भाभी की चूत में मेरा लंड
हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मैं मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ। मैं पिछले कुछ सालों से हॉट सेक्स स्टोरी साइट्स का दीवाना हूँ। हर रात मैं इन साइट्स पर जाकर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ और अपने ख्यालों में खो जाता हूँ। बहुत दिनों से मैं अपनी एक सच्ची कहानी आप सबके साथ शेयर करना चाहता था, और आज आखिरकार वो मौका आ ही गया। ये मेरी पहली स्टोरी है, तो अगर कुछ गलतियाँ हो जाएँ तो मुझे माफ कर देना।
पहले मैं अपने बारे में थोड़ा बता दूँ। मैं 23 साल का हूँ, मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है, और बॉडी एवरेज है। मैं गोरा हूँ, और लोग कहते हैं कि मेरी स्माइल बहुत अच्छी है। लेकिन जो चीज़ मेरे बारे में सबसे खास है, वो है मेरा लंड—8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा। जब वो पूरा टाइट हो जाता है, तो उसकी ताकत का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है। अब सीधे कहानी पर आते हैं।
ये बात उस वक्त की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। मेरा कॉलेज मेरे घर से काफी दूर दूसरे शहर में था, इसलिए मैंने वहाँ एक किराए का रूम ले लिया। मेरे मकान मालिक का बेटा और उसकी बीवी उसी मकान में नीचे वाले हिस्से में रहते थे। मकान मालिक का बेटा, यानी मेरा भैया, एक सरकारी नौकरी में था और अक्सर टूर पर रहता था। उसकी बीवी, यानी मेरी पूजा भाभी, घर पर अकेली रहती थी। मैं उन्हें “भाभी” कहकर बुलाता था, और धीरे-धीरे हमारी अच्छी दोस्ती हो गई।
पहली बार जब मैंने पूजा भाभी को देखा, तो मेरे होश उड़ गए। दोस्तों, क्या माल थी वो! उनका गोरा रंग ऐसा था मानो दूध में नहाकर आई हों। उनके बड़े-बड़े चूचे उनकी टाइट ब्लाउज़ में से बाहर निकलने को बेताब थे, और उनकी मोटी गांड का तो कहना ही क्या—जब वो चलती थीं, तो उनकी कमर और गांड का लचकना किसी को भी पागल कर दे। उनकी उम्र 25 साल थी, और वो एकदम जवान और हॉट थीं। उनके होंठ गुलाबी, आँखें नशीली, और आवाज़ इतनी मीठी कि बस सुनते ही दिल में आग लग जाए। उसी दिन से मेरा मन उनके लिए बेकाबू हो गया। रात को मैं उनके नाम की मुठ मारता और सोचता कि काश एक बार उन्हें चोदने का मौका मिल जाए।
वक्त बीतता गया, और हमारी दोस्ती गहरी होती गई। हम हँसी-मज़ाक करने लगे, कभी-कभी फ्लर्ट भी करते। भाभी भी मेरे साथ खुलने लगी थीं। वो अक्सर मेरे रूम में कुछ न कुछ बहाने से आतीं—कभी खाना देने, कभी कुछ पूछने। उनकी नज़रों में एक अजीब सी चमक होती थी, जो मुझे बेचैन कर देती थी।
एक दिन की बात है, दोपहर का टाइम था। मैं अपने रूम में अकेला था और भाभी की यादों में डूबा हुआ था। बाहर गर्मी बहुत थी, और रूम में पंखा चल रहा था। मैंने सिर्फ़ एक पतली बनियान और शॉर्ट्स पहन रखी थी। मेरे दिमाग में भाभी की चूत में लंड डालने की कल्पना चल रही थी। मेरा 8 इंच का लंड पूरा टाइट हो गया था और शॉर्ट्स में से साफ़ दिख रहा था। मैं बिस्तर पर लेटा हुआ था, अपने लंड को सहला रहा था और मुठ मारने की तैयारी कर रहा था। तभी अचानक दरवाज़ा खुला और पूजा भाभी अंदर आ गईं। मैंने जल्दबाज़ी में दरवाज़ा लॉक करना भूल गया था।
उन्हें देखते ही मेरी साँसें थम गईं। मेरी हालत ऐसी थी कि मैं बिस्तर पर पड़ा था, मेरा लंड मेरे हाथ में था, और शॉर्ट्स नीचे सरक चुकी थी। भाभी ने मुझे उस हालत में देखा तो पहले तो उनकी आँखें चौड़ी हो गईं। मैं घबरा गया और फटाफट कंबल से खुद को ढकने की कोशिश करने लगा। मैंने उनके पैर पकड़ लिए और गिड़गिड़ाने लगा, “भाभी, प्लीज़ किसी को मत बताना, मेरी इज़्ज़त चली जाएगी!” मेरी आवाज़ काँप रही थी, और मुझे लगा कि अब सब खत्म हो गया।
