सगी बहनों ने बनाया बहन-चोद 2
Sagi behano ne banaya behan chod-2
हाय दोस्तो, “एम एस एस” पढ़ने वाले सभी साथियों को मेरा सादर प्रणाम!!
अब तक आपने पढ़ा –
अचानक मेरी नींद खुल गई। कारण था, कोई मेरे लण्ड के साथ खेल रहा था!!
मुझे तो कुछ नहीं सुझा।
क्या करें, क्या ना करें!!! !! मैं चुप रहा…
कौन हो सकता है?? बडी दीदी या छोटी दीदी?? या कोई और?? क्युंकी उस कमरे में तो सिर्फ़ हम तीन लोग ही सोते थे।
मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था।
कुछ देर बाद, मैंने हिम्मत करके धीरे से आँखें खोली।
अब आगे –
मेरी छोटी दीदी स्वाती मेरे लण्ड को धीरे-धीरे सहला रही थीं!! !!!
आख़िर, मैं क्या कर सकता था…?? मैं चुपचाप बैठ गया और नींद में होने का नाटक करने लगा!! !!!
जब उन्हें एहसास हुआ कि मैं जाग गया हूँ, तब वो मुझसे धीरे से बोलीं – भैया राजा, तुझे मजा आ रहा है ना…??
मैंने भी हाँ कह दिया!!
बस मेरे हाँ कहने की देर थी की तभी दीदी ने मेरा हाथ पकड कर मेरी एक उंगली अपनी चूत में डाल दी!! !!!
मुझे उनकी चूत बहुत गीली लग रही थी, उन्होंने मुझे धीरे-धीरे उंगली अन्दर-बाहर करने को कहा।
मैं वैसा ही करने लगा, जैसा दीदी ने कहा था… लेकिन मुझे अजीब सा महसुस हो रहा था… …
15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा।
फ़िर, उन्होंने मुझे अपने मम्मे दबाने को कहा। मैं उनके मम्मे दबाने लगा तो वो बोलीं – जरा जोर से दबा ना!! !!!
फ़िर मैं उनके मम्मे जोर-जोर से दबाने लगा… …
10-12 मिनट के बाद उन्होंने मुझे मम्मे चूसने को कहा!!
अब उनके मम्मे मेरे मुँह में थे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अब वो भी पूरी तरह गरम हो चुकी थीं।
दीदी बोलीं – तु और ज्यादा मजा लेना चाहेगा, क्या…??
मैं बोला – हाँ!!
उन्होंने मेरा हाथ अपनी चूत से बाहर निकाला और मेरे लण्ड को अपनी चूत की तरफ़ सरकाने लगी!! कुछ ही सेकंड में मेरा लण्ड उनकी चूत में समा गया।
दीदी बोलीं – वाह; कितना बडा लण्ड हो गया है… तेरा लण्ड तो सचिन के लण्ड से भी बडा है!!! !! अभी-अभी मैं इसके साथ खेल रही थी तो ये इतना बडा नहीं था, क्या किया है तूने…??
मैंने धीरे से कहा – जो कुछ करना है, वो तो तुम ही कर रही हो!! भला, मैं क्या करूँ…?? मुझे तो कुछ भी मालुम नहीं है… …
तो दीदी बोलीं – तूने कभी किसी लड़की को चोदा है, क्या…??
मैंने कभी किसी लडकी को आज तक नहीं चोदा था!! !!! चुदाई के बार में मैंने सिर्फ़ सुना था, लेकिन कैसे चोदते हैं; ये मुझे बिलकुल भी मालूम नहीं था!!
फ़िर स्वाती दीदी बोलीं – तुने कभी किसी लड़की को नंगा तो देखा होगा…??
नहीं दीदी – मैंने कहा।
तो वो बोलीं – कोई बात नहीं। मैं दिखाती हूँ तुझे “नंगी लड़की” कैसी दिखती है और उसे कैसे चोदते हैं; ये भी मैं तुम्हें सिखाती हूँ!!! …
मेरे शरीर में जैसे “मीठी सी आग” लगी थी!!
मेरा लण्ड दीदी की चूत के अंदर था, मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था…
वो बोलीं – कैसा लग रहा है…?? मजा आ रहा है, ना…??
मैंने फिर से हाँ कहा।
फ़िर दीदी बोलीं – मैं जैसा कहती हूँ, तू बिलकुल वैसा ही कर, तुझे बहुत मजा आ जायेगा!!!
मैंने हमी भर दी, उधर बडी दीदी आराम से सोई हुई थीं।
जैसे की उनकी चुदाई तो दोपहर को ही हो गई हो और अब बारी थी, हम दोनों “भाई-बहन” की।
इस वक़्त हम दोनों बिल्कुल “राजा-रानी” थे।
हम एक दूसरे को चूत और लण्ड का मजा दे रहे थे!! !!!
दीदी के चूत में मेरा लण्ड कड़क होकर फुंफकारने लगा था… … …
अब दीदी ने मुझे उनके मम्मों को चूमने और सहलाने को कहा और तुरंत ही मैं उनके मम्मे धीरे-धीरे मसलने लगा!!
स्वाती दीदी के शरीर पर कपडे होने की वजह से मुझे मम्मे दबाने में थोडी परेशानी हो रही थी तो दीदी ने अपनी पूरी ड्रेस उतार दी…
अब मेरे सामने दीदी बिल्कुल “नंगी” थीं!!! !!
फ़िर दीदी ने मुझे बिस्तर पर बैठने को कहा और बैठकर मम्मे धीरे-धीरे से दबाने को कहा।
मुझे दीदी के बात करने से डर लग रहा था क्युंकी नेहा दीदी कभी भी जाग सकती थीं!!! और हमारा खेल बिगड सकता था… …
मुझे कोई अनुभव भी नहीं था: इसलिये जैसा दीदी बोल रही थीं, मैं वैसा ही एक-एक स्टेप कर रहा था।
कुछ देर में दीदी ने अपने मम्मे मेरे मुँह में दे दिये और उन्हें चूसने को कहा!!
मैं उनके बडे-बडे मम्मे चूसने लगा!!! !!
मुझको यह सब बहुत अच्छा लग रहा था…
जिन्दगी में पहली बार कोई लडकी मुझसे इस प्रकार का मजा दे रही थी!! दीदी की चूत को देख कर मैं पागल सा हो गया था… !!!
मैं पहली बार चूत देख रहा था!!! !!! !!!
इसके पहले मैंने छोटी-छोटी लडकीयों की चूत जरूर देखी थी, पर जवान लडकी की चूत देखने का मौका कभी नहीं मिला था।
मौका मिलेगा भी तो अपनी सग़ी बहन की चूत देखने का इसका मुझे ज़रा भी एहसास नहीं था!!
मुझे यकिन ही नहीं हो रहा था की मुझे कभी स्वाती दीदी की “नंगी चूत” देखने को मिलेगी।
कहानी जारी रहेगी…
मेरी सच्ची कहानी आपको कैसी लगी…??
मुझे जरूर मेल करें; मेरी मेल आई डी है – [email protected]
तब तक सलाम, नमस्ते।
धन्यवाद मस्त कामिनी जी और सभी पाठकों… … …