सगी बहनों ने बनाया बहन-चोद 1
Sagi behano ne banaya behan chod-1
हाय दोस्तो, “एम एस एस” पढ़ने वाले सभी साथियों को मेरा सादर प्रणाम!!
मेरा नाम रविराज है और मैं काफ़ी दिनों से “एम एस एस” पर कहानियाँ पढ रहा हूँ।
बुरा मत मानिए दोस्तो, पर यहाँ पर लिखी गईं कई कहानियाँ झुठी हैं!!
खैर, आज मैं अपना “जीवन-चरीत्र” आपके सामने रखना चाहता हूँ। मैं बताना चाहूँगा कि मैं लगातार पिछले 15 सालों से अपनी दोनों “सग़ी बहनों” को चोद रहा हूँ… … …
अब दोनों की शादी हो चुकी है, लेकिन जब भी वो किसी कारण से हमारे घर आती हैं या मैं उनके ससुराल जाता हूँ तो उन्हें चोदे बगैर वापिस नहीं आता… वो भी आज तक खुशी-खुशी मुझसे चुदती हैं!! !!!
अब ज्यादा टाईम ना लेते हुए, मैं अपनी असली स्टोरी पर आता हूँ…
तो जैसा की मैंने आपको बताया, मैं मेरे जीवन की सच्ची घटना के बारे में आपको बताना चाहता हूँ। मैं महाराष्ट्र के लातूर शहर में रहता हूँ। यहाँ पर हमारा खुद का घर है।
हमारे घर में मैं, मेरी माताजी-पिताजी, मेरी दो बहनें और मेरा एक बडा भाई रहते हैं। पिताजी सरकारी दफ़्तर में क्लर्क हैं और मेरी माँ एक चाय की वर्क-शोप में नौकरी करती हैं।
हमारे घर में मेरा भाई सबसे बडा है और उसका नाम राहुल है, वो फ़र्निचर का काम करता है। उनके बाद, दो बहनों का नंबर लगता है।
बडी दीदी का नाम नेहा है और उनकी उम्र 20 साल है। वो दिखने मे काफ़ी सुंदर है और उनके मम्मे 36 के हैं और छोटी दीदी का नाम स्वाती है वो भी दिखने में काफ़ी सुंदर है। उनकी उम्र 18 साल की है और उनके मम्मे 34 के हैं!! !!!
उन दिनों स्वाती दीदी स्कर्ट और टॉप पहनती थीं, जब वो नीचे झुकती थीं तो उनके बडे-बडे मम्मे दिखाई पडते थे और बडी दीदी नेहा पंजाबी ड्रेस पहनती थीं।
मित्रो, आस पडोस के बहुत सारे लडके उन दोनों पर लट्टू थे। हर वक्त कोई ना कोई हमारे घर किसी ना किसी बहाने आता ही रहता था और मेरे बडे भाई से दोस्ती बढाने की कोशिश में लगा रहता था।
हमारे घर में, मैं सबसे छोटा था।
तो, बात उस वक्त की है; जब मैं आठवी कक्षा में पढता था…
हमारे घर में चार कमरे हैं। एक कमरे में टीवी लगा रखा है और दूसरा कमरा माँ और पिताजी का है। तीसरा कमरा, हम किचन के लिये इस्तेमाल करते हैं। टीवी के रुम में मेरे भैय्या अकेला सोता है, वो उनका पर्सनल कमरा है और चौथे कमरे में मैं और मेरी दो बहनें सोते हैं… …
दोस्तो, मेरी दोनों बहनें बहुत ही ज़्यादा सेक्सी हैं!! अगर कोई भी मर्द, उन्हें एक बार देखे तो पागल हो सकता है… वो बला की सुंदर हैं… !!!
उन्हीं दिनों, एक दिन दोपहर के समय मेरी बडी बहन उनकी किसी सहेली के घर गई थीं। वो अक्सर अपनी सहेलियों के घर जाती रहती थीं। पापा के ओफ़िस जाने के बाद बडी दीदी आजाद ही रहती थीं। उन पर किसी की रोक टोक नहीं थीं।
उस दिन भैय्या दोपहर को काम ख्तम करके जल्दी वापस लौट आये, माँ की भी उस दिन छुट्टी थी, हम सब लोग बैठे थे।
भैया घर में आये और नेहा को आवाज लगाई, अगर नेहा घर पर होती, तो आ जाती पर वो तो अपनी किसी सहेली के घर गई थी।
माँ ने भैया को बताया; उसे गये काफ़ी समय हो गया है, अब वो आती ही होगी।
भैय्या ने फिर माँ से उनकी सहेली का नाम पूछा; मगर माँ कुछ ठीक से नहीं बता पाईं। असल में माँ को भी कुछ मालूम नहीं था कि वो किसके घर गई है।
भैय्या, बहुत गुस्से में था!!
आधे घंटे बाद, नेहा दीदी वापस आ गईं। उसे देखते ही भैय्या का गुस्सा और बढ गया और वो काफ़ी गरम हो गये।
उन्होंने नेहा से बिना कुछ पूछे ही दो-तीन थप्पड लगा दिये!!! !!
असल में क्या हुआ था, किसी को कुछ पता नहीं था और ना ही भैय्या ने किसी को कुछ बताया।
पापा तो घर पर नहीं थे। माँ ने पूछने की कोशिश तो की, लेकिन भैय्या ने कुछ नहीं बताया…
नेहा भी चुपचाप अपने कमरे के अंदर चली गई। थोडी देर बाद भैय्या, किसी दोस्त के साथ कहीं चला गया।
मैंने देखा स्वाती दीदी ने नेहा दीदी को कुछ ईशारा किया। ईशारों में ही उनकी कुछ बातें हो गईं… मेरी समझ में तो कुछ भी नहीं आ रहा था।
कुछ देर के बाद दोनों (स्वाती दीदी और नेहा दीदी) छ्त पर चली गईं और काफ़ी टाईम तक ऊपर ही बातें करती, बैठ गईं।
रात को हम लोग सो गये…
मैं काफ़ी गहरी नींद में था… …
अचानक मेरी नींद खुल गई। कारण था, कोई मेरे लण्ड के साथ खेल रहा था!!
मुझे तो कुछ नहीं सुझा।
क्या करें, क्या ना करें!!! !! मैं चुप रहा…
कौन हो सकता है?? बडी दीदी या छोटी दीदी?? या कोई और?? क्युंकी उस कमरे में तो सिर्फ़ हम तीन लोग ही सोते थे।
मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था।
कुछ देर बाद, मैंने हिम्मत करके धीरे से आँखें खोली।
यह तो तय था कि मेरी दोनों सगी बहनों में से एक मेरे लण्ड से खेल रही थी, सवाल यह था, कौन सी…?? स्वाति दीदी या नेहा दीदी…??
कहानी जारी रहेगी…
मेरी सच्ची कहानी आपको कैसी लगी…??
मुझे जरूर मेल करें; मेरी मेल आई डी है – [email protected]
तब तक सलाम, नमस्ते।
धन्यवाद मस्त कामिनी जी और सभी पाठकों… … …