Stranger Sex

एक अनजानी राह पर प्यार की आग

सर्दियों की एक ठंडी शाम थी। दिल्ली की सड़कों पर कोहरा छाया हुआ था, और हल्की-हल्की ठंडी हवा चल रही थी। मैं, अर्जुन, एक 28 साल का फ्रीलांस फोटोग्राफर, अपनी बाइक पर शहर के बाहरी इलाकों की ओर निकला था। मेरा इरादा था कुछ शांत और अनछुए नज़ारों को अपने कैमरे में कैद करना। लेकिन उस दिन किस्मत ने मेरे लिए कुछ और ही सोच रखा था।

पहली मुलाकात

शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर एक सुनसान सड़क पर मेरी बाइक अचानक बंद हो गई। आसपास कोई दुकान या मैकेनिक नहीं था। मैंने बाइक को साइड में खड़ा किया और उसे ठीक करने की कोशिश करने लगा। तभी दूर से एक स्कूटी की हल्की सी आवाज़ सुनाई दी। स्कूटी पर एक लड़की थी, जिसने लाल रंग का दुपट्टा लपेट रखा था। उसकी स्कूटी भी धीमी पड़ती हुई मेरे पास रुकी।

“क्या हुआ? मदद चाहिए?” उसने पूछा। उसकी आवाज़ में एक मिठास थी, जो उस ठंडी हवा में गर्माहट सी ले आई। मैंने उसकी ओर देखा। उसका चेहरा कोहरे में थोड़ा धुंधला सा दिख रहा था, लेकिन उसकी आंखें चमक रही थीं। उसने काले रंग का स्वेटर और जींस पहन रखी थी, और उसके बाल हवा में लहरा रहे थे।

“हां, बाइक खराब हो गई है। शायद पेट्रोल खत्म हो गया हो,” मैंने जवाब दिया।

उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरे पास थोड़ा एक्स्ट्रा पेट्रोल है। मैं पास के गांव से आ रही हूं। ले लो।” उसने अपनी स्कूटी की सीट खोली और एक छोटी बोतल निकाल कर मेरी ओर बढ़ाई। मैंने उसे धन्यवाद कहा और पेट्रोल डालने लगा।

“मैं काव्या हूं,” उसने अपना परिचय दिया। “आप यहां क्या कर रहे हैं?”

“मैं अर्जुन हूं। फोटोग्राफी के लिए निकला था। लेकिन अब लगता है रास्ता भटक गया हूं,” मैंने हंसते हुए कहा।

काव्या ने पास ही एक छोटे से ढाबे की ओर इशारा किया। “वहां चलते हैं। थोड़ा आराम कर लो। ठंड भी बहुत है।” मैंने हामी भर दी।

Hot Sex Story :  SONAXI Sinha (Film Actress) ki Zor dar Chudai kari

ढाबे की गर्माहट

ढाबा पुराना सा था, लेकिन वहां जल रही अंगीठी की गर्माहट ने हमें राहत दी। हमने चाय ऑर्डर की और बातें शुरू हो गईं। काव्या एक ग्राफिक डिज़ाइनर थी, जो अपने गांव में परिवार से मिलने आई थी। उसकी बातों में एक आज़ादी थी, एक बेफिक्री, जो मुझे अपनी ओर खींच रही थी।

चाय पीते-पीते हमारी नज़रें बार-बार मिल रही थीं। उसकी मुस्कान में कुछ ऐसा था, जो मेरे दिल को छू रहा था। “तुम्हारी फोटोग्राफी में क्या खास होता है?” उसने पूछा।

“मैं उन पलों को कैद करता हूं, जो लोग आमतौर पर नहीं देखते। जैसे अभी, इस कोहरे में तुम्हारा चेहरा,” मैंने कहा। वह शरमा गई, और उसकी गालों पर हल्की लालिमा छा गई।

बातों का सिलसिला बढ़ता गया। ढाबे वाला हमें अकेला छोड़कर अपनी झोपड़ी में चला गया। अब वहां सिर्फ हम दोनों थे, अंगीठी की आग, और बाहर का सन्नाटा।

पहला स्पर्श

“तुम्हें ठंड नहीं लग रही?” मैंने पूछा।

“थोड़ा-थोड़ा,” उसने कहा और अपनी बाहें रगड़ने लगी। मैंने हिम्मत करके अपनी जैकेट उतारी और उसके कंधों पर डाल दी। मेरे हाथ उसके कंधों को छू गए, और उसने मेरी ओर देखा। उसकी आंखों में एक सवाल था, लेकिन साथ ही एक न्योता भी।

मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा। उसकी उंगलियां ठंडी थीं, लेकिन मेरे स्पर्श से वो गर्म होने लगीं। “अर्जुन…” उसने धीमी आवाज़ में कहा, लेकिन आगे कुछ नहीं बोली। मैं समझ गया कि अब शब्दों की ज़रूरत नहीं थी।

