चुदाई की कहानियाँ

माँ ने चूत देकर बचाई मेरी नौकरी

(Maa ne chut dekar bachai meri naukri)

हेलो दोस्तों मेरा नाम राजा है और मैं सेक्स इस वेबसाइट के बहुत पुराने फेन में से एक हूँ और मैंने यहाँ पर बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है. तो आज मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी लाईफ की एक सच्ची घटना के बारे में आप सभी लोगों को बताऊँ? मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ.. लेकिन मुझे नौकरी के सिलसिले में मुंबई आकर रहना पड़ रहा था और मैं एक कॉर्पोरेट ऑफिस में काम करता हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी मम्मी को लेकर है.. उनकी उम्र 45 साल है और वो बहुत ही सुंदर है, गोरी है, उनका चेहरा बहुत ही खूबसूरत हैं..

उनके बूब्स 34 साईज़ के गोल बड़े बड़े हैं, उनकी कमर 30 की हैं और उनकी गांड 36 साईज़ के तंबूरे जैसी है.. फिर इतना अच्छा फिगर होने के बावजूद भी वो बहुत ही सीधी साधी किस्म की औरत है. मेरे पापा के गुजर जाने के बाद मुझे उनको कोलकाता से मुंबई लाना पड़ा और फिर हम मुंबई में रहने लगे.. क्योंकि मैं अकेला रहता था तो मेरे घर पर कभी कभी मेरे बॉस लोग कुछ ना कुछ काम से आते थे.

यह कुछ दिन बाद की घटना हैं.. एक दिन शाम को करीब 7 बजे मेरे दो मॅनेजर मेरे फ्लेट पर मुझे कुछ काम देने के लिए आ गये. तो मैंने उनको बोला कि आप लोग चाय पीकर जाना. मेरे दोनों बॉस गुप्ता और सिन्हा दोनों की उम्र लगभग 48 या 49 होंगी और वो दोनों बड़े हट्टे कट्टे अच्छे आदमी थे. वो दोनों ड्रॉयिंग रूम में बैठे हुए थे तो मैंने उन दोनों के साथ मेरी मम्मी का परिचय करवा दिया. तो मम्मी उस वक्त एक सफेद कलर की साड़ी ब्लाउज पहने हुई थी और फिर मम्मी उनके लिए चाय लाने जा रही थी तो उन दोनों की नज़रें उनकी गांड पर एकदम टिकी हुई थी.

फिर मम्मी किचन में जाकर चाय बनाकर लेकर आ गयी.. तो सिन्हा ने उनसे बोला कि आप भी हमारे साथ ही बैठकर चाय पी लीजिए. तो मेरी मम्मी वहीं पर बैठ गयी और उनके साथ बातें करने लगी.. वो लोग मुझसे कम और मेरी मम्मी से ज़्यादा बात करने लगे. तभी बातों बातों में उन दोनों ने जान लिया कि मेरे पापा कितने साल पहले गुज़र गये? और उनको क्या पसंद है? फिर वो लोग पूरी जानकारी लेकर उस दिन शाम को चले गये.

फिर उसके अगले दिन से ही मेरे वो दोनों बॉस मेरे ऊपर कुछ ज़्यादा ही सख्त हो गये और मेरी छोटी छोटी गलतियों पर मुझे बहुत ज़्यादा डांटने लगे और फिर मैं तो कुछ दिनों में बहुत परेशान हो गया था और ऐसी नौबत आ गई कि मुझे शायद नौकरी से निकाल दिया जाए. मैंने बहुत परेशान होकर एक दिन उन दोनों से बात करने के लिए टाईम माँगा तो उन दोनों ने मुझे ऑफिस के बाद रुक जाने के लिए कहा. फिर मैं ऑफिस के बाद रुकने के लिए तैयार हो गया और उनका इंतजार करने लगा और जब ऑफिस सभी लोग चले गये..

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तो उन लोगों ने मुझे अपने केबिन में बुलाकर कहा कि तुझे एक ही शर्त पर इस नौकरी से नहीं निकाला जाएगा? तो मैंने उनसे पूछा कि बताइए वो शर्त क्या है? तभी उन्होंने मुझे बताया कि हम दोनों को तेरी मम्मी चाहिए.. तो मैं बहुत चकित हो गया.. लेकिन फिर मैंने इस बारे में बहुत सोचा और फिर मैं मज़बूरी में राज़ी तो हो गया और फिर उनसे पूछा कि यह सब कैसे होगा? तब उन दोनों ने मुझे बताया कि तू यह सब हम पर छोड़ दे.. तुझे कुछ नहीं होगा और ना तेरी मम्मी को कभी यह पता भी चलेगा कि तुझे यह सब पता भी है.. तो मैं चुपचाप रह गया. फिर उसके बाद चालू हुआ असली खेल और फिर वो लोग एक दिन दोपहर को मुझे साथ में लेकर मेरे घर पर चले आए और मुझे बोला कि चुपचाप दरवाजे का लॉक खोलकर घर के अंदर छुप जाना.

