कर्फ्यू में चुदाई: आर्यन और सेक्सी आंटी की हॉट कहानी
पढ़िए आर्यन की पहली सेक्स कहानी, जहाँ बरेली में कर्फ्यू के दौरान दिल्ली में एक सेक्सी आंटी के साथ हॉट रोमांस और बारिश में चुदाई का मजा लिया। गर्मागर्म डिटेल्स के लिए क्लिक करें!
हाय दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और मैं बरेली, यूपी से हूँ। उम्र 22 साल, हाइट 5’7”, वजन 60 किलो, और हाँ, आप मुझे स्मार्ट कह सकते हैं। ये मेरी पहली कहानी है, और ये बात कुछ दिन पहले की है जब बरेली में कर्फ्यू लग गया था। मैं दिल्ली आया हुआ था एक इंटरव्यू के लिए। दोपहर को घर से फोन आया कि हिंदू-मुस्लिम दंगों की वजह से कुछ इलाकों में कर्फ्यू लग गया है। मेरे पास कोई रिश्तेदार दिल्ली में नहीं था, इसलिए मुझे शाम की ट्रेन से बरेली वापस लौटना था।
लेकिन मुश्किल ये थी कि स्टेशन से घर कैसे पहुंचूंगा, क्योंकि हमारे इलाके में भी कर्फ्यू था। खैर, हमारे पड़ोस में एक आंटी रहती थीं, जो कुछ महीने पहले दूसरी जगह शिफ्ट हो गई थीं। उनके इलाके में कर्फ्यू नहीं था, तो मैं उनके घर चला गया।
आंटी का नाम निर्मला था (नाम बदला हुआ है, सीक्रेसी के लिए), और वो अपने पति अशोक के साथ रहती थीं। आंटी की उम्र 40 के आसपास थी, और उनका फिगर? उफ्फ, क्या बताऊं! एकदम मस्त माल थीं। उनका बॉडी स्ट्रक्चर परफेक्ट था, बूब्स और गांड इतने सेक्सी कि कोई भी थर्की उनसे नजरें नहीं हटा पाए। मैं जब उनके घर पहुंचा, तो वो अकेली थीं। मैंने अंकल के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि वो फैक्ट्री में फंस गए हैं, क्योंकि अंकल किसी फैक्ट्री में सुपरवाइजर थे।
रात हो चुकी थी, तो हमने खाना खाया और सोने चले गए। उनका घर 1 BHK था, तो मैं उनके ही बेड पर सोया। मैं काफी थका हुआ था, इसलिए जल्दी ही नींद आ गई। दोस्तों, मेरी कहानी शायद थोड़ी स्लो लग रही हो, लेकिन रियलिटी को एक्सप्लेन करने में टाइम तो लगता ही है।
सुबह का सेक्सी सीन
सुबह हम दोनों नहा-धोकर सोफे पर आमने-सामने बैठे ब्रेकफास्ट कर रहे थे। तभी मेरी नीयत आंटी पर खराब हो गई। क्यों? क्योंकि वो सीन ही इतना सेक्सी था! पिंक नाइटी में लिपटा उनका बदन, नहाने की ताजा खुशबू, और उनके खुले, गीले बालों से टपकती पानी की बूंदें। उफ्फ, यार! मैंने उसी वक्त ठान लिया कि अब तक जितनी भी सेक्स स्टोरीज पढ़ी हैं, उनका सारा एक्सपीरियंस लगाकर आंटी को तो चोदना ही है।
ब्रेकफास्ट के बाद हम बेड पर लेटे हुए बातें कर रहे थे। तभी मैंने मौका देखकर पूछा, “आंटी, आपकी शर्मा अंकल से लड़ाई क्यों हुई थी?” शर्मा अंकल हमारी कॉलोनी में रहते थे, और एक बार उन्होंने आंटी को कुछ बोल दिया था, जिसके बाद आंटी ने खूब हंगामा किया था। मुझे पूरी बात पता थी, फिर भी सेक्स की तरफ बात ले जाने के लिए मैंने ये पूछा।
