समधी समधन की चुदाई-1
Samdhi Samdhan ki chudai-1
मेरी उम्र 48 साल की है। मेरी बीवी 5 साल पहले परलोक सिधार गई थी। मेरी बेटी की शादी 2 साल पहले हुई थी। जहाँ उसकी शादी हुई वो एक बड़े बंगले में रहते थे और घर में सिर्फ जमाई और उसकी माँ अंजू उम्र 49 साल (विधवा) रहते थे।
एक बार मेरे जमाई को कंपनी के काम से ऑस्ट्रेलिया जाना था। कंपनी की तरफ से मेरी बेटी को भी जाने की इज़ाज़त थी।
मेरी बेटी का फ़ोन आया, बोली- पापा, मुझे ऑस्ट्रेलिया जाने का मौका मिल रहा है।
मैं बोला- यह तो बड़ी ख़ुशी की बात है ! जाओ बेटा।
बेटी बोली- पापा, लेकिन मम्मी अकेली इतने बड़े बंगले में नहीं रह सकती। सब नौकर भी रात को चले जाते हैं। दिन में तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन रात को मम्मी को अकेले नहीं छोड़ सकते। क्या आप कुछ दिन रात को 8 बजे यहाँ सोने के लिए आ सकेंगे?
मैंने मना कर दिया क्यूंकि मेरी अपनी ज़िन्दगी थी, मुझे रोज़ रात को अकेलापन होने के कारण दारू पीने की आदत थी और कभी मौका मिलता तो कोई ना कोई पुरानी दोस्त को चोदने का मौका भी मिल जाता था।
लेकिन फिर थोड़ी देर बाद मुझे ख्याल आया कि मैं भी कितना स्वार्थी हूं। बेटी की ख़ुशी के लिए थोड़े दिन दारू नहीं मिलेगी तो क्या है। मैंने फ़ोन करके बेटी को बोल दिया- बेटा, जाओ खूब घूम आओ और यहाँ की चिंता मत करो। मैं सोने के लिए आ जाया करूँगा।
पहली शाम को मैं करीब आठ बजे उनके घर पहुँच गया। मेरी समधन जी अंजू ने पूछा- चाय लोगे या कॉफ़ी?
मैं बोला- नहीं रहने दीजिए, रात को मैं सिर्फ व्हिस्की पीता हूँ, आप रहने दीजिए।
वो बोली- नहीं, कोई बात नहीं, मैं व्हिस्की लाती हूँ। लड़के की अलमारी में होगी। उसे अलग अलग ब्राण्ड की व्हिस्की जमा करने का शौक है।
मैं बोला- आप रहने दो, मैं कभी अकेले नहीं पीता हूँ।
वो बोली- यह तो बड़ी मुश्किल की बात है। आप हमारे समधी हैं, ऐसे कैसे चलेगा। चलो अगर आप किसी को ना बताएँ तो मैं आपका साथ दे दूंगी।
मैं चौंक गया- आप साथ देंगी? आप भी पीती हैं क्या?
वो बोली- नहीं, मैं नहीं पीती लेकिन जब वो थे तो कभी बाहर जाते थे तब थोड़ी पी लेती थी। लेकिन किसी को पता नहीं है आप भी मत बताना।
फिर अंजू व्हिस्की और दो ग्लास ले आई और हमने व्हिस्की पीनी चालू कर दी।
टीवी पर बढ़िया गाना आ रहा था, मैं बोला- थोड़ा डांस कर लें, मज़ा आयेगा।
हम दोनों ने डांस चालू किया, मैंने अंजू को अपने से चिपटाया डांस करते हुए और मेरे हाथ उसकी पीठ को सहला रहे थे।
मुझे उस समय दारू के नशे में डांस का मज़ा आ रहा था। अंजू को भी सरूर हो गया था। डांस करते हुए मेरा हाथ फिसल के अंजू के कूल्हों पर चला गया और मैं उसके चूतड़ों को सहलाने लगा।
अंजू कुछ नहीं बोली।
उसे भी चुदे हुए कई साल हो गए थे और व्हिस्की के नशे में जैसे घी में आग लगा दी थी।
मैंने और जोर से अंजू को अपने शरीर से चिपटा लिया, वो गर्म हो गई थी, उसकी गरम साँस मेरे चेहरे पर लग रही थी और मेरे लंड में भी अकड़न होनी चालू हो गई।
मेरे मन में अंजू को चोदने की लालसा होने लगी और मैं सोचने लगा कि इसको आज कैसे चुदने के लिए राजी करूँ।
मैं अंजू को चोदने की योजना बनाने लगा।
मैं : अंजू जी, आपके पति तो काफी पहले चले गए थे, फिर तुम क्या करती हो?
