पडोसी भाभी के बूब्स
Padosi bhabhi ke boobs
हेलो दोस्तो,
मेरा नाम राज है।
मैं गुड़गाव, हरियाणा का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र २४ साल है और मैं एक कंपनी मे इंजिनियर हूँ।
बात उस समय कि है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था।
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थीं।
मैं उन्हें चोदना चाहता था पर डरता भी था कि वो कहीं किसी को बोल ना दे इसलिए अपने लंड को दबा कर रह जाता था|
एक दिन मैं बाइक से घर आ रहा था कि रास्ते में मुझे वो दिख गयीं।
मैंने बाइक रोक ली और उनसे बैठने को कहा और वो बैठ गयीं।
वो मुझसे बोलीं – आज तुम कॉलेज नहीं गये।
मैंने कहा कि आज मैं किसी दोस्त से मिलने गया था इसलिए नहीं गया।
उन्होंने पूछा – लड़की या लड़का?
मैंने कहा कि ऐसी किस्मत कहाँ कि जो मुझे लड़की मिले।
एक स्कूल का दोस्त था उससे मिलने गया था।
उन्होंने कहा – क्यूँ? ऐसी क्या कमी है तुम में? दिखने में सुंदर हो|
उनके ऐसा कहते ही मैंने कहा – तो आप क्यूँ नहीं मिल लेती?
उनने कहा – मैं तो शादी शुदा हूँ, मुझ में ऐसा तुझे क्या दिखता है?
इतना बोलते ही मैंने कहा – जो आपके अंदर है वो किसी के अंदर नहीं है।
आप बहुत खूबसूरत हो|
वो फिर मुँह बनाते हुए बोलीं – बात बनाना तो कोई तुम से सीखे।
मैंने फिर से तीर फेका और कहा कि सच में कोई भी आपको कुँवारी समझ कर लाइन मार सकता है, यदि आप सिंदूर ना लगाओ।
अब हमारा घर आ गया और वो बोलीं – मुझे यहीं उतार दो।
मैंने हिम्मत कर कर पूछ ही लिया – अब कब मिलोगो?
उन्होंने कहा कि अगले महीने वो रोहतक जा रही हैं, उसके छोटे भाई की शादी है।
वहाँ वो मुझे फोन कर के बता देगीं।
उन्होंने अपना नंबर दिया।
इस तरह मेरी उनसे फोन पर बात होने लग गयी।
यार क्या माल था?
उनकी चुची का साइज़ ३४ और कमर ३० और उसका पिछवाड़ा ३६ होगा।
देखने में एक दम गोरी, बहुत सुंदर थी यार|
आख़िरकार अब वो दिन भी आ गया था।
उन्होंने रोहतक जा कर मुझे फोन किया और पूछा कि कल तुम आ सकते हो क्या?
मैं अकेली मार्केट जा रही हूँ।
कुछ कपड़े खरीदने के लिए।
बस मुझे और क्या चाहिए था?
अंधे को क्या चाहिए?
दो आँखें।
मैंने झट से हाँ बोल दिया|
रोहतक में मेरा एक दोस्त रहता था।
वो भी इंजिनियरिंग कर रहा था।
मैं सुबह जल्दी ही घर से निकल गया, कॉलेज के बहाने और दोस्त के पास जा कर उसके रूम की चाबी ली|
दोस्त कॉलेज के लिए निकल गया|
भाभी ने मुझे करीब ११ बजे फोन किया और पूछा – कहाँ हो?
तो मैंने उनसे कहा कि मैं शीला बाइपस पर हूँ।
उन्होंने अपनी जगह बताई और मैं उन्हें लेने पहुँच गया|
उन्हें लेकर मैं दोस्त के रूम पर गया।
रूम पर हमने पिज़्ज़ा खाया जो मैंने पहले से ही बनवा लाया था।
पिज़्ज़ा खाने के बाद मैंने उनके हाथ को पकड़ लिया और उसे अपने करीब खींच लिया और उसके होठों को किस करने लगा।
उनकी आँखें बंद होने लग गयी थी और वो भी मेरा साथ दे रही थी।
मुझे याद आया कि दरवाजा खुला है।
मैं जल्दी से उठा और दरवाजा बंद करके आया।
मैं देर ना करते हुए उनको चूमने लग गया।
उनके बूब्स को दबाने लग गया।
अब वो भी पागल होती जा रही थीं।
मैंने उसके सूट को उतार दिया।
उन्होंने ब्राउन रंग की ब्रा पहन रखी थी।
मैं तो उसके बूब्स देखकर पागल हुआ जा रहा था।
क्या मस्त बूब्स थे?
