अंकल के साथ चुदाई की रात
कुछ दिन पहले की बात है, जब मैं अपने जिगरी दोस्त के घर पहली बार गया था। कॉलेज का एक प्रोजेक्ट था, जिसके लिए हमें रात-दिन एक साथ जुटना था। उसका घर—हाय, क्या बात थी! किसी राजमहल सा शानदार, हर कोने में चमक-दमक, और एक अलग ही vibe। जैसे ही मैंने उस घर में कदम रखा, मेरी आंखें चारों तरफ घूमने लगीं। घर में बस मेरा दोस्त और उसके पापा थे। और फिर, मेरी नजर उन पर पड़ी—उसके पापा! यार, मेरे जिस्म में जैसे बिजली सी दौड़ गई।
उनके पापा—क्या मर्दाना personality थी! सफेद दाढ़ी, छह फीट से ज्यादा की लंबी हाइट, भारी-भरकम काया, और वो आंखें… ओह, वो गहरी, नशीली आंखें! उनकी नजरें मुझ पर ऐसी टिकीं, जैसे मेरे कपड़ों को चीरकर मेरे दिल तक उतर जाना चाहती हों। उनकी हर अदा, हर मुस्कान में एक जादू था। वो मुझे ऐसे घूर रहे थे, जैसे मैं उनका शिकार हूं, और मैं—मैं तो बस खो सा गया था। मेरे दिल की धड़कनें बेकाबू हो गईं, और मेरे जिस्म में एक अजीब सी गर्मी तारी होने लगी। लेकिन मैंने खुद को संभाला और अपने दोस्त के साथ उसके कमरे में चला गया।
कमरे में हमने प्रोजेक्ट शुरू किया। घंटों बीत गए, रात गहराती चली गई। मेरा दोस्त काम करते-करते सोफे पर ही ढेर हो गया, और उसकी खर्राटों की हल्की-हल्की आवाज कमरे में गूंजने लगी। लेकिन मेरा मन? वो तो बेचैन था। मेरे दिमाग में बार-बार uncle की वो sexy आंखें, उनकी मर्दाना मुस्कान, और उनका वो भारी-भरकम बदन घूम रहा था। मैंने सोचा, “चलो, जरा बाहर तो चलूं।”
मैं धीरे से कमरे से निकला। हॉल में uncle टीवी देख रहे थे। टीवी की नीली रोशनी उनके चेहरे पर पड़ रही थी, और वो… हाय, और भी hot लग रहे थे। उनकी सफेद दाढ़ी, वो चौड़ा सीना, और वो गहरी आवाज—सब कुछ इतना perfect था। मैं चुपके से उनके पास गया और सोफे पर बैठ गया। “Uncle, क्या देख रहे हो?” मैंने हल्की सी naughty मुस्कान के साथ पूछा। उन्होंने मेरी तरफ देखा, और उनकी आंखों में वही शरारत चमक रही थी। “बस, कुछ नहीं, बेटा… अब तो कुछ और देखने का mood है,” उन्होंने धीमी, भारी आवाज में कहा। उनकी आवाज में वो मर्दाना गर्मी थी, जिसने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए।
बातों-बातों में दो मिनट भी नहीं बीते थे कि अचानक उन्होंने मुझे अपनी मजबूत बांहों में खींच लिया। उनका स्पर्श इतना गर्म, इतना ताकतवर था कि मेरे पूरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया। फिर, बिना एक शब्द कहे, उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। ओह, वो kiss! उनकी गर्म, रसीली जीभ मेरे मुंह में घुस गई, और एक मीठा, नशीला स्वाद मेरे पूरे वजूद में घुल गया। मैंने उनकी जीभ को चखा, चूसा, और उसका हर पल जी लिया। हमारी सांसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं, और वो पल इतना intense था कि मैं दुनिया-जहान भूल गया। उनकी दाढ़ी मेरे चेहरे पर रगड़ रही थी, और वो अहसास इतना सेक्सी था कि मैं बस उसमें डूबता चला गया।
पांच मिनट तक हम एक-दूसरे का रस पीते रहे। उनकी हर kiss में एक जुनून था, जैसे वो मुझे पूरा निगल लेना चाहते हों। फिर मुझसे रहा नहीं गया। मेरी नजर उनके पजामे की तरफ गई, जहां उनका मर्दाना उभार साफ नजर आ रहा था। मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मेरी उंगलियां खुद-ब-खुद उनके पजामे के नाड़े तक पहुंच गईं। जैसे ही मैंने नाड़ा खींचा, उनका लंबा, सख्त लंड बाहर आ गया। यार, क्या साइज था! इतना मोटा, इतना गर्म, इतना perfect! मेरे मुंह में पानी आ गया।
