Teenage Girl Sex

सपना की चुदाई-2

में अपनी बहन की कपकपाती बुर का मजा लेते हुए उसकी आम्सू भरी आम्खों में झाम्कता उसके मुंह को दबोचा हुआ कुछ देर वैसे ही बैठा रहा. सपना के बम्द मुंह से निकलती यातना की दबी चीख सुनकर भी मुझे बहुत मजा आ रहा था. मुझे लग रहा था कि जैसे में एक शेर है जो हिरन के बच्चे का शिकार कर रहा है.

कुछ देर बाद जब लंड बहुत मस्ती से उछलनए लगा तो एक धक्का मेने और लगाया. आधा लंड उस किशोरी की चूत में समा गया और सपना दर्द के मारे ऐसे उछली जैसे किसी ने लात मारी हो. चूत में होते असहनीय दर्द को वह बेचारी सह न सकी और बेहोश हो गयी. में ने उसकी कोई परवाह नहीं की और धक्के मार मार कर अपना मूसल जैसा लंड उस नाज.उक चूत में घुसेड़ना चालू रखा. अन्त में जड़ तक लवड़ा उस कुम्वारी बुर में उतारकर एक गहरी साम्स लेकर में अपनी बहन के ऊपर लेट गया. सपना के कमसिन उरोज उसकी छाती से दबकर रह गये और छोटे छोटे कड़े चूचुक उसे गड़ कर मस्त करने लगे.

में एक स्वर्गिक आनन्द में डूबा हुआ था क्योंकि मेरी छोटी बहन की सकरी कोमल मखमल जैसी मुलायम बुर ने मेरे लंड को ऐसे जकड़ा हुआ था जैसे कि किसीने अपने हाथों में उसे भीम्च कर पकड़ा हो. सपना के मुंह से अपना हाथ हटाकर उसके गुलाबी होंठों को चूमता हुआ में धीरे धीरे उसे बेहोशी में ही चोदने लगा. बुर में चलते उस सूजे हुए लंड के दर्द से सपना होश में आई. उसने दर्द से कराहते हुए अपनी आम्खें खोलीं और सिसक सिसक कर रोने लगी. “भैया, मैम मर जाऊम्गी, उई माम, बहुत दर्द हो रहा है, मेरी चूत फटी जा रही है, मुझपर दया करो, आपके पैर पड़ती हूम.”

में ने झुक कर देखा तो उसका मोटा ताजा लंड सपना की फैली हुई चूत से पिस्टन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था. बुर का लाल छेद बुरी तरह खिम्चा हुआ था पर खून बिल्कुल नहीं निकला था. में ने चैन की साम्स ली कि बच्ची को कुछ नहीं हुआ है, सिर्फ़ दर्द से बिलबिला रही है. में मस्त होकर अपनी बहन को और जोर से चोदने लगा. साथ ही मेने सपना के गालों पर बहते आम्सू अपने होंठों से समेटन शुरू कर दिया. सपना के चीखने की परवाह न करके में जोर जोर से उस कोरी मस्त बुर में लंड पेलने लगा. “हाय क्या मस्त चिकनी और मखमल जैसी चूत है तेरीसपना , सालों पहले चोद डालना था तुझे. चल अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है, रोज तुझे देख कैसे तड़पा तड़पा कर चोदता हूं.”

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टाइट बुर में लंड चलने से ‘फच फच फच’ ऐसी मस्त आवाज होने लगी. जब सपना और जोर से रोने लगी तो में ने सपना के कोमल गुलाबी होंठ अपने मुंह मे दबा लिये और उन्हें चूसते हुए धक्के मारने लगा. जब आनन्द सहन न होने से वह झड़ने के करीब आ गया तो सपना को लगा कि शायद में झड़ने वाला है इसलिये बेचारी बड़ी आशा से अपनी बुर को फ़ाड़ते लंड के सिकुड़ने का इम्तजार करने लगी. पर में अभी और मजा लेना चाहता था; पूरी इच्छाशक्ति लगा कर में रुक गया जब तक मेरा उछलता लंड थोड़ा शान्त न हो गया.

सम्हलने के बाद मेने सपना से कहा “मेरी प्यारी बहन, इतनी जल्दी थोड़े ही छोड़ूम्गा तुझे. मेहनत से लंड घुसाया है तेरी कुम्वारी चूत में तो माम-कसम, कम से कम घन्टे भर तो जरूर चोदूम्गा.” और फ़िर चोदने के काम में लग गया.

दस मिनिट बाद सपना की चुदती बुर का दर्द भी थोड़ा कम हो गया था. वह भी आखिर एक मस्त यौन-प्यासी लड़की थी और अब चुदते चुदते उसे दर्द के साथ साथ थोड़ा मजा भी आने लगा था. मेरे जैसे खूबसूरत जवान से चुदने में उसे मन ही मन एक अजीब खुशी हो रही थी, और ऊपर से अपने बड़े भाई से चुदना उसे ज्यादा उत्तेजित कर रहा था.

जब उसने चित्र में देखी हुई चुदती औरत को याद किया तो एक सनसनाहट उसके शरीर में दौड़ गयी. चूत में से पानी बहने लगा और मस्त हुई चूत चिकने चिपचिपे रस से गीली हो गयी. इससे लंड और आसानी से अन्दर बाहर होने लगा और चोदने की आवाज भी तेज होकर ‘पकाक पकाक पकाक’ निकलने लगी.