शर्मा अंकल का नाम सुनते ही आंटी लाल हो गईं और बोलीं, “वो कुत्ते की नीयत ही खराब थी। अगर इन्होंने (अंकल) रोका न होता, तो उसकी चप्पलें पड़तीं।” मैंने रिस्क लेते हुए कहा, “आंटी, इसमें शर्मा अंकल की क्या गलती? आप तो हैं ही इतनी सेक्सी!” वो हंसते हुए बोलीं, “अच्छा, बेटा, तुम भी चालू हो गए!” मैं भी हंस दिया। बस, फिर क्या था, मुझे एक रास्ता मिल गया। इसके बाद मैं हर बात में उनकी तारीफ करने लगा—खाने से लेकर घर के इंटीरियर तक। और औरतें तो तारीफ की भूखी होती ही हैं। इससे फायदा ये हुआ कि हम दोनों एक कंफर्ट जोन में आ गए।
किचन में चिपकने का मौका
अगले दिन सुबह आंटी ने किचन से आवाज लगाई, “आर्यन, इधर आना!” मैं आंखें मलते हुए नींद में वहां पहुंचा और बोला, “क्या आंटी, सुबह-सुबह उठा दिया?” वो बोलीं, “अरे, तुम्हारे लिए ढोकला बना रही हूँ, लेकिन ये बेसन का जार ऊपर है, मुझे उतर नहीं रहा। तुम उतार दो।” मैं अभी पूरी तरह जगा नहीं था, नींद की खुमारी बाकी थी। मैं धीरे-धीरे चलते हुए उनके पीछे पहुंचा और खड़ा हो गया। उनकी वही प्लीजेंट खुशबू ने मेरा गुड मॉर्निंग किया, और मैं और मेरा छोटू (लंड) दोनों पूरी तरह जग गए।
मेरे दिमाग में शैतानी आई। मैंने नींद में होने का बहाना बनाया और एकदम आंटी से पीछे से चिपक गया। मैंने एक-दो जार ऊपर से उतारे और उन्हें देने लगा। वैसे ही सुबह लंड खड़ा होता है, और ऊपर से आंटी का मादक जिस्म मेरे इतने करीब! मेरा छोटू तो बुरा हाल था, पूरी तरह खड़ा होकर आंटी की नाइटी फाड़कर उनकी गांड में घुसने को बेताब। मैं नींद का बहाना बनाकर अनजान बनते हुए जार पास करता रहा। आंटी को भी उनकी गांड पर रगड़ता मेरा लंड महसूस हो चुका था। हैरानी की बात ये थी कि वो कुछ बोल नहीं रही थीं, बल्कि चुपचाप जार लेती जा रही थीं। लेकिन फिर वो मनहूस बेसन का जार मेरे हाथ में आ गया, और मुझे उनकी मखमली गांड से हटना पड़ा। लेकिन जितनी देर रगड़ा, उतना मजा आया।
टॉवल में बढ़ता हौसला
नहाने के बाद मैं टॉवल में ही सोफे पर बैठा था। आंटी का बार-बार मेरी इनर थाइज की तरफ देखना मेरा हौसला और बढ़ा रहा था। मुझे लग रहा था कि दिल्ली अब दूर नहीं। मैं भी मजा लेने के लिए कभी पैर फैलाता, तो कभी पास कर लेता। फिर मैंने अचानक कहा, “क्या हुआ आंटी, कुछ परेशान सी दिख रही हो?” वो एकदम हड़बड़ाईं और बोलीं, “नहीं तो, ऐसा तो कुछ नहीं है।” मैंने थोड़ा और जोर दिया, लेकिन जब उन्होंने कुछ नहीं कहा, तो मैंने मजा लेते हुए कहा, “क्यों उदास हो रही हो आंटी? कुछ दिनों की ही बात है, फिर कर्फ्यू खुल जाएगा और आपके वो (अंकल) आ जाएंगे। तब तक मैं हूँ न आपके लिए।” वो मेरी बात का मतलब समझते हुए बोलीं, “क्या मतलब?” मैंने बात बदलते हुए कहा, “अरे, आप अकेली बोर न हो, इसलिए तो मैं आया हूँ, ताकि आपका मन लगा रहे।”