उन्होंने मेरा चेहरा पकड़ा और धीरे से अपने लंड की तरफ ले गए। मैंने बिना वक्त गंवाए उसे अपने मुंह में ले लिया। उसका गर्म, सख्त अहसास मेरे होंठों पर था, और मैं उसे और गहराई से चूसने लगा। “हां, ऐसे ही, बेटा,” उन्होंने कराहते हुए कहा। उनकी आवाज में वो मर्दाना भारीपन था, जो मुझे और उत्तेजित कर रहा था। मैं चूसता गया, और उनका लंड मेरे मुंह में और सख्त, और गर्म होता गया। अगले 15 मिनट तक मैंने उनकी हर इंच को चखा, चूसा, और प्यार किया। उनकी कराहें, उनकी सांसें, और वो गर्मी—सब कुछ इतना addictive था कि मैं रुकना ही नहीं चाहता था।
फिर अचानक, उनकी सांसें तेज हो गईं, और एक गर्म, मलाईदार धारा मेरे गले में उतर गई। उनकी वो सफेद, स्वादिष्ट मलाई इतनी yummy थी कि मैंने एक बूंद भी बर्बाद नहीं होने दी। वो जोर-जोर से कराहने लगे, और उनकी आवाज से पूरा कमरा गूंज उठा। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैंने उनके टट्टों को अपने मुंह में लिया और उन्हें धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। उनकी कराहें और तेज हो गईं, लेकिन वो अब थक चुके थे। “बस, बेटा, अब रुक जा,” उन्होंने हंसते हुए कहा। लेकिन मेरा मन कहां मानने वाला था?
मैंने उन्हें फिर से अपनी बांहों में लिया और अगले एक घंटे तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे। उनकी दाढ़ी मेरे चेहरे पर रगड़ रही थी, और वो अहसास इतना erotic था कि मैं उसमें पूरी तरह खो गया। हर kiss में एक नया जादू था, हर स्पर्श में एक नई गर्मी। उनकी उंगलियां मेरे जिस्म पर घूम रही थीं, और हर बार वो मुझे और करीब खींच लेते थे। उनका भारी बदन मेरे ऊपर था, और मैं बस उनके नीचे पिघलता जा रहा था। उस रात uncle ने मुझे वो सुख दिया, जो मैंने पहले कभी नहीं महसूस किया था।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। अगली रात, जब मेरा दोस्त फिर से सो गया, मैं चुपके से uncle के बेडरूम में चला गया। दरवाजा खुला था, और वो बिस्तर पर लेटे हुए थे, सिर्फ एक ढीली सी बनियान और पजामा पहने हुए। उनकी चौड़ी छाती, वो मर्दाना काया—मैं तो बस देखता रह गया। “आ जा, बेटा,” उन्होंने धीमी आवाज में कहा, और मैं उनके पास जाकर लेट गया। इस बार कोई जल्दबाजी नहीं थी। हमने धीरे-धीरे एक-दूसरे के कपड़े उतारे। उनकी उंगलियां मेरे जिस्म पर ऐसे घूम रही थीं, जैसे कोई जादूगर अपनी जादू की छड़ी चला रहा हो।
उन्होंने मुझे अपनी गोद में खींच लिया और मेरे पूरे जिस्म को चूमना शुरू किया। मेरे गले, मेरी छाती, मेरे पेट—हर जगह उनकी गर्म जीभ और होंठों का स्पर्श था। मैं सिसकारियां ले रहा था, और मेरी सांसें तेज होती जा रही थीं। फिर उन्होंने मुझे पलटा और मेरी पीठ पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की। यार, वो अहसास! मैं तो बस पागल हो गया था। उनकी हर हरकत इतनी sensual थी कि मैं बस उनके हवाले हो गया।
अगले कुछ घंटों तक हमने एक-दूसरे को हर तरह से explore किया। उनका लंड फिर से मेरे मुंह में था, और इस बार मैंने उसे और जुनून से चूसा। उनकी कराहें, उनकी सांसें, और वो गर्मी—सब कुछ इतना intense था कि मैं उस रात को कभी भूल नहीं सकता। आखिर में, जब वो फिर से मेरे मुंह में झड़े, मैंने उनकी हर बूंद को प्यार से चखा। हम दोनों थककर एक-दूसरे की बांहों में लेट गए, और उनकी गर्मी में मैं सुकून से सो गया।
तो ये थी मेरी और मेरे uncle की वो रातें—एक ऐसी कहानी, जो मेरे दिल और जिस्म में हमेशा के लिए बस गई। उनकी वो मर्दाना गर्मी, वो जुनूनी स्पर्श, और वो नशीली आंखें—सब कुछ इतना perfect था कि मैं बार-बार उस पल में लौटना चाहता हूं।