हिंदी सेक्स स्टोरी

जंगल में गांड की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, जंगल में चुदाई का अपना ही मज़ा है. मर्दो को अगर जंगल की तन्हाई मिल जाए और ऊपर से मस्त बदन वाली औरत का साथ हो जाए तो सोने पर सुहागा समझो, नीचे हरी-हरी घास और मुँह नर्म-नर्म झांटो पर मज़ा ही मज़ा और नशा ही नशा. जंगल में वैसे भी मस्ती चढ़ने लगती है. राकेश के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जो उसने मुझे बताया था, अब आप भी सुनिए उसकी मस्ती की दास्तान. राकेश गर्मियों की छुट्टियों में ननिहाल गया था, उसके गाँव के पास जंगल है, वो पहाड़ी इलाक़ा है.

फिर जब एक रोज वो जंगल में घूमता हुआ कुछ दूर चला गया तो उसने देखा कि एक 27 साल की गोरी भरे बदन वाली औरत पहाड़ी नदी पर नहा रही थी, तो वो पेड़ के पीछे छुप गया और उस औरत को नहाते हुए देखने लगा. वो मस्त औरत बहुत गोरी थी जैसे दूध से नहाई हो और उसकी दोनों चूचीयाँ मस्त बड़ी-बड़ी आधा किलो की मस्ती से भरी थी, वो बेफ़िक्र होकर नहा रही थी और उसे क्या पता था कि कोई उसके जवान मस्त हुस्न का मज़ा ले रहा है?

फिर राकेश ने देखा कि वो औरत अपनी दोनों चूचीयों पर ठंडा पानी डालकर रगड़ रही थी. फिर उसने अपना पेटिकोट उतारा और धोने लगी. अब उसकी पीठ राकेश की तरफ थी, तो राकेश ने उसके चूतड़ पर जी भरकर नजर डाली. अब मस्त मुलायम गोरे चूतड़ देखकर राकेश का जी भर आया कि उसकी तुरंत गांड मारी जाए, लेकिन वो चुपचाप खड़ा रहा. अब उसका लंड भी उछल रहा था.

फिर उसने अपना एक हाथ अपनी पेंट के अंदर डालकर अपनी चड्डी के अंदर बैचेन होते लंड को पकड़ा. अब वो औरत सामने अपनी टांगे फैलाकर बैठ गई थी और अपनी चूत को धोने लगी थी. अब वो बार-बार अपनी चूत में उंगली डालकर उसकी सफाई कर रही थी.

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अब राकेश से सहन नहीं हो रहा था तो वो तुरंत धीरे से उस औरत के पास पहुँच गया. फिर उस औरत ने जैसे ही राकेश का खुला लंड देखा, तो वो थोड़ी सी शरमा गई और अपने दोनों हाथों से अपनी चूचीयाँ छुपाने लगी. फिर राकेश बोल पड़ा कि शर्मा मत मेरी रानी, तुम्हें नंगा नहाता देखकर मेरा लंड तेरी गर्म गुलाबी चूत में जाने को मचल रहा है, में तुझे पैसा दूँगा बस मुझे अपनी चूत और गांड मार लेने दो और राकेश ने उससे विनती की, पैसे की ताक़त जो ना करा दे. वो औरत थोड़ी गरीब थी और पैसा भी चाहती थी, तो वो तैयार हो गई और बोली कि यहाँ जंगल में कौन आयेगा? मेरे राजा आजा मेरी गांड बजा जा. फिर राकेश को जोश आ गया और वो तुरंत लपककर उस नंगी नहाती औरत से लिपट गया.

फिर राकेश ने अपने कपड़े उतार फेंके और उसे पानी से बाहर हरे घास के मैदान पर सीधा लेटा दिया, सही था जंगल में जी भरकर चुदाई करो वहाँ कौन देखने वाला था?

अब राकेश अपनी जीभ बाहर निकालकर उस औरत के जिस्म से टपकता पानी चाट रहा था. अब राकेश को वो पानी शराब की तरह नशीला लग रहा था. फिर राकेश लप-लप करके अपनी जीभ से होंठो से नीचे जाँघो तक, झांटो के पानी से चूची तक और पीछे पीठ से चूतड़ तक का सारा पानी चाटकर सूखा रहा था. अब उसने उस औरत की गोरी जांघे पूरी फैला दी थी, जिससे उसकी गुलाबी चूत का छेद गोल-गोल सामने से नजर आने लगा था.

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फिर राकेश अपने दोनों हाथों से उसकी चूचीयाँ दबाता हुआ नीचे लेटकर अपनी जीभ से उस औरत की चूत को चाटने लगा और अपने अंगूठे से उसकी चूत का लहसुन रगड़ रहा था. अब राकेश ने अपनी दोनों उंगलियों से उसकी चूत की दोनों फांको को चौड़ा कर दिया था, ताकि चूत का मक्खन आराम से चाटा जा सके.

फिर राकेश ने अंदर तक उसकी गर्म चूत में अपनी जीभ डालकर रसपान करने के बाद राकेश ने उसकी काली टाईट गांड के छेद की और रुख़ किया और उसमें अपनी उंगली डालने की कोशिश सफल होने के बाद उसने उसकी गांड चाटी. फिर राकेश ने उस औरत को पलटकर पेट के बल लेटा दिया, ताकि उसकी गांड फैल जाए.

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फिर राकेश ने अपने खड़े लंड पर थूक लगाकर अपना सुपाड़ा चिकना करते हुए उसकी गांड पर रखकर ज़ोर लगाने लगा, तो थोड़ी मेहनत के बाद राकेश को सफलता मिली.

अब राकेश का लंड उस औरत की गर्म गहराई में मक्खन की तरह उतर गया था. अब राकेश उसकी गांड में धक्के लगाने के साथ-साथ उस औरत की चूचीयाँ भी दबाता जा रहा था. अब मस्ती से उस औरत का चेहरा कमल सा खिल गया था. अब राकेश को भी जन्नत नजर आ रही थी. अब राकेश का मोटा लंबा 7 इंच का लंड रोड सा उसकी गांड में वैसे ही घुस गया था जैसे तंबू गाड़ने के लिए डंडा लगाते है.

फिर राकेश नीचे लेट गया और उस औरत को ऊपर खींच लिया. अब राकेश को नीचे से अपना लंड चलाने में आसानी हो रही थी. अब वो औरत भी आह, आह करके मस्त हो रही थी. फिर राकेश ने उसे सीधा किया और उसकी चूत को चीर डाला, ताकि उसका खड़ा लंड आराम से उसकी चूत में अंदर बाहर आ जा सके. अब उसकी चूत गांड होकर बहुत प्यारी लग रही थी.

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अब राकेश कभी झट से अपना लंड डालता तो कभी बाहर निकालकर उसकी चूत के ऊपर रगड़ता. फिर थोड़ी देर तक चुदाई करने के बाद राकेश ने अपने लंड को कसकर अंदर पेला और जल्दी-जल्दी अपना लंड हिलाने लगा. अब साफ पता चलता था कि उसे मालूम हो रहा था कि अब उसके लंड से वीर्य का फव्वारा चलने वाला है. अब गप-गप टक-टक की आवाज़ से जंगल में अजीब सी मस्ती म्यूज़िक बज रही थी. फिर राकेश ने जल्दी से उस औरत की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला और फिर उसकी जीभ बाहर करवाकर अपना वीर्य जल्दी से उस पर गिराने लगा. फिर राकेश ने झड़ने के बाद उस औरत को 100 रुपये दिए और घर आ गया.