पड़ोसी की चुदाई

मुंबई की दीवाली: पड़ोसन की मसालेदार चुदाई की सच्ची कहानी

हाय दोस्तों, मैं प्रेम, मुंबई का रहने वाला हूँ। आज मैं आपके लिए एक सच्ची और मसालेदार कहानी लेकर आया हूँ, जो करीब एक साल पुरानी है। मेरे घर के पास एक सेक्सी औरत रहती है, जिसका नाम कविता है। वो दिखने में ठीक-ठाक है, थोड़ी साँवली, लेकिन उसका फिगर—30-26-30—दिल चुराने वाला है। उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं, पर उसकी गांड और कमर का कर्व हर किसी को मदहोश कर दे। उसकी 18 साल की बेटी खुशबू है, और उसका पति क्लब में नौकरी करता है। वो रात को देर से घर लौटता था। मुझे पहले से पता था कि कविता की neighborhood में काफ़ी “चर्चा” है। मेरे दोस्तों ने बताया था कि वो कई लोगों के साथ सो चुकी है।

मैं दिखने में स्मार्ट हूँ। कविता मुझे अक्सर घूरती थी, और मैं भी उसे देखता था। हम इधर-उधर की बातें करते थे। मैं ज्यादातर उसके बेटे के साथ badminton खेलता था, जिससे उससे नजदीकी बढ़ गई। एक दिन सुबह-सुबह उनके घर से झगड़े की आवाज़ आई। मैं पास गया तो दोनों चुप हो गए। मैं वापस चला आया। शाम को जब उसका पति क्लब गया, मैं कविता के घर पहुँचा।

“क्या हुआ था सुबह?” मैंने पूछा।
वो रोने लगी, “तुम छोटे हो, तुम्हें नहीं बता सकती।”
“प्लीज़ बताओ,” मैंने ज़िद की।

कविता ने सिसकते हुए कहा, “मैंने उनसे बोला कि कल दीवाली है, दिन की छुट्टी ले लो। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उनकी शिफ्ट 1 बजे से है।”
मैंने कहा, “नौकरी तो ज़रूरी है ना। उनकी क्या गलती?”
“तुम नहीं समझते, प्रेम। इसलिए ऐसा बोल रहे हो,” उसने तंज कसा।
“क्या नहीं समझता?” मैंने पूछा।
“सेक्स भी तो ज़रूरी है ना?” उसका जवाब सुन मैं चुप हो गया। वो भी खामोश हो गई।

थोड़ी देर बाद उसने कहा, “सॉरी, पर मेरे पति मुझसे सेक्स नहीं करते। उन्हें शक है कि मैं किसी और के साथ सोती हूँ। तुम्हें ऐसा लगता है क्या, प्रेम?”
मैंने कहा, “छोड़ो ना, वो तुमसे प्यार करते हैं, इसलिए शक करते हैं।”
वो गुस्से में बोली, “प्यार? मैं एक दिन सच में किसी के साथ सेक्स करूँगी। वो क्लब में तो किसी ना किसी को चोदता ही होगा। मैं क्यों ना करूँ?”
मैंने हल्के से कहा, “ठीक है। किसके साथ करोगी?”
“खुद देख लेना,” उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
“मेरे सामने?” मैंने मज़ाक में पूछा। वो हँस पड़ी।

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अगले दिन दीवाली थी। शाम को कविता लाल साड़ी में तैयार हुई। क्या मस्त माल लग रही थी! उसकी साड़ी उसके जिस्म से चिपकी हुई थी, और वो सेक्सी लग रही थी। मैं उसके पास गया और उसे घूरने लगा।
“क्या हुआ? मुझे पहले कभी देखा नहीं?” उसने पूछा।
“देखा है, पर इतना hot कभी नहीं,” मैंने तारीफ की।

