खेत में भाभी को चोदा
नमस्ते मेरी प्यारी भाबियों और मेरी कहानी पढ़कर अपनी चुत को सहलाने वाली मौसियों मैं देवदास अपनी तीसरी कहानियाँ लिख रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि मेरी दूसरी कहानी “मास्ट भाभी की गुलाबी चुत चोदा सेल्समेन बनकर” को जिस तरह का रिस्पॉन्स मिला है और कई भाबियों ने जैसे मुझसे मेल किया है मेरी इस कहानी को भी उसी तरह का रिस्पॉन्स मिलेगी। मुझे मेल करने वाली हर भाभी का हर रिक्वेस्ट मैं जरूर पूरा करूंगा ये वादा रहा।
यह कहानी मेरी पड़ोस की भाभी की है जिसे मैंने पहले भी कई बार मौका पकड़ चोदा है और जिसकी कहानी मैंने अपनी पहली कहानी “भाभी की टाइट चुचियाँ” में आपको पूरी बताई है। उसी भाभी को एक बार मैंने खेत में जाकर चोदा था। उस चुदाई में मुझे इतना मजा आया कि मैं जब भी उस कहानी के बारे में सोचता हूँ तो मेरा लंड टैंकड़ बांस बन जाता है। इसीलिए मुझे पूरा यकीन है कि इस कहानी को पढ़ने के बाद इस की सभी रीडर या तो अपनी पत्नी को चोदने के लिए बेकरार हो जाएंगे या फिर अपना मुठ्ठा मार कर उसे संतुष्ट करने की कोशिश करेंगे।
और इस कहानी को पढ़ने वाली मेरी प्यारी भाबियों आप तो अपने पति की इच्छा करने के बाद भी जबरजस्त उनके लंड को अपनी चुत में डाल लो या फिर मेरे लंड को याद कर कोई बैंगन का सहारा लो। बैंगन का सहारा लेने वाली भाबियों को मैं यह कहूंगा कि आप बैंगन को छोड़िए और मुझे मेल करो मैं आपकी चुत की सारी खुजली को मिटाने की पूरी कोशिश करूंगा। अब मैं कहानी लिख रहा हूँ;
भाभी अपनी माईके गई हुई थी, बच्चों का एग्जाम होने के कारण कोई भी उसके साथ नहीं गई और मेरे लिए तो यह काफी अच्छी खबर थी। दो दिनों के बाद भाभी का फोन आया और उसने कहा कि गाँव में मेला है अगर देखने की इच्छा हो तो आओ। मेला देखना तो एक बहाना था भाभी से मिलने जाना था तो मैं दूसरे ही दिन ट्रेन से चला दिया भाभी के गाँव। मैं करीब दोपहर 12 बजे पहुँच गया। भाभी मुझे देखकर काफी खुश हुई उनके घर वाले भी मुझसे बहुत प्यार करते थे इसलिए हम भी काफी खुश हुए और मेरे खाने-पीने की बंदोबस्त करने लगे। मैं हाथ मुंह धोकर कपड़े बदलकर आराम करने लगा इतने में भाभी मेरे पास आई मैंने झट से उसे बाहों में लेकर लिया और उसकी टाइट चुचियों को मसलने लगा। भाभी सिसकरीयाँ लेने लगी मैं उसके साड़ी के ऊपर से ही अपना एक हाथ उसके चूत पर रखा वो पूरी गरम हो गई पर अभी चुदना नहीं चाहती थी। वो मुझसे छूटते हुए बोली अभी नहीं और चली गई। दोपहर का खाना खाने के बाद मैं आराम से सो गया।
जब मेरी आँख खुली तो देखा भाभी एक रेड कलर की रेशमी साड़ी पहनकर बिलकुल दुल्हन की तरह सज संवर कर मेरे पास खड़ी है। मैंने सोचा कहीं ये सपना तो नहीं है। पर भाभी मुझे जगा रही थी। उसने कहा उठो मेला घूमने जाओ कहते हुए उसने जोर से मेरे लंड को दबा दिया। मैं चीख उठा और उसे पकड़ते हुए कहा भाभी कसम से कयामत लग रही हो। प्लीज अभी एक बार दो ना। पर वो भाग खड़ी हुई और मैं उठकर तैयार होने लगा और तैयार होकर भाभी के साथ मेला घूमने गया। हम रास्ते में गाँव की कई लड़कियों से मिली जिसे भाभी ने मुझसे अपना हस्बैंड बताया। हम खेतों के रास्ते मेला देखने जा रहे थे। मैं चलते हुए थक गया था मैंने भाभी को कहा कि भाभी थोड़ी देर कहीं बैठ जाएं। भाभी ने कहा वो सामने वाला खेत हमारा है वहाँ एक झोपड़ी है जहाँ पिताजी रात में सोते हैं। वहाँ चलकर बैठते हैं।
