स्वीटी भाभी की चुदाई का निमंत्रण-1
दिल्ली के आकाश और स्वीटी भाभी की सेक्सी मुलाकात की सच्ची कहानी। एक अनजान ईमेल से शुरू हुआ रिश्ता कैसे बेडरूम तक पहुँचा। भाभी की रसीली चूचियों और गीली चूत के साथ चुदाई के मस्त पल यहाँ पढ़ें।
हाय दोस्तों, मेरा नाम आकाश है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और ये मेरी दूसरी सेक्सी स्टोरी है, जिसे मैं आप सबके साथ शेयर करने जा रहा हूँ। मैं पिछले कुछ सालों से हॉट और मसालेदार कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े ले रहा हूँ और हर बार कुछ नया अनुभव करने की चाहत मेरे मन में रहती है। दोस्तों, ये कहानी उस खास दिन की है जब मेरी ज़िंदगी में एक नया मोड़ आया। एक दिन मुझे एक अनजान ईमेल मिला और वो मेल किसी स्वीटी भाभी का था। वो भी दिल्ली में रहती थीं और उन्होंने अपने मेल में लिखा था कि वो मेरी लिखी कहानी से बहुत प्रभावित हुई हैं और मुझसे एक बार मिलना चाहती हैं। उनके शब्दों में एक अजीब-सी सच्चाई और उत्सुकता थी, जिसने मुझे उत्साहित कर दिया। फिर मैंने बिना देर किए उनके मेल का जवाब दिया और लिखा, “अगर आप सच में मुझसे मिलना चाहती हैं तो कृपया अपना फोन नंबर भी मुझे मेल कर दें, ताकि हम बात आगे बढ़ा सकें।”
दो दिन बाद मुझे स्वीटी भाभी का दूसरा मेल आया, जिसमें उनका फोन नंबर लिखा हुआ था। नंबर देखते ही मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं और मैं खुशी से पागल हो उठा। उसी शाम मैंने हिम्मत जुटाकर उन्हें कॉल कर दिया। फोन की घंटी बजी और उधर से एक बहुत ही प्यारी, मधुर और सेक्सी आवाज़ मेरे कानों में गूंजी। उनकी आवाज़ में एक अलग ही जादू था, जो मुझे पहली बार में ही मोहित कर गया। मैंने थोड़ी घबराहट के साथ “हाय, हैलो” कहकर अपना परिचय दिया और बताया कि मैं वही आकाश हूँ, जिसे उन्होंने मेल किया था। तब स्वीटी भाभी ने अपनी मधुर आवाज़ में बात शुरू की। उन्होंने बताया कि वो एक शादीशुदा औरत हैं और उनकी शादी को कई साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई बच्चा नहीं है। फिर उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई कि वो अपने पति से शारीरिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो पातीं, क्योंकि उनके पति का ध्यान उन पर कम ही रहता है। इसी वजह से वो मुझसे मिलने की इच्छा रखती हैं। उनकी बातें सुनकर मेरे मन में एक अजीब-सी हलचल होने लगी। मैंने कहा, “भाभी, आपको जब भी टाइम मिले, मुझे फोन करके बता दें। मैं आपसे मिलने ज़रूर आ जाऊँगा।” इतनी बात करने के बाद मैंने कॉल खत्म की और उनके साथ बिताए जाने वाले पलों के सपने देखने लगा। मेरे मन में खुशी और उत्तेजना का ठिकाना नहीं था। अगले ही दिन स्वीटी भाभी ने मुझे फोन किया और मिलने का प्लान बना लिया। उन्होंने कहा, “मैं आपको सही टाइम पर जगह बता दूँगी, बस तैयार रहना।”
अगले दिन मैं ठीक समय पर उनकी बताई जगह पर पहुँच गया। वहाँ पहुँचकर मैंने देखा कि वो पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थीं। चूँकि मैं उन्हें पहले कभी नहीं मिला था, इसलिए मैं उन्हें पहचान नहीं पाया। मैंने फोन निकाला और उन्हें कॉल किया। उन्होंने बताया कि वो सड़क के दूसरी तरफ खड़ी हैं। मैंने नजरें उठाकर देखा और हाथ हिलाकर इशारा किया। फिर वो मेरी तरफ बढ़ीं और मेरे पास आ गईं। दोस्तों, सच कहूँ तो उन्हें देखकर मैं एकदम दंग रह गया। क्या मस्त और खूबसूरत औरत थी वो! नीली साड़ी और डीप नेक का ब्लाउज़ पहने हुए वो किसी स्वर्ग की अप्सरा से कम नहीं लग रही थीं। उनकी कातिलाना अदाएँ, गोरा रंग, और भरे हुए जिस्म को देखकर मेरे होश उड़ गए। उन्होंने मेरे पास आकर मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया और बोलीं, “चलो, घर पर बैठकर आराम से बात करते हैं।” उनकी बातों में एक अजीब-सा आत्मविश्वास और शरारत थी, जो मुझे और आकर्षित कर रही थी।
