Sali Sex

जीजू ने मुझे घर में अकेले पाया तो कसकर चोद लिया

मैं रजनी तिवारी, आप सभी का स्वागत hotsexstory.xyz पर करती हूँ। दोस्तों, मैं 25 साल की एक जवान और चुभने लायक शक्ल वाली लड़की हूँ। मैं दिल्ली के सैनिक फार्म्स में रहती हूँ। पिछले कुछ सालों से जबसे मैंने hotsexstory.xyz पर रसीली कहानियाँ पढ़नी शुरू की हैं, तब से मुझे एहसास हुआ है कि जिंदगी में चुदाई न हो तो वो कितनी बेकार, बोरिंग और रंगहीन हो जाती है। इसलिए मैं अपने जीजू से पट गई थी और कई बार चुदाई भी कर चुकी हूँ।

मेरा जीजू दिल्ली के मथुरा रोड पर स्थित मर्सिडीज कार शोरूम का मैनेजर है। वो एमबीए है, अहमदाबाद से आईआईटी पास किया है और उनका पैकेज 60 लाख रुपये है। इसलिए वो बहुत पैसे कमाते हैं और मेरे ऊपर भी बहुत पैसे बरसाते हैं। एक दिन जीजू ने कहा कि चलो तुम्हें फिल्म दिखाता हूँ, वो मुझे पीवीआर साकेत मॉल ले गए और उन्होंने किसी विदेशी एडल्ट फिल्म के टिकट खरीद लिए। उस फिल्म में शुरू से अंत तक बस गर्म गर्म चुदाई वाले ही सीन थे। जीजू ने सिनेमा हॉल में ही मेरे 34 इंच के बड़े-बड़े मम्सों को जीभ से चूसा और जन्नत का मजा लिया, फिर वो मुझे एक रेस्टोरेंट में खाना खाने ले गए, हम दोनों ने जीभ भरकर खाना खाया।

जीजू ने अपनी कार पार्किंग में अँधेरे में पार्क की थी। उन्होंने अंधेरा देखकर दिमाग में मुझे चोदने का मस्त प्लान बना लिया।

“ऐ…रजनी चल तेरी कार में चुदाई करता हूँ!!” जीजू बोले

“क्या…जीजू…नहीं यहाँ पर नहीं!!” मैंने कहा

पर वो नही माने। पेड़ के नीचे हम दोनों की कार पार्क थी, वहाँ बहुत अंधेरा था। जीजू ने मुझे कार के अंदर बैठा लिया और मेरे मम्सों को छूने लग गए। मैं बाहर से नहीं जीजू…नहीं जीजू….बोल रही थी, पर असलियत में मैं भी चुदना चाहती थी। मैंने एक माल से पीला बहुत सुंदर टॉप और डेनिम जींस खरीदी हुई थी, इस वक़्त मैंने वही पीला टॉप और जींस पहनी थी। धीरे-धीरे जीजू मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरे मस्त मस्त दूध दबाने लग गए और मेरी चूत पर सहलाने लग गए। कुछ देर बाद मैंने पाया कि जीजू मेरे पीले रंग के टॉप को निकाल चुके थे और मेरी ब्रा भी उन्होंने निकाल दी थी। कार की बैकसीट पर उन्होंने मुझे लिटा दिया था और मेरी नंगे, बड़े-बड़े फूलों वाले और गोले दूध वो बड़े मजे से पी रहे थे। मेरी चुच्ची उनके मुंह में थी, उसे उन्होंने कसकर हाथ से पकड़ रखा था और दबा-दबाकर मेरे दूध पी रहे थे और जन्नत का मजा ले रहे थे।

मैं प्लीससससस…जीजू…….प्लीससससस……उ उ उ….मुझेझेझेझेझे…कसकर चूसो मेरे आमममम …उ उ उ उ उ……अअअअअ” मैं चिल्ला रही थी। आज जीजू फुल मूड में थे। मैं सब जानती थी, आज वो मुझे किसी माल की तरह चोदना चाहते थे, मेरे भोसड़े में वो अपना लंड डालकर मुझे कसकर कूटना चाहते थे। मैं ये बात अच्छी तरह से जानती थी। हम दोनों उस रेस्टोरेंट के कारपार्किंग में अँधेरे में मजे ले रहे थे। जीजू की हौंडा असेंट कार बहुत ही मस्त थी और सीट बहुत लंबी और बड़ी थी। भूरे रंग का मखमली लेदर सीट मैं लेटी हुई थी, जीजू ने कुछ देर बाद मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया और मेरी जींस और टॉप निकाल दिया, फिर मेरी ब्रा और पैंटी भी निकाल दी। मैं बहुत गर्मी हो गई थी और चुदना चाहती थी। फिर मेरे प्यारे जीजू ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और पूरी तरह से नंगे हो गए।

