पड़ोसी भाभी के साथ सुंदर पल
मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, 24 साल का। मुझे लड़कियाँ बहुत पसंद हैं, और मैं उनसे सम्मान से बात करना जानता यह कहानी मेरी और एक भाभी नेहा (नाम बदल दिया गया) की है।
मैं कॉलेज के तीसरे वर्ष में था, छुट्टियाँ आ रही थीं और मेरे एक दोस्त की शादी मुंबई में होने वाली थी। मैं पहली बार मुंबई जा रहा था, इसलिए उत्साहित भी था और डर भी लग रहा था। लेकिन मेरे दोस्त ने अपने एक दोस्त के पास रहने का इंतजाम कर दिया।
मुंबई जाने का समय आया, यहाँ योगेश्वरी नामक इलाके में रहना था। टैक्सी से पहुँचा तो मुंबई की लड़कियाँ बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं, रास्ते में देखकर मजा आ गया। घर पहुँचने पर पता चला कि उस फ्लैट में पहले से ही 9 लड़के रहते थे, जो सभी किसी कॉलेज से एमबीए कर रहे थे। दो दिन मुंबई घूमने में बीत गए और बहुत मस्ती हुई।
तीसरे दिन सब लड़के अपने कॉलेज चले गए और मैं अकेला घर पर था। मैंने फ्लैट की छत पर जाने का सोचा और अपना लैपटॉप और सिगरेट लेकर चला गया। वहाँ बैठकर गाने सुनते हुए सिगरेट पी रहा था कि एक-दो या तीन बिल्डिंग छोड़कर एक भाभी कपड़े सुखा रही थी। मैंने देखा और हर लड़के की तरह सोचा कि मिल जाए तो मजा आएगा। लेकिन जब तक भाभी छत पर थी, उसने मेरी तरफ एक बार भी नहीं देखा। नीचे जाने के बाद मैं भी नीचे चला गया।
मेरे दिमाग में भाभी का चेहरा घूम रहा था। वह इतनी खूबसूरत नहीं थी, लेकिन चूत की लालच सबको मात देती है। मैंने भाभी के बारे में सोचा और सो गया। शाम को आँखें खोलीं और सोचा कि क्या भाभी कपड़े उतारने आएगी या नहीं। मैं फटाफट छत पर भाग गया और देखा कि भाभी कपड़े उतारकर चली गई है। तभी मेरे सभी दोस्त आ गए थे। उस रात शराब का प्लान बनाया, सब लड़के पूरी तरह से नशे में धुत होकर गाना बजा रहे थे। करीब 3 बजे घंटी बजने लगी। हम शांत हुए और दरवाजा खोला तो गार्ड था। उसने कहा कि हमारे खिलाफ शिकायत आई है क्योंकि हम शोर कर रहे हैं। हमने पूछा कि किसने शिकायत की, तो उन्होंने ज़बरदस्ती उसे अपने घर ले जाने के लिए कहा। उसके घर हम सिर्फ 3 दोस्त गए थे। वहाँ पहुँचकर दरवाजा खोलते ही पता चला कि यह भाभी का घर है! और उसका पति… भगवान का इनाम दे, एक नंबर का हरमी था, रावण के परिवार जैसा।
मेरे दोस्त उस आदमी से बहस करने लगे, तभी उसकी पत्नी बीच में आकर उन्हें रोकने लगी। मैंने हीरो बनकर दोस्तों को शांत कर दिया और उन्हें घर भेज दिया। एक शरारती अंदाज में उनसे माफ़ी मांगी और मीठे-मीठे बातें कीं। दिल में भाभी थी, बाकी सब फेल।
अगले दिन मैं बिल्डिंग के नीचे था तभी मुझे भाभी दिखाई दी। मैं उसकी तरफ देख रहा था कि अचानक भाभी ने कहा, “सुनिए, आपकी रात की हरकतों की वजह से आपकी पार्टी खराब हुई है, इसके लिए माफ़ी चाहता हूँ।” मैंने ध्यान दिया कि भाभी देखने में बिलकुल भी अच्छी नहीं थी, लेकिन सिर्फ ब्रेस्ट बड़े थे। मैंने भी फिल्मी अंदाज में बातें कीं और भाभी को प्रभावित कर दिया। अंत में मैंने कहा कि आपका पति कितना रावण जैसा है, तो वह हंसने लगी और बोली, “चलो मैं चलती हूँ।”
फिर मैं जैसे ही हमेशा करता था छत पर गया और सिगरेट पी रहा था तभी मुझे भाभी दिखाई दी कपड़े सुखा रही थी। अब जब मैंने भाभी से बात कर ली थी, तो बेखबर होकर बोला, “हाँ जी, मैं बोर हो रहा हूँ, आपके चाट पर आ जाऊँ अगर रावण घर ना हो तो?” उसने इशारा करके कहा, “आओ”। मैं भागते हुए उनकी छत पर पहुँच गया।
