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अंकल की बहू की चुदाई

Uncle ki bahu ki chudai

हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची चुदाई की घटना जो मेरे अंकल के लड़के की पत्नी के साथ हुई है और जिसमें मैंने उसको चोदा, वो मेरे छोटे भाई की पत्नी है, जिसके साथ मेरी चुदाई खत्म हुई और मैंने बहुत मज़े किए.

दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में अपने कॉलेज की पढ़ाई को खत्म करके अपने गाँव में कुछ दिन रहने के लिए चला गया था, क्योंकि मुझे कुछ दिन बाद दोबारा शहर में जाकर अपनी नौकरी करनी थी और अपने घरवालों के बहुत बार कहने पर में गाँव गया था उनके साथ रहने. तो उस समय मेरे अंकल के बेटे की शादी हो चुकी थी जो कि मुझसे उम्र में छोटा था. उसकी बीवी का नाम तारा था, लेकिन वो दिखने में कुछ खास सुंदर नहीं थी और उसका रंग सावला था, लेकिन फिर भी उसका वो भरा हुआ सेक्सी बदन देखो तो वो क्या गजब की लगती थी? और में उसके साथ कई बार ऐसे ही हंसी मज़ाक करता रहता था.

मेरी उससे धीरे धीरे बातें ज्यादा बढ़ने लगी थी और ऐसे ही हमारे दिन गुजरते जा रहे थे. एक दिन की बात है उस दिन में अपने घर पर बिल्कुल अकेला था और सो रहा था, क्योंकि उस दिन मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा दर्द हो रहा था और में उस दर्द की वजह से पलंग पर पड़ा हुआ कराह रहा था. फिर इतने में तारा आ गई और वो मुझसे पूछने लगी कि जेठ जी आपको आज क्या हुआ है और आप ऐसे क्यों लेटे हुए है, आप मुझे बताए आपको क्या कोई समस्या है?

फिर मैंने उससे बोला कि मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा दर्द हो रहा है. मुझे पता नहीं, लेकिन यह सब आज सुबह से ही मेरे साथ हो रहा है. तब उसने मुझसे पूछा कि मेरे मम्मी, पापा आज कहाँ गये है क्या वो आज घर पर नहीं है? तो मैंने उसको बताया कि वो एक शादी में गये है और कल तक वापस आ जाएगें और अब मैंने उससे पूछा कि क्या उसका पति मेरे अंकल का बेटा घर पर है? अगर वो है तो तुम उसको जाकर बता दो, वो मुझे किसी डॉक्टर के पास ले चलता वरना अकेला तो में हिलने का भी नहीं हूँ और मुझे दर्द कुछ ज्यादा है.

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फिर उसने मुझे बताया कि वो किसी कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए आज सुबह ही गाँव से बाहर गया है और वो भी कल तक वापस आएगा. दोस्तों अब में मन ही मन सोचने लगा कि में अब क्या करूं? में कैसे अपने इस दर्द का इलाज करूं? क्योंकि तब तक शाम के सात बज चुके थे और हल्का हल्का अंधेरा भी अब होने लगा था. रात को ज्यादा दर्द हुआ तो में उसका क्या इलाज करूंगा.

फिर तारा ने पास ही की एक दवाई की दुकान पर जाकर मुझे दर्द को कम करने की दवाई लाकर दे दी और फिर उसने मुझसे कहा कि आज रात का खाना वो उनके घर से बनाकर ले आएगी. फिर मैंने उसको कहा कि हाँ ठीक है और करीब रात के 9:30 बजे के बाद वो आ गई.

उसके हाथ में मेरे लिए खाना भी था, लेकिन दोस्तों मेरा दर्द तब तक और भी ज्यादा बढ़ गया था और फिर इसलिए उसने मुझसे कहा कि में बैठा रहूँ और वो खुद मुझे अपने हाथ से खाना खिला देगी.

फिर मैंने उससे यह सब करने के लिए मना किया क्योंकि वो मेरे छोटे भाई की पत्नी थी और मैंने कभी उसको ऐसी नज़र से देखा नहीं था, लेकिन वो नहीं मानी और खाना खिलाने लगी. फिर जब में उसके हाथ से खाना खाने लगा तभी गलती से गरम गरम दाल मेरी पेंट पर गिर गयी, जिसकी वजह से में तुरंत ही उठकर खड़ा हो गया और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा.

तब उसने घबराकर तुरंत ही पास में रखा हुआ पानी से भरा हुआ जग मेरे ऊपर डाल दिया जिसकी वजह से मेरी पूरी पेंट गीली हो गई. मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी. फिर में शरमाकर पास वाले दूसरे कमरे में जाकर कपड़े बदलने लगा और अब में जल्दबाज़ी में बाथरूम से दूसरा अंडरवियर लाना भूल गया था और मैंने रूम में जाकर पेंट और अपनी उस गीली अंडरवियर को उतार दिया था और मेरे पैरों में जांघ के पास थोड़ी सी जलन हो रही थी. में वो हिस्सा देख रहा था, उस समय दरवाजा सिर्फ़ ऐसे ही बंद किया था और मैंने अंदर से कुण्डी नहीं लगाई थी और इतने में पीछे से तारा अपने हाथ में टावल और अंडरवियर लेकर आ गई.

