मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की मम्मी को चोदा
पढ़ें एक सच्ची और हॉट सेक्स कहानी जिसमें रॉकी ने अपनी गर्लफ्रेंड स्मिता से ब्रेकअप के बाद उसकी मम्मी संगीता को चोदा। संगीता की भरी हुई फिगर और प्यासी चूत की कहानी जो आपको बेकाबू कर देगी। पूरी डिटेल्स के साथ ये देसी सेक्स स्टोरी यहाँ पढ़ें।
हाय दोस्तों, मेरा नाम रॉकी डायस है और ये मेरी जिंदगी की एक सच्ची और हॉट कहानी है। ये कहानी उस औरत के बारे में है जिसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद चोदा—उसकी मम्मी, संगीता। मैं 27 साल का हूँ, जवान, हट्टा-कट्टा और हमेशा से थोड़ा शरारती। मेरी गर्लफ्रेंड स्मिता 25 की थी, खूबसूरत और मॉडर्न, लेकिन हमारे बीच कुछ गलतफहमियों ने तीन साल का रिश्ता तोड़ दिया। और फिर जो हुआ, वो मेरे लिए जिंदगी का सबसे हसीन हादसा बन गया।
स्मिता के घर मैं अक्सर जाता था। उसकी मम्मी संगीता और उसका भाई मुझे अच्छे से जानते थे। संगीता एक ऐसी औरत थीं जिन्हें देखकर कोई भी मर्द पागल हो जाए। गोरी-चिट्टी, भरा हुआ बदन, भारी-भारी गांड जो चलते वक्त लचकती थी, और वो बूब्स—हाय, क्या बताऊँ! जब वो साड़ी पहनतीं या गाउन में घर में घूमतीं, तो उनका हर अदा मुझे बेकाबू कर देता। वो जब झुकतीं, तो उनके क्लीवेज की झलक मेरे दिल में आग लगा देती। मैं घंटों उनके बारे में सोचता, उनकी नंगी तस्वीरें दिमाग में बनाता और बाथरूम में मुठ मारकर अपनी प्यास बुझाता। लेकिन स्मिता के रहते मैं कुछ कर नहीं सकता था।
फिर एक साल पहले स्मिता से मेरा झगड़ा हुआ—बड़ा वाला। गालियाँ चलीं, आंसू बहे और हमारा रिश्ता खत्म। स्मिता ने फैसला किया कि वो विदेश जाकर पढ़ाई करेगी और वो चली गई। अब घर में सिर्फ संगीता और उनका बेटा बचे थे। उनके पति हमेशा बिजनेस के सिलसिले में बाहर रहते थे, तो संगीता अकेली थीं—और शायद प्यासी भी।
एक दिन उनका फोन आया। उनकी आवाज़ में दर्द था, “रॉकी, स्मिता के साथ क्या हुआ? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। घर आ जाओ, बात करते हैं।” मैंने हाँ कहा और दोपहर 2 बजे उनके घर पहुँच गया। दरवाजा खुला तो संगीता सामने खड़ी थीं—एक चमकदार सिल्वर गाउन में, जो उनके जिस्म को ढके हुए था, लेकिन हर कर्व को उभार रहा था। घर में कोई नहीं था। हम ड्रॉइंग रूम में बैठे, बातें शुरू हुईं। स्मिता का जिक्र आया, मेरी आँखें नम हुईं और संगीता भावुक हो गईं। अचानक उन्होंने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया।
उनके मुलायम बूब्स मेरी छाती से दबे, उनकी साँसें मेरे गालों पर लगीं। वो मेरे माथे को चूमने लगीं, मेरे गालों को सहलाने लगीं। मेरे अंदर आग भड़क उठी। मेरा लंड मेरे बॉक्सर्स में सख्त होने लगा, जैसे अब बस बाहर आने को बेताब हो। वो चाय बनाने किचन चली गईं। मैं उनके पीछे गया, उनकी लचकती गांड को देखता रहा। वो गैस के पास खड़ी थीं, और मैंने सोच लिया—आज मौका है।
मैंने पीछे से उन्हें जोर से पकड़ लिया। मेरे हाथ उनके नरम पेट पर फिसले, ऊपर की तरफ बढ़े और हल्के से उनके बूब्स को छू लिया। वो चौंकीं, “रॉकी, ये क्या कर रहे हो?” मैंने कुछ नहीं कहा, बस उनकी कमर को और कस लिया। फिर मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स को धीरे-धीरे दबाना शुरू किया। वो गुस्सा हो गईं, “बाहर जाओ!” मैं उदास होकर बेडरूम में चला गया, बेड पर बैठा और सोचने लगा कि शायद मेरा सपना अधूरा रह जाएगा।