वहाँ पहुँचकर भाभी ने कहा कि उनके पति 3 दिन के लिए बाहर गए हैं। मैंने सोचा कि लॉटरी निकल गई है लेकिन साथ ही यह भी बोला कि उनकी ननद आ रही है। मैंने दिल से 10 या 12 गालियाँ उसकी ननद को दीं और उदास हो गया। अचानक भाभी ने कहा, “क्या हुआ?” मैंने कहा कि मैं बोर हो रहा हूँ, कहीं नहीं जा सकता और अगले दो दिन में दोस्त की शादी है, खरीदारी भी नहीं की है। तब भाभी ने कहा, “बस इतनी सी बात लो, मैं कर दूंगी।”
मेरे मन में लड्डू फूट गया। मैंने कहा, ठीक है, और अगली सुबह 12 बजे का समय तय किया। सुबह हो गई हम मिले और निकल गए। मैंने कहा भाभी गर्मी में खरीदारी नहीं करना चाहेंगे, तो चलो कोई फिल्म देखते हैं। बहुत सोच-विचार के बाद मना कर दिया जो मुझे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी। फिर पास ही वाले हॉल में टिकट लिए और जब हॉल गए तो दोपहर का शो था इसलिए हॉल खाली था। फिल्म पूरी तरह से बिना किसी हलचल के देखी, जिससे भाभी बहुत प्रभावित हुई। उसको मेरे ऊपर विश्वास और भरोसा हो गया। अब वह मेरे साथ और ज़्यादा आरामदायक महसूस कर रही थी। अब शॉपिंग का समय आया था। उसने मेरे लिए कपड़े चुने और मुझे अच्छी तरह से खरीदारी करवाई। फिर मुझे अंडरवियर भी लेना था, मैंने भाभी को बताया तो उसने बिना हिचकिचाहट के दुकान में घुसकर अलग-अलग वस्त्र उठाए और मुझसे पूछा कि कौन सा पहनना है।
मैंने कहा, देखना पड़ेगा और वह हंसने लगी और बोली, “आज मेरी पसंद से लो और पहनकर बताओ।” अगले दिन मैं फिर से चाट पर इंतज़ार कर रहा था और जैसे ही वह आई तो सबसे पहले उसने पूछा कि क्या पहना? मैंने कहा हाँ और जान बूझकर बोला कि आरामदायक नहीं है। उसके जवाब से मैं चौंक गया लेकिन दिल में यह सुनना चाहता था। उसने कहा, “देखो कि कहां असहज है, मुझे अपने फ्लैट में लाओ”। फिर मैं उसके पीछे-पीछे उसके फ्लैट में गया और उसके कमरे में जाकर जीन्स उतार दिया और बोला भाभी देखो मेरा लंड इसमे दब गया है। उसने इस भाषा को सुनकर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी और नीचे बैठकर उसे देखने लगी और उसकी साइड की लैस्टिक को हल्का सा खींच लिया और कहा, “यह तो loose हो जाएगी बाद में”। जैसे-जैसे वह लैस्टिक को stretch कर रही थी, वैसे-वैसे मेरा लंड खड़ा होने लगा। उसे देखकर उसने कहा, “तुमसे ज़्यादा naughty तुम्हारा लंड है” और हम दोनों हंसने लगे। फिर भाभी खड़ी हुई और मैंने उसे गले लगा लिया।
अब हमारा रोमांस शुरू होता है… भाभी को गले लगाते हुए मुझे उसके बालों में से उसका क्लच निकाल दिया और उसके बालों में उंगलियां घुमाते हुए उसकी कमर पर हाथ रख दिया। भाभी ने मेरी आँखों में देखा, मुस्कुराई और वापस गले लगा लिया। फिर मैंने उसे हग करते हुए उसके पीछे की गर्दन पर किस किया और अपने जीभ से गोलाकार रूप से घुमाता रहा जिससे उसकी moaning शुरू हो गई। मैंने अपनी उंगलियों से धीरे-धीरे उसकी कमर पर हाथ घुमाया जिससे उसे गुडगुदी महसूस हो रही थी और वह हल्के से अपनी कमर हिला रही थी।
फिर अपने होंठों से उसके ear lobes को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और वह पागल हो रही थी। जैसे-जैसे मैं उसे चूमता था और तेज़ करता रहा, उसके गालों पर होंठ रखकर उसका flesh चूसने लगा और अपनी जीभ से उसको दबा रहा था। अपने हाथों को मैंने अब उसके ब्रेस्ट के नीचे ले लिया और वहाँ उंगलियां घुमाते रहे। फिर होंठों को उसके होंठों के सामने लेकर फूंक मार दी जिससे उसकी आँखें खुलीं और वह मुझको देखकर मुस्कुरा पड़ी। और मेरे होंठों से उसके होंठों को मिला दिया और ज़ोर से चूसने लगी। मानो मेरे होंठों में उसका रस पानी सब निकल गया हो, मुझे दर्द हो रहा था और उसे मज़ा आ रहा था। जैसे-जैसे मुझे दर्द होता था मैं उसे ब्रेस्ट पर हाथ रखकर दबाता था। अगर वह ज़ोर से मेरे होंठों को दबाती तो मैं उसके ब्रेस्ट को ज़ोर से दबा देता। हम दोनों के बीच यह खेल थोड़ी देर चला।
