चाची के साथ प्यार भरी रात
पढ़िए विक्की और उसकी खूबसूरत चाची की प्यार और जज़्बात से भरी कहानी। आगरा के एक जॉइंट फैमिली में शुरू हुई ये दिलचस्प दास्ताँ, जो एक रात में बदल गई। जानिए कैसे एक मौका ने उनकी ज़िंदगी को रोमांचक मोड़ दिया।
हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम विक्की है। मैं आगरा का रहने वाला हूँ, उम्र 20 साल, और जिम की मेहनत से मेरा बदन गठीला और आकर्षक है। मैं कई सालों से इस साइट पर कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, और आज सोचा कि क्यों ना अपनी दिल की बात आप सबके साथ शेयर करूँ। ये कहानी मेरी और मेरी चाची की है, जो मेरे दिल में एक खास जगह रखती हैं।
हमारा परिवार एक जॉइंट फैमिली है। मेरे चाचा-चाची और उनके बच्चे हमारे साथ ही रहते हैं। मेरे पापा गवर्नमेंट जॉब करते हैं, और चाचा ज्यादातर घर पर ही रहते हैं। मेरी चाची, जिनकी उम्र 30 साल है, इतनी खूबसूरत और सेक्सी हैं कि कोई भी उन्हें देखकर बस दीवाना हो जाए। उनके कर्व्स, उनके तरबूज जैसे उभार, और उनकी लाजवाब कमर… हाय, बस देखते ही मन बेकाबू हो जाता है। पहले मैं चाची को सिर्फ़ एक रिश्तेदार की तरह ही देखता था, लेकिन जैसे-जैसे मैं जवान हुआ, मेरे दिल में उनके लिए कुछ अलग ही जज़्बात जागने लगे।
वो लम्हा जो सब बदल गया
बात करीब तीन महीने पुरानी है। एक दिन हमारे घर में बिजली के तार जल गए, और सारी लाइट्स बंद हो गईं। मैं स्टूल लेकर तार ठीक करने में जुट गया। तभी मेरी नज़र बाथरूम के दरवाज़े के ऊपर बने रोशनदान पर पड़ी। और… वाह! क्या नज़ारा था! चाची बिल्कुल नंगे बदन, अपनी जांघों को साफ कर रही थीं, और ऐसा लग रहा था जैसे वो उस पल का मज़ा ले रही हों। उनके गीले बाल, उनके गोल-मटोल उभार, और उनकी चिकनी त्वचा… मैं बस देखता ही रह गया। उस दिन से मेरे दिल में एक आग सी जलने लगी। मैं जब भी मौका मिलता, रोशनदान से उनकी एक झलक पाने की कोशिश करता और फिर दूसरे बाथरूम में जाकर अपनी तड़प शांत करता।
लेकिन मन में एक सवाल बार-बार उठता—चाची को कैसे बताऊँ कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है? मैं उन्हें गलत नहीं समझना चाहता था, ना ही उनकी इज़्ज़त को ठेस पहुँचाना चाहता था।
मौका जो बदला जिंदगी
एक दिन चाचा के दो दोस्त उनसे मिलने आए। वो गुजरात में अच्छी जॉब करते थे और उन्होंने चाचा को वहाँ जॉब का ऑफर दिया। चाचा पहले तो मना करते रहे, लेकिन परिवार के कहने पर मान गए और गुजरात चले गए। वहाँ से छुट्टी सिर्फ़ 3-4 महीने बाद ही मिलती थी, तो चाचा लंबे समय तक घर नहीं लौटे। मेरे लिए ये एक सुनहरा मौका था।
एक दिन घर में सब बच्चे स्कूल गए थे, और पापा ड्यूटी पर। मैंने सोचा, आज कुछ करना होगा। मैं अपना फोन लेकर चाची के कमरे में गया। चाची कुछ हिसाब-किताब में बिज़ी थीं। मैंने कहा, “चाची, मेरा चार्जर खराब हो गया है। क्या मैं आपके चार्जर से फोन चार्ज कर लूँ?” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, बिल्कुल कर लो।” मैंने फोन चार्जिंग पर लगाया और वहीं बैठकर उसे चलाने लगा। चाची अपने काम में मस्त थीं। मैंने चुपके से एक पॉर्न वीडियो चला दिया, पहले साइलेंट मोड में। मेरा 6 इंच का हथियार तनकर तैयार हो गया। धीरे-धीरे मैंने वॉल्यूम बढ़ाया। वीडियो से “आह… उह… मम्म्म…” जैसी आवाज़ें आने लगीं।
चाची ने मेरी तरफ देखा, लेकिन मैंने ऐसा रिएक्ट किया जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं। अचानक चाची ने मेरा फोन छीन लिया और बोलीं, “ये क्या देख रहे हो, विक्की?” मैंने शर्मिंदगी का नाटक करते हुए सिर झुका लिया और कहा, “चाची, प्लीज़ किसी को मत बताना। मैं दोबारा ऐसा नहीं करूँगा।” चाची ने मुझे समझाया और जाने को कहा। मैं जानबूझकर अपना फोन वहीं छोड़ आया।
वो पल जब दिल मिले