मैंने उनका ८” का मोटा और ताकतवर लौड़ा साफ़-साफ़ देखा। जीजू का मोटा लौड़ा मुझे चोदना बेताब था। फिर वो मेरे नंगे मम्सों को मुंह में लेकर पीने लग गए और मजे माड़ने लग गए। मैं बहुत चुदासी हो गई थी और जल्दी से चुदवाना चाहती थी। मैं अई…अई…अई…अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की मीठी मीठी आवाजे निकाल रही थी। जीजू तो किसी बेकरार आदमी की तरह मेरे दोनों मम्सों को मजे लेकर चूस रहे थे। फिर वो मेरी चूत पर आ गए और उसे मजे से पीने लग गए। वो बार-बार किसी चुदाई वाले कुत्ते की तरह लपर लपर करके मेरी चूत पीते रहते थे। कुछ ही देर में मैं बहुत जादा गर्मी हो गई। मेरी चूत जो पहले काफी कड़ी और सख्त थी, वो अब काफी नर्म हो गई थी।

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उम्म्मम्म..जीजू ने मेरी बुर को बड़े प्यार से चाटा था, सायद तभी मेरी बुर इतनी गीली और तर हो गई थी। मैंने देखा कि मेरी चूत से माल निकल रहा था, सफ़ेद सफ़ेद गाढ़ी क्रीम मेरी चूत से निकल रही थी, जिससे जीजू मजे लेकर पी रहे थे। शायद मेरी दीदी को भी वो इसी तरह बुर चाट चाटककर चोदते होंगे, मैं सोचने लगती थी। फिर जीजू मेरे चूत के दाने को दाँत से पकड़कर खींचने लग गए, तो मैंने अपनी गांड उठा दी। कुछ देर बाद जीजू ने उस कार पार्किंग के अधेर में ही अपनी कार में मेरी रसीली चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लग गए। मुझे बहुत मजा आ रहा था। बड़ी मीठी मीठी नशीली रगड़ वो मेरे भोसड़े में दे रहे थे। मैं तो ताजुब कर रही थी कि छोटी सी चूत में आखिर इतना बड़ा लौड़ा कैसे जाता है??…यहही मैं बार बार सोच रही थी।

पर शायद चुदाई का करिशमा उपर वाले ने ही बनाया था, जो इतनी छोटी सी बुर में ८ ८ १० १० इंच के लौड़े आराम से चलते हैं और लडकी को कस कसके चोदते हैं। जीजू मुझे पकापक चोदते रहे। उस रात जीजू ने मुझे कार पार्किंग में डेढ़ घंटे चोदा और मेरी गांड माड़ी। फिर हम दोनों अपने-अपने कपड़े पहन कर घर आ गए थे। जब मेरी दीदी ने पूछा कि इतनी देर कहाँ रहे हो तो जीजू ने कहा कि कुछ दोस्त मिले थे। इसतरह मैं अपने जीजू से पट चुकी थी और कई बार चुद चुकी थी।

दोस्तों, कुछ दिनों बाद रक्षाबंधन का त्यौहार आया तो मेरी दीदी और जीजू मेरे घर आने वाले थे। जब मेरी मम्मी ने बताया कि दीदी और जीजू आ रहे हैं तो आज फिर से इतने महिने बाद मेरा चुदवाने का दिल करने लगा। आज ७ अगस्त था और आज ही रक्षाबंधन था। कुछ देर में मेरी दीदी और जीजू मेरे सैनिक फार्म्स वाले बंगले पर आ गए। मेरी दीदी ने मेरे भाई के राखी बाँधी। कुछ देर बाद मेरी माँ, दीदी और भाई मार्केट सामान खरीदने चल गए। अब घर पर मैं और जीजू अकेले थे। जैसे ही मेरी मम्मी, दीदी और भाई चल गए, जीजू ने मुझे पकड़ लिया।

“रजनी!!….मेरी साली! तुमको चोदे हुए ८ महिने से जादा हो गया है। आज तो मुझे हर हालत में तुम्हारी चूत मारनी है!!” जीजू बोले