थोड़ी देर बाद वो आईं। उनकी आँखों में सवाल थे। “रॉकी, ये सब क्या था?” मैंने हिम्मत करके सच बोल दिया, “आंटी, मैं आपके बारे में सोचता हूँ। आपके जिस्म को देखकर कंट्रोल नहीं होता। मैं आपको चोदना चाहता हूँ।” वो चौंक गईं, “ये गलत है, तुम स्मिता के बॉयफ्रेंड थे!” मैंने कहा, “अब नहीं हूँ। स्मिता चली गई, और मेरी चाहत आपको पाने की है।” वो मना करती रहीं, लेकिन उनकी आवाज़ में वो ताकत नहीं थी। मैं निराश होकर जाने लगा।
तभी उन्होंने मुझे बेडरूम में बुलाया। मैं अंदर गया तो वो बेड पर बैठी रो रही थीं। मैंने पूछा, “क्या हुआ?” वो बोलीं, “रॉकी, मेरे पति मुझे कभी तसल्ली नहीं देते। वो बस मुठ मारते हैं और मुझे अधूरा छोड़ देते। मैं सालों से प्यासी हूँ।” मेरे दिल में उनके लिए दया भी जगी और आग भी भड़की। मैंने उन्हें गले लगाया, उनके माथे को चूमा, उनकी पीठ सहलाने लगा। फिर धीरे से उनके कान के पास होंठ ले गया, उनके ईयरलोब्स को चाटा। वो सिहर उठीं।
मैंने एक हाथ उनके भारी बूब्स पर रखा और उनके रसीले होंठों को चूम लिया। हमारा किस गहरा होता गया—10 मिनट तक हम एक-दूसरे की जीभ चूसते रहे, लार मिलाते रहे। फिर मैंने उनका गाउन ऊपर उठाया, उनकी ब्रा के ऊपर से बूब्स दबाए। वो सिसक रही थीं। मैंने गाउन उतारा—वो व्हाइट ब्रा और ब्लैक पैंटी में थीं, जैसे कोई हॉट मॉडल। उन्होंने मेरी पैंट खींची, मेरा 7 इंच का लंड बाहर आया। वो देखकर मुस्कुराईं, “इतना बड़ा? मेरे पति का तो आधा भी नहीं।”
उन्होंने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगीं। उनकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर नाच रही थी, उनकी स्ट्रोक्स तेज़ होती गईं। 15 मिनट तक उन्होंने मुझे ऐसे चूसा कि मैं उनके मुँह में झड़ गया। उन्होंने सारा वीर्य चाट लिया, एक बूंद भी बर्बाद नहीं की। अब मेरी बारी थी। मैंने उनकी ब्रा उतारी, उनके गोल-मटोल बूब्स को जोर से चूसा, निप्पल्स को दाँतों से काटा। वो “आह्ह… रॉकी…” कहकर सिसक रही थीं।
फिर मैंने उनकी पैंटी खींची। उनकी चूत गीली थी, रस से भरी। मैंने जीभ डाली और चाटने लगा। उनका नमकीन स्वाद मेरे मुँह में घुल गया। वो चिल्लाईं, “बेटा, मेरी चूत की प्यास बुझा दे, सालों से ये सूखी पड़ी है।” मैंने स्पीड बढ़ाई, वो मेरे मुँह पर झड़ गईं। मैंने उनके रस को चखा—मजा आ गया। फिर वो बोलीं, “अब और मत तड़पाओ, अपना लंड डाल दो। मेरी चूत को फाड़ दो।”
मैंने अपना सख्त लंड उनकी चूत में ठूँसा। वो जोर से चीखीं, “आह्ह… धीरे…” लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने जोर-जोर से धक्के मारे, उनकी चूत टाइट थी, गर्म थी। वो “उम्म्ह… आह्ह…” की आवाज़ें निकाल रही थीं। 15 मिनट तक मैंने उन्हें चोदा, फिर उनकी चूत में झड़ गया। हम दोनों पसीने से तर, नंगे एक-दूसरे के ऊपर लेट गए। 2 घंटे बाद जब मैं उठा, तो उन्होंने मुझे गले लगाया और बोलीं, “रॉकी, फिर आना। मेरी प्यास अभी पूरी नहीं हुई।”
जाते वक्त उन्होंने मेरे होंठ चूमे। अगली बार मैंने उनकी गांड मारी—वो कहानी बाद में बताऊँगा। आपको ये कहानी कैसी लगी, अपने कमेंट्स जरूर बताएं!