रीना ने चुदवाई अपनी गांड
पढ़ें राज और रीना की सच्ची देसी सेक्स कहानी, जहाँ चंडीगढ़ की एक रात में दोस्ती प्यार और जुनून में बदल गई। 34-28-38 के फिगर वाली रीना और 6 इंच के लंड वाले राज ने पहली बार ऐनल सेक्स का मज़ा लिया। चूत चुदाई से लेकर गांड मारने तक, जानें कैसे दोनों ने सारी हदें पार कीं।
हाय दोस्तों, मेरा नाम राज है, और मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। 30 साल का हूँ, अभी तक कुंवारा, और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। मेरी हाइट 5.6 फीट है, और मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2.3 इंच मोटा है—एक ऐसा हथियार जो हर बार तैयार रहता है अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए। यह कहानी मेरी और मेरी खूबसूरत दोस्त रीना की है, जिसका फिगर 34-28-38 का है—एक ऐसी काया जो किसी को भी मदहोश कर दे। रीना भी चंडीगढ़ में रहती है, एक किराए के मकान में अपने मकान मालिक के साथ। हम दोनों की दोस्ती गहरी है, और हम एक-दूसरे से हर तरह की बातें करते हैं—खुले दिल से, बिना किसी हिचक के। यह बात एक महीने पहले की है, और जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ, वो एकदम सच है—मेरी पहली कहानी, और शायद आपकी कल्पनाओं को हकीकत में बदलने वाली “Xxx फर्स्ट ऐनल सेक्स कहानी”।
रीना के रूम पर मेरा हमेशा आना-जाना था। जब भी हम मिलते, बातें शुरू होतीं, और धीरे-धीरे हमारे होंठ एक-दूसरे से मिल जाते। हल्की-सी चूमाचाटी, गर्म साँसों का आदान-प्रदान, और फिर एक गहरी आलिंगन जिसमें हमारी देहें एक-दूसरे से चिपक जातीं। वक्त के साथ हमारा रिश्ता उस हद तक बढ़ गया जहाँ कपड़ों के ऊपर से एक-दूसरे को छूना आम बात हो गई थी। मैं उसके गोल, नर्म बूब्स को दबाता, उसकी भारी गांड पर हाथ फेरता, और वो मेरे सख्त लंड को सहलाती, कभी हल्के से हिलाती। कई बार हम नंगे होकर बिस्तर पर लेट जाते, एक-दूसरे के जिस्म की गर्मी को महसूस करते हुए चिपककर किस करते, लेकिन उस आखिरी लकीर को पार नहीं करते थे। फिर भी, उस नजदीकी में हम दोनों कई बार झड़ जाते—कंट्रोल रखते हुए भी मज़ा पूरा लेते।
एक दिन मैं उसके रूम पर पहुँचा। हमेशा की तरह हमने शुरूआत की—होंठों की मुलायम जंग, गर्म साँसों का तूफान। लेकिन उस दिन कुछ अलग था। रीना ने अचानक मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया। उसकी नजरों में एक शरारत थी, और उसने बिना वक्त गंवाए मेरे लंड को अपने होंठों से चूमना शुरू कर दिया। उसकी गीली जीभ मेरे सुपारे पर फिसल रही थी, और वो उसे पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी। 15 मिनट तक वो मेरे लंड को ऐसे चूसती रही जैसे कोई भूखी शेरनी अपने शिकार को चख रही हो। मेरे जिस्म में आग लग चुकी थी। मैंने उसके रसीले होंठों को चूमा, उसके बूब्स को जोर-जोर से मसला, और फिर उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया। उसकी चूत पहले से ही गीली थी—गर्म, चिकनी, और तैयार। वो मेरे लंड को हिलाए जा रही थी, और 20 मिनट की उस सुलगती मस्ती के बाद हम दोनों एक-एक करके झड़ गए। साँसें तेज़ थीं, दिल की धड़कनें उफान पर। हम थोड़ी देर लेटे रहे, फिर उठकर नहाने चले गए। नहाने के बाद कपड़े पहने, खाना खाया, और फिर से एक-दूसरे की बाहों में खो गए।