फिर मैंने उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसे फेंक दिया। जैसे ही फेंका, मैं हैरान हो गया उसके ब्रेस्ट देखकर… wowwww! मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतने मस्त ब्रेस्ट होंगे। उसके ब्रा के ऊपर से ही उसके nipples को चूसना शुरू कर दिया जिससे उसकी ब्रा आगे से बाहर आ चुकी थी और nipple का रंग पता चल रहा था। मैंने अपने हाथों से उसके nipples को पकड़ लिया और वहाँ उसे चूसना शुरू कर दिया।
फिर वह मुझे एक अलग तरह से देखने लगी, जैसे कि मेरा सर उसके ब्रेस्ट में दबा दिया हो। फिर उसने ब्रा के कप्स को नीचे करके उसके पूरे nipple को अपने मुंह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया। अब मैं उसे बिस्तर पर ले जा रहा था और वहाँ उसे दोनों ब्रेस्ट को ब्रा के कप से बाहर निकालकर दबा-दबा कर चूसने लगा। उसने मुझे रोका और खुद ब्रा उतारकर बोली, “अब खाओ”। हम हँसे और मैं वापस अपने काम पर लग गया। उसके nipple को होंठों में लेकर खींचता और छोड़ता रहा। पकपक की आवाज आ रही थी और हम दोनों हंसते रहते थे। यह करते-करते उसके nipples लाल हो चुके थे लेकिन नीयत नहीं भरी थी। फिर मैंने उसके पैंटी पर हाथ रखा। वह झुंझला गई और मेरे ऊपर आ गई। मेरे मुंह के पास अपने ब्रेस्ट को हिला-हिला कर तड़प रही थी और nipple को होंठों के पास लाकर पीछे खींच लेती थी। मैं भूखा शेर की तरह अपना सर आगे बढ़ाकर मुंह में लेने की कोशिश करता था। कभी मुंह आता तो कभी नहीं। फिर उसने मेरे nipples चूसना शुरू कर दिया और तब मैं बेकाबू हो गया और उसके ब्रेस्ट को मसलने लगा… wahhh kya maza aa raha tha… मुझे यकीन है, मज़ा आया… फिर मैंने उसे नीचे उतारा और उसकी पैंटी उतार दी।
उसके चूत को चूसना शुरू कर दिया। दोस्तों, मुझे चूत चाटना सबसे ज़्यादा पसंद है। मैंने अपना पूरा मुंह उसके चूत के छेद पर लगाकर बस अपनी जीभ उसमें घुसा रखा था। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था। करीब 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत चाटी। फिर खड़ा होकर उसे बिस्तर के कोने पर खड़ा किया और लंड को उसके चूत पर लगाना शुरू कर दिया जब तक कि वह अपना लंड पकड़कर अंदर नहीं डालती। फिर उसने मुझे उस तरह से धीरे-धीरे लंड को बाहर निकालकर अंदर डालकर थोड़ी देर छोड़ना शुरू कर दिया। उसकी चेहरे पर अलग-अलग हंसी और खुशी साफ दिख रही थी। फिर उसे ऊपर बिठाया और उलटने को कहा। ऐसा लग रहा था कि वह एक्सपर्ट थी… या इतनी गर्म हो चुकी थी कि बस अब उसका माल निकालना चाहती थी। उसकी चूत का पानी 3 बार निकल चुका था लेकिन मेरा एक बार भी नहीं। फिर जब वह ऊपर लेती और मस्त तरीके से गांड हिलाने लगती, तो मेरा प्रेशर बिल्ड होने लगा और माल निकालना शुरू हो गया। बस फिर क्या, उसके गांड हिलाते रहने से मेरा माल उसका चूत में जाता रहा। जैसे ही मेरा माल निकलना शुरू हुआ उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
फिर हम थोड़ी देर और रमाए रहे और आधे घंटे बाद उठकर मैं वापस चला गया। अब मेरे पास मुंबई में सिर्फ 2 दिन थे इसलिए मैं पूरा फायदा उठाना चाहता था। मैंने जितना हो सका भाभी को चूसा और अपने दोस्त की शादी में भी ले गया जहां हमने बहुत मज़ा किया। मेरी कंपनी हर किसी को अच्छी लगती है क्योंकि मेरे साथ सिर्फ लोग हंसते रहते हैं। मेरी और भाभी का संपर्क आज भी है क्योंकि मैं एक बेहतरीन दोस्त या फ्रेंड हूँ। आज तक मेरी जितनी भी भाबियाँ या लड़कियाँ रिश्ते में रही हैं, सब मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी।