First Time Sexहिंदी सेक्स स्टोरी

दिल्ली में पहली बार सेक्स का अनुभव

दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है। मेरी ज़िंदगी में कहानियाँ बहुत कम हैं। मैंने सोचा था कि यह भी ज़िन्दगी भर दफ़न ही रहेगा, हॉट सेक्स स्टोरी पर आकर ऐसा लगा कि मुझे भी अपना सिक्रेट आपके सामने लाना चाहिए। मैं अमन हूँ, बिजनौर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। आज से छह महीने पहले दिल्ली गई थी। मेरे भाई का सैलून दिल्ली में था और मेरी भाभी एक ब्यूटी पार्लर में काम करती थी। मैं कुछ दिनों के लिए ही दिल्ली गई थी।

मैं आपको बताऊंगी कि मुझे चुदाई का क्या चस्का लगा। मैं पूरी कच्ची-कली थी, अभी अभी जवान हुई थी। मेरा शरीर पूरा नहीं भरा था पर चुदने लायक हो गई थी।

मैं लंबी गोरी थी, मेरे लंबे-लंबे बाल मेरे कंधों तक थे। मेरी चुचियाँ गदराई हुईं बहुत बड़ी नहीं पर ऐसा था कि एक हाथ में पूरी आ जाए। उसके ऊपर से मेरे चुच के निप्पल पिंक रंग की। मैं काफी गोरी थी। मैंने कई बार अपनी भाभी की चुदाई देखी, उनकी आवाज जो मदहोश करने वाली थी। जब मेरा भाई चोद नहीं पाता तो उसकी आवाज अलग होती थी और जब वो संतुष्ट होती तो उसकी आवाज अलग होती जैसे अगर मेरा भाई ज़ोर से नहीं चोदता तो मेरी भाभी कहती, “साले क्या कर रहे हो? ठोको ना, और ज़ोर से और ज़ोर से…” और जब वो संतुष्ट होती तो कहती, “यस्ससेसेसेस यस्ससेसेसेस हां बबी, मजा आया…”

मैं ये आवाज रोज़ रोज सुनती थी क्योंकि वो लोग अंदर वाले कमरे में सोते थे और मैं बाहर वाले कमरे में खिड़की खुली रखती थी। मैं ये आवाज सुन सुनकर पागल सी हो गई थी। जब भी मेरा भाई भाभी को चोदता, मेरी चुत गीली हो जाती थी। यहाँ तक कि कहिए कि मैं उंगली डाल-डाल कर खुद को शांत करती। अब धीरे-धीरे मेरा आकर्षण मर्दों में होने लगा। जब भी कोई लड़का या आदमी दिखता, ऐसा लगता कि मैं चुदाई कर जाऊँ। मैं बहुत ही कातिल भरी निगाह से देखती पर कुछ नहीं होता। कुछ दिन बाद ही, मेरे ऊपर वाले फ्लोर पर एक कपल आया, अभी-अभी उनकी शादी हुई थी। वो दोनों अकेले रहते थे। उनकी उम्र उस समय 22 की होगी। नाम था विनोद। ऊपर मैं जाने लगी जब विनोद काम पर जाता तो मैं उसकी पत्नी के पास बैठ जाती क्योंकि मेरे घर में भी दिन को कोई नहीं रहता और वो विनोद की पत्नी भी नई-नई गाँव से आई थी।

Hot Sex Story :  Teen TV serial Actress Saheliyon ki Chudai or Pregnancy

धीरे-धीरे आना जाना हो गया विनोद को मैं भाई कहती और उनको भाभी। विनोद मुझे अमन कहते। मैं मुस्लिम फैमिली से थी तो थोड़ा पर्दा में रहना होता था। जब मेरे भाई और भाभी आते तो बहुत सावधानी से रहती थी और जब वो लोग नहीं होते तो खुले रहती थी। एक दिन की बात है, विनोद की पत्नी किसी रिश्तेदार के पास दिल्ली में रहती थी। उनकी शादी में गई थी 2-3 दिन के लिए और विनोद का ऑफिस मेरे कमरे के पास ही था। वो रोज़ खाना खाने आते थे ऑफिस से इस तरह रोज़ की तरह दिन में खाना खाने आ गए। मैं उनके यहाँ गई और थोड़ा हंसी मजाक चलने लगा। कब हम दोनों एक-दूसरे की प्राइवेट पार्ट को छूने लगे पता ही नहीं चला। वो मेरी छोटी-छोटी चुचियों को मसल देते, मैं भी उनके पेट में चुट्टी काट लेती। ये सिलसिला चलने लगा। मुझे ये सब अच्छा लग रहा था और मर्द को तो चुदने मिल जाए तो उसकी बात ही कुछ और हो जाती।

