अपना लिंग उसकी चुत में डाल दिया और कस-कस करके उसके चूचियों को रगड़ने लगा। वह अब सिसक रही थी, “सीiiiiii मेरे राजा अब जल्दी से पेल दो मुझे। मत सताओ चोदो मेरी इस चुत को साली बहुत तड़प रही है तुम्हारे लिंग के लिए अब फाड़ दो इसे”।
अब मैं भी सहन नहीं कर पा रहा था, मैंने अपना लिंग जल्दी से उसकी कसकर लिपटी हुई चुत में घुसा दिया। वह धीरे-धीरे कराह रही थी “हुईiii रै फैड दाल्ललाaaaa”। मेरे लिंग का सुपड़ा अंदर गहरी तक चला गया, फिर थोड़ी देर बिना कोई हलचल किए बस वैसे ही रहा और उसके होंठों को चूमते हुए उसकी चूचियों के निप्पल्स को सहला रहा था। वह भी बहुत गरम हो चुकी थी।
फिर मैंने अपना लिंग बाहर निकाला और एक जोर का धक्का मारा तो मेरा लिंग पूरी तरह से अंदर चला गया। “हुईiii रै मार डालाaaaaaaaa फाड़ दो मेरी चuuuuuut”। अब मैं कस-कस करके धक्के लगा रहा था, वह भी खुश हो गई थी और पता नहीं क्या-क्या कह रही थी। “हुईiii रीeeeeee मेरे राजा आओ जल्दी से पेल दो हां इस तरह ही चोदो हiiii सीiiiiiiii उउइइ मजा आ रहा है”।
और कस के चोदो मेरी चूत को साले अब देखती हूँ कितना दूध पीया है तुमने अपनी माँ की चूचियों से मेरे।
मैं भी उत्साह में आ गया था और यह सुनकर और भी उत्साहित हो गया। “साली चुप रह कर चुदाती रहो आज फाड़ डालूंगा तेरी चूत समझी”। वह और भी खुश हो गई। “हुईiii सीiiiiiiii और पेल राजा आह्ह्ह्ह्ह मजा आया है अब कस के चोदो मुझको फाड़ दो मेरी चूत को उउइइइ माज़ा आ रहा है”।
और मैं उसे चोदता ही रह गया। करीब 20 मिनट तक मैंने चुड़ा फिर मेरा झड़ने वाला था तो मैंने गति बढ़ा दी। “साली क्या मस्त चूत है तेरी अब तो तुम मेरी हो गई हो अब रोज तुम्हें कस के चुदाई करूंगा”।
“साली रांडी तुम बहुत ही मस्त औरत हो, हiiiiiiii री मेरे निकलने वाला है हiiii री”। फिर मेरा पानी उसकी चूत में निकल गया। फिर हम दोनों काफी देर तक एक-दूसरे को चिपकाकर रहे। फिर मैं उठा और कपड़े पहन लिए। उसने कहा “राज अब तो मेरी रोज़ चुदाई करनी पड़ेगी”, मैंने कहा “ठीक है करूंगा मेरी रानी”। उसके बाद मैंने उसे खूब जमकर चोदा।