माँ की चुदाईहिंदी सेक्स स्टोरी

कहानी मेरे किरायदार की 3

(Kahani mere kiayedar ki 3)

अब मम्मी उपर से नंगी हो गयी थी। मम्मी के बड़े बड़े 40” के मम्मे उसे साफ़ साफ़ दिख रहे थे। असलम ने मम्मी को पकड़ लिया और किस करने लगा। मम्मी के खूबसूरत गोल और बड़े बड़े बूब्स देखकर उसे बहुत मजा आ रहा था। उसने मम्मी को पकड़ लिया और मम्मी के नंगे चिकने कंधों पर किस करने लगा। फिर उसने मम्मी की रसेदार चूचियों को बाहों में भर लिया और सहलाने लगा। मम्मी “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज निकालने लगी। आज किसी नये मर्द ने मम्मी के बूब्स को हाथ में ले लिया था। फिर मम्मी खड़ी हो गयी

“असलम चलो कमरे में चलते है। मम्मी ने कहा। फिर असलम मम्मी को लेकर दू कमरे में चला आया। उसने अपने कपड़े निकाल दिए। वो नंगा हो गया। फिर दोनो बिस्तर पर लेटकर मजे करने लगे। असलम मम्मी को बाहों में भर लिया और किस करने लगा। वो मम्मी के कंधों और मम्मो को किस कर रहा था। फिर वो मम्मी के नंगे मम्मे दबाने लगा। मम्मी को भी बहुत अच्छा लग रहा था। वो मम्मी के बूब्स को तेज तेज दबा रहा था। मम्मी के जिस्म में चुदास की आग लग रही थी। मम्मी ने भी असलम की पीठ को सहला रही थी। वो किसी बच्चे की तरह मम्मी की चूचियां पी रहा था। मम्मी को एक अलग सा नशा मिल रहा था। असलम के दांत मम्मी के चिकने मम्मो में चुभ जाते थे। मम्मी
“आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” बोलकर चिल्ला देती थी।

मम्मी की साड़ी असलम ने निकाल दी थी। अब मम्मी सिर्फ पेटीकोट में थी। वो मम्मी के उपर लेटकर मम्मी की रसीली चूचियां पी रहा था। मम्मी ने उसके 9” के लंड को सहला रही थी। हाय दैया!! अँधेरे में लगा ही था। असलम तुम्हारा लंड कोई साधारण लंड नहीं होगा। मेरा मुँह दुखने लगा था – मम्मी बोली ।असलम -तुम्हारे बूढ़े का कितना बड़ा हे . मम्मी – पति के लंड इस से से ३ गुना छोटा लंड था।असलम – उसे लड नहीं नुन्नी कहते हे . मम्मी के तो मुंह में पानी आ रहा था।

वो मम्मी की चूचियां पीने में बिसी था। उसने मम्मी की बायीं चूची को किसी आम की तरह चूस लिया। फिर मम्मी की दाई चूची को मुंह में ले लिया और पीने लगा। मम्मी की चूत से अब माल निकलने लगा था। मम्मी जल्दी जल्दी अपने पति के दोस्त असलम की नंगी पीठ को जल्दी जल्दी सहला रही थी। असलम अब भी मम्मी की चूचियों को मसल रहा था और चूस रहा था। मम्मी उसके सिर को अपने बूब्स की तरह दबा देती थी जिससे पुरी चूची उसके मुंह में घुस जाए। कुछ देर बाद असलम ने मम्मी पेटीकोट खोल दिया और पेंटी भी निकाल दी। मम्मी की चूत से बहुत सारा सफ़ेद माल बाहर निकल आया था। फिर असलम ने मम्मी की टांगों को खोल दिया और मम्मी की चिकनी चमेली चूत को पीने लगा। मम्मी
“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ.
.ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की सेक्सी आवाजे निकालने लगी।

