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सनी और कविता की म्यूजिक शो में हॉट मुलाकात: एक कामुक कहानी

दिल्ली के एक म्यूजिक शो में सनी की मुलाकात कविता से होती है, जहाँ भीड़ में धक्का-मुक्की के बीच दोनों की कामुक केमिस्ट्री शुरू हो जाती है। डांस, टच और फिर एक हॉट मुठभेड़—पढ़ें ये रोमांचक सेक्स कहानी, जो आपको उत्तेजित कर देगी।

मेरा नाम सनी है, उम्र 32 साल, दिल्ली में रहता हूँ। ये बात कुछ दिन पहले की है। यहाँ एक म्यूजिक शो हो रहा था, जिसमें बड़े-बड़े और फेमस कलाकार आ रहे थे। मेरे एक दोस्त ने टिकट खरीदा था, लेकिन वो किसी वजह से नहीं जा सका। उसने टिकट मुझे दे दी। जब शो का टाइम हुआ, तो मैं वहाँ पहुँचा। माय गॉड, क्या शानदार तैयारी थी! स्टेज रंग-बिरंगा, लाइटिंग जबरदस्त, और हॉल खचाखच भरा था। प्रोग्राम शुरू हुआ, बहुत मजा आ रहा था। कलाकार आते, गाना गाकर चले जाते। धीरे-धीरे पब्लिक अपनी सीटों से उठकर स्टेज के पास डांस करने लगी। मैं भी खुद को रोक नहीं पाया और डांस करने लगा। लड़के-लड़कियाँ, सब डांस कर रहे थे।

धीरे-धीरे वहाँ भीड़ बढ़ने लगी। लड़कियों के उछलते मम्मे देखकर मैं तो पहले ही बहुत एक्साइट हो गया था। अब लोग एक-दूसरे से टकराने लगे थे। स्टेज के पास भीड़ इतनी बढ़ गई कि सब एक-दूसरे से सटकर गानों का मजा ले रहे थे और शोर मचा रहे थे। अचानक पीछे वालों ने मुझे धक्का मारा और मैं एक लड़की से जा टकराया। पहले तो मैं सॉरी बोलना चाहता था, लेकिन ये देखकर चुप रह गया कि उसे धक्के से कोई प्रॉब्लम नहीं थी। वो तो अपने में मस्त होकर शोर मचा रही थी। मैंने उसे ध्यान से देखा—उम्र होगी कोई 22-23 साल, मस्त मम्मे, उसने स्कर्ट और ब्लाउज पहना था, पूरी टाँगें नंगी थीं। मेरा लंड सिहरने लगा। मैं उससे बिल्कुल सटा था और मेरे पीछे ढेर सारे लोग धक्का-मुक्की करके स्टेज के पास आना चाहते थे।

वो लड़की स्टेज को पकड़े थी, स्टेज उसकी गर्दन तक था और मैं ठीक उसके पीछे। मेरा लंड उसकी गांड की दरारों में घिस रहा था। मैं तो फुल एक्साइट था, लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ। इतने सारे लोग थे! बीच में मैं और वो मस्त छोकरी, जो मेरे लंड का घिस्सा अपनी गांड पर ले रही थी और इधर देख भी नहीं रही थी। मैंने हिम्मत करके उसके मम्मों को टच किया। उसने कुछ नहीं कहा। फिर धीरे-धीरे सबकी नजरें चुराकर मैं उसके मम्मे मसलने लगा। डर भी लग रहा था कि कहीं कोई देख न ले, फिर हंगामा हो जाएगा। लेकिन लक मेरे साथ था। स्टेज उसकी गर्दन तक था, बॉडी किसी को दिख नहीं रही थी। वाह, क्या चूचियाँ थीं! अभी भी लिखते वक्त मेरा लंड खड़ा हो गया है। सॉफ्ट-सॉफ्ट और बड़े-बड़े… माय गॉड, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अगर वॉश चालू होता, तो मैं उसे अभी चोद देता। लेकिन क्या करूँ?

