चुदाई की कहानियाँ

सरसों के खेत में चूत चोदी-1

Sarso ke khet ke andar choot chodi-1

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ने वालों को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी पड़ोसन को उसके खेत में ले जाकर बहुत जमकर चोदा और सेक्स के वो मज़े लिए और उसको दिए. जिसके लिए हम दोनों बहुत तरस रहे थे और अब में सबसे पहले अपना पूरा परिचय आप सभी को देकर उस घटना को सुनाता हूँ, जिसके लिए में आज यहाँ पर आया हूँ.

मेरी उम्र 24 साल है और मेरा शरीर दिखने में बहुत अच्छा है, जिसको देखकर कोई भी लड़की मेरी तारीफ ही करेगी. मुझे पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ने का शौक लगा और में कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े लेता गया, लेकिन अब वो काम करना मेरी आदत बन चुकी है, हर दिन जब भी समय मिलता तो में कहानी जरुर पढ़ता हूँ और अपना लंड भी हिलाता हूँ.

में आज जो कहानी आपके लिए लेकर आया हूँ, वो बहुत मस्त घटना है, जिसको पढ़कर आप लोगों को जरुर मज़ा आ जाएगा. दोस्तों में एक बहुत छोटे गाँव जो हरियाणा में है, लेकिन वो दिल्ली बॉर्डर के एकदम पास है, मेरे उस छोटे से गाँव में कोई भी कॉलेज नहीं है, लेकिन वहां पर एक स्कूल जरुर है, लेकिन वो भी सिर्फ 12th क्लास, इसलिए मैंने भी अपनी 12th क्लास तक की पढ़ाई उस स्कूल में की, तब मेरे साथ उस स्कूल में एक बहुत सुंदर लड़की जिसका नाम माला, वो भी मेरी ही क्लास में मेरे पास बैठती थी.

दोस्तों वैसे उसका मकान भी मेरे घर के दो चार मकान छोड़कर पास ही था, इसलिए हम दोनों हमेशा एक साथ ही स्कूल जाया करते थे और में उसके साथ बहुत मस्तियाँ हंसी मजाक खेलना कूदना किया करता था और यही सब धीरे धीरे मेरे मन में उस लड़की के लिए प्यार बन गया, वो मुझे बहुत अच्छी लगने लगी और में उसको मन ही मन बहुत पसंद करने लगा, क्योंकि माला अब दिनों दिन जवान होने के साथ ज्यादा सुंदर होने लगी और उसकी सुन्दरता को देखकर में अब उसका दीवाना हो गया, वैसे मुझे बहुत अच्छी तरह से इस बात का भी पता था कि वो भी मुझे चाहती थी, लेकिन मुझसे अपने मन की बात कहने से डरती थी, में उसकी हरकतों को देखकर समझ चुका था.

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फिर मैंने उसको खलते समय इतनी बार उसके अंगो को छुआ, लेकिन उसने मुझसे कभी कुछ नहीं कहा, वो बस मेरी तरफ हंस देती और में उसका इशारा समझ जाता और उसके ज्यादा सुंदर बड़े आकार के बूब्स, गोरा रंग, काले घने लंबे बाल, हिरनी जैसी उसकी चाल और ठीक वैसी ही उसकी आंखे देखकर हमारे गाँव के बहुत सारे लड़को की नजर उस पर थी और वो उसको अपना बनाना चाहते थे, लेकिन वो मेरे अलावा ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी, वो हमारी पूरी क्लास में सबसे समझदार, सुंदर लड़की थी और में हमेशा माला की चुदाई के सपने देखा करता, वो मेरे मन में घर कर गई थी और मुझे कैसे भी करके उसकी एक बार चुदाई जरुर करनी थी. में हमेशा बस यही बातें सोचा करता था, वो मेरे सपनों में हमेशा आया करती थी.

दोस्तों उस समय हमारे 10th क्लास के पेपर खत्म हो चुके थे और मार्च के महीने में पेपर खत्म करके हम दोनों अपनी छुट्टियों का बहुत आनंद ले रहे थे. उन दिनों खेत पर भी वैसे ज्यादा काम रहता है, इसलिए हम दोनों सुबह ही जल्दी खेत पर चले जाते थे और दोपहर को ही वापस घर पर आते थे.

उसके बाद दोपहर में नहाकर थोड़ा आराम करते थे, वैसे माला का घर मेरे घर के पास में होने की वजह से में हर कभी दिन में वहां पर चला जाता था, वो और में उनके घर पर खेलते थे और में बस माला को देखने के लिए ही वहां जाता था, क्योंकि वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और में खेल खेल में हर कभी उसके शरीर को छू लेता था, ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आता था. फिर ऐसे ही दिन निकलते चले गये और में हर रोज बस यही इंतजजार करता कि कब मुझे मौका मिले और माला को देखूं और उसको छू लूँ और वो मज़ा प्राप्त करूं.

उस समय सच पूछो तो माला भी अपने पूरे योवन पर थी, वो अब पहले से भी ज्यादा सुंदर आकर्षक लगने लगी थी, इसलिए में उनकी तरफ बहुत आकर्षित था और उसके गोरे गोरे भरे हुए बदन पर उसके वो भारी बूब्स और उसकी गांड हर किसी के लंड को अपना पानी छोड़ने पर मजबूर कर दे, वो ठीक ऐसी थी कि उससे मेरा मन लग चुका था.

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दोस्तों वैसे गावं में लड़कियों को ज़्यादा नहीं पढ़ने देते, इसलिए वो भी थोड़ी कम पढ़ी लिखी थी और इस वजह से अब माला की शादी की बात भी होने लगी थी और बहुत जल्दी ही उसकी सगाई एक अच्छा सुंदर लड़का देखकर उसके साथ कर भी दी. फिर सगाई के बाद में माला के घर पर चला गया और फिर मैंने माला से मजाक में कहा कि क्यों तुम अपनी सगाई की मिठाई मुझे कब खिला रही हो? तो वो बोली कि क्या मिठाई अभी कोई मेरी शादी करने की उम्र है, मुझे तो आगे और भी पढ़ाई करनी है और में आगे भी पढ़ना चाहती हूँ, लेकिन क्या करूं मेरे कुछ समझ नहीं आता?

फिर मैंने अपनी बात को बदलते हुए उससे बोला कि क्यों माला तेरा मंगेतर कैसा है? मुझे भी तो बता वो कैसा दिखता है? तभी माला थोड़ा गुस्से में आकर मुझसे बोली कि मैंने भी उसको नहीं देखा, तुम्हें में कैसे बताऊं? तो मैंने उससे कहा कि क्या तुम बिना देखे ही शादी करने जा रही हो? तो वो बोली कि में क्या करूँ? में अपने घर वालों के उस फेसले के आगे बहुत मजबूर हूँ, उन्होंने लड़का देख लिया तो मैंने भी देख लिया और हमारे यहाँ पर बस यही चलता है.

अब मैंने हल्के से माला के शरीर को छुआ और उससे मजाक में बोला कि अब तो तुम्हारी उससे शादी होनी है, तुम उससे वो सब कुछ सीख लेना, लेकिन वो बिना बोले ही अंदर चली गई और अब उसने मेरी बात का भी जवाब नहीं दिया, क्योंकि वो अब बहुत उदास हो चुकी थी और में भी वापस अपने घर पर आ गया. उसके बाद से में अब बस कोई अच्छा सा मौका देखते ही माला को छेड़ देता था, माला आजकल मुझसे कुछ नहीं बोलती थी और वो बस हंस देती थी.

एक दिन दोपहर को में माला के घर पर चला गया तो मैंने देखा कि वो उस समय अपने बाथरूम में थी और उस समय घर के सभी लोग खेत पर गये हुए थे, मेरे शैतानी दिमाग में तुरंत एक विचार आया और मैंने माला के बाथरूम के उस छोटे से छेद से उसको नहाते हुए नंगा देखा.

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फिर मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मेरा लंड भी अब ज़ोर मारने लगा था और उस दिन मैंने उसके देखने के बाद अपने घर पर आकर मुठ मारकर ही अपना गुजारा किया और अपने लंड को शांत किया और उसके बाद तो मुझे जब कभी मौका मिलता तो में माला को नहाते हुए देखने लगा और उसके गदराए सेक्सी बदन के मज़े लेने लगा था. मेरी यह हर दिन की आदत बन चुकी थी, में उसको देखता और अपने घर पहुंचकर अपना लंड हिलाता और बहुत शांति प्राप्त करता.

एक दिन जब में माला के बाथरूम में देख रहा था. तभी अचानक से उसकी नज़र मुझ पर पड़ गई और में एकदम से बहुत घबरा गया और उसी समय जल्दी वापस अपने घर पर आ गया और उसके बाद में डर जाने की वजह से कई दिन तक उसके घर पर नहीं गया, मेरे मन में उस दिन के बाद एक डर और दहशत थी और जब कभी वो मुझे दिखती तो में अपना रास्ता बदल दिया करता और उससे अपनी नजरे चुराने लगा.

एक दिन किस्मत से वो मुझसे खेत पर मिल गई. मेरे पास उसके करीब जाने के अलावा कोई और रास्ता भी नहीं था और में डरता हुआ उसकी तरफ बढ़ता रहा और वो मेरी तरफ, लेकिन तभी वो मेरे पास में आकर मुझसे मुस्कुराते हुए बोली कि तू बहुत बड़ा शरारती निकला तू तो मुझे बहुत छुप छुपकर देखा करता है, मुझे तो उस दिन पता चला, क्यों मुझमें तुझे ऐसा क्या नजर आता है, जो तू इस तरह की हरकते करता है? क्या में तुझे इतनी अच्छी लगती हूँ?