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कामुक रिश्तों की गिरावट भाई की बहन चुदाई -2

विनोद ने हाथ डाल कर अपनी बहन की जेब से चिट्ठी निकल ली लेकिन उसका लंड अब बैठने का नाम नहीं ले रहा था।” माफ़ करना शिल्पा मेरी बहना।” शिल्पा भी कम्युटा की वजह से उठी हुई हो चुकी थी लेकिन लाज के करण बोली, ”कोई बात नहीं भैया, आप के हाथ में नीता के जिस्म को स्पर्श करने के लिए तड़प रहे होंगे। सच मानो आज तो मुझे अपनी सहेली से इरशा हो रही है और आप पर प्यार आ रहा है”

विनोद शर्मिंदा हो कर चिट्ठी ले कर अपने रोम में चला गया। अपने माशूक की लव लेटर पढ़ कर उसने मुंह मारी और दूसरे दिन के सुहाने ख्वाब आंखों में ले कर सो गया। उस रात शिल्पा को सपने आ रहे थे, जिसमें विनोद भैया नीता को नंगा कर के चोद रहे थे। विनोद भैया का लंड कितना मोटा और विशाल था!

नींद में शिल्पा अपनी चुत को हाथ से रगड़ने लगी और सवेरे जब उठी तो उसका पायजामा चुत वाले भाग से गीला हो चुका था। शिल्पा एक रोमांटिक मूड में हैं। फिर वक्त पर नीता आ गई और दोनों सहेलियां फिल्म देखने चली गई। फिल्म अभी शुरू ही हुई थी कि नीता का सेल फोन बजा और वो कुछ देर बात करने के बाद बोली, “शिल्पा मेरी जान, मुझे घर जाना होगा, मम्मी की तबीयत ठीक ना है और मुझे बुलाया है। एसा करो, तुम फिल्म देखो, अब टिकट बर्बाद करने का कोई फायदा ना होगा, मैं फिर कभी फिल्म देख लूंगी” शिल्पा बोलीं, ”ठीक है” नीता मेरी जान, तू चल विनोद भैया के पास। साली तुम दोनो को रंगे हाथ ना पकड़ा तो मेरा नाम शिल्पा नहीं। साली अपनी सहेली को बेवकूफ बनाती है!” उसने मन ही मन कहा और नीता की मटकती हुई गांड को देखती रही।

10 मिनट के बाद वो भी बाहर निकली और रिक्शा ले कर घर चल दी। घर एक दम सूना था. दोपहर की धूप ने सभी को अपने घरों में रहने को मजबूर किया हुआ था, दबे जोड़ी शिल्पा घर में दखल हुई और विनोद के कमरे की तरफ बढ़ी। कोई आवाज ना आ रही थी. तभी उसे अपने खुद के कमरे से आवाज सुनाई पड़ी,” नहीं विनोद भैया, यहां नहीं, ये तो शिल्पा का बिस्तर है।

मुझे अपने बिस्तर पर ले चलो और अपनी दुल्हन बना लो” विनोद हंस कर बोला” जब मुझे अपना भैया बोल रही हो तो मैं भी तुझे अपनी बहन के साथ बिस्तर पर ही चोदूंगा, मेरी प्यारी नीता बहन! हे भगवान, कितनी मस्त है तू! सारी रात मुंह मर रहा हूं मैं तेरी याद में!!” शिल्पा दोनों की बातें सुन कर शर्म से लाल हो गई। उसने अपने कमरे के दरवाजे के छेद में से झांकना शुरू कर दिया।

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अंदर विनोद भैया बिल्कुल नंगे खड़े थे और नीता मदरज़ात नंगी हो कर शिल्पा के बिस्तर पर लेती हुई थीं। विनोद भैया का लंड किसी काले नाग की तरह फनकार रहा था और वो झुक कर नीता के जिस्म का एक-एक भाग चूम रहे थे। नीता का गोरा बदन चमक रहा था और विनोद भैया ने उसे जोड़ों से चूमना शुरू किया।

जिओन हाय उनके होंथ टंगों के ऊपर जाने लगे तो नीता एक कामुक सिसकारी ले उठी”आआआआ…भैया..बस करो….मत तड़पायो….ऊऊऊ….भैयाआआआआआ आआआआआआआआ  आआआआआआआ  जैसे जैसे की मेरी चूत में मेरी आग लगा दी है अपने भैया..उउउउउउउउउफ़्फ़… ..है मैं मर गईईईईई..आआआहहह!” लेकिन विनोद ने उसके जिस्म को चाटना नहीं छोड़ा और उसके होंठ अब नीता के घुटनों से ऊपर उसकी चिकनी जांघों तक जा पहुंचे थे।

