मेरी हॉट सेक्सी चाची
मेरी हॉट सेक्सी चाची! दोस्तों, ये मेरी पहली कहानी है। उम्मीद है आपको यह पसंद आएगी। मेरा नाम जय है और मैं अहमदाबाद में रहता हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं बी.कॉम कर रहा था। यह कहानी मेरी और मेरी चाची रीता के बीच है। उसके फिगर 36-30-34 हैं, ये मुझे बाद में पता चला। रंग सवला, ऊँचाई 5’4″, बाल लंबे, जो उसकी कमर तक आते हैं। आप सोच ही सकते हैं कि वह कितनी हॉट लग रही होगी।
बात यह है कि जब मैं कॉलेज में था और मेरी चाची नौकरी कर रही थी, तो मेरे घर से उसकी नौकरी के रास्ते होते थे। इसलिए मैं उसे कभी-कभी देखता था।
फिर एक दिन मैंने उससे बात की और पता चला कि वह यहीं पर काम करती है। फिर मैं हर दिन उसके ऑफिस जाने के समय वहाँ खड़ा रहता और उसे देखकर खुश हो जाता था। शायद यह बात उसे भी पता चल गई थी। फिर एक बार बारिश के मौसम में, जब वह ऑफिस से आ रही थी तो बहुत ज्यादा बारिश हो रही थी। वह पूरी तरह से भिगोई हुई थी और मैं भी बहा रहा था। वह ऑटो ढूंढ रही थी लेकिन नहीं मिल रही थी। मैं वहीं खड़ा देख रहा था।
फिर मैंने अपनी बाइक निकाली और उसे कहा, “चलो, मैं तुम्हें घर तक छोड़ दूंगा।” मुझे लगता है कि तुम यहाँ बारिश में ऑटो नहीं पाओगी। उसने मान लिया और मेरे पीछे एक साइड पर बैठ गई। उसने एक हाथ मेरी कमर पर रखा। मैं उसे बात करते-बात करते गाड़ी चला रहा था और बार-बार ब्रेक लगा रहा था, जिससे उसके बड़े-बड़े ब्रेस्ट मुझसे टच होते थे। मैं जन्नत में था और पूरी तरह से गरम हो गया था। सोच रहा था कि अभी किसी होटल में लेजाकर इसको चोद दूं लेकिन मैंने कंट्रोल किया और आगे बढ़ा। अचानक गाड़ी के सामने एक गड्ढा आया। गाड़ी गड्ढे में गिर गई जिससे तेज़ झटका लगा। उसके पूरे ब्रेस्ट मेरे पीठ पर रगड़ गए और उसका हाथ मेरी कमर से सरक कर मेरे लिंग तक पहुँच गया।
मैं अचानक अपने लिंग को उसके हाथ में महसूस करता हुआ, उसकी पसंद का आनंद ले रहा था। कुछ सेकंड बाद उसने हाथ हटा दिया और फिर हम घर की ओर निकल गए। उसके घर पहुँचकर मैंने उसे गेट तक छोड़ दिया। उसने मुझे अंदर आने के लिए कहा लेकिन मैं भिगोया हुआ था और लिंग भी पूरी तरह से उत्साहित था, इसलिए मैंने सोचा कि अभी ठीक नहीं होगा और उसे मना कर दिया। फिर उसने एक सेक्सी मुस्कान देकर “धन्यवाद” कहा। मुझे पता नहीं मुझे क्या हुआ, लेकिन उसके मुस्कुराहट देखकर मैं उसका नंबर मांगने लगा और उसने भी दे दिया। फिर हमारी बातचीत शुरू हो गई। बातों बातों में पता चला कि उसका पति (मेरा चाचा) उसे ज्यादा समय नहीं देता है। मैंने सोचा कि यहाँ काम बन सकता है, इसलिए मैंने कोशिश करने का फैसला किया।