तो मैंने उन दोनों की बात को मान लिया और मैं उनके कहे अनुसार काम करके अपने रूम में जाकर छुप गया.. मम्मी दोपहर को सो रही थी और उनके बदन पर सिर्फ़ एक साड़ी थी और घर पर कोई भी नहीं था. तो उन्होंने ब्लाउज नहीं पहना था और उनकी गोरी गोरी पीठ और बूब्स आधे खुले हुए थे.. फिर उन दोनों ने अपनी अपनी शर्ट पेंट अंडरवियर सब धीरे धीरे उतार लिए और फिर मम्मी के एक साईड में सिन्हा जाकर लेट गया और धीरे धीरे मम्मी के बूब्स से साड़ी को हटा दिया.. लेकिन मम्मी को गहरी नींद में कुछ भी पता नहीं चला.

फिर गुप्ता ने फटाफट अपने मोबाईल में मेरी मम्मी के बहुत सारे फोटो खींच लिए और फिर वो भी बिल्कुल वैसे ही मम्मी के पास लेट गया और सिन्हा ने भी फोटो खींच लिए. फिर उसके बाद उन दोनों ने मम्मी को अचानक जकड़ लिया तो मम्मी की नींद खुल गई और वो उनसे अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन वो दोनों बिल्कुल सांड थे. फिर एक ने उसका मुहं दबाकर रखा था और दूसरे ने बोला कि तू थोड़ा हमारे बारे में सुन हमने तेरी ऐसी ऐसी फोटो खींच रखी है कि अगर वो हम नेट पर डाल दे तो तू एक असली रंडी बन जाएगी और तेरे बेटे की नौकरी चली जाएगी और इससे उसकी भी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी.

तू अब बोल तुझे क्या करना है? तभी यह बात सुनकर मम्मी घबरा गयी और बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. फिर उन दोनों ने उनको कहा कि चल अब शांत हो जा.. तेरी चूत को भी लंड चाहिए और हमे चुदाई का मज़ा.. तू चिंता मत कर हम तुझे रोज जमकर चोदेगे. फिर उन्होंने मम्मी की साड़ी पेटीकोट उतार दिए और पहली बार मेरे सामने उनका बिल्कुल नंगा बदन, एकदम गोरी सी त्वचा, बड़े बड़े बूब्स, पेट में गहरी नाभि, चूत के ऊपर हल्के हल्के बाल और मोटी सी गदराई हुई गांड उफफफफ्फ़.. मेरा भी इतना सब देखकर लंड खड़ा हो गया और यह नज़ारा देखकर उनके लंड सलामी मारने लगे और वो दोनों ने बुरी तरह से उन्हे मसलने लगे.. जंगली कुत्ते के तरह काटने लगे.

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तो मम्मी बहुत डर गयी और उनके मुहं से आह अह्ह्ह की आवाज़ आने लगी.. तो सिन्हा मेरी मम्मी के दोनों पैरों के बीच में आकर उनकी चूत को चाटने लगा और उधर गुप्ता मम्मी के बूब्स को मसल मसलकर पी रहा था. तभी थोड़ी देर में मम्मी को भी मज़ा आने लगा और ना चाहते हुए भी उन्होंने अपने एक हाथ से सिन्हा के सर को सहला दिया और अपनी चूत के ऊपर उसके सर को दबाने लगी और सिसकियाँ भरने लगी. तो गुप्ता ने कहा कि देख देख साली रंडी अपनी चूत कैसे चटवा रही है और थोड़ी देर में उसने अपना 8 इंच का काला सांप माँ के मुहं में घुसा दिया और बोला कि चूस साली कुतिया.. आज हम तेरे हर छेद को चोदेंगे. इधर सिन्हा माँ की चूत को चूसने में लगा पड़ा था वो ऐसे अपनी जीभ घुसाकर चूस रहा था कि माँ चिल्लाने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन उनके मुहं में दूसरा लंड था.

