बड़ी भाभी की चुदाई
हाय दोस्तों! मेरा नाम गोगा है। मैं फरीदाबाद, हरियाणा से हूँ और मेरी उम्र 29 साल है। मेरी हाइट 5’10” है और लंड का साइज़ 6 इंच है। मैं wild सेक्स में बिलीव करता हूँ। मुझे sucking में बहुत इंटरेस्ट है। पिछले 6 साल से मैं HSS का रीडर हूँ और मैंने लगभग सारी स्टोरीज़ पढ़ी हैं। जैसा कि सबके पास कोई न कोई कहानी होती है—कुछ लोग शेयर नहीं कर पाते, कुछ कर देते हैं—तो मैंने सोचा कि मैं भी अपनी रियल स्टोरी शेयर कर दूँ।
ये तब की बात है। मेरे कज़न भाई की शादी को दो साल हो चुके थे। मैं उनके घर आता-जाता रहता था। एक दिन भाभी घर में अकेली थीं। भाई अपनी दुकान पर थे। वैसे तो कई बार हम अकेले घर में रहते थे, लेकिन उस दिन भाभी को पता नहीं क्या हुआ। बातों-बातों में वो मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगीं। मैं उन्हें बताने लगा। अरे, भाभी के बारे में तो आपको बताया ही नहीं। भाभी का नाम सीमा है। वो 5’6” की मस्त गदराई हुई गोरी पटाखा हैं। उनके बूब्स का साइज़ 34 इंच, कमर 30 इंच और गांड 35 इंच की है। तो मैं उन्हें ऐसे ही बताने लगा कि मेरी गर्लफ्रेंड मस्त है, हम खूब मस्ती करते हैं।
भाभी: क्या-क्या मस्ती करते हो आप लोग?
मैं: वही जो आप और भाई नाइट में करते हो।
भाभी: हम तो कुछ नहीं करते, सोते हैं।
मैं: क्यों, भाई आपके साथ कुछ नहीं करते?
भाभी: नहीं, वो आते हैं, कुछ बातें करके सो जाते हैं। हाँ, शुरू में थोड़ा-बहुत सेक्स कर लिया करते थे।
ऐसा बोलकर भाभी ने अपना पल्लू नीचे कर दिया, जिससे मुझे उनकी मोटी-मोटी मखमली चूचियों के दर्शन हो गए। भाभी के मुँह से “सेक्स” शब्द सुनकर मेरा मन खराब होने लगा। तो मैंने बात आगे बढ़ाने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड की स्टोरी शुरू कर दी कि मैं उसके बूब्स प्रेस करता हूँ, लिप्स पर kiss करता हूँ और उसके बूब्स को खूब जमकर चूसता हूँ। वो भी मेरा पूरा साथ देती है। इतना सुनकर भाभी गरम होने लगीं और बोलीं, “कुछ हमें भी करके दिखाओ, तो जाने।”
मैं तो पहले ही तैयार था। मेरा लंड अब मेरी जींस में टाइट होने लगा था। भाभी ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया और बोलीं, “इसे बड़ी जल्दी हो रही है।”
मैं: जब आप जैसा माल सामने हो, तो ये तो बेचैन होगा ही।
इतना बोलकर मैंने भाभी को बाहों में भर लिया और कुछ देर उनके गदराए हुए बदन को feel करने के बाद मैं उनके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा। मस्त गोलमटोल चूतड़ थे, मज़ा आ गया। फिर मैंने अपने होंठ उनके नरम और रसीले होंठों पर रखकर चूसना शुरू कर दिया। भाभी ने नीचे से अपनी चूत मेरे लंड पर रगड़नी शुरू कर दी। वो भी पूरा मज़ा ले रही थीं। मेरा एक हाथ उनके बालों में था और एक हाथ उनकी गांड पर। 10 मिनट के इस स्मूच के बाद भाभी पूरी तरह लाल और गरम हो गईं और बोलीं, “तूने तो मुझे पागल कर दिया है।”
मैं: अभी देखती जाओ, आज मस्त मज़ा दिलाऊँगा।