अंजू : मैं समझी नहीं !
मैं : अंजू जी मेरा मतलब है, इतने साल तक अकेली रही हो, कभी कोई दोस्त नहीं मिला जो पति की कमी पूरी कर दे?
अंजू : नहीं, कभी सोचा ही नहीं।
मैं : लेकिन कमी तो लगती होगी ना?
अंजू : हाँ, कमी तो कई बार लगती है लेकिन क्या कर सकती हूँ !
बस मैंने सोचा कि अब अंजू को थोड़ा तैयार कर लूँ तो यह चुदवा लेगी। मेरे दिमाग में विचार आया और मुझे लगा इस तरह से अंजू को जरूर चोदने का मौका मिलेगा।
मैं : अंजू, यह बताओ कि मेरा और आपका रिश्ता क्या है?
अंजू : समधी-समधन का !
मैं : अच्छा इंग्लिश में बताओ?
अंजू सोचने लगी लेकिन कुछ नहीं सूझा, वो बोली- आप ही बताओ, मुझे नहीं पता।
मैं बोला- देखो, इस तरह से सोचो – मेरी लड़की की मॉम = मेरी पत्नी ! दोनों तरफ ‘इन-ला’ लगा दो, मेरी लड़की की मोम इन ला = मेरी वाइफ इन ला
इसका मतलब तुम मेरी वाइफ इन ला हुई ! बोलो- हाँ या ना?
अंजू : अरे, यह क्या मतलब बन गया? मैं आपकी क़ानूनी पत्नी ! हा हा हा हा हा !
मेरा विचार काम कर गया, अब तो अंजू आज चुदेगी ही। हंसी तो फंसी। यह कहानी आप HotSexStory.xyz पर पढ़ रहे हैं।
मैं बोला- हाँ, अगर तुमको कोई ऐतराज ना हो तो आज सुहागरात हो जाये?
अंजू तो खुद नशे में थी और लंड से चुदे हुए कई साल हो गए थे, मौका भी सही था, तुरंत बोली- जैसा आप उचित समझें।
मैं मन ही मन खुश हुआ कि चलो आज नई चूत चोदने को मिलेगी।
मैं बोला- अंजू, जब सुहागरात मनानी है तो फिर आप नहीं चलेगा तू या तुम बोल। और देख मुझे चोदते समय मुझे अपना पति ही समझ।
अंजू बोली- जो तुझे पसंद है वैसे ही कर लेकिन दोनों को मज़ा आना चाहिए।
फिर तो मैं अंजू को पकड़ कर चूमने लगा, उसकी जीभ अपने मुँह में लेकर चूसना चालू किया, उसके होंटों का वो मीठा-मीठा स्ट्राबेरी फ्लेवर !
मैं जैसे हवा में उड़ रहा था !
अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था और उसकी चूचियों को जोर-जोर से मसल रहा था। अंजू ने भी शर्म छोड़ दी और वो भी चूमाचाटी करने लगी।
मैं बोला- अंजू, चलो पहले साथ में नहा लें, फिर आज कई दिनों की लंड-चूत की प्यास बुझाएँगे।
मैं और अंजू बाथरूम में गए, मैंने अंजू की कुर्ती निकाली और फिर उसकी सलवार निकाल दी। अब वो मेरे सामने लाल सुर्ख रंग की पैंटी और ब्रा में खड़ी थी।