मम्मी की चूत में ज्वालामुखी आ चुका था। मम्मी की चूत किसी भट्टी की तरह धधक रही थी। असलम मम्मी की रसीली चूत का सारा माल पी रहा था। वो मम्मी की चूत को अच्छे से पी रहा था। मम्मी के चूत के दाने को असलम जल्दी जल्दी घिस रहा था। मम्मी बांवली हो रही थी।प्लीज़ अवि ऐसे ही चाटते रहो चुत को ” मम्मी ने असलम से कह रही थी। फिर वो और जल्दी जल्दी मम्मी की बुर पीने लगा। मम्मी बार बार अपनी कमर और गांड हवा में उठा रही थी। मम्मी बेकाबू हो रही थी। मम्मी को बेचैनी हो रही थी। असलम तो बड़ा जालिम निकला। वो किसी चुदासे कुत्ते की तरह मम्मी की चूत जल्दी जल्दी पी रहा था। मम्मी पागल हो रही थी। बड़ी देर तक ये खेल चला। असलम ने 20 मिनट मम्मी की चूत पी और चुसी। आंटी !! प्लीस मेरा लंड चूसो!!” असलम बोला, मम्मी ने इतना बड़ा लौड़ा आज तक नही देखा था।

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असलम लंड मोहिते जी भी बड़ा था लेकिन असलम का इस से जायदा बड़ा दिखने लगा था असलम का लंड तो किसी गधे के लंड की मोटा और लम्बा था। मम्मी ने डरते डरते लंड हाथ में लिया। मम्मी सहमकर उसका लंड हाथ में लेकर पकडने लगी और जल्दी जल्दी अपने हाथ को उपर नीचे करने लगी। मन ही मन में मम्मी के दिल में लड्डू भी फूट रहा था की ये रसीला लंड आज मम्मी को चोदेगा बहोत दिन के बाद उनकी जैम के चुदाई होने वाली हे और खूब मजा देगा। मम्मी ने असलम का लंड मुंह में ले लिया और किसी लोपीपॉप की तरह चूसने लगी। कुछ देर बाद मम्मी को भी मजा आने लगा। किसी रंडी छिनाल की तरह मम्मी असलम का लंड चूस रही थी। लंड पर जल्दी जल्दी मम्मी सिर हिला रही थी मुंह में लेकर। मम्मी को बहुत मजा आ रहा था। मम्मी असलम के लंड से मंजन करने लगी। गले के आखरी छोर तक मम्मी उसके मीठे और रसीले लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी। असलम “……आआआआअह्हह्हह…..
हा हा हा..ओ हो हो…..” कर रहा था।

मम्मी जैसी खूबसूरत औरत के रसीले होठ से लंड चुस्वाने का सौभाग्य आज उसको मिल रहा था। ये बहुत ही बड़ी बात थी। फिर मम्मी ने अपने मुंह से उसका लौड़ा निकाल दिया। मम्मी के मुंह में २ चम्मच माल छूट गया था। मम्मी पी गयी। मम्मी को मजा आ रहा था। मम्मी असलम के लंड से खेलने लगी। अपने चेहरे पर लंड से प्यार भरी थपकी लेने लगी। असलम के 9” इंची लंड तो मम्मी के चेहरे के जितना लम्बा था। वो अपने रसीले लौड़े से मम्मी के चेहरे की लम्बाई नाप सकते था। फिर असलम भी अपने मोटे लौड़े से मम्मी के चेहरे को मारने लगे। मम्मी उसकी गोलियां चूसने लगी। आज तो मम्मी किसी रंडी छिनाल की तरह बर्ताव कर रही थी। मम्मी 20 मिनट तक असलम का रसीला लंड चूसा।फिर असलम ने मम्मी को पकड़ा और बेड पे लिटा दिया असलम में मम्मी के टांगो को फैलाया और अपना बड़ा मोटा सा मुस्लिम लंड मम्मी की चूत में डाल दिया और मम्मी को जल्दी जल्दी चोदने लगा। मम्मी ने खुद को उसके हवाले कर दिया। असलम मम्मी की रसीली चूत में ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा। असलम के आंड मम्मी के गांड पे टकरा रहे थे । अंकल ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते गये और मम्मी आहें भारती जा रही थी..