शिल्पा का बदन भी एक अनोखी आग से भर गया और उसका हाथ अपनी चूत को सहलाने लगा।”काश विनोद भैया के होंठ मुझे चूम रहे हैं!!!” उधर नीता बिस्तार पर छत पत्त रही थी। वो अपने चुत्तर ऊपर उठा रही थी और विनोद उसके पागल जिस्म का एक एक इंच चूम रहा था। “ओह्ह्ह्ह….भैया…बस करो…आआआ…बहनचोद अब चोद दो मुझे…मेरी आग बुझा दो मेरे विनोद..बस करो अब..प्लीज!!” लेकिन विनोद तो अब नीता की चूत पर जा पाहुंचा था। नीता ज़ोर ज़ोर से अपनी चुची मसलने लगी।” नाआआ…भैया..मेरी चूत नहीं…नाआ…हां…हाआआं..चूसो..भैया…चूसो मेरी चूत….हाआआआन्नन्न!” विनोद ने अपनी जुबान नीता की चूत में घुसा डाली।

नीता की चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद आज चुदाई की तैयारी कर के आई थी। विनोद का मुख अब नीता की चूत से चिपका हुआ था और उसकी जुबानी चूत का अमृत चाट रही थी। इधर शिल्पा ने अपनी सलवार का नारा ढीला कर के अपना हाथ अपनी पैंटी के अंदर डाल लिया और चूत को रगड़ने लगी। उसकी चूत बुरी तरह मचल रही थी।

अगर विनोद उसका भाई न होता तो अभी जा कर अपनी सहेली के साथ चुदाई में शामिल हो जाती। शिल्पा को अपने भैया का लंड किसी भयानक हथियार जैसा लग रहा था। भैया का लंड बहुत विशाल था, कितना भयंकर और कितना प्यारा। विनोद अब नीता की चूत को फेला कर चाटने लगा। नीता अपनी चूची मसलने लगी।इधर शिल्पा अपनी चूत में उंगली करने लगी।

नीता ने अपनी टांगों को विनोद के कंधों पर रख दिया था और वो मजे से अपनी बहन की सहेली की चूत चैट कर रही थी। कुछ देर तक चूत की चटाई चलती रही और फिर शिल्पा ने देखा कि उसका भाई खड़ा हो गया। उसका लंड सीधा तन कर अच्छा हुआ था। विनोद ने नीता के सर को पीछे से पकड़ कर उसके मुँह को अपने लंड की तरफ बढ़ा दिया।

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नीता को जैसे कुछ समझ ना आया हो। वो कामुक नज़र से विनोद को देखने लगी तो विनोद बोला”रानी अब अपने विनोद के लंड को नहीं चुसोगी? इसको चूस कर मुझे मस्त कर दो। मुझसे तेरा प्यार तभी पूरा होगा जब तुम मेरा लंड चूसोगी। नीता ने बिना कुछ बोले लंड को जड़ से पकड़ कर सुपाड़े को चाटना शुरू कर दिया।

विनोद ने उसके बालों में हाथ फेरना शुरू कर दिया और एक हाथ से नीता की चुची मसलनी शुरू कर दी। नीता विनोद के लंड पर जुबना फर्टी हुई लंड को चाट रही थी। उसके हाथ अपने यार के चुत्तर पर थे और विनोद अपनी गांड आगे पीछे कर रहा था और नीता के मुँह का चोदन कर रहा था।

शिल्पा का उतेजना से बुरा हाल हो रहा था और उसकी चुटकियों से रस की बरसात हो रही थी। वो अपनी उंगलियों से चूत रगड़ रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूची मसल रही थी। उसकी उंगली चुत रस से भीग चुकी थी और वो बे तहाशा उंगली चोदन कर रही थी।”विनोद, मेरे यार अब नहीं रह जाता। अब जल्दी से पेल डालो मुझे. पता नहीं कब शिल्पा भी यहां पहुंच जाए।

फिल्म के ख़तम होने से पहले मुझे यहां से निकल जाना चाहिए वरना उसका शक हो जाएगा। मेरा ये पहला अवसर है चुदाई का, प्लीज़ ज़रा धीरे से करना। तेरा तो लंड भी बहुत जालिम दिख रहा है. अपनी नीता की चूत को प्यार से चोदना, मेरे यार!”विनोद ने फिर से नीता को बिस्तार पर रख दिया और उसके जिस्म को खींच कर बिस्तार के किनारे तक ले गया, उसकी गांड बिस्तार के किनारे तक आ गई।

