फ्री सेक्स ट्यूशन क्लास
अहमदाबाद की 21 साल की मोनालिसा की सच्ची सेक्स कहानी, जिसमें ट्यूशन के बहाने राज के साथ उसकी चुदाई की भूख मिटाई। गर्म चूत चाटाई और जंगली सेक्स की इस उत्तेजक स्टोरी को पढ़ें और रोमांच का मज़ा लें!
हाय दोस्तों, मेरा नाम मोनालिसा है, और मैं अहमदाबाद की रहने वाली एक 21 साल की लड़की हूँ। सबसे पहले तो मैं HotSexStory.xyz को दिल से शुक्रिया कहना चाहती हूँ, क्योंकि इस प्लेटफॉर्म ने मुझे अपनी सबसे गहरी, सबसे निजी और सबसे उत्तेजक कहानी आप सबके साथ साझा करने का मौका दिया। मैं पिछले कुछ सालों से इस साइट की दीवानी हूँ—यहाँ की हर कहानी को पढ़ते हुए मेरे जिस्म में एक अजीब सी गर्मी और बेचैनी सी दौड़ जाती है। आज मैं अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आई हूँ, जो मेरे जीवन का वो पल है जब मेरी सेक्स की भूख ने मुझे एक ऐसे रोमांच की ओर धकेल दिया, जिसे मैं कभी भूल नहीं सकती। तो चलिए, पहले मैं आपको अपने बारे में थोड़ा और बता दूँ।
मैं एक साधारण सी दिखने वाली लड़की हूँ, लेकिन मेरे अंदर की आग कुछ और ही कहती है। मेरी उम्र 21 साल है, और हाँ, मैं अभी तक कुंवारी हूँ—या कम से कम उस दिन तक थी, जिस दिन ये कहानी शुरू हुई। मेरे जिस्म में एक कमजोरी है, और वो है सेक्स की तलब—एक ऐसी तलब जो मुझे हर पल बेकरार रखती है। मेरा फिगर? 34-28-36—हाँ, मेरे बूब्स का साइज़ 34 है, और जब मैं चलती हूँ तो उनकी थिरकन किसी का भी ध्यान खींच लेती है। मैं पढ़ाई में भी अच्छी हूँ, और 12वीं क्लास में थी जब ये सब हुआ। उस वक्त मैं अपने कुछ जूनियर्स को फ्री में गणित की ट्यूशन दिया करती थी—शायद इसलिए कि मुझे उनके साथ वक्त बिताना भी अच्छा लगता था।
बात उन दिनों की है जब मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता था—नाम था राज। वो ऐसा लड़का था जिसे देखते ही मेरे दिल में कुछ कुछ होने लगता था। उसकी लंबी कद-काठी, चौड़ी छाती, और वो गहरी आँखें—उफ्फ, मैं तो बस सोचती थी कि काश ये मुझे एक बार छू ले, मेरे जिस्म को अपने हाथों से सहला दे, और मुझे वो सुख दे जो मैं रातों को अकेले अपने बिस्तर पर सपनों में महसूस करती थी। हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे, तो कभी-कभी हल्की-फुल्की बातें, हँसी-मजाक हो जाया करता था। लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही चल रहा था। मैं कई दिनों से मौके की तलाश में थी कि कब उसे अकेले में पकड़ूँ, कब उसे अपनी तरफ खींचूँ। और दोस्तों, मैं ये बात बिल्कुल कॉन्फिडेंस के साथ कह सकती हूँ कि लड़कों को अपनी ओर आकर्षित करने में मैं माहिर हूँ।