फिर थोड़ी देर में वो बहुत बुरी तरह झड़ गयी.. उसके बाद गुप्ता ने माँ के मुहं से लंड निकाला और चूत पर हमला बोल दिया और लंबे लंबे झटके देकर उसने मम्मी की चूत को फाड़ डाला और आज बहुत दिन बाद मम्मी लंड ले रही थी इसलिए उनको बहुत दर्द भी हो रहा था और वो उउईई उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह प्लीज़ मुझे छोड़ दो कहकर ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन उनकी बात वहाँ पर कौन सुनने वाला था. फिर वो एकदम सांड की तरह चुदाई में लगा रहा और करीब 20 मिनट बाद वो मम्मी की चूत में ही झड़ गया. फिर उसके बाद दोनों ने मम्मी को हाथ पकड़ कर उठाया और खींचकर टॉयलेट में ले गये और ज़बरदस्ती मम्मी को उनके सामने ही मूतने पर मज़बूर कर दिया और बाल पकड़कर वापस कमरे में लेकर आ गये.

फिर बेड पर लेटा दिया और इस बार सिन्हा उनकी चूत की सवारी करने के लिए उनकी चूत के मखमली खेत के ऊपर चड़ गया और उसके बाद तो धे धनाधन उनकी ऐसी चुदाई की कि मेरी माँ लगभग बेहोश ही हो गई और वो लोग बीच बीच में मम्मी को थप्पड़ मार मारकर चोद रहे थे. फिर करीब आधे घंटे बाद जब वो उतरा तब मम्मी आधी बेहोश हो चुकी थी.. फिर उन लोगों ने उनको उठाया फिर से उनकी चूत को धुलाकर लाए आए और बिस्तर पर उनको बीच में सुलकर दोनों उनको पकड़ कर सो गये.

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फिर करीब एक घंटे बाद जब माँ की हालत थोड़ी ठीक हुई तो उन्होंने पूछा कि क्यों अब तो आप हम दोनों से संतुष्ट हैं ना? तो माँ ने कहा कि मुझे छोड़ दीजिए.. तो सिन्हा ने मुस्कुराकर बोला कि अबे यह साली रंडी अब तो यह बिल्कुल संतुष्ट है और यह कहकर वो उठकर किचन से सरसों का तेल लेकर आया और मम्मी को उल्टा लेटाकर उनकी गांड में तेल लगाने लगा. तो मम्मी बिल्कुल डर गयी और उन्होंने कहा कि नहीं प्लीज़.. मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है प्लीज़ मेरी गांड को बक्ष दो. तो यह बात सुनकर वो दोनों और ज़्यादा उत्तेजित हो गये और बोले कि इसलिए तो रानी तेरी गांड भी हमे चाहिए.

बस फिर क्या था.. उन दोनों ने ज़बरदस्ती मेरी प्यारी सी माँ को जबरदस्ती कुतिया बनाकर गांड मारी और गांड में ही झड़ गये. फिर मम्मी का रो रोकर बुरा हाल हो गया था.. उनकी गांड लगभग फट गयी थी और इसी तरह शाम को 6 बजे दोनों जाने के लिए तैयार हो गये और बोला कि चुपचाप रेस्ट कर ले क्योंकि रात को भी तेरी चुदाई का सफ़र चालू रहेगा और यह कहकर दोनों मम्मी को दरवाजे में बंद करके मुझे इशारा किया और हम तीनों बाहर चले आए.

फिर उन्होंने मुझे पूछा कि तुझे अच्छा लगा कि नहीं? तो मैं झूठ नहीं बोल पाया और बोला कि हाँ मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर उन्होंने मुझसे बोला कि तुझे फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं है.. तू आज से हम दोनों का बेटा है और तेरी मम्मी हमारी बीवी और तू देख आगे आगे क्या होता है? फिर इसके बाद तो लगभग हर दिन मम्मी उन दोनों से बुरी तरह से चुदवाती थी और फिर उन दोनों ने मम्मी को राज़ी कर लिया कि तेरे बेटे को इस रिश्ते से कोई ऐतराज़ नहीं है.

तो मम्मी बहुत रोने के बाद मान गयी.. तो उन दोनों ने मम्मी को बोला कि आज से तू हमारे नाम का सिंदूर लगाएगी और हमारी रखेल बनकर रहेगी और वो दोनों मम्मी को अपने साथ दो चार दिन के लिए घूमने के लिए बाहर लेकर जाते थे और मम्मी जब घर आती थी तो एकदम थकी हुई बैहाल हालत में आती थी और अभी मेरी भोली भाली मम्मी उनकी रखेल है.. उनके नाम का सिंदूर लगाती है और वो दोनों उसकी ऐसे चुदाई करते है कि जैसे बहुत दिनों के भूखे कुत्ते हो ..