चुदाई की कहानियाँ

मेरी पहली गर्लफ्रेंड चुदाई

My First Girlfriend Chudai

मेरी उम्र 32 साल है, मेरा ऊँचाई 5’11” है और रंग गेहूं जैसा थोड़ा स्वस्थ हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं 24 साल का था और एक MNC में नौकरी करता था। मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं थे और मैं अपने काम में मस्त रहता था, घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने में लगा रहता था। एक दिन मैं अपने ऑफिस से घर जा रहा था बस में बैठे तो मेरी बगल वाली सीट पर एक लड़की आई और बैठी।

जब कंडक्टर टिकट लेने आया तो लड़की ने 500 रुपये दिए और अंबाला का टिकट माँगा लेकिन कंडक्टर उसे चेंज देने को कहा। उसके पास चेंज नहीं था इसलिए मैंने पैसे दिए और उसकी टिकट भी ली। उसने धन्यवाद कहा और मेरा नंबर लिया क्योंकि वह मेरे पैसे चुराना चाहती थी। मैंने उसे नंबर दिया और तभी मेरे बॉस का फोन आया, काफी देर बात हुई। जब फोन कटा तो हमारा स्टॉप आ गया।

उसे लेने उसका भाई आया था, उसने पैसे लिए लेकिन मैं निकल चुका था (यह उसने बाद में मुझे बताया)। एक हफ्ते बाद मुझे एक कॉल आया, उसने अपना नाम सुमी बताया और मुझे याद दिलाया कि वह मेरे पैसे लौटाना चाहती है। लेकिन मैं शुरू से ही लड़कियों से कतराता हूँ इसलिए मैंने बहाना बनाकर टाल दिया। उस रात को 12 बजे उसके मिस कॉल आए। मैंने कोई जवाब नहीं दिया, फिर 5 दिन कुछ बात नहीं हुई।

एक दिन मैं बस स्टैंड पर खड़ा था तो मैंने देखा वह भी मेरे साथ खड़ी हो गई, उसके साथ एक अंटी थी जो 50 साल की होगी। उसने मुझे इग्नोर किया, मैंने भी। हम एक बस में बैठे और कुरुक्षेत्र पहुँचे। मैं अपने ऑफिस गया और उसका हाल पता नहीं चला। दो घंटे बाद मुझे कॉल आया कि आप अपने पैसे लें प्लीज। उसके बारे में बात करने पर हमने म्यूजियम में मिलने का समय तय किया और दो बजे मैं वहाँ पहुँचा। देखा तो वह पहले ही वहाँ बैठी थी।

उसने मुझे पैसे दिए लेकिन मैंने नहीं लिए क्योंकि अगर मैं लेता तो आगे बढ़ने का मौका खो देता। मैंने कहा ठीक है, हम इन पैसे से म्यूजियम देखेंगे फिर आपको पैसे के बारे में कोई समस्या नहीं होगी। वह मान गई। हम म्यूजियम पहुँचे वहाँ लाइट और शो चल रहा था तो सारी रोशनी बंद थी कुछ भयानक साउंड थे। उसने डर के मारे मेरा हाथ पकड़ लिया, मुझे जैसे करंट लगा गया।

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लेकिन उसने आवाज बंद होने के बाद छोड़ दिया। शो खत्म हुआ हम बाहर आए कुछ स्नैक्स लिए और खाकर एक-दूसरे को बाय कहकर चले गए। मुझे उस रात उसके हाथ के स्पर्श का एहसास होता रहा और दिल करता था कि अब उसे फोन कर दूं। फिर मैंने एक ब्लैंक एसएमएस उसके नंबर पर भेजा, उसका तुरंत जवाब आया लेकिन वो भी ब्लैंक था। फिर उसकी मिस कॉल आई, मैंने डरते-डरते फुलाया तो दूसरी तरफ से उसकी मीठी आवाज आई बोली क्या हुआ आप सोए नहीं अभी?

मैं – नींद नहीं आ रही। सुमी – क्यों, ठीक तो हो ना? मैं – तुमको छूने से जो करंट लगा वो बर्दाश्त नहीं हो रहा है, और एक बार मिलना है आपके साथ? उसने थोड़ी नकार के बाद मान गई। हमने एक साइबर कैफे के कबिन में मिलने का प्लान बनाया जो मेरे एक दोस्त का था और शहर से कुछ दूर था। वहाँ प्रेमियों का आना था और घंटों कबिन में बात करते और मजे करते थे।

अगले दिन शाम 4 बजे हम वहाँ पहुँचे और सबसे अंतिम वाला कबिन में बैठे। सामान्य बातें शुरू हुई और बात करते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ लिया, उसने मना नहीं किया तो मैंने उसके हाथ पर किस कर दिया। मेरा लंड तो जैसे उसके कोमल हाथ का स्पर्श पाना चाहता था लेकिन पहली मुलाकात में इतना ज्यादा कुछ करना ठीक नहीं था।