मैंने शर्माने लग गयी। उन्होंने मुझे पकड़ लिया और बेडरूम में ले गए। जीजू मुझे मेरी माँ के बेडरूम में ले आयें। इसी कमर में, इसी बेड पर मेरी माँ रोज़ पापा से मजे से चुदवाती थी, और आज मैं जीजू से इसी बेड पर चुदने वाली थी। धीरे-धीरे जीजू ने मुझे छूना और किस करना शुरू कर दिया।

“जीजू!!…आप नही जानते पर मैं भी आपसे चुदना चाहती हूँ!!…आप ने उस दिन रेस्टोरेंट की कार पार्किंग में मेरी क्या मस्त चुदाई की थी। जीजू मैं पुरे महिने सिर्फ आपके बारे में ही सोच रही थी। सच में आपका लंड बहुत बड़ा और रसीला है!!” मैंने कहा

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“रजनी…..मेरी साली!! कभी अपनी दीदी से पूछना। सारी सारी रात वो मेरा मोटा लौड़ा खाती है और मजे से चुद्वातती है!!” जीजू बोले

“……तो फिर ठीक है जीजू……आप आज मुझे इस तरह चोदो जैसे आप दीदी को पेलते है!!” मैंने कहा

“ओके रजनी…..पर अगर तुमको मेरी ठुकाई अच्छी लगती है तो तुम मुझे गांड दोगी!!” जीजू बोले

“डन!!” मैंने कहा

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उसके बाद उन्होंने मेरा सलवार सूट निकाल दिया। हर बार वो ही मुझे नंगा करते थे, पर इस बार मैंने ये किया। मैंने जीजू के शर्ट पैंट को निकाल दिया। उन्होंने बनियान नहीं पहनी थी। मैंने उनके अंडरवियर के उपर से ही उनके रसीले ८ इंच लंड को चूसने लगे। जीजू सफ़ेद चादर बिछी बेड में सीधा होकर लेट गये। मैं उनके दिल का हाल अच्छे से समझ रही थी। उनके काल्विन्स क्लिन के फ्रेंच अंडरवियर में उनका मोटा लौड़ा जाग चुका था और मेरी रसीली चूत मारना चाहता था। पर इस बार चुदाई के बेहद दिलचस्प खेल को मैं ही शुरू कर रही थी। मैं अपनी जीभ लगाकर अंडरवियर के उपर से जीजू का मोटा लौड़ा चूसने लगी। धीरे-धीरे लौड़े के माल से उनका अंडरवियर भीगने लगा और माल के निशान उसमे पड गये। कुछ देर बाद मुझसे खुद बर्दास्त नही हुआ, तो मैंने जीजा की काल्विन्स क्लिन वाली फ्रेंची उतर दी और मोटे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।

वो धीरे-धीरे मस्त हो गये थे। ओह्ह्ह यस…..रजनी तुम अच्छा लौड़ा चूस रही हो…..कमोंन सक इट!!’ जीजू बोले

मैंने उनके बगल बैठकर उनपर झुक गयी थी और लंड को चूस रही थी। इतना बड़ा लंड मैंने आजतक नही देखा था, और सिर्फ ब्लूफिल्मो में देखा था। मेरी दीदी हर रात जीजू से कैसे चुदवाती होंगी मैं सोचने लगी। जरुर दीदी को बहुत मजा मिलता होगा। ये सोचकर मैंने जीजू का मोटा लंड मुंह में भर लिया और मस्ती से चूसने लगी। मैं गलै तक लंड लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगी। कई बार तो मुझे साँस ही नही आ रही थी, पर जैसा भी था जीजू का मोटा सांड जैसा लंड चूसने में मजा बहुत मिल रहा था। आज रक्षाबंधन के सुअवसर पर आज मैं फिर से चुदने वाली थी।

