हिंदी सेक्स स्टोरी: दोस्त की बीवी मेरी जान
पढ़ें संदीप की रोमांचक हिंदी सेक्स स्टोरी, जिसमें चंडीगढ़ के एक कुंवारे लड़के की अपने दोस्त की सेक्सी बीवी के साथ गुप्त अंतरंग मुलाकात की सच्ची कहानी है। प्यार, वासना और चुदाई से भरी यह कहानी आपको रोमांचित कर देगी।
हैलो दोस्तों, मेरा नाम संदीप है और मेरी उम्र 28 साल है। मैं स्मार्ट और हैंडसम हूँ और चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। अभी तक मैं कुंवारा हूँ। मैं एक फार्मा कंपनी में जॉब करता हूँ। मेरे पास एक कंप्यूटर ऑपरेटर की पोस्ट खाली थी।
एक दिन बॉस ने एक लड़के को भेजा और बोला, “ये तुम्हारे साथ काम करेगा।” मैं उसका नाम गुप्त रखूँगा, क्योंकि वो आज भी मेरे साथ काम करता है और ये स्टोरी भी पढ़ता है। मुझे पार्टियाँ देना बहुत पसंद है। मैं रोज़ शाम को किसी ना किसी के साथ ड्रिंक करने बैठ जाता था। धीरे-धीरे उस लड़के से मेरी दोस्ती पक्की हो गई और अब हम दोनों हर शाम साथ बैठने लगे।
जब भी वो मेरे साथ पीता, अपनी बीवी की बात करता और उसकी तारीफ़ करता रहता। वो बस उसी की बात करता था। हमेशा कहता, “मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूँ। एक दिन तुम्हें उससे ज़रूर मिलवाऊँगा।” मैं कहता, “ठीक है, कभी मिल लेंगे।” उस वक़्त मेरे दिल में कोई गलत ख्याल नहीं था।
फिर एक दिन वो अपनी बीवी को हिमाचल से ले आया और मुझसे बोला, “मेरे घर आना, मैं तुम्हें उससे मिलवाऊँगा।” मैंने कहा, “ठीक है।” शाम को मैं उसके घर गया। उसकी बीवी से मिला। मुझे उसकी एक चीज़ अच्छी लगी—उसकी आँखें। मैंने उसे गलत नज़र से नहीं देखा था। फिर मैं अपने घर चला गया।
एक शाम हमारा ड्रिंकिंग प्लान बना, लेकिन बाहर बहुत बारिश हो रही थी। उसने कहा, “आज मेरे घर पर ही पी लेते हैं।” मैंने पूछा, “तेरी बीवी गुस्सा तो नहीं करेगी?” उसने कहा, “नहीं।” फिर हम उसके घर गए। अभी हमने 3-4 पैग ही लिए थे कि मेरी नज़र सामने गई। उसकी बीवी मेरी तरफ़ पीठ करके खड़ी थी। मेरी नज़र उसकी गांड पर पड़ी। उसे देखकर मैं पागल हो गया। मेरा लंड एक झटके में खड़ा हो गया। बड़ी मुश्किल से मैंने खुद को कंट्रोल किया। फिर मैंने उसका फिगर देखा—32-30-36। उस दिन मैंने ठान लिया कि इसे चोदकर ही रहूँगा।
इसके बाद मेरा उसके घर आना-जाना शुरू हो गया। धीरे-धीरे वो भी मेरे साथ घुलमिल गई। एक दिन मैंने उसकी आँखों में देखा तो सब समझ गया—वो भी कुछ चाहती थी। लेकिन मुझे हिम्मत नहीं हुई कि उसे बोल दूँ।
एक दिन मैंने उसके घर पर ज़्यादा पी ली। मैंने सोच लिया कि आज उसे पकड़कर बोल दूँगा कि मैं उसके लिए पागल हो गया हूँ। लेकिन डर भी लग रहा था, क्योंकि मेरा दोस्त साथ था। फिर अचानक मेरा दोस्त दूसरे कमरे में गया। वो भी उसके पीछे चली गई, लेकिन जाते वक़्त उसने मुड़कर मुझे देखा। उसकी आँखों में एक कशिश थी।
मैंने जानबूझकर कहा, “भाभी जी, ज़रा टीवी देखना, ये ठीक नहीं चल रहा।” वो आई। मैंने हिम्मत की, उसे पकड़ा और जल्दी से किस कर दिया। वो घबरा गई और अंदर चली गई। मैं भी डर गया कि अब क्या होगा। फिर वो दोनों अंदर बातें करने लगे। मेरा दोस्त बाहर आया और बोला, “क्या यार, तूने अभी तक पैग नहीं बनाया?” ये सुनते ही मैं समझ गया कि मेरी बात बन गई। उस रात मुझे नींद नहीं आई। पूरी रात उसकी सेक्सी गांड के बारे में सोचता रहा और मुठ मारकर सो गया।