हम उस झोपड़ी पर गए। वहाँ एक खाट बिछा हुआ था। मैं झट उस खाट पर बैठा गया। भाभी मेरे पास बैठी गई। मैंने अब धीरे से अपना हाथ भाभी की चुचियों पर रखा और धीरे-धीरे दबाने लगा। अपना होठ उसके पीठ पर रखकर पीठ को चूमने लगा। धीरे-धीरे उसके बालों को सहलाने लगा। भाभी गरम हो रही थी और धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके ब्लाउज के अंदर डाल दिया और उसकी टाइट चुचियों को दबाने लगा। भाभी सिसकरीयाँ लेते हुए बोली। देव प्लीज और मत तड़पो। मैंने उसे अपनी तरफ खिंचा और उसके होंठों को चूसने लगा। उसका साड़ी का पल्लू उतार दिया और ब्लाउज के हुक को खोलने लगा ब्लाउज के हुक खोलने के बाद मैं उसके चुचियों के ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा अब मैंने उसके ब्लाउज और ब्रा दोनों को उतार दिया। अब उसकी टाइट चुचियाँ मेरे सामने बिलकुल नंगी थीं। मेरा लंड टैंकड़ खड़ा हो गया था मुझसे भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।
मैंने तुरंत अपने सभी कपड़े उतार दिए और भाभी को खाट पर ले लिया। उसकी साड़ी को उठाकर पेट तक ले गया। भाभी अंदर पैंटी नहीं पहनी थी तो उसकी प्यारी सी बुर सामने आई मैंने अपनी एक उंगली भाभी की बुर की छेद में डाल दी। भाभी सिसकीयाँ लेने लगी। उसकी चुत में उंगली कराने के कारण ही भाभी झर गई। उसकी चुत से निकले पानी से मेरे हाथ और भाभी की चुत पूरी तरह से भिग गई। अब मैंने अपना लंड उसके बुर में सटाकर एक जोर का झटका मारा मेरी आधी लंड भाभी के बोर में घुस गया। भाभी बोली ओओओओओह्ह्ह्ह्ह अआआआआआआआ देव ओओओह अआआआआ आह्ह्ह्ह और जोर से चोदो ना। आज इस सुहाने मौसम में मेरी चुत का सारा पानी निकाल दो। मैं भी जोश में आकर जाकर भाभी की बुर में अपना लंड घुसात चला गया। अब मैं पूरी मस्ती में भाभी को चोद रहा था। और भाभी भी परम मजा लेकर मुझसे चुदवा रही थी। लगभग एक घंटे हम दोनों का चुदाई का खेल चलता रहा और फिर हम दोनों एक दूसरे चीपककर लेट गए।
जब इस बात का एहसास हुआ कि अंधेरा हो गया है तो हम उठे और मैंने अपना कपड़ा पहना और भाभी ने भी कपड़े पहने और फिर हम मेले ना जाकर सीधे घर की तरफ चल दिए। और उस रात को भी मैंने भाभी को जाकर चोदा पर बताऊंगा अगली बार।
मुझे पता है कि अब तक कई भाबियों, चाचीओं और अपनी पति से असंतुष्ट हाउसवाइव्सों के बोर गीले हो गए होंगे। उनके चुत से काफी पानी निकल रहा होगा पर अफ़सोस की मैं वहाँ पर नहीं हूँ। पर फिर भी मैं कहूंगा कि तुम सबको मेरे लंड की कसम की मेरे लंड की याद में कोई दूसरी चीज अपनी चुत में मत डालो और जल्दी से मुझे मेल करो मैं कोशिश करूंगा कि उन चुटों की जिसे पानी निकल रहा है उन चुटों की प्यास बुझाने के लिए तैयार हो जाऊँ। मैं sorry कहता हूँ मेरे उस बंगलोर की भाभी को जो मुझसे मेरा लंड चाहती है।
मैंने उसे जवाब भी भेजा पर ना जाने क्यों मेरा मेल उस तक नहीं पहुँचा। तो मैं अपनी उस भाभी को कहना चाहता हूँ कि अगर तुम मुझसे नाराज नहीं हो तो प्लीज एक बार और मुझे मेल करो। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि तुम्हें मेरा लंड मिले और क्योंकि तुम ग्रुप सेक्स करना चाहती हो तो मैं अपने कुछ दोस्तों को भी लेकर आऊंगा जिनका लंड मुझसे भी ज्यादा मोटा है। तो खूबसूरत चुत वाली महिलाओं मुझे मेल करो।