Aunty Sex Story

आंटी को चोदा-2

(Aunty Ko Choda-2)

माँ कसम.. उसकी केले के समान चिकनी और दूध सी गोरी जांघें देख कर तो मैं पागल ही हो गया। साली की क्या मोटी-मोटी सुडौल जांघें थीं.. एकदम चमक रही थीं। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरी नज़रों के सामने ऐसा गदराया हुआ माल खुला पड़ा है।

मैंने उनकी जाँघों को हाथों से सहलाना शुरू किया और उस पर अपनी जीभ फिराना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद मैंने रेखा आंटी को पलट दिया।

दोस्तो.. मैं आप सबको कैसे बताऊँ.. उनकी गांड देख कर तो मैं पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गया। इतनी मोटी गोरी-गोरी और भरी हुई गांड.. आह्ह.. लंड क्रान्ति करने लगा था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि लड़कियों की गांड भगवान इतने प्यार से बनाता है।

फिर मैंने उनकी पेंटी उतारी और उनकी गांड की दरार को देख कर तो मुझ पर नशा सा छा गया। मैंने बड़े मनोयोग से उनकी गांड को जीभ से सहलाना शुरू कर दिया और उनकी गांड को अपने हाथों से ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा। फिर मैंने अपने बैग से एक तेल की बोतल निकाली, जो मैं लेकर आया था।

मैंने उनकी गांड की अच्छे तरीके से मालिश की और उनकी गांड पर प्यार से दो-तीन थप्पड़ भी लगाए। फिर मैंने उन्हें वापस पलट दिया और अब मैंने उसकी नंगी चुत देखी। आंटी की चुत पूरी क्लीन थी.. जिसके कारण बड़ी खूबसूरत दिख रही थी।

अब मैंने आंटी की टांगों को फैलाया और उनके पैरों को घुटने से मोड़ दिया, जिससे उनकी चुत पूरी खुल गई। फिर धीरे से उनकी चुत को किस किया और अपनी जीभ चुत से सटा दी। जैसे ही मैंने मेरी जीभ उनकी चुत पर रखी.. वो तड़फ उठीं।
एक पल रुकने के बाद उनकी चुत में मैंने जीभ घुसाई और उसकी चुत को चाटने लगा। कुछ ही देर में उनकी चुत मेरे थूक से पूरी तरह से गीली हो गई और मैं चुत को चाटते अपने दाँतों से भी काटने लगा।

तभी आंटी ने मेरे सिर पर अपना हाथ रखा और मेरे सर को अपनी चुत पर दबाना शुरू कर दिया। मैं समझ गया कि बाढ़ आने वाली है.. वही हुआ, आंटी की चुत का झरना फूट गया और मैंने उनके खट्टे रस को चाट लिया।

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कुछ देर बाद मैं वहां से उठा और उनसे पूछा- क्यों मज़ा आया मेरी जान?
आंटी बोलीं- मैंने तो कभी सोचा ही नहीं था कि तुम इतने बड़े खिलाड़ी निकलोगे!
यह सुनकर मैंने बोला- अब तुम्हारी बारी ही जानेमन!

मैंने यह कहते हुए अपनी पैंट उतार दी, उन्होंने मेरे तंबू जैसे तने हुए अंडरवियर को देखा और ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ कर दबाने लगीं।
फिर आंटी ने मेरा अंडरवियर उतारा और मेरा विशाल लंड उनके सामने किसी काले साँप की तरह झूलने लगा।

यह देखकर वो बोलीं- बाप रे, तुम तो पूरे छुपे रुस्तम हो।

उन्होंने अपना मुँह खोला और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं। थोड़ी देर में मेरा लंड पागल हो उठा और मैंने उनके सिर पर हाथ रखकर उनके मुँह में लंड पेलना शुरू कर दिया।

मेरे तगड़े किस्म के 3-4 धक्कों में ही आंटी का दम फूलने लगा और खाँसते हुए उन्होंने मेरा लंड मुँह से बाहर निकाल दिया। आंटी बोलीं- इतनी बेरहमी मत दिखाओ यार.. आराम से लंड चूसने दो।

मैंने बोला- ठीक है.. डार्लिंग मजे से चूस लो!

