भाई-बहन की चुदाई

चचेरी बहन मीता के साथ चुदाई: रोहित की हॉट सेक्स स्टोरी

हाय दोस्तों, मेरा नाम रोहित है। मैं 22 साल का हूँ और आगरा का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ और अपनी फिट बॉडी की वजह से काफी आकर्षक लगता हूँ। आज मैं आपको अपनी चचेरी बहन मीता के साथ हुई एक खास घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ। मीता भी 22 साल की है और उसकी खूबसूरती का क्या कहना – गोरी-चिट्टी, लंबे काले बाल, और उसका फिगर 36-24-38 का, जो किसी को भी दीवाना बना दे। उसकी हाइट करीब 5 फीट 5 इंच है। मैं लंबे वक्त से उसकी तरफ आकर्षित था, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई कि अपने दिल की बात कह सकूँ। उस वक्त हम दोनों दिल्ली में एक ही कमरे में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे।

शुरुआत में हमारी बातें आम थीं, लेकिन धीरे-धीरे हम करीब आने लगे। मैंने हल्के-हल्के उसे छूना शुरू किया, और जब उसने कोई विरोध नहीं किया, तो मेरी हिम्मत बढ़ती गई। जल्द ही हमारी बातें खुलकर अंतरंग हो गईं। शायद मेरे मन में जो था, वही उसके मन में भी चल रहा था। वक्त के साथ हमारा रिश्ता एक नए मुकाम पर पहुँच गया, और हमने कई बार एक-दूसरे के साथ खूबसूरत पल बिताए। आज मैं आपको ऐसा ही एक वाकया सुनाने जा रहा हूँ।

एक दिन मीता बाथरूम से नहाकर निकली। उसने सिर्फ एक तौलिया लपेटा हुआ था। मैं कमरे में बैठा किताब पढ़ रहा था। तभी न जाने उसे क्या सूझी, उसने अचानक अपना तौलिया उतार दिया और मेरे सामने खड़ी हो गई। उसकी नंगी खूबसूरती देखकर मैं एकदम स्तब्ध रह गया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने मुस्कुराते हुए कहा, “चलो, अब शुरू हो जाओ।” फिर वो मेरे पास आई और मेरे होंठों को चूमने लगी। उसकी गर्म साँसें और नरम होंठ मेरे अंदर आग लगा गए। मैं भी जोश में आ गया और उसे अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा।

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मैंने उसे बाँहों में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया। उसके ऊपर झुककर मैंने उसे चूमना शुरू किया। करीब दस मिनट तक हम एक-दूसरे में खोए रहे। उसका गोरा बदन और उभरे हुए कर्व्स मेरे होश उड़ा रहे थे। मैंने उसके सीने को सहलाना शुरू किया। वो सिसकारियाँ भरने लगी – “आहह… उफ्फ्फ…”। मैं उसके मुलायम बदन को चूमता और सहलाता रहा। फिर उसने कहा, “भैया, तुम्हारा बेल्ट चुभ रहा है, इसे हटा दो।” मैंने हँसते हुए अपनी पैंट उतार दी और उसके करीब आ गया।

मैंने उसकी जाँघों को सहलाया और धीरे-धीरे उसकी नजदीकी महसूस की। वो तड़प रही थी। मैंने पूछा, “क्या हुआ?” उसने शरमाते हुए कहा, “पता नहीं, कुछ हो रहा है।” मैंने मजाक में कहा, “मेरा लंड देखना चाहती हो?” वो चुप रही, लेकिन मैंने उसे बाहर निकाला। उसने धीरे से उसे हाथ में लिया और सहलाने लगी। उसकी हर हरकत मुझे और उत्तेजित कर रही थी। फिर उसने अपनी कमर उठाई और मेरे करीब आई। उसका गर्म स्पर्श मेरे लिए जन्नत जैसा था।

उसके उभरे हुए कर्व्स मेरे सामने थे। मैंने उन्हें अपने हाथों में लिया और चूमना शुरू किया। वो बोली, “मुँह खोलो और जमकर चूसो।” मैंने वैसा ही किया। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने कहा, “मीता, मैं हमेशा तुम्हारे बारे में सोचता था। डरता था कि कहीं तुम नाराज न हो जाओ। तुमने मुझे कितना तड़पाया है।” उसने हँसकर जवाब दिया, “तो आज अपनी सारी तमन्नाएँ पूरी कर लो। मैं पूरी तरह तुम्हारी हूँ।”

उसकी बातों ने मुझे और जोश दिलाया। मैं उसके बदन पर खो गया। उसकी साँसें तेज थीं और वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसने मेरे लंड को अपनी जाँघों के बीच लिया और रगड़ने लगी। मेरा सब्र टूट रहा था। मैंने कहा, “मीता, अब नहीं रुक सकता। बताओ क्या करूँ?” उसने फुसफुसाते हुए कहा, “चोद दो मुझे। फाड़ डालो। देर मत करो।” उसकी बात सुनकर मैंने उसे चेहरा देखते हुए अपने करीब खींचा। उसने मेरे लंड को सही जगह पर लगाया और एक धक्के में वो अंदर चला गया।

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मीता जोर से चिल्लाई, “उईई… माँ… रोहित, रुक जाओ… जलन हो रही है।” मैंने महसूस किया कि उसे दर्द हो रहा था। शायद लंबे वक्त बाद ऐसा होने की वजह से उसकी बॉडी तैयार नहीं थी। मैं रुक गया। उसकी साँसें तेज थीं और उसका बदन काँप रहा था। थोड़ी देर बाद उसने राहत महसूस की और अपनी कमर हिलाना शुरू किया। वो बोली, “रोहित, अब जमकर चोदो। मेरी प्यास बुझा दो।” मैंने उसकी बात मानी और धीरे-धीरे धक्के शुरू किए।

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उसकी चूत में मेरा लंड पूरा समा गया। वो नीचे से कमर उठाकर मेरा साथ देने लगी। उसके होंठ मेरे होंठों से मिल गए। कमरे में हमारी साँसों और गर्मी की आवाजें गूँज रही थीं। करीब 40 मिनट तक हम एक-दूसरे में खोए रहे। वो चिल्ला रही थी, “आहह… और जोर से… चोद दो मुझे… मेरे राजा…” मैं भी कह रहा था, “ले मेरी रानी… तूने मुझे तड़पाया, अब पूरा मजा ले।” हम दोनों जोश में थे।

आखिर में वो झड़ गई। उसने मुझे कसकर जकड़ लिया और उसकी गर्मी मेरे अंदर तक महसूस हुई। मैं भी उसी पल अपने चरम पर पहुँच गया। थककर मैं उसके सीने पर लेट गया। हम दोनों पसीने से तर थे, लेकिन उसके चेहरे पर संतुष्टि की चमक थी। हम एक-दूसरे से चिपककर लेटे रहे।

दोस्तों, ये थी मेरी और मीता की कहानी। इसके बाद भी हमने कई बार ऐसे पल बिताए। वो मेरे लिए एक खास इंसान बन गई, और हमारा ये रिश्ता समय के साथ गहरा होता गया।