भाई-बहन की चुदाई

कामसूत्र पोजीशन्स में भाई-बहन की गर्मागर्म चुदाई

पढ़ें गौरी और उसके आर्मी भाई गोपाल की सच्ची और कामुक चुदाई की कहानी। गोरी, सेक्सी गौरी और मस्कुलर गोपाल की हॉट मुलाकात, चूत चाटने से लेकर कामसूत्र पोजीशन्स तक, इस कहानी में सब कुछ है। अभी पढ़ें और मस्ती में डूब जाएं!

हेलो दोस्तों, मेरा नाम गौरी है, और आज मैं आपको अपनी और मेरे भाई गोपाल की एक सच्ची और गर्मागर्म चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूं। ये कहानी इतनी सेक्सी और हॉट है कि आप इसे पढ़कर रातभर जागते रहेंगे। तो तैयार हो जाइए एक कामुक सफर के लिए!

मैं 22 साल की हूं, फाइनल ईयर की स्टूडेंट, और ब्राह्मण परिवार से हूं। मेरा रंग इतना गोरा है कि लोग मुझे देखकर दोबारा पलटकर जरूर देखते हैं। मेरा फिगर 38-30-38 है, भरे हुए बूब्स और रसीली गांड, जो हर किसी को मदहोश कर देती है। जब मैं चलती हूं, तो मेरे चूतड़ों का हिलना और बूब्स का उछलना हर लड़के की नजरों को अपनी ओर खींच लेता है। मेरा भाई गोपाल इंडियन आर्मी में है, और वो साल-दो साल में छुट्टियों पर घर आता है। उसकी बॉडी जॉन अब्राहम जैसी है, मस्कुलर और हॉट। जब वो घर आता है, तो मोहल्ले की लड़कियां हमारे घर का चक्कर लगाने लगती हैं। कुछ लड़कियां तो मुझसे कहती थीं, “गौरी, अपने भाई को मेरे लिए पटा दे! उसका लंड एक बार मिल जाए, तो मैं दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की बन जाऊंगी!” लेकिन मैं ऐसी बातों को मजाक में टाल देती थी।

मुझे सेक्स में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था, लेकिन लड़कों के साथ घूमना-फिरना और मस्ती करना बहुत पसंद था। मेरा सपना था कि मैं किसी बॉडीबिल्डर, हैंडसम लड़के के साथ लॉन्ग ड्राइव पर जाऊं और सबको जलाऊं। लेकिन मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था, ना ही ऐसा कोई दोस्त। एक दिन मैंने भाई से कहा, “भैया, मुझे घर में बोरियत हो रही है। कहीं घूमने चलो, लेकिन मम्मी-पापा के साथ नहीं।” भाई ने मजाक में कहा, “तो अपने बॉयफ्रेंड के साथ चली जा, पगली!” मैंने कहा, “मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है, भैया!” भाई ने बड़े प्यार से कहा, “तो बना ले, मेरी जान!” फिर उन्होंने प्रॉमिस किया कि अगली छुट्टियों में वो मुझे घूमने ले जाएंगे। मैं बहुत खुश हो गई और उनके आने का इंतजार करने लगी।

दो महीने बाद भाई छुट्टियों पर घर आए। उन्हें देखकर मैं हैरान रह गई। उनकी बॉडी और भी मस्कुलर और सेक्सी हो गई थी। हम गले मिले, और उन्होंने मुझे एक प्यारा सा गिफ्ट दिया। रात को खाना खाकर सब अपने-अपने कमरे में चले गए। मैं भाई के कमरे में बात करने गई। रात के करीब 10 बजे थे। जैसे ही मैं दरवाजे के पास पहुंची, मैंने देखा कि दरवाजा खुला था और भाई कपड़े बदल रहे थे। वो फोन पर किसी से बात कर रहे थे।

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भाई बोले, “यार, अभी एक दिन भी नहीं हुआ यहां आए, और मैं बोर हो गया। घर में अब मजा नहीं आता।” फिर दूसरी तरफ से कुछ सुनकर वो हंस पड़े और बोले, “अरे, चूत तो यहां भी मिल जाएगी, लेकिन तुम लोगों के साथ ग्रुप में चोदने का मजा ही अलग है!”