मैंने उसे अपनी ओर खींचा। उसका सिर मेरे सीने पर टिक गया। उसकी सांसें तेज़ हो रही थीं, और मेरे दिल की धड़कनें भी। मैंने उसके बालों में उंगलियां फेरते हुए उसके माथे पर एक हल्का सा चुम्बन दे दिया। वह थोड़ा सिहर उठी, लेकिन पीछे नहीं हटी।

Hot Sex Story :  राते पर ठुकाई

“ये सही है ना?” उसने धीरे से पूछा।

“अगर तुम्हें अच्छा लग रहा है, तो हां,” मैंने जवाब दिया। उसने मेरी आंखों में देखा और फिर धीरे से मेरे होंठों को छू लिया। वो पहला चुम्बन कोहरे जितना नरम और आग जितना गर्म था।

जुनून की आग

हम दोनों उस छोटे से ढाबे के कोने में बिछी चारपाई पर बैठ गए। अंगीठी की रोशनी में उसका चेहरा और खूबसूरत लग रहा था। मैंने उसके गालों को अपने हाथों में लिया और उसे फिर से चूमा। इस बार गहराई से, धीरे-धीरे, जैसे हर पल को जी लेना चाहता था। उसने भी मेरे कंधों को पकड़ लिया और मेरे करीब आ गई।

मैंने उसके स्वेटर के ऊपर से उसकी कमर पर हाथ फेरा। उसकी सांसें भारी होने लगीं। “अर्जुन… थोड़ा रुको,” उसने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में रुकने की चाहत नहीं थी। मैंने उसकी गर्दन पर अपने होंठ रखे और धीरे-धीरे चूमने लगा। उसकी सिसकारियां हवा में घुलने लगीं।

यह कहानी आप Hotsexstory.xyz में पढ़ रहे।

उसने मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए। उसकी उंगलियां मेरे सीने पर फिसल रही थीं, और हर स्पर्श में एक बिजली सी दौड़ रही थी। मैंने भी उसके स्वेटर को ऊपर उठाया और उसकी नर्म त्वचा को अपने हाथों से महसूस किया। उसकी कमर पतली थी, और उसकी त्वचा गर्म। मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया।

“काव्या… तुम बहुत खूबसूरत हो,” मैंने कहा। उसने जवाब में मेरे गले में बाहें डाल दीं और मुझे और करीब खींच लिया। अब हमारे बीच कोई दूरी नहीं थी। मैंने उसके होंठों को फिर से चूमा, और इस बार हम दोनों उस जुनून में खो गए, जो उस ठंडी रात को आग में बदल रहा था।

उसने मेरे कान के पास फुसफुसाते हुए कहा, “मुझे ऐसा पहले कभी नहीं लगा।” मैंने उसकी आंखों में देखा और जवाब में उसे और कसकर पकड़ लिया। मेरे हाथ उसके कूल्हों तक पहुंचे, और उसने हल्का सा विरोध किया, लेकिन फिर वो भी उस लम्हे में बहने लगी।

Hot Sex Story :  अनजान औरत के साथ चुदाई का मजा

प्रेम और संयम

हमारा जुनून बढ़ता जा रहा था, लेकिन तभी बाहर से किसी गाड़ी की आवाज़ आई। हम दोनों एक पल के लिए रुक गए। “कोई आ रहा है,” उसने कहा और जल्दी से अपने कपड़े ठीक करने लगी। मैंने भी अपनी शर्ट के बटन बंद किए और उसे देखकर मुस्कुराया।

“शायद ये सही वक्त नहीं है,” मैंने कहा।

“लेकिन ये सही एहसास था,” उसने जवाब दिया और मेरे हाथ को थाम लिया। ढाबे वाला वापस आ गया था, और हमने अपने चेहरे पर सामान्य भाव लाने की कोशिश की। लेकिन हमारी आंखें एक-दूसरे से कुछ और कह रही थीं।

उस रात हमने एक-दूसरे का नंबर लिया और वादा किया कि ये मुलाकात आखिरी नहीं होगी। मैंने उसे उसकी स्कूटी तक छोड़ा और एक आखिरी बार उसे गले लगाया। कोहरा और गहरा हो गया था, लेकिन मेरे दिल में एक जलती हुई गर्माहट थी।

अंतिम पल

घर लौटते वक्त मैं बस उस पल को सोचता रहा। काव्या के होंठ, उसकी सांसें, उसकी गर्माहट—सब मेरे साथ चल रहे थे। ये एक ऐसी रात थी, जो अनजाने में शुरू हुई और अनजाने में ही खत्म हो गई, लेकिन इसने मेरे दिल में एक नई कहानी लिख दी।