पोर्न वीडियो से मिली पहली चुदाई
पढ़िए आहिल और जया की रोमांचक सेक्स कहानी, जहाँ बारिश के मौसम में पोर्न वीडियो ने उनकी पहली चुदाई की राह दिखाई। गीली चूत, टाइट गांड और उत्तेजक पल आपको बेकरार कर देंगे।
मेरा नाम आहिल है, और ये मेरी ज़िंदगी की वो कहानी है, जो मेरे दिल और जिस्म की गहराइयों से निकलती है। अगर कुछ गलतियाँ हों, तो माफ़ करना, क्योंकि ये मेरा पहला किस्सा है, जो मैं तुम्हारे सामने पेश कर रहा हूँ। मैं छुटमलपुर का रहने वाला हूँ, और अब मेरी उम्र इक्कीस साल है। लेकिन ये कहानी उस वक़्त की है, जब मैं सिर्फ़ सोलह साल का था, और जवानी का जोश मेरे सिर चढ़कर बोल रहा था।
उन दिनों मैं ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ता था। दोस्तों, तुम तो जानते ही हो, उस उम्र में हर लड़के का दिल और दिमाग़ बस एक ही चीज़ में उलझा रहता है। मैं भी वही था—हर वक़्त बस मुठ मारने की आदत, और हर खूबसूरत लड़की को देखकर मन में एक ही ख़याल—काश, इसे अभी चोद डालूँ! मेरी क्लास में एक लड़की थी, जया। वो मुझसे एक साल बड़ी थी, लेकिन उसकी अदाएँ, उसका हुस्न, उफ़! वो किसी कयामत से कम न थी। उसकी पतली कमर, भरी-भरी चूचियाँ, और पीछे को उभरी हुई गोल-मटोल गांड—बस, उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मैं रात-दिन बस उसी के सपने देखता, लेकिन हकीकत में कुछ कर पाना? अरे, बस ब्लू फिल्में देखकर और मुठ मारकर ही गुज़ारा होता था।
वो बरसात का मौसम था। सुबह से ही झमाझम बारिश हो रही थी। कॉलेज में ऐसे मौसम में बच्चे कम ही आते थे। हमारा कॉलेज बड़ा था, लेकिन उस दिन हमारी क्लास में सिर्फ़ छह बच्चे ही आए थे। सिर्फ़ वही, जो ट्यूशन के लिए मज़बूर थे। जया भी हमारी ट्यूशन में पढ़ती थी, और वो भी आई थी। बारिश की वजह से हमारे सर को आने में देर हो गई, और धीरे-धीरे बाकी बच्चे घर चले गए। मैं और जया ही बचे थे। जया, जो थोड़ी देर पहले कॉलेज पहुँची थी, बारिश में पूरी तरह भीग चुकी थी। उसका कुर्ता उसके जिस्म से चिपक गया था, और उसकी ब्रा की आउटलाइन साफ़ दिख रही थी। उफ़, दोस्तों, वो उस दिन और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी। उसका गीला जिस्म, वो टपकते बाल, और वो नशीली आँखें—बस, कयामत ढा रही थी वो!
उसने मुझसे मेरा मोबाइल माँगा, ताकि सर को फोन कर सके। मैंने उसे मोबाइल दे दिया और बाथरूम चला गया। दोस्तों, मेरे मोबाइल में कुछ पोर्न वीडियो थे, जो मैंने अपने दोस्त से कॉपी किए थे। और गलती से, या शायद किस्मत से, जया ने वो वीडियो देख लिए। जब मैं वापस आया, तो उसने मुझे तिरछी नज़रों से देखा और कहा, “क्या गंदी-गंदी चीज़ें देखते हो तुम!” उसकी आवाज़ में शरारत थी, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक।
मैंने अनजान बनते हुए कहा, “अरे, ये मेरा मेमोरी कार्ड नहीं, मेरे दोस्त का है। क्यों, क्या देख लिया तुमने?” वो चुप रही, बस हल्का सा मुस्कुराई। मैंने ज़िद की, “बता ना, क्या देखा? दिखा तो!” थोड़ी ना-नुकर के बाद उसने वो वीडियो चला दिया। मैं उसके बगल में बैठ गया, और हम दोनों उस स्क्रीन पर चल रही चुदाई को देखने लगे। वीडियो में एक लड़की ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी, और उसका पार्टनर उसे अलग-अलग पोज़ में चोद रहा था। मेरा लंड तो पहले ही खड़ा हो चुका था, और जया की साँसें भी तेज़ हो रही थीं। मैंने गौर किया, उसकी जाँघें आपस में रगड़ रही थीं, जैसे वो भी गर्म हो चुकी थी।
अचानक उसने मेरी पैंट की तरफ़ देखा, जहाँ मेरा लंड साफ़ उभर रहा था। उसने हँसते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली, “ये क्या है, आहिल?” उसका स्पर्श ऐसा था, जैसे बिजली का झटका! मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने भी हिम्मत की और उसकी चूत पर हाथ रख दिया। उसका गीला सलवार उसके जिस्म से चिपका हुआ था, और मैं उसकी चूत की गर्मी को साफ़ महसूस कर रहा था। वो हल्की सी सिसकारी भरी, और उसकी आँखें बंद हो गईं।
अब मैंने अपना लंड बाहर निकाला। दोस्तों, उस वक़्त हमें सेक्स का ज़्यादा अनुभव नहीं था, लेकिन वीडियो ने हमें रास्ता दिखा दिया। जया ने मेरे लंड को देखा, और फिर धीरे से उसे मुँह में ले लिया। उफ़, उसकी गर्म जीभ और नरम होंठ मेरे लंड पर जादू कर रहे थे। मैं तो सातवें आसमान पर था। लेकिन तभी उसने अचानक रुककर कहा, “नहीं, ये गलत है। मैं ये नहीं कर सकती।” मैंने उसे मनाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं मानी। मेरा जोश सातवें आसमान पर था, और मैं अब रुकने वाला नहीं था।
मैंने उसे प्यार से पकड़ा और उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी सलवार गीली थी, और मैं उसकी चूत की गर्मी को अपने उंगलियों से महसूस कर रहा था। वो फिर से सिसकारियाँ भरने लगी, “आह… आहिल… क्या कर रहे हो…” मैंने उसे बेंच पर लिटाया और उसकी सलवार को नीचे सरका दिया। उसकी चूत गीली और गुलाबी थी, जैसे कोई ताज़ा फूल। मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। वो चीख पड़ी, “आह… दर्द हो रहा है!” लेकिन मैं रुका नहीं। जैसा मैंने वीडियो में देखा, वैसा ही किया। धीरे-धीरे उसे भी मज़ा आने लगा, और उसकी चीखें अब सिसकारियों में बदल गईं।
उस दिन हमने बारिश की उस ठंडक में गर्मी का तूफ़ान मचा दिया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में जन्नत की सैर कर रहा था। हमने अलग-अलग पोज़ ट्राई किए, और आख़िरकार मैंने अपना माल उसकी गांड पर छोड़ दिया। हम दोनों हाँफ रहे थे, लेकिन चेहरों पर एक अजीब सी ख़ुशी थी।
आज, इत्तेफ़ाक से मेरा रिश्ता उसी जया से पक्का हो गया है। वो मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी है, और हम अब भी उस दिन को याद करके हँसते हैं। कैसी लगी मेरी कहानी, दोस्तों? अपनी राय ज़रूर बताना!