फिर किस्मत से मेरे चाचा को बाहर जाना था और उसने मुझे फोन किया कि आज मुझे घर तक ड्रॉप कर दो। मैं तुरंत मान गया और बाइक निकाली और उसे बैठाया। आज वह बहुत करीब बैठ गई थी ताकि उसके ब्रेस्ट टच हो सकें और उसका हाथ भी मेरी जांघ पर था। मेरे लिंग को देखते ही खड़ा होने लगा। फिर मैं मजे लेने लगा और उसके घर पहुँचा। उसने घर आने के लिए कहा, मैंने “ठीक है” कहा और उसके घर गया। उसने कहा कि वह अभी बदलकर आएगी। फिर वह बदलकर आई। क्या कामाल लग रही थी! उस गाउन में उसके ब्रेस्ट और भी बड़े दिख रहे थे। उसने अंडर ड्रेस नहीं पहनी थी तो मैं और गरम हो गया। फिर उसने पानी दिया, मैंने पानी पीया और फिर वह रसोई में चली गई और मुझे आवाज सुनाई दी। मैं उसके पीछे गया और मेरा लिंग टाइट होने की वजह से बाहर तक दिख रहा था। उसने उसे देखा और थोड़ी शर्मिंदा हो गई। फिर उसने कुछ सामान ऊपर से उठाने को कहा, तो मैंने टेबल पर चढ़कर नीचे दिया। और देखो उसके ब्रेस्ट साफ़ दिख रहे थे। मैं चुपके से उसके ब्रेस्ट को देख रहा था और उसका ध्यान मेरी खड़ी लिंग पर था…
फिर मैं नीचे उतरने वाला था कि मेरा बैलेंस बिगड़ गया और ऊपर गिर गया। गिरते समय मेरे हाथ से उसके ब्रेस्ट थोड़े बड़े हो गए। उसके मुंह से “आह” की आवाज निकली। मुझे समझ आया कि वह चूदने के लिए तैयार है। फिर मैंने उसके ब्रेस्ट को हल्के हाथों से सहलाया और उसने कुछ नहीं कहा, बस आँखें बंद करके “आह”, “उह”, “ओह” कह रही थी। ब्रेस्ट दबाते-दबाते मैंने उसके होंठों पर अपना होठ रख दिया और उसे चूमने लगा। वह अपने होश खो चुकी थी और आँखें बंद करके मजे ले रही थी। मैं भी मजे से चूम रहा था। लगभग 10 मिनट बाद उसे होश आया और उसने मुझे ऊपर से हटा दिया। मुझे लगा कि उस पर गुस्सा आया होगा, शायद किसी को बताएगी। फिर दो मिनट बाद वह वापस आई और बोली “डोर लॉक कर ली है ताकि कोई न आए।” मैंने यह सुनते ही उसे अपनी बाहों में ले लिया और चूमना शुरू कर दिया। उसने भी साथ दिया और कहा,
चाची: – यहाँ नहीं, बेडरूम में चलते हैं।
मुझे: – ठीक है।
(बेडरूम में जाने के बाद)
चाची: – तुम मुझे ही देखने के लिए खड़े रहते थे ना?
मुझे: – हाँ, आप इतनी सेक्सी हो कि आप को देखे बिना रहना मुश्किल है।
चाची: – शर्मिंदगी से धन्यवाद…
मुझे: – मैं आपको जब से छूना चाहता था तब से इंतजार कर रहा हूँ और अब मौका मिला है।
चाची: – मैं जब से तुम्हें पहली बार घर छोड़ते देखा था, तब से ही तुम मुझे चूदवा लेती थी।
मुझे: – कोई बात नहीं आज जमकर चुदाई करूंगा।
चाची: – चलो देर मत करो, मेरी प्यास बहुत है। तुम्हारा चाचा तो कभी छूता ही नहीं है। तुम आज मेरी प्यास बुझाओ।
(बात करते-बात करते मैं उसके ब्रेस्ट और गांड को मसल रहा था और वह मेरे लिंग को पैंट के ऊपर से सहला रही थी।)
फिर मैंने चाची को किस किया, जो पूरी तरह से उत्साहित प्रतिक्रिया दे रही थी। मैंने उसका गाउन उतार दिया और सोचा कि ऐसा ही होगा। उसने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी! उसके नंगे ब्रेस्ट देखकर मैं बेहोश हो गया और बड़े-बड़े चूसने लगा। वह “आह”, “ओह”, “अह” कह रही थी। उसके दूध को निकालते हुए चुदाई का माहौल इतना गर्म था कि वह कुछ भी नहीं कह रही थी। फिर मैंने एक हाथ उसके क्लीन प्यूसी पर रखा और उसे चूसने लगा। जैसे मेरी जीभ उस पर लगी हो, तो वह हिल गई और “आह”, “आह”, “ओह” कहकर तड़प रही थी…