मैंने उनकी ब्रा को भी उतार दिया और उनकी सलवार भी खोल दी।
वो हूर की परी लग रही थीं|
मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए।
अब हम दोनों चड्डी में थे।
मैंने उनकी पैंटी और अपना अंडरवियर भी उतार फेका।
अब मैंने उनके बूब्स दबाना शुरू किया।
फिर धीरे-धीरे मैं उन्हें पीने लग गया।
अब उनके मुँह से सेक्सी-सेक्सी आवाज़ें निकलने लग गयी|
उुउऊहह आआआआआअहहहा उूऊउईईइई आआअहह और ज़ोर से करो, दबा डालो, निचोड़ दो इन्हें…
मैं भी जोश में आ गया था और उन्हें चूसने लग गया।
कभी मैं उसे चूमता, कभी उन्हें काटने लग जाता।
अब उनके हाथ मेरे लंड पर आ गये थे और वो उसे हिलने लग गयीं।
मैंने जैसे ही अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली तो उसके मुँह से सिसकारी निकल गयी।
अब वो मेरा लंड चूसने लग गयीं।
ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें लंड चूसने में महारत हासिल है।
मैं उनकी चूत चाट रहा था।
हम ६९ की पोज़िशन में थे।
करीब ५ मिनिट के बाद वो बोलीं – अब नहीं रुका जाता।
बस अपना नागराज डाल दो मेरी चूत में।
उनके इतना कहते ही मैंने लंड को उनके चूत के दरवाजे पर रखा और एक ज़ोर का झटका लगाया।
मेरा ७ इंच लंबा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया और उनके मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी।
बस मैंने एक झटका और मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत मे चला गया।
वो चीख पड़ीं और बोलीं – थोड़ा धीरे।
मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लग गया और वो अपने होठों को मदहोशी से दबाने लग गयीं।
अब वो हल्की-हल्की आवाज़ निकालते हुए कह रहीं थीं – और तेज करो, मेरे राजा आह।। उफ़।। चोद डाल।
पूरा कमरा उनकी चीख से गूँज रहा था।
वो बोले जा रही थी कि तुम मुझे पहले क्यूँ नहीं मिले?
इतने दिन से तुझ पर लाइन मार रही थी मदर चोद।
उनकी आवाज़ सुन कर मैं और जोश से पेलने लग गया।
मेरे लंड और उनकी चूत में घमासान जंग चल रही थी।
कोई भी हार नहीं मानना चाहता था।
करीब २० मिनिट बाद वो अकड़ने लग गयी और मुझे कहने लगी – राज, मैं तो गयी आआआआहह…
वो झड़ गयीं।
लेकिन मेरा लंड लगातार चल रहा था।
करीब १० मिनिट के बाद मेरा लंड अपने चरम पर आ गया और मेरा सारा वीर्य उनकी चूत में निकल गया।
मेरे वीर्य की गर्मी से वो एक बार और झड़ गयीं।
हम १० मिनिट एक-दूसरे पर ऐसे ही पड़े रहे।
फिर हम नहाए और कपड़े पहन कर वहां से चल दिए|
उन्हें मैंने मार्केट छोड़ा और दोस्त को उसके कमरे की चाबी दी और अपने घर आ गया|
अब जब भी हमे मौका मिलता है मैं उन्हें ।चोदने उनके घर चला जाता हूँ।
तो दोस्तो ये थी मेरी सच्ची कहानी।
आपको कैसी लगी?
मुझे मैल ज़रूर करें
धन्यवाद।