रोना बन्द कर के सपना ने अपनी बाम्हें मेरे गले में डाल दीं और अपनी छरहरी नाजुक टांगें खोलकर मेरे शरीर को उनमें जकड़ लिया. वह मेरे को बेतहाशा चूंअने लगी और खुद भी अपने चूतड़ उछाल उछाल के चुदवाने लगी. “चोदिये मुझे भैया, जोर जोर से चोदिये. ःआय, बहुत मजा आ रहा है. मैने आपको रो रो कर बहुत तकलीफ़ दी, अब चोद चोद कर मेरी बुर फाड़ दीजिये, मैम इसी लायक हूम.”

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में हंस पड़ा. “है आखिर मेरी ही बहन, मेरे जैसी चोदू. पर यह तो बता सपना , तेरी चूत में से खून नहीं निकला, लगता है बहुत मुठ्ठ मारती है, सच बोल, क्या डालती है? मोमबत्ती या ककड़ी?” सपना ने शरमाते हुए बताया कि गाजर से मुठ्ठ मारनी की उसे आदत है. इसलिये शायद बुर की झिल्ली कब की फ़ट चुकी थी.

भाई बहन अब हचक हचक कर एक दूसरे को चोदने लगे. मेने तो अपनी नन्ही नाजुक किशोरी बहन पर ऐसा चढ़ गया जैसे कि किसी चुदैल रन्डी पर चढ़ कर चोदा जाता है. सपना को मजा तो आ रहा था पर मेरे लंड के बार अम्दर बाहर होने से उसकी चूत में भयानक दर्द भी हो रहा था. अपने आनन्द के लिये वह किसी तरह दर्द सहन करती रही और मजा लेती हुई चुदती भी रही पर मेरे लंड के हर वार से उसकी सिसकी निकल आती.

काफ़ी देर यह सम्भोग चला. में पूरे ताव में था और मजे ले लेकर लंड को झड़ने से बचाता हुआ उस नन्ही जवानी को भोग रहा था. सपना कई बार झड़ी और आखिर लस्त हो कर निढाल पलंग पर पड़ गई. चुदासी उतरने पर अब वह फ़िर रोने लगी. जल्द ही दर्द से सिसक सिसक कर उसका बुरा हाल हो गया क्योंकि मेरा मोटा लंड अभी भी बुरी तरह से उसकी बुर को चौड़ा कर रहा था.

में तो अब पूरे जोश से सपना पर चढ़ कर उसे भोग रहा था जैसे वह इम्सान नहीम, कोई खिलौना हो. उसके कोमल गुप्ताम्ग को इतनी जोर की चुदाई सहन नहीं हुई और सात आठ जोरदार झटकों के बाद वह एक हल्की चीख के साथ सपना फिर बेहोश हो गयी. में उस पर चढ़ा रहा और उसे हचक हचक कर चोदता रहा. चुदाई और लम्बी खीम्चने की उसने भरसक कोशिश की पर आखिर मुझसे रहा नहीं गया और में जोर से हुमकता हुआ झड़ गया.

गरम गरम गाढ़े वीर्य का फ़ुहारा जब सपना की बुर में छूटा तो वह होश में आयी और अपने भैया को झड़ता देख कर उसने रोना बम्द करके राहत की एक साम्स ली. उसे लगा कि अब में उसे छोड़ दूंगा पर में उसे बाहों में लेकर पड़ा रहा. सपना रोनी आवज में मुझसे बोली. “भैया, अब तो छोड़ दीजिये, मेरा पूरा शरीर दुख रहा है आप से चुद कर.” में हम्सकर बेदर्दी से उसे डराता हुआ बोला. “अभी क्या हुआ है सपना रानी. अभी तो तेरी गांड भी मारनी है.”

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सपना के होश हवास यह सुनकर उड़ गये और घबरा कर वह फिर रोने लगी. में हम्सने लगा और उसे चूमते हुए बोला. “रो मत, चल तेरी गांड अभी नहीं मारता पर एक बार और चोदूम्गा जरूर और फिर कोलेज जाऊम्गा.” मेने अब प्यार से अपनी बहन के चेहरे , गाल और आम्खों को चूमना शुरू कर दिया. मेने सपना से उसकी जीभ बाहर निकालने को कहा और उसे मुंहे में लेकर सपना के मुख रस का पान करता हुआ कैन्डी की तरह उस कोमल लाल लाल जीभ को चूसने लगा.

थोड़ी ही देर में मेरा लंड फ़िर खड़ा हो गया और मेने सपना की दूसरी बार चुदाई शुरू कर दी. चिपचिपे वीर्य से सपना की बुर अब एकदम चिकनी हो गयी थी इसलिये अब उसे ज्यादा तकलीफ़ नहीं हुई. ‘पुचुक पुचुक पुचुक’ की आवाज के साथ यह चुदाई करीब आधा घन्टा चली. सपना बहुत देर तक चुपचाप यह चुदाई सहन करती रही पर आखिर चुद चुद कर बिल्कुल लस्त होकर वह दर्द से सिसकने लगी. आखिर में ने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किये और पाम्च मिनट में झड़ गया.

झड़ने के बाद कुछ देर तो में मजा लेता हुआ अपनी कमसिन बहन के निस्तेज शरीर पर पड़ा रहा. फिर उठ कर उसने अपना लंड बाहर निकला. वह ‘पुक्क’ की आवाज से बाहर निकला. लंड पर वीर्य और बुर के रस का मिला जुला मिश्रण लगा था. सपना बेहोश पड़ी थी. में उसे पलंग पर छोड़ कर बाहर आया और दरवाजा लगा लिया.सपना को चोद कर जो आनंद मुझे आया वो में आपको बता चूका हूँ. अब कविता दीदी की मेने केसे चुदाई की वो आपको अगली बार बताऊंगा.