अगले दिन ऑफिस से लंच टाइम में मैं अपने दोस्त को ऑफिस में छोड़कर उसके घर पहुँच गया। मुझे अकेला देखकर वो घबरा गई और बोली, “आप इस वक़्त? वो कहाँ है?” मैंने कहा, “वो ऑफिस में है। मैं तुमसे मिलने आया हूँ।” वो बोली, “क्यों?” मैंने कहा, “रात की हरकत की वजह से मैं सो नहीं पाया। तुमसे सॉरी बोलने आया हूँ।” वो बोली, “कोई बात नहीं, आगे से ध्यान रखना।” मैं समझ गया कि वो भी मुझे चाहती है।
मैंने मौका देखकर कहा, “जब से तुम्हें देखा, मैं पागल हो गया हूँ। मुझे तुमसे प्यार हो गया है।” मैंने उसके हाथ पकड़े और अपने होंठ उसके होंठों के पास ले गया। उसने आँखें बंद कर लीं। हम दोनों किसी और दुनिया में थे। मैंने उसका सूट ऊपर किया और उसके कान में जीभ डाली। उसके मुँह से “आह… उम्म्म… अहह” की आवाज़ निकली। मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले। वो बोली, “ये ठीक नहीं, कोई आ जाएगा। ये गलत है।” मैंने कहा, “प्यार में कुछ गलत नहीं होता।” उसके बूब्स पर ब्राउन निप्पल थे। मैंने निप्पल पर जीभ फेरी। वो मस्त होने लगी और मेरे सिर को अपने बूब्स के पास दबाने लगी। वो बोली, “उम्म्म… अहह… दोनों को चूसो, तुम तो एक पर ही लगे हो।” ये सुनकर मैं पागल हो गया। मैंने पूछा, “क्या तुम भी इसी दिन का इंतज़ार कर रही थी?” उसने कहा, “हाँ, लेकिन डर लगता था।”
मैंने उसे लेटाया और उसके बूब्स चूसने लगा। उसकी नाभि में जीभ डाली तो वो सिहर उठी। मैं उसके जिस्म पर कपड़ों के ऊपर से जीभ फेरता हुआ उसके पैरों तक पहुँचा और उसके अंगूठे चूसने लगा। वो बेड पर मचलने लगी। उसके मुँह से “आह… ऊहूऊ… मैं पागल हो जाऊँगी” की आवाज़ें आने लगीं। उसने कहा, “ये सब तुमने कहाँ से सीखा? अब मुझसे रहा नहीं जाता, मेरे ऊपर आ जाओ।” मैं उठा ही था कि मेरा फोन बजा। ऑफिस से कॉल थी, “लंच टाइम खत्म हो गया, तुम कहाँ हो? बॉस बुला रहे हैं।” मेरा मूड ऑफ हो गया। मैंने उससे कहा, “मुझे जाना होगा।” वो बोली, “मुझे इस हाल में मत छोड़ो।” लेकिन मैंने कहा, “जल्दबाज़ी में मज़ा नहीं आएगा। अगर मैं नहीं गया तो नौकरी ख़तरे में पड़ सकती है।”
शाम को मैं अपने दोस्त के साथ उसके घर गया। वो गुस्से में थी और मेरी तरफ़ देख भी नहीं रही थी। हम पैग लगाते रहे, लेकिन मेरी नज़र उस पर थी। वो गुस्से में ही रही। मेरा दोस्त बोला, “मैं बाथरूम जाकर आता हूँ।” मौका मिलते ही मैंने उसे पकड़ा और पूछा, “क्या हुआ?” वो चुप रही। मैंने कहा, “ठीक है, कल छुट्टी ले लूँगा और इसके जाने के बाद आ जाऊँगा।” वो चुप रही। दोस्त आ गया। मैंने कहा, “चलता हूँ।”
अगले दिन दोस्त के जाने के बाद मैं उसके घर गया। उसने दरवाज़ा खोला, लेकिन नाराज़ थी। मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसने झटक दिया। मैंने कहा, “अभी तक नाराज़ हो?” वो बेड पर पैर लटकाकर बैठ गई। मैं उसके पैरों में बैठ गया, उसके पैर हाथ में लिए और चूमने लगा। वो गुस्से में ही थी। मैंने सॉरी कहा और उसकी सलवार ऊपर करके उसके पैरों से जाँघों तक चाटने लगा। अब वो मस्त होने लगी और उसकी आँखें बंद हो गईं।
मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके होंठ चूसने लगा। उसकी कमीज़ उतारी। वो सिर्फ़ सलवार में थी। ब्रा नहीं पहनी थी। उसके 32 साइज़ के बूब्स और ब्राउन निप्पल देखकर मेरा 6 इंच का लंड फुँफकारने लगा। मैं उसके बूब्स चूसने लगा। उसने मुझे कसकर गले लगाया और बोली, “आज मत जाना।” मैंने कहा, “जान, तुम्हारे लिए छुट्टी ली है।” मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खींचा और पैर से सलवार नीचे कर दी। वो ब्राउन पैंटी में थी। मैं उसके बूब्स चूसते हुए नीचे गया और उसकी नाभि में जीभ घुमाने लगा। वो “ऊफ्फ़… उम्म्म… आहह” की आवाज़ें निकालने लगी। उसने कहा, “आज मुझे संतुष्ट कर दो।”
मैंने कहा, “चिंता मत करो।” मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से चूत पर जीभ फेरी। वो बोली, “ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, “मधुशाला का रस पी रहा हूँ।” मैंने पैंटी उतारी। उसकी चूत हल्के बालों के बीच चाँद जैसी लग रही थी। मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो बोली, “आज से पहले किसी ने मेरी चूत नहीं चाटी। बहुत मज़ा आ रहा है। और चाटो… उम्म्म… आहह… ऊफ्फ़।” थोड़ी देर बाद उसकी चूत से सफ़ेद पानी निकला। मैंने सारा रस चाट लिया।
वो पागल हो गई और बोली, “अब सब्र नहीं होता, आ जाओ।” मैंने लंड निकाला और उसके हाथ में दिया। वो उसे हिलाने लगी। मैं उसके ऊपर आया। उसने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डालने की कोशिश की। मैं पीछे हटा और उसे तड़पाने लगा। वो बोली, “अब डाल दो।” मैंने एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो “आहह” चीखी। मैंने धक्के शुरू किए। उसने टाँगें उठाईं। उसके बूब्स उछल रहे थे। वो नीचे से मेरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं नीचे आया और उसे अपने लंड पर बैठाया। वो ऊपर-नीचे होने लगी। उसने बाल खोल दिए और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगी। वो बोली, “आआआ… ऊऊऊ… मज़ा आ रहा है।” थोड़ी देर बाद वो थक गई। मैंने कहा, “डॉगी स्टाइल में आ जाओ।” मैंने उसकी डॉगी स्टाइल में चुदाई शुरू की। वो बोली, “तुम तो बहुत स्टाइल जानते हो। मेरा पति शराब पीकर सो जाता है। कभी करता भी है तो 5 मिनट में खत्म। मैं प्यासी रह जाती हूँ।” मैंने कहा, “जान, आज तुम्हारी प्यास बुझा दूँगा।”
वो बोली, “ज़ोर से करो, मेरा पानी आने वाला है।” मैंने उसे सीधा लेटाया, उसकी टाँगें उठाईं और गीला लंड उसकी चूत में डालकर ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे। थोड़ी देर बाद उसका पानी निकला। वो बोली, “आज मैं संतुष्ट हो गई।” तभी मेरे लंड से पिचकारी निकली, जो उसके पेट और बूब्स पर गिरी। मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठ चूसने लगा। वो बोली, “थैंक यू, ऐसे ही प्यार करते रहना।” मैंने उसकी चूत पर किस किया और कहा, “ठीक है जान, आज से तुम मेरी जान हो।”