Bhabhi Sex

देवर जी ऐसे मत करो कुछ कुछ होता है

पढ़िए एक रोमांचक सेक्स कहानी जिसमें विशाल और उसकी सेक्सी भाभी के बीच छुपा हुआ रिश्ता उभरता है। भाभी की हॉट अदाओं और वेट पुसी की चुदाई की कहानी आपको उत्तेजित कर देगी।

मेरे प्यारे दोस्तों, मेरा नाम विशाल है, और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी शादी को अभी चार महीने ही हुए हैं, और मैं अपनी पत्नी के साथ एक छोटे से किराए के मकान में रहता हूँ। मेरे नीचे वाले फ्लोर पर एक कपल रहता था, जिनके दो छोटे-छोटे बच्चे थे। भैया एक कंपनी में जॉब करते थे, और उनकी पत्नी, जिन्हें मैं भाभी और मेरी पत्नी दीदी कहती थी, बेहद खूबसूरत और व्यवहार कुशल थीं। भाभी का सेक्सी बदन हर किसी को अपनी ओर खींचता था। उनका मध्यम कद, भरा हुआ शरीर, और वो साड़ी में गजब की लगती थीं। जब वो साड़ी पहनतीं, तो उनका आँचल हल्का-सा सरकता, और ब्लाउज में उनकी तनी हुई चूचियाँ साफ दिखतीं। उनका पेट सुराही की तरह चिकना और कमर के आसपास लिपटी साड़ी उनके उभरे हुए चूतड़ों को और आकर्षक बनाती। सचमुच, वो किसी का भी मन मोह लेती थीं।

हम सब बहुत घुलमिल कर रहते थे। कभी-कभी हम एक ही बेड पर, एक ही रजाई में घंटों बैठकर बातें करते। एक दिन मेरी पत्नी ने बताया, “जानते हो, नीचे वाली दीदी कह रही थीं कि उनके पति दो-तीन महीने में बस एक बार उनके साथ सेक्स करते हैं।” मैं हैरान रह गया। मैं तो अपनी पत्नी के साथ रोज रात को मस्ती करता था, और ये सुनकर मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि कोई इतनी हॉट और सेक्सी भाभी के साथ ऐसा कर सकता है। भाभी का वो भरा हुआ बदन, उनकी कातिलाना अदाएँ, और वो साड़ी में ढका हुआ सेक्सी फिगर—कैसे कोई खुद को रोक सकता था?

कुछ दिन बाद भाभी ने अपना मकान खाली कर दिया और थोड़ी दूर शिफ्ट हो गईं। एक सुबह मैं ऑफिस के लिए निकला, लेकिन मन में भाभी की वही बात घूम रही थी। मैंने काम का बहाना बनाकर जल्दी निकल गया और सीधा उनके नए घर पहुँच गया। उनका घर दो मंजिला था, ऊपर वो रहती थीं, और नीचे उनकी मकान मालकिन, जो सुबह-सुबह स्कूल चली जाती थीं। भैया भी सुबह 8 बजे तक ऑफिस के लिए निकल जाते थे, और बच्चे स्कूल। यानी भाभी सुबह अकेली होती थीं। जब मैं उनके घर पहुँचा, तो वो थोड़ा हड़बड़ा गईं, शायद इसलिए कि आज मेरी पत्नी मेरे साथ नहीं थी।

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मैं उनके बेडरूम में बेड पर बैठ गया, और हम बातें करने लगे। भाभी ने चाय बनाई, और हम दोनों साथ बैठकर चाय पीने लगे। मेरा मन बेचैन था। मैं सोच रहा था कि आज मौका है भाभी की वेट पुसी को छूने का, लेकिन बात शुरू कैसे करूँ? मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “भाभी, आज आप बहुत सुंदर लग रही हैं।” वो हँसते हुए बोलीं, “अच्छा? आज ही क्यों? कल नहीं लग रही थी?” मैंने कहा, “नहीं-नहीं, आप तो रोज सुंदर लगती हैं, लेकिन आज कुछ ज्यादा ही।” वो बोलीं, “अच्छा जी? मेरे पति तो कहते हैं कि मैं सुंदर नहीं हूँ, और तुम तारीफ कर रहे हो।” मैंने कहा, “तारीफ तो वही होती है, जो इसके लायक हो।” फिर मैंने हल्के से छेड़ते हुए कहा, “आज तो मन कर रहा है आपको चूम लूँ।”

वो बोलीं, “अच्छा? तो कल चूम लेना, मैं तुम्हारे भैया से पूछ लूँगी।” वो हँस रही थीं, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। मैंने कहा, “नहीं, उनके सामने तो नहीं चूम सकता। अगर अभी मौका दें, तो ठीक है।” वो बोलीं, “क्या डर गए? हिम्मत नहीं है?” मैंने कहा, “हिम्मत तो है, लेकिन आपको अकेले चूमने में ज्यादा मजा आएगा।” वो हँसते हुए बोलीं, “हाँ जी, कोई बुराई नहीं है किसी और की बीवी को चूमने में।” मैंने कहा, “कोई जबरदस्ती नहीं, आपकी मर्जी।”

