रंडी की चुदाई / जिगोलो

पति के बिना घर में एक रात-3

(Pati Ke Bina Ghar Me Ek Raat-3)

उसके बाद तीसरे राउंड के लिए मैंने उसके लंड को चूस कर तैयार कर दिया. अबकी बार उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे कूल्हों को पकड़ कर मेरी चूत में धक्कम-पेल शुरू कर दी. शायद उसने भी कोई टेबलेट खाई थी. इतना जोश मैंने बहुत कम मर्दों में देखा था. वह अपने मूसल जैसे लंड से मेरी चूत की चटनी बना रहा था और मैं दर्द में भी तृप्ति का अहसास कर रही थी.

उसके बाद वह बेड से नीचे उतर गया और सामने पड़ी कुर्सी पर जाकर बैठ गया. मैं भी जाकर उसके लंड पर बैठ गयी और उछलने लगी. कुर्सी पर बैठकर उसके लंड से चुदने में और भी ज्यादा मजा आने लगा.

बीस मिनट के बाद ही मैं तीसरी बार झड़ गई मगर वो अभी भी नहीं रुका और मेरी चूत में नीचे से धक्के देता रहा. मेरी सांसें बुरी तरह से फूल चुकी थीं.

लगभग दस मिनट ऐसे ही कुर्सी पर मेरी चुदाई करने के बाद उसने मुझे नीचे फर्श पर बैठा दिया और अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया. उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और जोर-जोर से मेरे मुंह को चोदने लगा.

वह मुझे जैसे रंडी समझ कर मेरे मुंह में धक्के लगा रहा था और मेरा दम घुटने लगा था. फिर कुछ ही धक्कों के बाद उसने अपने लंड को मेरे मुंह में पूरा अंदर तक घुसा कर तीसरी बार अपना वीर्य मेरे मुंह में छोड़ दिया. मैंने उसका सारा पानी पी लिया. तीन बार की चुदाई के बाद मैं बुरी तरह से थक गई थी.

उसके पैसे देने के बाद मैंने उसको वापस जाने के लिए कह दिया. मैं वहीं बेड पर नंगी पड़ी हुई सो गई. जब सुबह उठी तो मेरा सारा बदन टूट रहा था. सुबह के दस बज चुके थे. मैं जानती थी कि अब मसाज करने वाला लड़का भी आने ही वाला होगा.

मैंने जल्दी से उठ कर एक लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी और उसके ऊपर से लाल रंग की ही नाइटी डाल ली. कुछ ही देर में दरवाजे की घंटी बजी तो मैं समझ गयी कि मसाज वाला आ गया है. मैंने दरवाजा खोला और उसको अंदर ले आई.

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उसने पूछा- कौन सी मसाज लेनी है.
तो मैंने उसको फुल बॉडी मसाज करने के लिए कह दिया.

मैं जाकर बेड पर लेट गई.
वह बोला- मैडम, आपको ये कपड़े निकालने पड़ेंगे. वरना ये ऑयल के कारण खराब हो जायेंगे.
मैंने कहा- ठीक है, निकाल दो.

उसने मेरे गाउन की लेस खोल दी. मैं अब केवल ब्रा और पैंटी में रह गई थी. उसने मुझे पेट के बल लेटने के लिए कहा तो मैं घूम कर लेट गई. उसके बाद उसने मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया ओर मेरी ब्रा भी उतार दी. फिर उसने मेरी पैंटी को भी पकड़ कर खींच दिया और पैंटी भी निकाल दी. मेरी गांड नंगी होने के बाद अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी थी.

उसने अपने हाथों में ऑयल लिया और मसाज शुरू कर दी. पहले उसने मेरे कंधों को मसाज देना शुरू किया. मुझे बहुत रिलैक्स फील हो रहा था. फिर वो नीचे आ गया और मेरी पीठ पर तेल डाल कर मसाज देने लगा. 10 मिनट तक मालिश करने के बाद वो मेरे हिप्स पर आ गया. वो मेरे चूतड़ों को मसाज़ देने लगा!

अब मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरी बॉडी भी गर्म हो रही थी. कुछ देर तक कूल्हों पर मसाज देने के बाद वो मेरी जांघों की तरफ नीचे आ गया. रात की चुदाई से मेरी बॉडी में जो अकड़न आ गई थी अब वो रिलैक्स होने लगी थी.