फिर एक दिन वो सुनहरा मौका आ ही गया। मेरे मम्मी-पापा दोनों नौकरीपेशा हैं, तो सुबह 9-10 बजे तक घर खाली हो जाता था। मैं पूरे दिन अकेली रहती थी, और उस दिन भी ऐसा ही था। मैं अपनी बालकनी में बैठी हवा का मज़ा ले रही थी कि तभी नीचे से राज की आवाज़ आई, “मोना, क्या हाल है?” मैंने नीचे देखा, वो मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था। फिर उसने कहा, “सुन, तू तो गणित में बहुत अच्छी है ना? मेरी मैथ्स बहुत कमज़ोर है, क्या तू मुझे सिखा सकती है?” दोस्तों, मेरे लिए ये किसी सपने के सच होने जैसा था। मैंने मन ही मन खुशी से चीख मार दी, लेकिन बाहर से कूल बनते हुए कहा, “हाँ ठीक है, तू आधे घंटे में मेरे घर आ जा।”
बस फिर क्या था, मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था। मैं भागकर अपने कमरे में गई, बिखरे हुए सामान को ठीक किया, और अपनी अलमारी से वो नीली वन-पीस निकाली जो मैं रात को सोते वक्त पहनती हूँ। वो ड्रेस मेरे जिस्म पर ऐसे चिपकती थी कि मेरे हर कर्व को उभारा देती थी। अंदर मैंने ब्रा नहीं पहनी थी, ताकि मेरे बूब्स की शेप और हलचल साफ दिखे। मैं तैयार होकर उसका इंतज़ार करने लगी, और हर सेकंड मेरे दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी। तभी डोरबेल बजी। मैंने दरवाज़ा खोला, और वहाँ राज खड़ा था—उसकी नज़र मेरी ड्रेस पर पड़ी और वो एकदम ठिठक गया। मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “क्या हुआ? बस देखते ही रहोगे या अंदर भी आओगे?”
वो अंदर आया और सोफे पर बैठ गया, लेकिन उसकी नज़रें बार-बार मेरे बूब्स और नंगी टांगों पर जा रही थीं। मैं समझ गई कि वो भी मेरे जाल में फंस चुका है। मैंने उसे पानी का ग्लास दिया, दरवाज़ा लॉक किया, और उसके पास जाकर बैठ गई। मैंने अपने पैर उसके पैर से टच किए और धीरे से पूछा, “बता, तुझे मैथ्स में क्या दिक्कत है?” मेरी आवाज़ में एक हल्की सी कशिश थी, और मैं जानबूझकर उसके सामने झुक रही थी ताकि मेरे बूब्स उसके सामने थिरकें। बिना ब्रा के वो हिल रहे थे, और उसकी साँसें तेज होने लगी थीं। वो व्याकुल हो रहा था, और मैं अपने होंठों को हल्का सा काटते हुए उसे और तड़पाने लगी।
हमने पढ़ाई शुरू की, लेकिन मेरा ध्यान कहीं और था। मैं हर बहाने से उसकी तरफ झुकती, अपने बालों को उंगलियों से सहलाती, और उसे अपनी महक से मदहोश करने की कोशिश करती। आधे घंटे बाद उसने कहा, “मोना, बहुत भूख लग रही है, कुछ खाने को है?” मैं किचन की ओर बढ़ी, चिप्स और बिस्किट्स लेने गई। जैसे ही मैं वापस मुड़ी, अचानक राज ने पीछे से मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। ऊफ्फ, उसकी गर्म साँसें मेरी गर्दन पर पड़ीं, और मेरे पूरे जिस्म में电流 सी दौड़ गई। मैं मुड़ी, और वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगा। उसके होंठ मेरे होंठों पर थे, उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस रही थी, और मैं बस उसकी गर्मी में खो रही थी।