इतने में मेरी नजर केबिन के नीचे रखे एक इस्तेमाल किए गए कॉन्डम पर पड़ी, शायद कोई चोदकर उसे वहीं फेंक दिया था और सुमी ने भी देखा था। लेकिन हमने इग्नोर करके वहाँ से घर आ गए। रात को फोन पर बात शुरू हो गई थी लेकिन सेक्स की बात करने की हिम्मत नहीं हुई। 6 महीने तक ऐसा ही चलता रहा। फिर वो दिन आया जिसका मैंने सोचा भी नहीं था। सुमी के घर उसके पिता और दादी रहते थे उसकी माँ नहीं थी और उसकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी। उसके पिता एक दिन दिल्ली गए थे उस दिन करवा चौथ का व्रत था जो लड़कियां जानती हैं कि पत्नी अपने पति के लिए और गर्लफ्रेंड अपने बॉयफ्रेंड के लिए रखती है। सुमी ने भी मेरे लिए रखा था। मैं उस दिन कंपनी के काम से लुधियाना गया था।

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शाम को सुमी का फोन आया और वह जिद करने लगी कि जब तक मैं उसे कुछ नहीं खिलाऊंगा तब तक वह नहीं खाएगी लेकिन मैंने उसे कहा कि मैं 12 बजे से पहले अंबाला नहीं पहुँच सकता। पर वह जिद करने लगी कि जब मैं कुछ खिलाऊंगा तब ही खाएगी। मैं मान गया और बोला कि मैं कुछ स्नैक्स और ठंडा पेय लेकर तुम्हारे मुख्य दरवाजे पर रख दूंगा और तुम ले लो।

वह मान गई। 11 बजे मैंने उसे कॉल किया कि मेरी बस अंबाला में 10 मिनट में पहुँच जाएगी और आधे घंटे तक मैं तुम्हें खाना दूंगा। उसने बताया कि उसके पिता आज वापस नहीं आने वाले और दादी भी सो चुकी हैं तो उसने मुझे अपने घर आने को कहा। ना जाने किस सोच में मैंने हां कर दी और अपने घर फोन कर दिया कि मैं सुबह 5 बजे तक घर पहुँच जाऊंगा।

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मैंने उसके कॉलोनी में 12 बजे पहुँचा और उसे एसएमएस किया। उसने बाहर वाले कमरे का दरवाजा खोलकर मुझे अंदर खींच लिया। लाइट ऑफ थी जब उसने लाइट जलाई तो क्या कहूं मैं उसे देखता रहा। 5’5″ ऊँचाई की सुमी रेड कलर का सूट पहने थी जो एकदम बॉडी से चिपका हुआ था। उसके Boobs 34 साइज के आँखों जैसा लग रहे थे। फिर मुझे याद आया कि सुमी भूखी है। मैंने उसे खाना खिलाया और फिर उसे अपने गले से लगा लिया। उसके एकदम कड़े थे जो मेरी छाती में चुभ रहे थे। जिससे मेरे शरीर में आग लग रही थी।

मैंने उसका चेहरा अपने हाथ में लिया और उसके लाल-सुरख होंठों पर अपने होठ रख दिए। वो आँख बंद करके मेरे साथ सहमत हो गई करीब 15 मिनट उसके होठ चुसा रहा और एक हाथ से उसके Boobs दबाता रहा, वह मस्ती कर रही थी। मैंने उसे मुझसे अलग किया और उसके कपड़े उतार दिए। वाह! क्या जिस्म था। जैसे कोई अप्सरा। एक चिकना गोरा शरीर और 34-30-36 फिगर।

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मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने कपड़े खोले और बिलकुल नंगा हो गया। मेरा लंड थोड़ा ज्यादा बड़ा लग रहा था, 7 इंच का लंड और 2 इंच से ज्यादा मोटा। पहली बार इतनी सुंदर लड़की को छोड़ने के लिए भूखा शेर की तरह खड़ा था। वो लंड देखकर डर गई और बोली ये मैं नहीं लूंगी। मैंने उसे समझाया और उसके Boobs चुभने लगा। Boobs क्या थे एकदम हार्ड और nipple बिलकुल छोटे और पिंक।

एक चुसा एक दबाता वो आँखें बंद करके सीस्कर ले रही थी, अब धीरे-धीरे मैं उसकी नाभि की ओर और आगे बढ़ा और चटने लगा। वह मस्ती से उछल रही थी। मैं नजर अब उसकी चुत को देखने के लिए बेकरार था। मैंने उसकी टंगों को खोला और जो उसकी प्यारी चुत दिखी तो मेरा लंड उठने लगा, एकदम पिंक चुत और एक भी बाल नहीं था। बाकी बाद में बताऊंगा।