अचानक भाभी खड़ी हुईं, गेट के पास गईं, इधर-उधर देखा, और दरवाजा हल्का-सा बंद कर दिया, बस 6 इंच का गैप छोड़ा। फिर वो दीवार के पास खड़ी हो गईं। ये ग्रीन सिग्नल था। मैं उनके पास गया, उनकी आँखों में देखा। उनकी साँसें तेज थीं, और वो चूमने का इंतजार कर रही थीं। मैंने पहले उनके माथे पर, फिर गालों पर, और फिर उनके रसीले होंठों पर किस किया। मेरा लंड तनने लगा। मैं उनके होंठ चूस रहा था, और मेरा हाथ उनकी चूचियों पर चला गया। मैंने हल्के से दबाया, तो वो सिहर उठीं। बोलीं, “ये गलत है, प्लीज ऐसा मत करो।” लेकिन मैंने उनकी दोनों चूचियों को जोर से दबाना शुरू कर दिया। वो सिसकारियाँ भर रही थीं, “देवर जी, ऐसे मत करो… उह्ह…”

वो परेशान थीं, लेकिन उनकी अंगड़ाइयाँ बता रही थीं कि वो भी मजा ले रही थीं। अचानक वो बोलीं, “मैं ये बात तुम्हारी पत्नी और मेरे पति को बता दूँगी।” मैं डर गया और उन्हें छोड़ दिया। मैंने माफी माँगी, “प्लीज, भाभी, किसी को मत बताना।” वो बोलीं, “नहीं बताऊँगी, लेकिन तुम्हें मेरे साथ और करना होगा।” मैं जल्दी से वहाँ से निकल गया।

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ऑफिस पहुँचा, लेकिन मेरा मन काम में नहीं लग रहा था। डर था कि कहीं भाभी सचमुच सब बता न दें। करीब दो घंटे बाद भाभी का फोन आया। वो बोलीं, “तुमने मेरे साथ क्या किया? अब जल्दी मेरे पास आओ, वरना मैं सचमुच बता दूँगी।” मैंने ऑफिस से छुट्टी ली, बहाना बनाया कि पत्नी की तबीयत खराब है, और सीधा भाभी के घर पहुँच गया।

जैसे ही मैं अंदर गया, भाभी बेड पर बैठी थीं। वो बोलीं, “अब डर गए? अब जो मैं कहूँगी, वो करना पड़ेगा।” वो खड़ी हुईं, मेरे पास आईं, और मेरे होंठों को अपने रसीले होंठों से चूमने लगीं। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और वो मुझे कसकर पकड़े हुए थीं। मैंने कहा, “अब किसी को नहीं बताओगी न?” वो बोलीं, “नहीं, बस मेरी आग बुझाते रहो, किसी को कुछ नहीं बताऊँगी।”

वो अपने ब्लाउज के हुक खोलने लगीं। मैंने उनकी ब्रा के बीच में अपना मुँह दबाया, और वो मेरे बाल पकड़कर मुझे रगड़ने लगीं। मैंने उनकी ब्रा उतार दी, और उनके बड़े-बड़े चूच मेरे सामने लटक रहे थे। मैं उन्हें बारी-बारी चूसने और दबाने लगा। वो सिसकारियाँ भर रही थीं, “आह… ऊह… मेरे राजा, मुझे शांत कर दो… मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी।” मैंने उनकी साड़ी उतारी, पेटीकोट का नाड़ा खींचा, और वो सिर्फ काली पैंटी में बेड पर लेट गईं।

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मैं उनके ऊपर चढ़ गया, और उनके रसीले होंठों को चूसने लगा। वो मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहलाने लगीं। मैंने अपनी पैंट उतारी, और वो मेरे लंड को पकड़कर ऊपर-नीचे करने लगीं। फिर उन्होंने उसे मुँह में लिया और आइसक्रीम की तरह चूसने लगीं, “उह्ह… उह्ह…” मैंने उनकी पैंटी उतारी, और उनकी वेट पुसी पर जीभ रखी। उनकी चूत से नमकीन पानी निकल रहा था। मैं उसे चाटने लगा, और वो सिसकारियाँ भर रही थीं, “सी… सी… आह…”

उनके काँख में हल्के-हल्के बाल थे, जो उन्हें और सेक्सी बना रहे थे। मैंने उनके दोनों हाथ ऊपर किए, और उनकी गोरी बाहें, गुलाबी होंठ, और भारी चूचियाँ मुझे पागल कर रही थीं। मैंने अपना लंड उनकी चूत के छेद पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा। वो चीख पड़ीं, “हाय… हाय… आह…” मैं धक्के पर धक्का मारने लगा। भाभी की वेट पुसी इतनी टाइट थी कि मजा दोगुना हो रहा था। वो अपनी गांड उछाल-उछालकर चुदवा रही थीं, “आह… मेरे राजा… और जोर से… मुझे चोद दो…”

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मैंने उन्हें कई पोजीशन में चोदा—मिशनरी, डॉगी, और फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गईं। करीब एक घंटे तक चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए। वो मेरे सीने पर लेट गईं, और हम दस मिनट तक एक-दूसरे को पकड़े रहे। फिर भाभी ने गीला रुमाल लिया और मेरे चेहरे पर लगी उनकी लिपस्टिक पोंछ दी। वो बोलीं, “ये बात किसी को मत बताना। हम दोनों अब एक-दूसरे की वासना को ऐसे ही शांत करते रहेंगे। मुझे बहुत मजा आया। जब भी मन करे, सुबह 9 से 2 बजे के बीच आ जाना। मैं तुम्हारा इंतजार करूँगी।”

उस दिन के बाद, भाभी की वेट पुसी मेरी हर सुबह की खुराक बन गई। उनकी वो सेक्सी सिसकारियाँ, उनका भरा हुआ बदन, और उनकी चुदास मेरे दिलो-दिमाग पर छा गई। “देवर जी, ऐसे मत करो…” अब उनका बस एक इशारा था, जो मुझे उनकी बाहों में खींच लेता था।