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अचानक वो पीछे मुड़ी और मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दी। वल्लाह, मैं तो उसी वक्त मर गया! उसकी रजामंदी मिल गई थी। अब वो भी एंजॉय कर रही थी। मैंने उसके शर्ट में हाथ डालना चाहा, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और नीचे अपनी चूत पर रख दिया। स्कर्ट के नीचे उसने पैंटी पहनी थी। मैं कुछ देर तो पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाता रहा। फिर धीरे से मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया। ओह्ह, वहाँ तो स्वर्ग था! मुझे लगा अगर स्वर्ग कहीं है, तो यही है। इतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया था। जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा, वो सिहर गई। लेकिन न वो मेरी तरफ देख रही थी, न मैं उसकी तरफ। हम शोर में शामिल थे, कलाकार आ रहे थे, जा रहे थे, और हम अपना अलग ही गाना गा रहे थे।

उसकी चूत पर छोटे-छोटे झांट थे, शायद कुछ दिन पहले शेव किया था। मेरी उंगली उसकी दरारों की तरफ बढ़ी, तो उसने अपनी टाँगें भींच लीं। मैं रुक गया। फिर उसने अपनी टाँगें थोड़ा फैलाईं। वाह, उसकी चूत से गंगा-जमुना बह रही थी, बिल्कुल गीली थी। मेरी उंगलियों पर उसका चिपचिपा रस लग रहा था। मैंने एक उंगली उसके छेद में डाली और आगे-पीछे करने लगा। उसने फिर मेरा हाथ पकड़कर उंगली बाहर निकाली और अपनी क्लिट पर रखकर रगड़ने को कहा। मैं वैसा ही करने लगा। अब मेरा लंड पैंट के अंदर खड़ा होकर झटके ले रहा था। मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया। शायद वो भी यही चाहती थी। उसने तुरंत मेरा लंड पकड़ लिया और पैंट के ऊपर से सहलाने लगी। मैंने अपनी पैंट की जिप खोली और पूरा लंड उसके हाथ में दे दिया। उसने फिर मेरी तरफ देखा, मुस्कुराई और अपने ऐक्टिंग में लग गई। वो मेरे लंड का साइज नाप रही थी, फिर धीरे-धीरे सहलाने लगी।

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अब मैं उसकी खुली चूत सहला रहा था और वो मेरा खुला लंड। मैं भीड़ को देखकर मुस्कुरा उठा। साले गधों की तरह उछल रहे थे, और यहाँ हमने अपने लिए स्वर्ग ढूंढ लिया था। वो मेरे लंड को सहलाए जा रही थी। मुझे लगा कि कहीं मैं उसके हाथ में ही झड़ न जाऊँ। मैं उसकी चूत मारना चाहता था। मैंने उसका हाथ हटाया, उसकी स्कर्ट ऊपर की और अपने लंड को उसकी गांड से सटा दिया। वो समझ गई और मेरी मदद करने लगी। उसने अपनी पैंटी थोड़ा नीचे की और टाँगें फैला दीं। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर अडजस्ट करने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहा था। एक तो भीड़ की धक्का-मुक्की, ऊपर से पीछे से चूत में लंड डालना, वो भी जब लड़की पूरी तरह झुकी न हो। खैर, उसने फिर मदद की। मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत के छेद पर रखा और एक जोरदार धक्का दिया। ओह्ह, मेरा पूरा लंड उसकी चूत में एक बार में ही चला गया।

उसके बाद जो हुआ, आप उसकी कल्पना कर सकते हैं। लगभग 10 मिनट बाद मैं झड़ गया। वो पहले ही झड़ चुकी थी। उसने अपनी पैंटी ऊपर की। झड़ने के बाद 5 मिनट तक तो मैं दुनिया से अलग हो गया था। फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और ऑडिटोरियम से बाहर आ गया। उसने अपना नाम कविता बताया। वो IP कॉलेज में पढ़ती है और हॉस्टल में रहती है। जयपुर की रहने वाली है। हमने फोन नंबर एक्सचेंज किए। फिर एक-दूसरे को किस करके विदा ली। उसने मेरे कान में कहा, “तुम्हारा स्पर्म अभी भी मेरी चूत से निकल रहा है।” मैंने उसे अपना रुमाल दिया और फिर मिलने का वादा करके चला आया।