साले की बीवी के साथ नंगा खेल
Sale ki biwi ke sath nanga khel
हाय दोस्तों, ये बात आज से 2 महीने पहले की है। मैं छुट्टियों में अपनी बीवी को उसके मायके छोड़ने ससुराल गया था। वहाँ मेरे सास, ससुर, बड़ा साला, उसकी बीवी एकता (इस कहानी की हीरोइन) और उनकी बेटी रहते हैं। मैं बीवी को छोड़कर अगले दिन वापस आने वाला था। एकता का मायका भी मेरे शहर में था। मेरे बड़े साले ने कहा, “जीजा जी, अगर कोई प्रॉब्लम न हो तो एकता को साथ ले जाइए, मुझे उसे छोड़ने न आना पड़े।” मैंने हाँ कर दी।
अगले दिन हमारी रात की बस थी। हमें स्लीपर कोच में सीट मिली। रात 1 बजे की बस थी। हम ट्रैवल्स ऑफिस पहुँचे और बस में चढ़ गए। मैंने एकता से कहा, “तुम पहले चढ़ो।” उसने टाइट पंजाबी सूट पहना था। वो मुझसे छोटी है, इसलिए मैं उसे ‘तुम’ कहता हूँ। उसे बर्थ पर चढ़ाते वक्त मेरा हाथ उसके कूल्हों से टच हुआ। ऐसा लगा जैसे मक्खन छू लिया हो। मेरे शरीर में करंट दौड़ गया। फिर मैं भी चढ़ गया। हाइवे पर आते ही बस की लाइट ऑफ हो गई।
एकता बोली, “जीजू, आपको सोना हो तो सो जाइए। मुझे नींद नहीं आती, मैं बैठी हूँ।” मैं सो गया। आधे घंटे बाद आँख खुली तो देखा एकता सीधी लेटकर सो रही थी। उसका दुपट्टा साइड में पड़ा था। उसके बूब्स साँसों के साथ ऊपर-नीचे हो रहे थे। तभी मुझे छींक आई। एकता जागी और मेरी तरफ पीठ करके सो गई। मैं उसे देखता रह गया, पर कुछ कर न सका।
थोड़ी देर बाद मैं भी उसकी पीठ की तरफ मुँह करके सो गया। बस के ब्रेक या गड्ढों में मेरा शरीर एकता को टच हो रहा था। मैं पागल सा हो गया। मौका देखकर मैं उसके करीब सो गया। मेरा लंड तनकर 9 इंच का हो गया और उसकी गांड को टच करने लगा। नींद उड़ चुकी थी। मैं आँखें बंद करके मजा ले रहा था। फिर नींद आ गई। जब आँख खुली तो एकता का दबाव मेरी तरफ बढ़ गया था। उसकी गांड मेरे लंड से चिपक गई थी। लंड का टोपा गीला हो गया था।
मैंने सोचा एकता नींद में है। मैं सीधा लेट गया। ट्राउज़र में तंबू बन गया। एकता मेरी तरफ मुँह करके सो गई। मेरी आँख फिर लग गई। थोड़ी देर बाद मेरा हाथ उसके 36 साइज़ के बूब्स से टच हुआ। कोई जवाब न मिला तो मैं धीरे-धीरे दबाने लगा। तभी होटल आया। मैं सोने का नाटक करने लगा, भूल गया कि मेरा तंबू खड़ा था। एकता उठी और उसे देखती रह गई। उसने मुझे उठाया। मैं सोने की एक्टिंग करता रहा। फिर अचानक उठा और पूछा, “क्या हुआ? क्या देख रही हो?” वो मुस्कुराई, शरमाई और बोली, “कुछ नहीं, नीचे उतरो, होटल आ गई है।”