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फिर मैंने उसके आने की आहट को सुनकर पलटकर उसको देखा तब उसने मुझे नंगा पाया तो वो “हे राम” कहकर अपने मुहं पर अपने दोनों हाथों को रखकर अपनी आखें बंद करके शरमाकर उल्टे पैर उस कमरे से बाहर भाग गयी.

फिर जब में रूम के बाहर गया तो हम दोनों एक दूसरे से शरमा रहे थे और एक दूसरे से हम नजरे नहीं मिला पा रहे थे और कुछ देर बाद मुझे खाना खिलाने के बाद वो चली गयी. इस तरफ मेरा बदन दर्द बढ़ने लगा और इतने में मेरे करहाने की आवाज़ को सुनकर तारा एक बार फिर से मेरे कमरे में आ गई. तब रात के करीब 11 बजे थे, वो अंदर आई और आते ही मेरे पैर दबाने लगी तो मुझे उसकी वजह से कुछ आराम मिलने लगा.

तभी उसने मुझसे कहा कि अगर में अपने कपड़े उतारकर बदन पर टावल लपेट लूँ तो वो मेरे पूरे बदन पर तेल से अच्छी तरह से मालिश कर देगी और फिर उसके कहने पर मैंने दूसरे करने में जाकर अपने कपड़े उतार दिए और अब में टावल लपेटकर वापस सो गया. फिर वो तेल से मेरे शरीर पर अपने मुलायम हाथों से मालिश करने लगी, जिसकी वजह से मुझे कुछ देर बाद आराम मिलने लगा और मुझे नींद भी आने लगी थी और इतने में मैंने महसूस किया कि अब मेरे लंड से उसकी उँगलियाँ छू रही है और उसके हाथ की गरमी पाते ही मेरा लंड फन फनाकर जाग उठा.

अब टावल के ऊपर से उसने देखा कि कुतुबमीनार की एक चोटी खड़ी हो रही है, लेकिन में सोने का नाटक करता रहा और थोड़ी देर मेरी तरफ से कोई भी हलचल को ना देखकर उसने मेरे लंड में थोड़ा ज़्यादा अपना हाथ लगाया, जिसकी वजह से अब मुझसे रहा नहीं गया.

फिर मैंने तुरंत उठकर उसको अपने गले से लगा लिया और वो फ़ौरन मेरी बाहों में आ गई. मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और वो पूरी तरह से जोश में आकर सिसकियाँ ले रही थी और अब वो मुझसे कह रही थी कि तुम्हे नहीं पता में कितने दिनों से में तुमसे चुदवाना चाहती थी. मुझे इस दिन का कब से इंतजार था, लेकिन मुझे ऐसा कोई भी सही मौका नहीं मिल रहा था. आज तो तुम मुझे चोद दो, में कब तक ऐसे ही तरसती रहूंगी.

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फिर मैंने भी उससे कहा कि हाँ में तुम्हे चोद दूँगा मेरी रानी, तुम थोड़ा सा इंतजार तो करो, देखना आज में तुम्हे कितना मज़ा दूंगा कि तुम भी हमेशा याद रखोगी और अब मैंने उसको तुरंत पूरा नंगा कर दिया और उसने भी मुझे नंगा कर दिया. उसके बाद वो मेरा लंड अपने मुहं में ले कर चूसने लगी और में भी उसके बूब्स को दबाने लगा और उनको निचोड़ने लगा.

कुछ देर बाद उसको नीचे लेटाकर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, वो सिसकियाँ लेने लगी और मेरे सर को अपनी चूत के ऊपर दबाने लगी और फिर वो कहने लगी कि आह्ह्ह्हह् उफफ्फ्फ्फ़ आ जाओ मेरे राजा अब तुम मुझे चोद दो.

अब में तुरंत उसके ऊपर चड़ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिए और चूत के मुहं पर लंड को रखकर मैंने एक ही जोरदार धक्का देकर अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो ज़ोर से चिल्लाई ऊऊईईईईइ माँ मार डाला रे आईईईईईईई कितना बड़ा लंड है. फिर मैंने कहा कि रानी आज तो में तुम्हारी चूत को फाड़ ही दूँगा.

फिर ऐसे ही में आधे घंटे तक लगातार धक्के देकर चुदाई करता रहा और वो दो बार झड़ चुकी थी और आख़िरकार में भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत की गहराई में अपने धक्कों के साथ पूरा अंदर तक डाल दिया. अब मुझे उसके चेहरे से उसकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश थी और उसके साथ साथ में भी. हमने उस पहली चुदाई में बहुत मज़े किए और उसके बाद भी मुझे जब भी मौका मिला मैंने उसको जमकर चोदा और उसने भी हर बार चुदाई में मेरा पूरा साथ दिया.