दोस्तों, मैंने बात इसलिए बदली, क्योंकि मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था, जिससे बाद में कोई प्रॉब्लम हो। आंटी हमारी फैमिली को 18 साल से जानती थीं, और मैं नहीं चाहता था कि मेरी किसी हरकत से हमारा रिश्ता खराब हो। फिर आंटी बोलीं, “देखते हैं, इन दिनों में अपनी आंटी का कितना ख्याल रखता है।” बस, फिर क्या था, हमारी डबल मीनिंग बातें शुरू हो गईं। मैंने झट से जवाब दिया, “अरे, कोई शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। इतना ख्याल रखूंगा, जितना अंकल ने भी नहीं रखा होगा।” ये बोलकर एक बार तो मेरी फट गई कि मैंने ये क्या बोल दिया। आंटी भी 1-2 सेकंड चुप हो गईं और मुझे ध्यान से देखते हुए एक ठंडी सांस ली। फिर बोलीं, “तेरे अंकल ने तो कभी परवाह की नहीं, तू क्या खाक करेगा?” और फिर वो उठकर अंदर चली गईं।
मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आया कि एक अच्छा-खासा मौका हाथ से निकल गया। लेकिन सुबह के इन दो इंसिडेंट्स से ये तो साफ हो चुका था कि आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई है। बस, डर की वजह से कोई पहल नहीं कर रहा।
कपड़े धोते हुए फ्लर्टिंग
रात में आंटी कपड़े धो रही थीं, तो मैं उनके पास जाकर बैठ गया और बोल दिया, “मैडम, क्या सेवा की जाए? बंदा खिदमत में हाजिर है।” आंटी ने पूछा, “कपड़े धोना आता है तुझे?” मैंने जिंदगी में कभी कपड़े नहीं धोए थे, और ये बात आंटी को भी पता थी। मैंने कहा, “धो नहीं सकता, तो क्या? कपड़े बाल्टी से निकालकर पास तो कर ही सकता हूँ, और पानी से धो ही सकता हूँ। आखिर आपका ख्याल जो रखना है।” आंटी बोलीं, “चल, अब ज्यादा बातें मत बना और कपड़े पास कर।” मैंने एक कपड़ा निकाला, तो वो आंटी की वही सेक्स अपील वाली पिंक नाइटी थी।
मैंने बिना सोचे बोल दिया, “अरे आंटी, इसे क्यों धो रही हो? इसमें तो आप इतनी अच्छी लगती हो।” वो मुझे घूरते हुए बोलीं, “क्या बात है? तुझे बड़ा पता लगता है कि मैं किसमें अच्छी लगती हूँ और किसमें नहीं।” मैंने मौके का फायदा उठाते हुए कहा, “अब क्या करें, 2 दिन से आपके साथ रह रहे हैं, तो ये सब तो पता चलना ही है।” इस पर उन्होंने बस एक वाइकेड सी स्माइल दी और कपड़े धोने लगीं। लेकिन मजा की बात ये थी कि मेरी बात मानते हुए उन्होंने उस नाइटी को धोया नहीं, बल्कि अलग रख दिया। उस रात और कुछ नहीं हुआ।
बारिश में रोमांस
अगले दिन दोपहर तक कोई लक नहीं। लेकिन जो चीज अच्छी थी, वो था मौसम। सुबह से ठंडी हवा चल रही थी, जो मौसम को रोमांटिक बना रही थी। आंटी के साथ इतने सेक्सी मौसम में एक छत के नीचे रहना मेरी हालत खराब कर रहा था। मैं मुठ मारने बाथरूम जा ही रहा था कि तभी बारिश शुरू हो गई। मुझे बारिश में नहाने में बहुत मजा आता है, तो मैंने झट से शॉर्ट्स और वेस्ट निकालकर बैकयार्ड में नहाने चला गया। मैंने आंटी को भी नहाने बुला लिया। पहले तो मुझे अंडरवियर में देखकर वो हैरान हुईं, लेकिन फिर वही वाइकेड स्माइल पास करते हुए नहाने आ गईं।