ये सुनकर मैं दंग रह गई। मेरा भाई आर्मी कैंप में अपने दोस्तों के साथ ग्रुप सेक्स करता है? तभी उसने अपना अंडरवियर उतारा और तौलिया लपेटकर बाथरूम की ओर चला गया। उफ्फ! उसका लंड! इतना मोटा और लंबा! मैं डर गई और तुरंत अपने कमरे में भाग आई। पूरी रात वो नजारा मेरे दिमाग में घूमता रहा। सुबह नींद आई तो सो गई।

सुबह उठी तो भाई मेरे बगल में बैठे थे। उन्होंने बताया कि मम्मी-पापा मम्मी की आंख के ऑपरेशन के लिए दिल्ली जा रहे हैं और एक-दो हफ्ते बाद आएंगे। मम्मी-पापा ने कहा, “गौरी, जब तक हम न आएं, गोपाल तेरा ख्याल रखेगा।” पहले तो मुझे गुस्सा आया कि वो मुझे अकेले छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन फिर भाई का लंड याद आया, और मैं मन ही मन खुश हो गई।

मम्मी-पापा के जाने के बाद मैं नहाने चली गई। फिर नाश्ता बनाया, और हम दोनों बातें करते हुए खाने लगे। मैंने कहा, “भैया, मम्मी-पापा चले गए। अब तुम मुझे घूमने कब ले जाओगे?” भाई बोले, “पगली, अभी तो मैं आया हूं। दो-तीन दिन रुक जा, फिर चलेंगे।” मैंने मजाक में कहा, “भैया, आपका मन तो यहां लग नहीं रहा। आपके दोस्त भी तो नहीं हैं यहां।” भाई बोले, “तू तो है ना, मेरी प्यारी सी दोस्त!”

मैंने हंसते हुए कहा, “वैसे भैया, मोहल्ले की आधी लड़कियां आपसे दोस्ती करना चाहती हैं। किसी को अपनी गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बना लेते? फिर शायद मुझे भाभी भी मिल जाए!” भाई बोले, “इस मोहल्ले की कोई लड़की मुझे पसंद नहीं। किसी की नाक टेढ़ी, किसी की आंखें डरावनी, कोई काली, कोई मोटी। मेरी पसंद ऐसी नहीं है।” मैंने पूछा, “तो आपको कैसी लड़की पसंद है, मेरे प्यारे भैया?” भाई ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हारे जैसी!”

उनकी बात सुनकर मैं थोड़ा सहम गई, लेकिन फिर मैंने सेक्सी अंदाज में पूछा, “मुझमें ऐसा क्या है, जो दूसरी लड़कियों में नहीं?” भाई बोले, “तू मेरी बहन है, तुझसे ऐसी बातें नहीं करता। अपने बॉयफ्रेंड से पूछ, लड़कों को क्या पसंद होता है।” मैंने हंसकर कहा, “मैं जानती हूं, भैया, आपको क्या पसंद है। और मैं आपके लिए वैसी लड़की ढूंढ लूंगी!”

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फिर मैं अपने कमरे में चली गई। थोड़ी देर बाद जब मैं डाइनिंग रूम में आई, तो भाई वहां नहीं थे। मैं उनके कमरे की ओर गई। दरवाजा बंद था, लेकिन कीहोल से अंदर का नजारा साफ दिख रहा था। मैंने देखा कि भाई मेरी पैंटी के साथ खेल रहे थे। कभी उसे सूंघ रहे थे, कभी अपने लंड पर लपेट रहे थे। मैं समझ गई कि भाई मुझे चोदना चाहते हैं। मेरे मन में भी अब उनके लंड के लिए आग सी जलने लगी।