आहआह अहह्ह्ह्ह और अंकल बीच बीच में मम्मी की कमर पर, कंधों पर और गर्दन के पास काटते और पीठ को चाटते.।फिर असलम अपना एक हाथ आगे ले गये और मम्मी के बड़े बड़े आम की तरह झूलते हुए बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे.मम्मी ऐश कर रही थी। आज फिर मम्मी किसी गैर मर्द का मोटा लंड खा रही थी। इससे पहले कभी मम्मी ने 9” का मोटा लंड नही खाया था। असलम मम्मी को जल्दी जल्दी चोदने लगा। मम्मी को भरपूर मजा मिल रहा था। “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… असलम चोदो चोदो…. आज मम्मी की चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….” मम्मी ने जोश में आकर कहा। फिर असलम मम्मी की चूत में और जादा चौके चक्के मारने लगा। मम्मी को सेक्स का अजीब सा नशा चढ़ गया था। आज मम्मी अपने ही घर में एक गैर मर्द से दूसरी बार चुदा रही थी। असलम मम्मी की चूत को फाड़ रहा था। वो मम्मी की चूत का चबूतरा कर रहा था। मम्मी को मजा आ रहा था। फिर असलम ने मम्मी के कंधों पकड़ लिए और मम्मी के उपर झुक गया। उसके बाद दोस्तों उसने 20 मिनट तक किसी सेक्सी रंडी की तरह चोदा। मम्मी “….आआआआअह्हह्हह… अई…..अई….ईईईईईईई मर गयी…मर गयी….मर

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गयी….मम्मी तो आजजजजज!!” चिल्ला रही थी। फिर असलम मम्मी की रसीली चुद्दी [चूत] में ही झड गया। दोनों के पसीने छूट गये थे।मम्मी की चूत फटने लगे थी। हो गयी थी, क्यूंकि असलम उसको जल्दी जल्दी चोदे जा रहा था। कमरे में मम्मी की चूत की फच फच करती आवाज आ रही थी जैसे कोई पानी में चीनी घोलकर शरबत बना रहा है। मम्मी ये सब बर्दास्त नही कर पा रही थी। मम्मी “…उई..उई..उई…. माँ…माँ….ओह्ह्ह्ह माँ….अहह्ह्ह्हह..” मम्मी
चिल्ला रही थी। वो मम्मी के उपर गिर गया। मम्मी पसीना पसीना हो गयी थी चुदाकर। फिर दोनो किस करने लगे। बड़ी देर तक मम्मी ने उसके होठ चूसे।थोड़ी देर बाद असलम का वीर्य निकल गया।
मम्मी वीर्य चाटते हुए कहने लगीं- आह.. आज चुदाई का असली मजा आया है.. मेरे पति ने भी मुझे ऐसे आज तक नहीं चोदा।मम्मी जानती थी की बड़ी छिनाल बन गई हे“असलम !! आज तो तुमने मेरी की चूत फाड़ दी और इसका भोसड़ा बना डाला!!” मम्मी ने कहा “
आंटी !! आप जैसी मर्दाना औरत को अपने 9” लंड से पेलता हूँ वो मम्मी की इसी तरह तारीफ करती है!!” असलम बोला
“आंटी ! क्या तुम और भी मर्दों से चुदवा लेती हो???” असलम बोला
मम्मी ने कहा- “नही !!

असलम – झूठी कही की। जिस तरह से तू चुदाई करवाती थी इस से पता चलता हे की तू बहतो से चूड़ी होगी
मम्मी – नहीं ऐसी बात नहीं। जो मुझे पसंद हे उनसे ही चुदवाती हु उसके बाद मम्मी बिस्तर से नीचे उतर आई और पलंग के एक कोनसे से नंगी बैठ के अपने बाल सवार रही थी असलम अपने मोबाइल में मम्मी की नंगी तस्वीर ले रहा था मम्मी फर्श पर खड़ी हो गयी। असलम भी नीचे उतर आया। वो मम्मी के गोल मटोल चुतड को सहलाने लगा। फिर उसने कई बार मम्मी के पुट्ठो पर कस कसे चांटे मारे। चट चट की आवाज कई बार आई। मम्मी के पुट्ठे लाल हो गये।मम्मी – चलो में जाती हु नहीं तो राजेश उठ जायेगा
असलम – इतनी जल्दी क्या हे आशा आंटी अभी तो पूरी रात पड़ी हे। और अभी तक आप की गांड की चुदाई बाकि हे।
मम्मी डर गई
मम्मी – नहीं असलम आज नहीं आज के लिए इतना काफी हे बाकि बाद में देखने गए। अभी तुम से चुदाई शुरू की आगे बहोत से मौके मिलेंगे अभी बहोत थक गई हु
असलम – ठीक हे एक दिन तो गांड जरूर मरूंगा