दोस्तों, पिंक नाइटी में लिपटा उनका जिस्म बारिश में भीगता हुआ कितना सेक्सी लग रहा था, मैं बता नहीं सकता। मेरा छोटू तुरंत उन्हें सलामी देने लगा। बारिश में भीगकर नाइटी उनके बदन से बुरी तरह चिपक गई थी। उनके हर कर्व मेरी आंखों के सामने थे। उनके निप्पल्स टनकर नाइटी के बाहर से ही दिख रहे थे। उनकी व्हाइट ब्रा और व्हाइट पैंटी मेरी आंखों के सामने थी। उनकी गांड का पूरा शेप नजर आ रहा था। क्या नजारा था, दोस्तों! मैं तो उनमें खो ही गया था।
जब मुझे लगा कि मुझसे और कंट्रोल नहीं होगा, तो मैं एक कोने में बैठ गया और उन्हें नहाता देखने लगा। थोड़ी देर बाद जब उन्हें अहसास हुआ कि मैं उन्हें किन निगाहों से देख रहा हूँ, तो वो थोड़ा शरमाईं और बोलीं, “क्या हुआ? अभी तो बड़ा शोर मचा रहे थे कि आंटी, जल्दी आओ, बारिश में नहाते हैं। और अब मेरे आते ही साइड में हो गए।” मैंने एक तीर छोड़ा, “आंटी, मैं तो आपको देखकर ही नहा लिया।” और इतना बोलकर मैंने नीचे अपने अंडरवियर की तरफ देखा। आंटी ने भी नीचे देखा और मेरे छोटू की हालत समझ गईं। वो बस इतना बोलीं, “हट, पागल! आ न इधर, देख कितना मजा आ रहा है।”
रेन डांस और हॉट मोमेंट्स
मैं फिर उनके पास पहुंचा और इस बार रुका नहीं। उनके करीब जाकर बोला, “एक डांस हो जाए?” और उनके कुछ बोलने से पहले ही मैंने उनकी कमर पर हाथ रखकर उन्हें अपने पास खींच लिया। मैं तो ये सोचकर हैरान था कि मुझमें इतनी हिम्मत कहाँ से आ गई। और आंटी को क्या हो गया, वो मुझे रोक क्यों नहीं रही थीं? खैर, आंटी ने एक हाथ मेरे कंधे पर रखा और एक मेरे सीने पर। और शुरू हो गया हमारा रेन डांस।
पहले तो मेरे दोनों हाथ आंटी की कमर पर ही थे, लेकिन धीरे-धीरे मैं अपने हाथ पीछे उनकी गांड पर ले जाने लगा। मैं ये सब बहुत धीरे, आराम और प्यार से कर रहा था। थोड़ी मेहनत के बाद मेरे हाथों को उनकी मोटी, कोमल गांड का भरपूर अहसास हो रहा था। मन कर रहा था कि अभी पकड़कर दबा दूं, लेकिन कंट्रोल करते हुए बस हाथ फेर रहा था। इधर, आंटी भी मेरे सीने पर अपने हाथ चला रही थीं। मैं बार-बार एक हाथ उनकी गांड की लाइन पर ले जाता और फिर हटा लेता। आखिरकार, मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उनकी गांड की लाइन पर रख ही दिया। वो कुछ नहीं बोलीं, बस मेरी आंखों में आंखें डालकर देखने लगीं।
अब मैंने एक हाथ उनके कंधे पर रखा और उनकी गर्दन पर हाथ से सहलाने लगा। वो मुझसे बिल्कुल चिपकी हुई थीं। हमारे बीच बस उनका हाथ था, जो मेरे सीने पर अपना काम कर रहा था। मैंने अपना हाथ धीरे-धीरे नीचे की ओर ले जाते हुए उनके बूब्स पर लगाया और फिर वापस हटा लिया। लेकिन फिर मैंने सोचा कि यही मौका है। अगर अब नहीं, तो कभी नहीं। ये सोचकर मेरा जो हाथ उनकी गांड पर था, वो उनकी गांड को दबाने लगा, और दूसरा हाथ उनकी चूचियों को सहलाने लगा। उन्होंने कुछ कहा तो नहीं, बस मुझसे और ज्यादा चिपक गईं।