लेकिन जो हुआ, वो मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था। भाभी पहले तो थोड़ा गुस्सा हुईं, लेकिन फिर उनकी नज़र मेरे लंड पर गई, जो कंबल के नीचे भी पूरा टेंट बना रहा था। वो मेरे पास आईं और धीरे से बोलीं, “राहुल, ये क्या कर रहे हो?” उनकी आवाज़ में गुस्सा कम और कुछ और ज़्यादा था—शायद उत्सुकता। फिर वो मेरे बगल में बिस्तर पर बैठ गईं और कंबल हटा दिया। मेरा लंड फिर से उनके सामने था, पूरा खड़ा हुआ। भाभी ने उसे देखा और उनके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई। उन्होंने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरे लंड को पकड़ लिया।
दोस्तों, उस पल मेरे शरीर में जैसे बिजली दौड़ गई। भाभी ने मेरे लंड को हिलाना शुरू किया और बोलीं, “वाह राहुल, तुम्हारा तो बहुत बड़ा है! इतना मोटा और सख्त… इसे तो बेकार मत करो।” फिर वो नीचे झुकीं और अपने गुलाबी होंठों से मेरे लंड को चूम लिया। इसके बाद उन्होंने उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं। उनकी गर्म साँसें, उनकी जीभ का स्पर्श—मैं तो सातवें आसमान पर पहुँच गया था। मैंने उनके सिर पर हाथ रखा और धीरे-धीरे उनके बालों को सहलाने लगा। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं जैसे कोई लॉलीपॉप हो। 10 मिनट तक वो चूसती रहीं, और आखिरकार मैं उनके मुँह में ही झड़ गया।
झड़ने के बाद मैं थोड़ा सुस्त पड़ गया, लेकिन भाभी अभी कहाँ रुकने वाली थीं। वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और अपनी साड़ी ऊपर उठाकर मेरे मुँह के पास अपनी चूत ले आईं। उनकी चूत गुलाबी और गीली थी, और उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी। हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया, और वो मेरे लंड को फिर से चूसने लगीं। मैं उनके बड़े-बड़े चूचों को मसल रहा था, उनके निप्पल्स को चूस रहा था। वो सिसकारियाँ भर रही थीं, “आह्ह… राहुल, और ज़ोर से चाटो… मुझे मज़ा आ रहा है!”
थोड़ी देर बाद मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के अंदर डाल दी। उनकी चूत से पानी बह रहा था, और वो चिल्ला रही थीं, “राहुल, मत रुको… और अंदर डालो!” मैंने उनकी बात मानी और उनकी चूत को जीभ से चोदने लगा। उधर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था। अब मैंने भाभी को बिस्तर पर लिटाया और उनकी टाँगें चौड़ी कर दीं। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा और फिर एक ज़ोरदार धक्के के साथ अंदर डाल दिया। भाभी की चीख निकल गई, “आह्ह… धीरे करो!” लेकिन मुझे अब रुकना नहीं था। मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए—धीरे-धीरे, फिर तेज़, फिर और तेज़।
20 मिनट तक मैं उन्हें चोदता रहा। इस बीच भाभी तीन बार झड़ चुकी थीं। उनकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं, “चोदो राहुल, ज़ोर से चोदो… फाड़ दो मेरी चूत को!” मैं भी पूरा जोश में था। आखिरकार पाँच मिनट बाद मैं उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया। हम दोनों पसीने से तर थे। मैं उनके ऊपर ही लेट गया, और हम 10 मिनट तक एक-दूसरे की बाहों में पड़े रहे।
उस दिन के बाद से भाभी और मेरे बीच का रिश्ता बदल गया। वो मेरी रंडी बन गईं, और मैं उनका आशिक। जब भी भैया टूर पर जाते, भाभी मुझे अपने रूम में बुलातीं। एक बार की बात है, मैंने उनकी गांड मारने की सोची। मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और उनकी मोटी गांड पर तेल लगाया। फिर अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया। भाभी चिल्लाईं, “आह्ह… राहुल, धीरे करो, दर्द हो रहा है!” लेकिन मैंने उनकी एक न सुनी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद उन्हें भी मज़ा आने लगा, और वो बोलीं, “हाँ, चोदो मेरी गांड को… और ज़ोर से!” मैं उनकी गांड में ही झड़ गया।
अब तो भाभी मेरे बिना रह नहीं सकतीं। हर बार वो मुझे फोन करती हैं और कहती हैं, “राहुल, आ जाओ ना, मेरी चूत में आग लगी है।” मैं भी हर बार उनकी चूत और गांड की प्यास बुझाता हूँ। कभी-कभी हम दिन में दो-दो बार चुदाई करते हैं। ये सिलसिला अभी भी चल रहा है, और हम दोनों को इसमें बहुत मज़ा आता है।
तो दोस्तों, ये थी मेरी और पूजा भाभी की चुदाई की कहानी। आपको कैसी लगी, ज़रूर बताना!