मैंने आधे घंटे तक जीजू का लौड़ा और उनकी गोलीयां मजे से चूसी। फिर खुद ही उनकी कमर पर बैठ गयी। जीजू ने मुझे हल्के से उपर उठाया और मेरे भोसड़े में अपना ८” लम्बा लौड़ा डाल दिया। मैं लंड को चूत में लेकर जीजू की कमर पर बैठ गयी और उचल उचल कर चुदवाने लगी। इसी तरह की ठुकाई की तकनीक मैंने एक ब्लू फिल्म में देखी थी। धीरे-धीरे मेरी कमर खुद ही अपने आप किसी नागिन की तरह नाचने लगती थी और मैं मजे से चुदने लगती थी। जीजू ने मेरे मस्त मस्त नर्म नर्म पुट्ठो को बड़े प्यार से सहला रहे थे और मुझे चोद रहे थे। फिर उन्होंने अपना सीधा हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और नीचे से पट पट करके जोरदार धक्के मेरी चूत में मारने लगे, उनका मोटा पहलवान वाला लंड मेरी चूत को किसी मशीन की तरह जल्दी जलदी चोद रहा था। मैं पूरी तरह से नंगी थी, मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था, मेरा बदन चुदते चुदते थरथरा रहा था जैसे कोई फोन घू घू वाईब्रेट होता है। जीजा अपने सीधे हाथ से मेरा चिकना कन्धे पकडकर मेरे बदन पर अपनी पकड़ बनाए हुए थे और कसकर मुझे चोद रहे थे। “ओह्ह्ह्ह फक मी हार्डर…जीजू….ओह्ह्ह यसससस….कमोंन फक मी हार्ड!! ओह्ह माई गॉड….यसससससस यस!!” मैं इस तरह से किसी बिच(रंडी) की तरह जोर जोर से चिल्ला रही थी।

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मेरे जीजू ६ फुट के लम्बे चौड़े ताकतवर पर्सनालिटी के लम्बे चौड़े आदमी थे। मैं ५० किलो वजन की मस्त माल थी, पर जीजू इतने ताकतवर आदमी थे की उनके लौड़े पर मैं किसी हल्के फूल की तरह उचल रही थी। मेरा ५० किलो का भार वो आराम से उठा रहे थे और मुझे उछाल उछालकर मुझे कस कसके चोद रहे थे। मैं पूरी तरह से नंगी थी और उनका मोटा लंड अपनी योननी में लिए बैठी थी। कुछ देर बाद जीजू ने तेज धक्कों के बीच अपना माल मेरी बुर में छोड़ दिया। मैं उनपर लेट गयी और वो मेरे होठ पीने लगे।

“ऊँ….आह्ह्ह्ह …रजनी……मेरी साली…आज तुमने मुझे खुलकर चूत दे दी!! अब बोलो गांड दोगी की नही???”जीजू मेरे चिकने गाल को चुमते हुए बोले

मैं कुछ देर तक कुछ नही बोली क्यूंकि मैं उनके होठ पी रही थी। उनके हाथ अपने भी मेरी सफ़ेद जूस्री दूध पर थे, वो आज मुझे चोदकर मेरे साथ सुहागरात मनाना चाहते थे। मैं ये बात जानती थी। कुछ देर बाद मैंने अपना मुंह जीजू के मुंह से हटा लिया।

“अरे!! जीजू…….जब आज तुमने मुझे चोद चोदकर इतना मजा दिया है तो मैं तुमको गांड क्यों नही दूंगी!!….आज तुमको छूट है। रक्षाबंधन के मौके पर आज मार लो मेरी गांड!!” मैंने जीजू को फेस्टिवल ऑफर दिया जैसे वो अपनी कंपनी में लोगो को त्यौहार पर कार खरीदने में फेस्टिवल ऑफ़र देते हैं। उसके बाद जीजू बहुत खुश हो गये। उन्होंने मुझे बेड पर नीचे उतार दिया। उनके कहनेनुसार मैंने फर्श पर दोनों पैर रखकर बेड पर लेट गयी। मैं बेड पर लेती थी, पर मेरे दोनों पैर जमीन पर थे। जीजू ने मेरी चूत के नीचे एक नर्म तकिया लगा दी थी। मेरी गांड उनको साफ़ साफ़ दिख रही थी। फिर वो जमींन पर बैठकर मेरी गांड का छेद पीने लगी। मैं पैर नीचे करके लेती हुई थी। जीजू से ५० मिनट मेरी गांड का छेद पिया और जीभ लगाकर चूस। फिर लंड गांड के बहुत बारीक सुराख में रखकर एक जोर का धक्का मारा। जीजू का ८” लौड़ा पूरा का पूरा मेरी गांड में उतर गया, मैं रोणे लगी, मेरी गांड में बहुत जादा दर्द हो रहा था। पर जीजू नही माने और २ घंटे तक बिना रुके उन्होंने मेरी गांड चोदी। उस दिन के बाद से हर त्योंहार में मैं अपने जीजू से चुदवाती हूँ। कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स hotsexstory.xyz पर जरुर दें।