तब उन्होंने फोन किया ऑफिस की मैं आज ऑफिस नहीं आ पाऊंगा, मुझे कहीं जरूरी जाना पड़ा गया। मैं समझ गई, ये आज मुझसे काफी मस्ती करने वाला है। मैं भी खुश थी कि आज मैं भी अपनी वासना की आग को बुझा लूंगी। वो फिर मेरी चुचियों को मसल दिए, मैं फिर से उनके पेट में चुट्टी काटती। अब उन्होंने मेरे चुत को समझ के अंदर हाथ डालकर पकड़ लिया। मेरा तो रोम-रोम सिकहर गया था। मुझे काफी अच्छा लगा। मैं अब उनके आँचल में खोने के लिए तैयार थी। मैं थोड़ा चिल्लाकर अलग हो गई पर अगले ही पल मैं उनके गोद में जाकर बैठी। उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मेरी चुचियों को और पीठ को और पेट को सहलाया। मेरे तो रोम-रोम सिकहर गए, मैं पागल हो चुकी थी। मैं उनके बिस्तर पर लेट गई।

Hot Sex Story :  अंकल का साँप और मेरा बिल

उन्होंने एक बात पूछी अमन क्या तुम मुझे देगी? मैंने जल्दी से कहा हां पर ज़ोर से मत लो। इतना कहते ही उन्होंने मेरे नाड़े खोल दिए। मैं उस समय पैंटी नहीं पहनती थी और ना ही ब्रा पहनती थी। फिर उन्होंने मेरे सामंज को ऊपर कर दिया, मेरे पैर को अलग करके मेरे चुत  को देखने लगे। मेरी चुच में बाल नहीं थे अभी ठीक से उग नहीं था थोड़ा था भी तो वो सुनहले रंग का था। उन्होंने मेरे चुत को दोनों उंगलियों से थोड़ा अलग किया और बोला, “अरे यार अंदर तो लाल है।” मैं वर्जिन थी आज तक मैंने किसी से भी नहीं छुआ था। मेरा शरीर में करंट दौड़ रहा था। वो मेरे चुत को सहलाने लगे और उंगली डालने लगे। मैं जल्दी थी क्योंकि डर था कोई आ जाए। मैंने कहा, “जलिम देर क्यों कर रहे हो?”

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

तब उन्होंने अपना मोटा लंड निकाल लिया और थोड़ा मुंह से थूक हाथ में लेके अपने लंड पर लगा के गिला कर दिया। मुझे लगा कि मेरी चुत तो अब भी काफी छोटी है और लंड काफी मोटा है मैं कैसे सहूंगी तो मैंने फिर से कहा ज़ोर से मत डालना। उन्होंने मेरे पैर को अलग किया और अपना मोटा लंड मेरे चुत के मुंह पर रखा और फिर से थूक लगाया और कस के अंदर की ओर धक्का दिया। मैं चीख उठी मेरी चुत फट चुकी थी अब मैं वर्जिन नहीं थी। दर्द से कराह रही थी। उन्होंने दोबारा धक्का दिया और फिर अंदर चला गया। मैं और भी दर्द से बची हुई थी। उन्होंने मेरी चुचियों को सहलाया और अपने मुंह में ले लिया और हल्के-हल्के लंड को अंदर बाहर निकालने लगे।

Hot Sex Story :  नीलू की एक रात की कीमत-2

करीब 5 मिनट बाद मुझे भी आनंद का एहसास होने लगा। मैं अब चुद रही थी, वो पहली चुदाई का एहसास काफी अच्छा था। करीब 15 मिनट तक चोदने के बाद वो झड़ गए। मैं उस समय से ख़ुश-खुश महसूस कर रही थी। पहली चुदाई का। पर जब मैं दोबारा चुदाई करने लगी तो मजा आया। अब तो मैं रोज़ रोज़ चुदाई कर रही हूँ। अब तो जन्नत के आसपास लगता है चुदाई। अब मैं कच्ची-कली नहीं हूँ, मैं चुद चुकी हूँ।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी? आप ज़रूर बताएं। अगर हो सके तो आप अपनी फेसबुक पर शेयर करें। मैं चाहती हूँ कि मेरी कहानी सब लोग पढ़ें।