हमने एक ऑटो लिया और उनके घर की ओर चल पड़े। रास्ते में हम दोनों के बीच कोई खास बात नहीं हुई, शायद हम दोनों अपने-अपने ख्यालों में खोए हुए थे। करीब आधे घंटे बाद हम उनके घर पहुँच गए। मैंने ऑटो वाले को पैसे दिए और भाभी ने दरवाज़ा खोला। घर में घुसते ही भाभी ने कहा, “तुम सोफे पर बैठो, मैं चाय बनाकर लाती हूँ।” मैं उनके घर को गौर से देखते हुए सोफे पर बैठ गया। उनका घर मिडिल-क्लास था, लेकिन बहुत सलीके से सजाया हुआ था। हर चीज़ अपनी जगह पर थी और माहौल में एक घरेलू गर्मजोशी थी। थोड़ी देर बाद भाभी चाय की ट्रे लेकर आईं और मेरे पास सोफे पर बैठ गईं। चाय पीते हुए मैंने उनसे बात शुरू की और पूछा, “आपके हसबैंड क्या करते हैं?” उन्होंने बताया कि उनके पति हैदराबाद में प्राइवेट जॉब करते हैं और 3-4 महीने में एक बार घर आते हैं। “वो यहाँ दो दिन रुकते हैं और फिर चले जाते हैं। उनकी वजह से मैं सेक्स के लिए बहुत तड़पती हूँ। उन्हें मेरी भावनाओं और जरूरतों की कोई परवाह नहीं है।” उनकी बातों में दर्द और शिकायत साफ झलक रही थी।
चाय खत्म होते ही मैंने भाभी का उदास चेहरा देखा और उनके करीब सरक गया। मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और धीरे-धीरे उनके 36 साइज़ के मुलायम और रसीले बूब्स को दबाने लगा। मेरे हाथों के स्पर्श से भाभी की साँसें तेज हो गईं और वो हल्की-हल्की सिसकियाँ लेने लगीं। फिर वो बोलीं, “मैं अभी आती हूँ,” और उठकर अंदर चली गईं। मेरे अंदर की आग भड़क चुकी थी और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था। थोड़ी देर बाद भाभी काले रंग की सेक्सी मैक्सी पहनकर लौटीं। उनके गोरे बदन पर वो मैक्सी किसी जादू की तरह लग रही थी। मैं खुद को रोक नहीं पाया और उन्हें अपनी बाहों में भर लिया। मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और एक लंबा, गहरा लिप-किस शुरू कर दिया। भाभी भी मेरे जोश को देखकर मेरा पूरा साथ देने लगीं। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी और मैं उसे लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था। मेरा एक हाथ उनके बूब्स को जोर-जोर से दबा रहा था, उनकी सख्त निप्पल्स को मसल रहा था। फिर मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और बेडरूम की ओर बढ़ गया।
बेडरूम में पहुँचते ही मैंने बिना टाइम वेस्ट किए उनकी मैक्सी उतार दी। भाभी ने लाल ब्रा और काली पैंटी पहनी थी, जो उनके जिस्म पर गज़ब ढा रही थी। मैं उनके बूब्स को दबाने और चूसने लगा। उनके मुँह से निकलती सिसकियाँ मेरे जोश को और बढ़ा रही थीं। वो मुझसे लिपटकर बोलीं, “मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। आज मुझे जमकर चोदो, मेरी सारी प्यास बुझा दो। मैं कई दिनों से इस पल के लिए तड़प रही हूँ।” मैंने कहा, “भाभी, आपके बूब्स इतने शानदार और रसीले हैं। आपकी निप्पल्स सख्त और मीठी हैं। ऐसा हसीन और सेक्सी बदन मैंने पहले कभी नहीं देखा। आज मैं आपको चुदाई का वो मज़ा दूँगा, जो आप कभी नहीं भूलेंगी।”
भाभी ने मेरी बात सुनकर अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से शरारती अंदाज़ में मुस्कुराया और आँखें बंद कर लीं। वो पूरे जोश में थीं और उनकी साँसें तेज चल रही थीं। फिर मैंने अपनी जीभ उनके पेट पर फेरनी शुरू की और धीरे-धीरे उनकी मुलायम जाँघों तक पहुँच गया। उनके पैर फैलाकर मैंने उनकी चूत में उंगली डाल दी। उनकी चूत गर्म और गीली थी, जो उनकी उत्तेजना को साफ बता रही थी। मैं उंगली अंदर-बाहर करने लगा और वो जोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगीं। उनकी सिसकियों की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी और मेरा जोश सातवें आसमान पर पहुँच गया था।