हम नीचे उतरे। वापस चढ़ते वक्त उसने कहा, “जीजू, मैं मिस कॉल दूँगी, तभी ऊपर आना।” मैं सोच में पड़ गया और ओके कहकर नीचे रुक गया। 7-8 मिनट बाद मिस कॉल आई। मैं चढ़ गया। कुछ पूछा नहीं और कहा, “2 घंटे बाद शहर पहुँचेंगे, सो जाओ।” बस चली, लाइट ऑफ हुई। मैं एकता को चोदने की सोच रहा था, जो मुमकिन नहीं था। फिर सो गया।
15 मिनट बाद मुझे लंड पर कुछ महसूस हुआ। देखा तो एकता का हाथ था। वो सोई हुई लग रही थी। फिर वो मेरी तरफ पीठ करके करीब सो गई। मेरा लंड उसकी गांड को टच कर रहा था। मुझे लगा उसने पैंटी निकाल दी है, इसलिए मुझे बाद में बुलाया। मैं दूसरी तरफ मुँह करके सो गया। सुबह 4 बजे हमारा शहर आया। हम बस से उतरे और मेरे घर गए। बाइक की चाबी ली, उसे छोड़ने गया, पर बाइक पंक्चर थी। एकता बोली, “कोई बात नहीं, सुबह छोड़ देना।”
घर आए, कपड़े बदले। मैंने कहा, “तुम बेड पर सो जाओ, मैं नीचे सोता हूँ।” वो हँसकर बोली, “क्यों, बस में तो बड़े मजे ले रहे थे जीजू?” मैं चुप रह गया। वो पास आई। उसने गाउन पहना था। बोली, “क्यों, मैंने कुछ गलत कहा?” मैंने सॉरी कहा, “तुम्हारा शरीर टच हुआ, कंट्रोल नहीं कर पाया।” वो बोली, “सॉरी क्यों? मैं तुम्हारा तंबू देखकर दीवानी हो गई।” इतना कहते ही मैंने उसे लिप किस किया, बेड पर लिटाया और चूमने लगा। चूमते-चूमते हम दोनों नंगे हो गए।
उसने मेरा लंड पकड़ा और बोली, “तुम्हारे साले का तो 4 इंच का है, 5 मिनट में झड़ जाता है। बस में तुम्हारा लंड देखकर सोच लिया था कि जीजू के साथ नंगा खेल खेलूँगी।” मैंने उसके बूब्स चूसे तो वो “आआआहह” कर उठी। धीरे-धीरे उसकी चूत के पास आया। गुलाबी, कम बालों वाली कुंवारी सी चूत थी। मुँह रखते ही वो “उईईईई आआआ” चीखी और गांड उठाकर चूत चटवाने लगी।
5 मिनट बाद बोली, “जीजू जान, अब मत तड़पाओ, बना लो मुझे अपनी।” मैं उसके ऊपर चढ़ा। लंड चूत पर रखा और धीरे से धक्का मारा। वीर्य से टोपा घुस गया। वो चिल्लाई, “हाईईई मार डाला आआईई!” एक और झटके में 9 इंच का लंड पूरा अंदर चला गया। थोड़ी देर रुकने के बाद वो कूल्हे उठाकर चुदवाने लगी। कमरा “फच फच, आह्ह उह्ह ओह्ह” से गूंज उठा। 30 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था। उठने लगा तो उसने कहा, “नहीं, अंदर डाल दो। आज मेरी सच्ची सुहागरात हुई।” मैं अंदर झड़ गया।
हम नंगे ही सो गए। सुबह 8 बजे आँख खुली। एकता मेरा लंड पकड़े सोई थी। मेरा हथियार फिर तैयार था। वो उठी, मुझे किस किया। मैंने कहा, “चलो, तुम्हें छोड़ दूँ।” वो बोली, “पहले नहा लें।” मैंने पूछा, “क्या मतलब?” वो बोली, “साथ में नहाएँगे।” हम साथ नहाए, तैयार हुए और मैं उसे उसके घर छोड़ आया।
तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी ये नंगे खेल की कहानी?