उसकी प्यूसी बहुत टाइट थी। 5 मिनट में ही उसने अपने प्यूसी का रस छोड़ दिया। मुझे कटा-कटा स्वाद आया और मजा भी आया। फिर वह ऊपर उठी और मेरी पैंट हटा ली। मेरे लिंग को उसके हाथ से सहलाया जा रहा था, जैसे लोहा बन गया था। उसने एक बार में उसे अपने मुंह में ले लिया। मैं जन्नत में था। मैंने आँखें बंद कर लीं और मजे लेने लगा। वह बड़े उत्साह से चूस रही थी। थोड़ी देर बाद हम 69 पोज़ में आ गए। मैं उसके प्यूसी पर फिर मुंह लगाकर चूस रहा था, वह भी बड़े उत्साह से “ओह”, “आह” कह रही थी। उसे इतना मजा आया कि उसने मेरे लिंग को छोड़कर अपने प्यूसी को चाटने का मज़ा लिया। फिर वह खड़ी हुई और बोली, “अब मुझे तड़प मत दो, अंदर डालो और बनाओ इसको बांझ। अब नहीं रह सकता!”
मैं उठा और उसके पैर फैलाकर उसके प्यूसी पर लिंग रगड़ रहा था। वह तड़प रही थी और कह रही थी, “डालो, क्यों तड़पता रहे हो?”
फिर मैंने एक जोर से धक्का मारा और मेरा आधा लिंग अंदर चला गया। उसने चिल्लाया, “ओह”, “ओह”, “आह”, “मारे बाप का! बहुत दर्द हो रहा है!” लेकिन मैंने उसकी बात अनसुनी की और दूसरा धक्का और जोर से मारा और मेरा पूरा लिंग उसके प्यूसी तक चला गया। वह चीख रही थी, “आह.. चोद! जोर से मुझे कह रही थी और मुझे भी उत्साह आ रहा था। मैं भी पूरी तेज़ी से चुदाई कर रहा था। वह बड़े मजे से आवाज निकाल रही थी, गाली दे रही थी मेरे चाचा को गाली दे रही थी कि “चोद! तुम्हारे पिता ने मेरी प्यास नहीं बुझाई है, तो अपने भतीजे से सीख लो!” और मैं उसे उठाकर धोया और फिर पीछे जसे ही मैंने लोड किया उसका सिसकियाँ लेना शुरू हो गया। “आह”, “ओह”, “एssssee hiii चोदो” और “जोर से फाड़ दो इसको” कह रही थी। इस सब के बीच में उसने दो बार झटका खाया था, इसलिए थोड़ी थकी भी गई थी…
मैंने उसके गांड को देखकर कहा, “इसमें डालना है तो?” उसने मना कर दिया, “नहीं, तेरा बहुत बड़ा है, फाड़ देगा।” मैंने समझ लिया फिर उसने कहा कि पहले प्यूसी को शांत कर दो फिर गांड में भी डाल देना। मैं खुश होकर जोर-जोर से धक्के देकर चुदाई कर रहा था। अब मेरा निकलने वाला था तो मैंने और तेज़ी बढ़ा दी और उससे पूछा, “कहाँ निकालूँ? मैं झड़ने वाला हूँ?” उसने कहा, “मेरे मुंह में डालो, मैं नहीं चाहती कि तुम बाहर निकालें।” मैंने प्यूसी से लिंग निकाला और वह बड़े उत्साह से चूस रही थी। फिर मैंने अपना लिंग उसके मुंह में डाला। उससे बहुत सारा माल निकला जो उसने सब कुछ चूसकर साफ़ कर दिया। मेरे लिंग को। फिर हम कुछ देर ऐसे ही रहे, पूरी चुदाई में वह चार बार झड़ी… दोस्तों, आपको यह कहानी पसंद आई या नहीं, कृपया जवाब दें।