नीता ने अपने मनसल जांघों को खोल दिया और विनोद ने उसके चेहरे के नीचे एक तकिया रख कर उसकी चूत को और ऊपर उठा दिया और फिर अपने सुपाड़े को चूत पर टीका कर रगड़ने लगा। नीता ने अपनी टांगें उसके काम पर बांध रखी थीं, और जल्दी से लंड अन्दर डालने की गुज़ारिश कर रही थी, विनोद, मेरे यार डाल भी दो ना,,, क्यों तड़पा रहे हो अपनी नीता को…पेल दो मुझे प्लीज़…ठोक दो अपना लंड मेरी चूत में मेरे भाई….चोद डालो मुझे!!!

”विनोद ने देखा कि लोहा गरम है। उसने अपना लंड चुत मुँह पर रख कर ढका मारा। लंड भी चाटने से चिकना हो चुका और चूत भी पानी छोड़ रही थी, फिर भी नीता दर्द से चीख उठी,” आआह्ह्ह…मारी…मेरी माँ…मैं मरी….बस करो….निकल लो…प्यार से डालो…ऊऊओह्ह्ह्ह… .धीरे से विनोद!!!” लेकिन विनोद ने अपना मुँह नीता के निपल पर रख दिया और चुदायी करते हुए चूसने लगा।

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उसके धक्के धीरे से लग रहे थे और वो मस्ती से चोद रहा था अपनी कुंवारी माशूका को। नीता को भी कुछ देर में मजा आने लगा और वो भी छुट्टर उछालने लगी। विनोद की गति बढ़ रही थी जैसे उसकी वासना बढ़ रही थी। चूत चिकनी होने की वजह से लंड आसान से अंदर बाहर हो रहा था।” बहुत मस्त है तेरी चूत, नीता, आज मेरा सपना पूरा हुआ…।

ऐसी लड़की का सपना देखा था मैंने जो मुझे बहुत प्यार करती हूं और जो तेरे जैसी सेक्सी हो…तुझे अपनी बना कर रखूंगा और इसे ही चोदूंगा…तेरी चूत तो बस मखना जैसी चिकनी है रानी!!!” विनोद बोले जा रहा था और तबाद तोड़ ढाके मरते हुए चोद रहा था। शिल्पा की चूत में उसकी तीन उंगली जा चुकी थी और वो बुरी तरह हांफ रही थी और अपनी चुच्ची को मसल रही थी।

शिल्पा अपनी सहेली और भैया की चुदाई देख कर पागल हो रही थी।नेता ने कास के अपनी टांगें विनोद की कमर पर बांधी हुई थी उए तेज सांस लेते हुए बोल रही थी,” भैया जोर से चोदो…बहुत मजा मिल रहा है मुझे…। पेलो भैया…आआअह्हह्हह…..जोर से…..ओओह्ह्ह्ह…आआर्र्र्रह्ग्ग…चोद मुझे!!” विनोद ने भी चुदाई की रफ़्तार तूफानी कर दी थी। उसकी कमर पिस्टन की तरह आगे पीछे हो रही थी।

वो अपना लंड जड़ तक नीता की चूत में घुसा देता और उसके अंदर नीता की गांड से टकरा जाता।” नीता मेरी रानी….अब मैं झड़ने वाला हूँ….रुक नहीं सकता….आआआ….ह्हहाआआ….मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है…..ओह्ह्ह्ह…रानी मैं झड़ाआआ…आआह्ह्ह्ह!!” लंड मशीन की चुदाई कर रहा था और नीता आंखें बंद कर के धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी।

“राजा, जोर से चोदो…मैं भी झड़ रही हूं..उउउहह…ऊऊ…अर्ररग्गघह…मैं गई…चोद लो राजा…मैं तेरी जा रही हूं…भैया चोद लो मुझे” नीता भी कह रही थी। बहिर शिल्पा की चूत पानी छोड़ रही थी। एक ही वक्त पर तीनो झड़ रहे थे।

विनोद का लंड जब अपने रस का फव्वारा छोड़ रहा था तो नीता की चूत उसके लंड पर रस की बरसात कर रही थी और शिल्पा की चूत अपनी उंगली से ही चुदाई का मस्त मजा ले रही थी।विनोद औंधे मुंह नीता के नगे जिस्म पर गिर पड़ा और नीता चुप चाप उसके नीचे पड़ी रही। शिल्पा ने अपनी सलवार का नारा बांधा और अपने आप को संभालते हुए चुप चाप घर से बाहर चली गई। वो अब सीधा नीता के घर की तरफ चली गई।