हमने पटाखे जलाए। रात को खाना खाकर सब सो गए। मैं बाहर आया, दो बियर लीं और उसके घर के पास पीने लगा। तभी उसका दरवाज़ा खुला।
“अरे प्रेम, तुम ड्रिंक करते हो?” उसने हैरानी से पूछा।
“हाँ, कभी-कभी,” मैंने कहा।
“घरवालों को पता है?”
“नहीं, इसलिए बाहर पी रहा हूँ।”
“अंदर आ जाओ, कोई देख लेगा,” उसने कहा।

मैं उसके घर चला गया। बियर पीते हुए उसने कहा, “प्रेम, मुझे भी थोड़ी दे ना।” मैंने उसे गिलास थमा दिया। वो पीने लगी। फिर अचानक बोली, “तुमने कभी सेक्स किया है?”
“हाँ, कई बार। गर्लफ्रेंड के साथ और दूसरों के साथ भी,” मैंने जवाब दिया।
“अच्छा! तो सुनो, मैंने कहा था ना कि मैं भी किसी के साथ सेक्स करूँगी। क्या तुम मेरे साथ करोगे?” उसकी आँखों में शरारत थी।
“ठीक है, लेकिन तुम्हें कोई problem तो नहीं?” मैंने पूछा।
“जो करना है करो,” उसने हरी झंडी दे दी।

मैंने उसे पकड़ लिया और पागलों की तरह kiss करने लगा। वो भी मुझे बेकाबू होकर चूम रही थी। अचानक वो रुकी, “एक मिनट रुकना,” और बाथरूम चली गई। लौटी तो मैक्सी पहने थी। फिर से हम kiss करने लगे। उसके होंठों का नशा अलग ही था। उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया। मैं ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। उसकी मैक्सी उतारी तो वो सिर्फ़ ब्रा और काली पैंटी में थी। क्या कयामत लग रही थी! मैं ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी, “आह… उह…!”

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मैंने एक हाथ उसकी पैंटी में डाला। उसकी चूत गर्म और गीली थी। मैं उसे सहलाने लगा। फिर उसकी पैंटी उतारी और अपनी टी-शर्ट, पैंट खोल दी। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था। मैं उसकी चूत के पास मुँह ले गया और चाटने लगा।
“आह… ओह… और ज़ोर से चाटो! मेरे पति को तुमसे सीखना चाहिए,” वो चीख रही थी। 15 मिनट तक मैंने उसे चाटा। उसकी चूत का रस नमकीन और मादक था। मेरा मुँह गीला हो गया।

वो उठी, मेरी अंडरवियर उतारी और मेरे 6 इंच के मोटे लंड को देखकर बोली, “कितना मोटा है! ये कैसे अंदर जाएगा?” फिर उसने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। 5 मिनट बाद वो चिल्लाई, “प्रेम, जल्दी अपना लंड मेरी चूत में डालो, मुझसे रहा नहीं जाता!”

मैंने उसके पैर कंधों पर रखे, लंड उसकी चूत के मुँह पर टिकाया और एक धक्का मारा। आधा लंड अंदर गया। वो चीखी, “उफ्फ़… कितना दर्द हो रहा है!” मैंने उसे kiss किया, बूब्स दबाए और एक और ज़ोरदार धक्का मारा। पूरा लंड अंदर चला गया।
“आह… प्रेम… इतना मोटा लंड! मुझे रोज़ चोदा करो,” वो सिसकार रही थी। मैं धक्के देने लगा। 3-4 मिनट बाद मैंने कहा, “डॉगी स्टाइल में आ जाओ।” वो तैयार हो गई। मैंने पीछे से चोदा। वो झड़ गई और मैं भी उसकी चूत में झड़ गया।

वो बाथरूम चली गई। तभी मैंने देखा कि उसकी बेटी खुशबू जाग रही थी। उसने सब देखा, पर मुझे देखकर सोने का नाटक करने लगी। उस रात मैंने कविता को तीन बार चोदा। दीवाली का वो जश्न मेरे लिए unforgettable बन गया।