मैंने दरवाज़े की कीहोल से देखा—चाची ने फोन उठाया और वीडियो देखने लगीं। दो मिनट बाद वो उत्तेजित होने लगीं। उनकी साँसें तेज़ हो गईं, और वो अपनी जांघों को सहलाने लगीं। मैंने सोचा, यही वो मौका है। मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला और चाची को पीछे से बाहों में भर लिया। चाची चौंक गईं, और फोन उनके हाथ से गिर गया। वो छूटने की कोशिश करने लगीं, लेकिन मेरे गठीले बदन के सामने उनकी एक ना चली। मैंने धीरे से उनके उभारों को सहलाना शुरू किया। चाची पहले से ही उत्तेजित थीं, और मेरे स्पर्श से उनकी साँसें और भारी होने लगीं।
मैंने उन्हें पलटकर उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए। पहले तो वो हल्का सा विरोध करती रहीं, लेकिन फिर धीरे-धीरे वो भी मेरे साथ बहने लगीं। उनके हाथ अब मुझे दूर करने के लिए नहीं, बल्कि मुझे और करीब लाने के लिए उठ रहे थे। मैंने उन्हें बेड पर बिठाया और कहा, “चाची, I love you. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।” चाची ने एक प्यारी सी स्माइल दी और बोलीं, “विक्की, मैं भी तुम्हें चाहती थी, लेकिन हर बार सोचती थी कि तुम क्या सोचोगे। अगर तुम्हें बुरा लगा तो? लेकिन आज… आज तुम मुझे इतना प्यार दो कि मुझे तुम्हारे चाचा की कमी ना खले। मेरी खुशियाँ अब तुम्हारे ही हाथों में हैं।”
प्यार का वो जादू
चाची ने अपनी साड़ी उतारी, फिर अपने बाकी कपड़े। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं। उनके उभार ब्रा से बाहर आने को बेताब थे। मैंने मज़ाक में कहा, “चाची, मुझे दूध पीना है।” वो हँस पड़ीं और अपनी ब्रा खोलकर मुझे अपने सीने से लगा लिया। मैंने उनके मुलायम उभारों को चूमना शुरू किया। चाची की सिसकारियाँ कमरे में गूँजने लगीं— “स्स्सी… आह… मम्म्म…”
उन्होंने मेरा लोअर नीचे खींचा। मेरा 6.5 इंच का हथियार तनकर बाहर आया। चाची उसे देखकर हैरान रह गईं। “इतना बड़ा? ये तो तुम्हारे चाचा से कहीं ज़्यादा है!” उन्होंने उसे प्यार से सहलाया और अपने होंठों से चूमना शुरू किया। मैं तो जैसे जन्नत में था। मैंने चाची को 69 की पोज़िशन में लिया और उनकी नाज़ुक त्वचा को चाटना शुरू किया। उनकी खुशबू, उनका स्वाद… सब कुछ मुझे दीवाना बना रहा था।
हम दोनों एक-दूसरे के मज़े में डूबे थे। कुछ ही पलों में हम एक साथ झड़ गए। चाची ने मेरा सारा रस पी लिया और फिर उसे दोबारा तैयार किया। अब चाची ने अपनी टाँगें फैलाईं और मुझे इशारा किया। मैंने अपना हथियार उनकी गीली राह पर रखा और धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया। चाची की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। वो चिल्लाईं, “विक्की, प्लीज़… अब डाल दो, मैं मर जाऊँगी!”
मैंने उनके एक उभार को ज़ोर से दबाया और एक धक्का मारा। चाची की चीख निकल पड़ी। मैंने तुरंत उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए ताकि उनकी आवाज़ दब जाए। दूसरा धक्का मारते ही चाची की आँखों से आँसू निकल आए। मुझे लगा शायद उन्हें दर्द हो रहा है, तो मैंने रुकने की कोशिश की। लेकिन चाची ने मुझे रोका और कहा, “विक्की, ये दर्द तो बस एक पल का है। असली मज़ा इसके बाद है।”
उनकी बातों ने मुझे और जोश दिलाया। मैंने धीरे-धीरे अपनी रफ्तार बढ़ाई। चाची की सिसकारियाँ— “आह… उह… मम्म्म… और ज़ोर से…”—कमरे में गूँज रही थीं। करीब 15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने चाची की इजाज़त से उनके अंदर ही सारा रस छोड़ दिया।
वो अधूरी ख्वाहिश
थोड़ी देर बाद हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में लेटे थे। मैंने चाची से उनकी खूबसूरत कमर की तारीफ की और मजाक में कहा कि अगली बार उसका मज़ा लेना चाहता हूँ। चाची ने शरमाते हुए कहा, “विक्की, तुम तो बस ना… ठीक है, कल रात का प्लान बनाते हैं।”
उस रात के बाद हमारी मोहब्बत और गहरी हो गई। चाची और मेरे बीच का रिश्ता अब सिर्फ़ जिस्मानी नहीं, बल्कि दिल से दिल का था। हम दोनों ने एक-दूसरे को पूरा सम्मान और प्यार दिया।
दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? ज़रूर बताना। तब तक के लिए, सभी दिलों और जज़्बातों को मेरा सलाम!