फिर मैंने भाभी की साड़ी उतार दी और ब्लाउज़ के हुक खोल दिए। भाभी अब पेटीकोट और नेट की रेड ब्रा में मस्त माल लग रही थीं। फिर मैंने पेटीकोट भी उतार दिया। भाभी ने अपनी चूत को नेट की रेड पैंटी से कवर किया हुआ था, जो एकदम फूली हुई, चिकनी और काम-रस से लबालब थी। मैं तो उसे देखता ही रह गया। क्या चूत थी—एकदम रस से भरी हुई, बीच में से थोड़ी-सी खुली हुई गुझिया जैसी। फिर मैं नीचे घुटनों के बल बैठ गया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को हाथ से मसला। पैंटी निकालकर उसकी चूत को चूसने और चटखने लगा। भाभी के हाथ मेरे सिर पर घूमने लगे और वो सिसकने लगीं।
थोड़ी देर में वो कराहने लगीं, “आआह्ह्ह… मम्म… ऊऊऊऊ… आआह्ह्ह… मज़ा आ रहा है।” और अपनी एक टाँग उठाकर मेरी जाँघ पर रख दी। फिर वो अकड़कर बरस गईं। मैंने उठकर उनकी ब्रा उतार दी। क्या मस्त गुलाबी निपल्स थे! मैंने एक चूची को मुँह भरकर चूसना शुरू कर दिया। भाभी ने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मेरे लंड को सहलाने लगीं। मैं बदल-बदलकर उनकी चूचियों को चूसने लगा। भाभी फिर से गरम हो गईं और बेड के नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने लगीं। बोलीं, “तेरा लंड तो तेरे भैया से भी बड़ा है। आज तो मज़ा आ जाएगा।”
फिर मैं उनके बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गईं। मेरे लंड को पकड़कर चूत के मुँह पर टिकाया और धीरे-धीरे बैठने लगीं। मस्ती के मारे मेरा बुरा हाल हो गया। फिर भाभी ने स्पीड से उछल-कूद मचा दी। 10 मिनट बाद भाभी बोलीं, “मेरा होने वाला है। अब आप ऊपर आ जाओ।” अब भाभी मेरे नीचे थीं और मैं ऊपर से उनकी चूत का बाजा बजाने लगा। साथ ही उनके बूब्स भी चूसने लगा। 10 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मेरा सारा माल भाभी ने अपनी चूत में समेट लिया। मैं ऐसे ही थोड़ी देर तक उनके ऊपर लेटा रहा। फिर हम बाथरूम में फ्रेश होने के लिए साथ गए। भाभी की तो चाल ही बदल गई।
मैं: क्या बात है भाभी जी, आपकी तो चाल ही बदल गई।
भाभी: आज पहली बार तुमने मुझे राज-राजकर चोदा है, तो चाल तो बदलेगी ही।
फिर हमने एक-दूसरे को साफ किया, पर मेरा लंड फिर से टाइट हो गया। भाभी बोलीं, “अभी तो आधा घंटा इसने मेरी चूत की कुटाई की है, ये फिर से तैयार हो गया।”
मैं: जब ऐसी रसीली चूत हो, तो ये तो बार-बार डुबकी लगाने का मन करता ही है। इसे क्यों दोष दे रही हो?
भाभी ने फिर से मेरे लंड को मुँह में लेकर चुसकियाँ लेना शुरू कर दिया। 10 मिनट बाद मैंने कमोड पर बैठ गया और भाभी दोनों टाँगें चौड़ी करके मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगीं। मैं भाभी की चूचियों को चूसने लगा। भाभी मस्ती में अपनी गांड को मेरे लंड पर नचा रही थीं और “आआआ… आह्ह्ह…” कर रही थीं। थोड़ी देर धीरे-धीरे करने के बाद उन्होंने मेरे कंधों पर हाथ रखकर जबरदस्त धक्कमपेल शुरू कर दी। 10 मिनट बाद वो झड़ गईं। फिर मैंने उनके हाथ कमोड पर रखकर उन्हें कुत्तिया बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड डालकर चुदाई शुरू कर दी। सच बताऊँ दोस्तों, doggy स्टाइल में चूत मारने का मज़ा ही कुछ और है। फिर हम दोनों एक साथ डिस्चार्ज हो गए।
कैसे उन्होंने मुझसे गांड मरवाई, वो अगली कहानी में। तब तक के लिए मेरे खड़े लंड का सलाम।