फिर उन्होंने आराम से देर तक मेरे लंड को चूसा। वो कभी थूक डाल-डाल कर चूसतीं, तो कभी लंड के चारों तरफ जीभ घुमा-घुमा कर बड़े प्यार से मेरे लंड को चूसतीं। इस तरह अपनी चुत की चुदाई के लिए आंटी ने मेरा लंड तैयार कर दिया।

अब मैंने लंड उनके मुँह से निकाल कर हिलाते हुए बोला- आंटी चुदाई का वक़्त हो गया है।
वो तो कब से इसी का वेट कर रही थीं।

मैंने उन्हें डॉगी पोज़िशन में हो जाने को बोला। जैसे ही वो डोगी पोज़ में आईं, मैंने उनकी गांड पर ज़ोर से 4-5 चमाट मारे, फिर उनकी गांड को हाथों से फैलाया और उनकी चुत में अपना लंड घुसेड़ने लगा। उन्होंने भी अपनी गांड लंड के हिसाब से अड्जस्ट कर दी।

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अब मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चुत में सटाक घुस गया और आंटी की एक हल्की सी आह निकल गई, मैंने अपना एक पैर उनकी कमर के बाजू में रखा और उनकी गांड को हाथों से दबोच कर उन्हें हचक कर चोदने लगा।

वो अपना सिर पूरी तरह से नीचे झुका कर चुदवा रही थीं.. और मैं उनकी कमर को अपने हाथों से पकड़ कर चोदे जा रहा था। आंटी को चोदते-चोदते मैंने अचानक से अपनी स्पीड बढ़ा दी और उनकी गांड पर चमाट मारने लगा। कम से कम 10 चमाट मैंने लगतार मारे.. जिससे उनकी गोरी-गोरी गांड लाल हो गई।

वो मस्ती में ‘आ आह..’ कर रही थीं और अब अपनी गांड खुद ही आगे-पीछे करके मुझसे चुदवा रही थीं।

मैंने आगे झुक कर उनकी चूचियों को पकड़ लिया और उनके कान में चुदासे स्वर में कहा- साली बहुत दिन से तड़फा रही थी.. आज नहीं बचेगी तू.. ले साली.. खा मेरा लंड!
यह सुनकर वो भी बोलने लगीं- हाँ कुत्ते.. मैं भी देखती हूँ कितना दम है तेरे लंड में.. चोद साले.. जितना चोद सकता है.. चोद भोसड़ी वाले.. आज जो चाहे कर ले.. मैं भी आज तेरे लंड को देखती हूँ.. चुदाई के मैदान में कितनी देर टिक सकता है..!

मुझे और भी जोश आ गया और मैंने उनके बाल पकड़ कर उन्हें घोड़ी की तरह चोदना शुरू कर दिया। उनकी गांड से ‘ठप.. ठप..’ की आवाजें आ रही थीं और मुझे जन्नत का सुकून मिल रहा था।

थोड़ी देर तक और चोदने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बेड पर लेट कर उन्हें मेरे लंड पर आकर बैठने को कहा। वो मेरे लंड के ठीक ऊपर आईं और मेरे लंड को हाथों में लेकर उस पर चुत रखकर बैठ गईं।

मेरा लंड आंटी की चुत में ‘घप्प’ से घुस गया और उनकी मखमली गांड के नीचे हाथ रख कर मैं उनकी गांड को ऊपर-नीचे उठा कर चोदने लगा। वो भी अपनी गांड ऊपर उठा-उठा कर चुदवाने लगीं।

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अचानक मेरे लंड को जोश आ गया और मैंने इतनी तेज़ी से उनकी चुत में लंड पेलना शुरू किया कि उनका पूरा बदन थरथराने लगा.. वो काँपने लगीं और सिसकारियाँ भरने लगीं।

दो मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मैं रुक गया, तब तक वो काफ़ी थक गई थीं। मैंने उन्हें अपने ऊपर से हटाया और फिर से बेड पर लिटा कर उनकी जाँघों को फैलाया और पैरों के बीच में आकर उनकी चुत खोलने लगा।

ये देख कर वो हैरान हो गईं और बोलीं- अब और कितना चोदोगे.. फ्री की चुत मिल गई है, तो चोदे ही जा रहा है!
मैंने बोला- साली.. अभी तक मेरा माल तो निकला ही नहीं.. ऐसे कैसे छोड़ दूँ?

कहकर मैंने उनकी चुत पर लंड रखा और उनके होंठों को जीभ में भर कर फुल स्पीड से फिर से चुदाई शुरू कर दी।
अब वो बुरी तरह से कांप रही थीं और ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर रही थीं। हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग चुके थे, तभी मैंने अपनी स्पीड डबल कर दी और दनादन धक्के देने शुरू कर दिए।

इस बार करीब 20-25 धक्कों के बाद आंटी की चुत में मैंने अपना गरमा गरम लावा छोड़ दिया। आंटी की चुत पूरी तरह से मेरे स्पर्म से भर गई और मैं उनके ऊपर ही निढाल हो कर लेट गया।
फिर 5 मिनट बाद उन्होंने मुझे हटाया और बाथरूम में चली गईं।

मैंने भी कपड़े पहने और फ्रेश होने के बाद मैं नॉर्मल हो गया।

तो दोस्तो, यह घटना बस एक हफ्ते पहले मेरे साथ हुई थी, जिसने मुझे भरपूर चुदाई का सुख दिया।
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