मैंने उसे रोका और कहा, “राज, ये क्या कर रहे हो?” वो हँसा और बोला, “अच्छा, अब तू भोली बन रही है? पिछले आधे घंटे से तू मुझे तड़पा रही थी, और अब नाटक?” उसकी बात सुनकर मेरे अंदर की आग और भड़क गई। मैंने भी उसे अपनी बाहों में भरा और पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया। हम दोनों एक-दूसरे में डूब गए थे—जैसे दो प्यासे रेगिस्तान में पानी ढूंढ रहे हों। उसने मुझे किचन के प्लेटफॉर्म पर उठाकर बिठा दिया और मेरे बूब्स को कपड़ों के ऊपर से ही मसलने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आहह… राज… धीरे… ऊईईई… इतना ज़ोर से मत दबा…” लेकिन वो कहाँ रुकने वाला था। वो बोला, “अभी तो शुरुआत है, जानेमन,” और मेरे बूब्स को और ज़ोर से दबाने लगा।
फिर उसने मेरी ड्रेस को एक झटके में उतार दिया। अब मैं उसके सामने पूरी नंगी थी, और वो मेरे जिस्म को भूखी नज़रों से देख रहा था। वो मेरे बूब्स पर टूट पड़ा—उन्हें चूमने लगा, काटने लगा, और मैं चीख रही थी, “आहह… राज… और ज़ोर से… काटो… ऊईईई… मेरे बूब्स को चूसो…” वो जानवर की तरह मेरे निपल्स को काट रहा था, और मैं उसके कान चबा रही थी। हम दोनों पागल हो चुके थे। फिर उसने मुझे प्लेटफॉर्म से उतारा, और हम एक-दूसरे को चूमते हुए बेडरूम की ओर बढ़े। उसने मुझे बेड पर धक्का दिया और बोला, “अब तू गई, साली… तू मुझे बहुत तड़पाती थी ना? अब देख मैं क्या करता हूँ।”
वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे बूब्स को मसलने लगा। उसका हर स्पर्श मुझे पागल कर रहा था। मैं चीख रही थी, “आहह… राज… और ज़ोर से… चूसो इन्हें… ऊईईई…” फिर उसका हाथ मेरी चूत पर गया। ऊफ्फ, उसकी उंगलियाँ मेरी गीली चूत को सहलाने लगीं, और मैं तड़प उठी, “राज… प्लीज… इसे चाटो… मेरी चूत को चूसो…” वो नीचे झुका और अपनी जीभ मेरी चूत में डाल दी। आहह… दोस्तों, वो एहसास मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती। वो मेरी चूत को 15 मिनट तक चाटता रहा, और मैं बस सिसकारियाँ लेती रही, “ऊहह… हाँ… और ज़ोर से… राज… आहह…”
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। ह्म्म्म… उसका स्वाद मुझे और दीवाना बना रहा था। वो मेरी चूत में उंगली कर रहा था और कह रहा था, “कमीनी… और ज़ोर से चूस… ले पूरा अंदर…” मैं पागलों की तरह उसके लंड को चूस रही थी, और वो मेरी चूत को चाट रहा था। करीब 20 मिनट तक हम एक-दूसरे को मज़े देते रहे। फिर उसने मुझे सीधा लिटाया और मेरी चूत में अपना लंड एक झटके से घुसा दिया। “आहह… माँ… ऊईईई…” मैं चीख पड़ी। वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, और मैं चिल्ला रही थी, “हाँ… और ज़ोर से… चोदो मुझे… फाड़ दो मेरी चूत को…”
हम 45 मिनट तक अलग-अलग पोजीशन में सेक्स करते रहे—कभी मैं ऊपर, कभी वो, कभी पीछे से। उसकी हर धक्के में मुझे जन्नत नज़र आ रही थी। उस दिन के बाद हम जब भी मौका मिलता, एक-दूसरे के साथ सेक्स करते। बाद में मैंने अपने कुछ सीनियर्स के साथ भी मज़े लिए, और अब मेरा एक बॉयफ्रेंड भी है। वो दूर रहता है, तो हम सेक्स चैट करते हैं। उसे मेरे दूसरों के साथ सेक्स से कोई ऐतराज़ नहीं, और मुझे भी नहीं अगर वो वहाँ किसी के साथ मज़े ले। आखिरकार, हम सब अपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिए ही तो जीते हैं, है ना?