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मम्मी हसने लगी। चलो निकलती हु में मम्मी नंगी ही असलम के कमरे से अपनी कमरे तरफ जाने लगी। में भी मेरे कमरे में जा के सो गया
मम्मी किसी देसी रंडी की तरह अपने कुल्हे मटकाते हुए गयी . अगले दिन मम्मी उठ के नाश्ता बना रही थी। में ने नाश्ता खाया। मम्मी ने बोलै जा असलम भैया को देके आ। में नाश्ता लेके ऊपर जा रहा था। में दरवाजा खटखटाया। असलम ने दरवाजा खोला – भैया मम्मी ने आपके लिए नाश्ता दिया हे। मैंने अंदर देखा तो मम्मी की साड़ी ब्लॉउस और ब्रा , और असलम भैया की चड्डी बिखरी पड़े थे। मेने असलम भैया से कहा भैया – मम्मी के कपडे यहाँ कैसे। असलम भैया – कल आंटी जी ने कपडे सूखने के लिए छत पे डाले थे निकलना भूल गई। रुको तुम लेके जाओ असलम भैया ने मम्मी के कपडे मुझे दिए मई उसे लेके निचे गया। उस ने से वीर्य की मेहक आ रही थी मैंने मम्मी को दिए। मम्मी ने कहा आरे कल में छत से कपडे निकलना भूल गई अच्छा हुआ लेके आ गए। में मन में बोला की है कपडे किसने निकले वो भी पता हे मम्मी घर के काम में लगी थी में भी पढाई करने लगा था। दोपहर का खाना असलम ने हमारे साथ खाया। उस वक्त कुछ हुवा नहीं सब ठीक ही चल रहा था। श्याम तक पापा आ गए थे।

सब नार्मल चल रहा था। अभी दादा जी नहीं होने के कारण मम्मी और असलम की चुदाई महीने में ५-६ चलती रहती थी उस ने मंम्मी को अपनी रांड बना दिया था। बाकि हमारे सामने वाला दुकान दार हमेशा असलम पे ध्यान रखता था। वो दुकानदार बेचारा बूढ़ा और अच्छा था। एक दिन पापा को उस ने कह दिया की आपका किरायदार महीने में ३-४ बार आईपिल और कंडोम लेके जाता हे देखिये लड़की क्या मैटर तो नहीं। पापा ने कहा नेक्स्ट टाइम अगर लेके जायेगा तो मुझे कॉल कीजिये में उसे रंगे हाथ पकडूँगा। एक दिन मम्मी ने पप्पा को कहा की वो कॉलेज लेट जाएगी आप जाए पापा निकल गए। मम्मी ने असलम को कहा आज करते हे। में भी स्कुल जाने लगा। मुझे पता था ये रोज का हो गया हे। पापा को वीडियो भेजू तो मम्मी मुझे जैम के पिटेगी। में स्कुल गया तो स्कुल हाफ डे था। में हाफ दे करके घर आया तो पापा असलम को घर के बहार फेक रहे थे उस का सामान घर के बहार था लेकिन पापा ने जयादा बवाल नहीं किया। में घर पे गया तो मम्मी एक कोने में रोई मिली । में पूरा समज गया आज दुकानदार ने मम्मी और असलम की बजा दी। में मन में हसने लगा। श्याम को मम्मी को पापा ने बहोत पीटा . में शांत था। मन में कहा जैसी करनी वैसी भरनी। कुछ दिन पापा मम्मी से बात नहीं। पापा ने दीदी को फोन कर दिया। दीदी ने कहा कुछ दिन लिए मम्मी को यहाँ भेजिए। मुझे यहाँ एडजस्ट होने में मद्त मिलेगी। पापा ने कहा ठीक हे। २ महीने के लिए पापा ने मम्मी को नागपुर भेज दिया