अब खेल शुरू होने वाला था। हमने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैंने उसका कुर्ता खींचा, उसने मेरी टी-शर्ट उतारी। फिर उसकी सलवार नीचे सरकी, और मैंने अपना लोअर उतार फेंका। वो अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और मैं अंडरवियर और बनियान में। मेरा लंड अंडरवियर में तंबू बना रहा था, और उसकी नजर उस पर टिक गई। मैंने उसकी पैंटी उतारी, फिर अपना अंडरवियर भी फेंक दिया। हम दोनों नंगे एक-दूसरे को निहार रहे थे। उसकी गुलाबी चूत और भारी गांड देखकर मेरे होश उड़ गए। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया, उसकी गांड के नीचे एक तकिया रखा ताकि उसकी चूत पूरी तरह खुल जाए। उसकी चिकनी, गीली चूत को देखकर मैं पागल हो गया। मैंने अपने हाथ से उसे सहलाना शुरू किया, और वो धीरे-धीरे सिसकारियाँ भरने लगी। सही मौका देखकर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। वो काँप उठी, उसकी साँसें तेज़ हो गईं। मैं उसके पूरे जिस्म पर किस करता रहा—उसके गले, कंधों, बूब्स, पेट—हर जगह मेरे होंठों का निशान छूट रहा था। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए। वो मेरा लंड चूस रही थी, और मैं उसकी चूत को जीभ से चाट रहा था। उसकी सिसकारियाँ तेज़ हो गईं, वो तड़प रही थी। 15 मिनट बाद हम दोनों फिर झड़ गए, लेकिन हमारी भूख अभी बाकी थी।
अब मैंने उसकी चूत को और गहराई से चूसा। मेरी जीभ उसके अंदर तक जा रही थी, और वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी। उसके बूब्स को मैंने इतना दबाया और चूसा कि वो लाल हो गए। वो मेरा लंड फिर से मुँह में लेकर खड़ा करने लगी। अब उससे भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसके पैर फैलाए, गांड के नीचे तकिया रखा, और अपने लंड पर कंडोम चढ़ाकर उसकी चूत के मुँह पर टिका दिया। दो जोरदार झटकों में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी चीख निकल गई, लेकिन उसने होंठ भींच लिए। थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए। 10 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर चोदना शुरू किया। 25 मिनट तक मैं उसे लगातार चोदता रहा। जब मेरा निकलने वाला था, उसने कंडोम हटाया और मेरा सारा वीर्य अपने मुँह में लेकर पी गई। हम थोड़ी देर लेटे रहे, साँसें थामते हुए।
फिर उसने मेरा लंड फिर से चूसना शुरू किया। जैसे ही वो खड़ा हुआ, उसने मुस्कुराते हुए अपनी गांड मेरे सामने कर दी और बोली, “यह तो रह गई है।” मेरे दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। यह था वो पल—मेरी “Xxx फर्स्ट ऐनल सेक्स कहानी” का असली चरम। मैंने अपने लंड और उसकी गांड पर मक्खन लगाया। पहले धक्के में लंड फिसल गया, दूसरे में भी नहीं घुसा। तीसरे झटके में मैंने पूरी ताकत लगाई—2 इंच अंदर चला गया। उसकी आँखों से आंसू छलक आए, लेकिन चेहरे पर दर्द नहीं, संतुष्टि थी। उसने खुद अपनी गांड पीछे धकेली, और मेरा पूरा लंड उसकी टाइट गांड में समा गया। मैंने धक्के शुरू किए—धीरे, फिर तेज़। 15 मिनट तक मैंने उसकी गांड चोदी, और हम दोनों एक साथ झड़ गए। उसकी गांड की गर्मी और टाइटनेस ने मुझे दीवाना बना दिया था।
हम नहाए, फिर बाहर आए। उसने मुझसे कहा, “हाथ-पैर बाँध दो, और जमकर चोदो। आज मैं नहीं रोकूँगी।” मैंने उसके हाथ-पैर बाँधे, उसकी चूत को फिर चाटा, और वो उछल-उछलकर झड़ गई। उसका पानी नमकीन था, और मैंने उसे पूरा चखा। फिर मैंने उसके मुँह में चॉकलेट फ्लेवर कंडोम वाला लंड डाला। उसने चूसा, कंडोम हटाया, और मेरा वीर्य उसके मुँह और बूब्स पर गिरा। इसके बाद मैंने उसे गोद में बिठाकर चोदा, और 10 मिनट बाद फिर झड़ गया।
आखिरी बार के लिए हम तैयार हुए। इस बार वो मेरे ऊपर थी। मेरे लंड पर उसकी चूत रगड़ रही थी, धीरे-धीरे अंदर-बाहर हो रही थी। बिना कंडोम के उसकी चमड़ी मेरे लंड से टकरा रही थी—वो एहसास बयान से बाहर था। 10 मिनट बाद हम फिर झड़ गए। थककर लेट गए, और रीना के चेहरे पर संतुष्टि की चमक थी। यह थी मेरी “Xxx फर्स्ट ऐनल सेक्स कहानी”—एक ऐसी रात जो हम दोनों के जिस्म और रूह में हमेशा के लिए बस गई।