अब उसने मुझे सीधा कर दिया. मेरी नंगी चूत ठीक उसके सामने थी. अब वो मेरे पांव को आगे से मसाज देने लगा. फिर मेरी जांघों पर आ गया और मेरी जांघों की मालिश करने लगा. 10 मिनट के बाद वो मेरे कंधों की तरफ वापस आ गया और मुझे फिर से मजा सा आने लगा.

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उसके बाद उसने ऑयल की बोतल ली और तेल को मेरे दोनों बूब्स पर डाल दिया. जैसे ही उसने मेरे बूब्स पर अपने दोनों हाथ रखे तो मेरी आह … निकल गयी. मेरे चूचों की मालिश करते हुए वो मेरे बूब्स को दबाने लगा. मैं आहें भर रही थी. मेरे मुँह से कामुक सी आवाजें निकलने लगी थीं. उसके कड़क हाथों की मालिश से मेरे दोनों बूब्स को मजा आने लगा था. मैं चाह रही थी कि वो मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाए. उसके हाथों का स्पर्श मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था. मेरे बूब्स की दोनों निप्पल टाइट हो गयी थी और मेरे बूब्स भी लाल हो गए थे. मैं आह आह … आह … की आवाजें निकाल रही थी.

फिर कुछ देर बाद के वो मेरे पेट की तरफ आ गया. उसने मेरे पेट की हल्के हाथों से मालिश की. ऐसा करते हुए वो अब वो और नीचे आ गया. उसने जैसे ही अपना हाथ मेरी चूत पर रखा मुझे तो जन्नत का सा अहसास हुआ.

मालिश करने वाला भी जान गया था कि मैं उत्तेजित हो रही हूँ. मैं हल्की हल्की सिसकारियाँ ले रही थी. तभी अचानक से उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में अंदर डाल दीं. अंदर डालने के तुरंत बाद ही वो उनको आगे पीछे करते हुए मेरी चूत में अंदर और बाहर चलाने लगा. रात की चुदाई के बाद मेरी चूत दर्द कर रही थी मगर उसकी उंगलियों की मसाज से मेरी दुखती हुई चूत का दर्द कम होने लगा.

उसने मेरी चूत की 15-20 मिनट तक बहुत मजेदार मालिश की और उस बीच में मैं एक बार झड़ भी गयी थी. लगभग डेढ़ घंटे की मसाज लेने के बाद मेरी बॉडी एकदम से रिलैक्स हो गई थी.

मेरा मन तो कर रहा था कि उसके लंड को हाथ में पकड़ लूं लेकिन अगर मैं ऐसा करती तो वह मेरी चुदाई कर देता. कल रात की चुदाई के बाद मेरी चूत फिलहाल के लिए तृप्त हो गई थी. इसलिए मैं उसको चुदाई का मौका नहीं देना चाहती थी. मालिश करवाने के बाद मैंने उसको पैसे दिये और वापस भेज दिया.

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मेरी पूरी बॉडी पर तेल लगा हुआ था जिसके कारण मेरी काया शीशे की तरह चमकने लगी थी. मेरे मोटे-मोटे बूब्स लश्कारे मार रहे थे. जब मैंने खुद को आइने में देखा तो मन किया अपनी ही चूत में उंगली कर लूँ. मगर जब मेरे आस-पास इतने सारे लंड मौजूद थे तो मुझे उंगली से मेहनत करने की क्या जरूरत थी भला?

मालिश करवाने के बाद मैंने सोचा कि क्यों न कुछ देर पूल में जाकर स्वीमिंग ही कर ली जाए! मैं उसी लाल ब्रा और पैंटी को पहन कर स्वीमिंग पूल में चली गई.

मैं पूल के पानी में तैरते हुए मजा ले रही थी कि फिर से दरवाजे बेल बजी. मैंने सोचा कि मेरे पति रोहन वापस आ गये हैं. अपनी भीगी हुई पैंटी और ब्रा में स्वीमिंग पूल से बाहर निकली और चूत वाले एरिया पर एक सारोंग (पतला सा कपड़ा) लपेट लिया.

मगर मेरी ब्रा गीली थी और मेरे मोटे चूचों के निप्पल उनमें तनकर जैसे बाहर निकलने को हो रहे थे. एक बार तो लगा कि जैसे मल्लिका शेरावत को भी फेल कर दूंगी आज मैं. मैं इतराती हुई स्वीमिंग पूल से बाहर आकर दरवाजा खोलने के लिए चल पड़ी.

कहानी दूसरे भाग में जारी रहेगी. आपको कहानी कैसी लग रही है इसके बारे में कमेंट करें या फिर नीचे दी गई मेरी मेल आई-डी पर मेल करें.