मैंने एक प्लान बनाया। मैंने जोर-जोर से पेट दर्द का नाटक शुरू किया, “आह… आह… भैया!” भाई दौड़कर आए और बोले, “क्या हुआ, गौरी?” मैंने कहा, “भैया, मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है।” भाई बोले, “चल, डॉक्टर के पास चलते हैं।” मैंने कहा, “नहीं, डॉक्टर से कुछ नहीं होगा। ये दर्द अक्सर होता है। मम्मी गर्म सरसों का तेल मल देती हैं, तो ठीक हो जाता है।” भाई बोले, “ठीक है, मैं मल देता हूं।”

जब भाई तेल गर्म करने गए, मैंने जल्दी से कपड़े बदले। मैंने सिर्फ एक ढीली नाइटी पहनी, अंदर सिर्फ पैंटी, ब्रा भी नहीं। मैं बेड पर लेट गई। भाई आए और बोले, “अरे, नाइटी में तेल कैसे लगाऊं?” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, आप मुंह दूसरी तरफ करो, मैं नाइटी ऊपर कर देती हूं।” भाई ने मुंह फेर लिया, मैंने नाइटी कमर तक उठा दी और पैंटी के ऊपर एक तौलिया रख दिया। फिर बोली, “लगाओ, भैया!”

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भाई ने गर्म तेल मेरे पेट पर डाला। जैसे ही उनका हाथ मेरे गोरे, चिकने पेट पर लगा, मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया। मेरे बूब्स टाइट होने लगे, और मैं होंठ दांतों तले दबाने लगी। भाई का लंड भी पैंट में तन गया था। वो धीरे-धीरे तेल मल रहे थे। अचानक उनकी उंगली मेरे बूब्स को टच हुई। मैं शरमा गई, लेकिन कुछ बोली नहीं। वो बार-बार मेरे बूब्स को टच करने लगे। मैंने सोने का नाटक किया।

फिर भाई ने हिम्मत करके मेरे दोनों बूब्स पकड़ लिए और उन पर तेल मलने लगे। मेरी चूचियां इतनी टाइट हो गई थीं कि निप्पल साफ दिख रहे थे। भाई ने धीरे से मेरी पैंटी के अंदर हाथ डाला और मेरी चूत पर तेल लगाने लगे। मैंने अचानक आंखें खोलीं और बोली, “भैया, ये क्या?” भाई ने मेरे होंठ पर उंगली रखकर कहा, “शhh…”

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फिर उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी और नाइटी भी निकाल दी। वो भी पूरी तरह नंगे हो गए। मैं तो पहले ही नंगी थी। भाई मेरी चूत को चाटने लगे और मेरे बूब्स को जोर-जोर से मसलने लगे। मैं हॉर्नी हो गई और बोली, “भैया, अब देर मत करो!”

भाई ने अपना मोटा, लंबा लंड निकाला और मेरी चूत के मुंह पर रखा। एक ही झटके में उन्होंने लंड अंदर पेल दिया। मैं दर्द से चिल्ला उठी, “आह्ह… भैया, धीरे!” लेकिन भाई ने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया। फिर क्या था, उन्होंने लैपटॉप पर कामसूत्र का वीडियो चला दिया और हर पोजीशन में मुझे चोदा। मिशनरी, डॉगी, काउगर्ल, हर स्टाइल में मेरी चूत को रगड़ा। मैं सिसकियां ले रही थी, “आह्ह… भैया… चोदो… मेरी चूत फाड़ दो… तेरा लंड तो जन्नत है!”

भाई बोले, “गौरी, तेरी चूत तो इतनी टाइट है, मजा आ गया!” रातभर उन्होंने मुझे चोदा। मैंने भी उनके लंड का पूरा मजा लिया। सुबह मैं इतनी हल्का महसूस कर रही थी, जैसे सारी टेंशन निकल गई हो। भाई बोले, “चल, नहा ले, फिर से कामसूत्र देखते हैं!”

उसके बाद दो हफ्ते तक, जब तक मम्मी-पापा नहीं आए, हमने दिन-रात चुदाई की। भाई का लंड मेरी चूत का बेस्ट फ्रेंड बन गया।