मैंने उनके चेहरे की तरफ देखा। उनकी आंखें बंद थीं, और उनके गालों पर गिरती बारिश की बूंदें बहुत सेक्सी लग रही थीं। बारिश की बूंदें उनके गालों से होती हुई उनकी गर्दन पर आ रही थीं। मैंने वहीं से चाटना शुरू किया और ऊपर की तरफ आते हुए उनका गाल चाटने लगा। उनका एक हाथ, जो मेरी पीठ पर था, मुझे उनकी तरफ दबाने लगा। फिर मैंने उनकी तरफ देखा, उनकी आंखें खुली हुई थीं और वो मुझे ही देख रही थीं। मैंने धीरे-धीरे अपना चेहरा उनके चेहरे के पास किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
मैंने उनका निचला होंठ अपने होंठों के बीच दबाया और चूसने लगा। वो भी मेरा ऊपरी होंठ चूसने लगीं। कभी उनकी जीभ मेरे मुँह में होती, तो कभी मेरी जीभ उनके मुँह में। कसम से, दोस्तों, ये मेरी लाइफ का पहला किस था। इतना मजा आ रहा था कि पूछो मत। मैं तो उनके होंठ चूसते ही जा रहा था। 1-2 बार तो मैं उनके लिप्स चबाने भी लगा। थोड़ी देर बाद हम अलग हुए और वहीं नीचे बैठ गए।
मैंने उनकी गर्दन पर चाटना और चूसना जारी रखा, और एक हाथ से उनके बूब्स भी दबाता जा रहा था। उनकी चिकनी स्किन को चाटने में एक अलग ही मजा आ रहा था। बारिश की बूंदें जब मेरे होंठों को छूतीं, तो क्या मजा आता था। फिर मैंने उनसे नाइटी उतारने को कहा। उन्होंने उतार दी। अब वो मेरे सामने सिर्फ व्हाइट ब्रा और व्हाइट पैंटी में थीं। कसम से, क्या मस्त माल लग रही थीं। बारिश में भीगता उनका बदन बस दो छोटे-से कपड़ों की कैद में। मेरा हमेशा से बारिश में सेक्स करने का सपना था, जो आज पूरा होने वाला था।
हॉट एक्शन
पहले तो मैं ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स चूसता रहा। फिर उन्होंने अपनी ब्रा खोल दी। ओह डियर, कितने खूबसूरत थे उनके बूब्स! एकदम नुकीले, और बीच में लाइट ब्राउन निप्पल्स। मैं तो उन्हें देखकर पागल-सा हो गया। मैंने पहले उन्हें लिटाया, फिर जोर-जोर से उनके बूब्स दबाने लगा। उनके निप्पल्स को उंगलियों के बीच लेकर मसलने लगा। उनके बूब्स रुई की तरह मेरे हाथ लगते ही अंदर को हो जाते थे। फिर मैंने एक निप्पल पर मुँह लगाया और उसे चूसने लगा। उफ्फ, कितना मजा आ रहा था। मैं जितना हो सके, उनकी चूची को मुँह के अंदर लेकर चूस रहा था। कुछ देर लेफ्ट वाली चूची चूसने के बाद राइट वाली चूसी। फिर नीचे की तरफ बढ़ते हुए उनका पेट चूसा, चाटा। फिर पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत चाटी।
फिर उन्होंने देर न करते हुए अपनी पैंटी भी उतार दी। मेरी जिंदगी की पहली चूत मेरी आंखों के सामने थी। थोड़ी देर उसे ध्यान से देखने के बाद मैंने उनकी चूत की फांकों को अलग-अलग करते हुए एक उंगली अंदर डाली। सचमुच, ऐसा फील हुआ जैसे किसी जेली में उंगली डाल दी हो। फिर दो उंगलियां डालकर अंदर-बाहर करने लगा। वो भी उसी रिदम में अपनी बॉडी हिलाने लगीं। फिर मैंने अपनी उंगलियां निकालकर चाटीं। उनकी चूत का टेस्ट मुझे अच्छा लगा। फिर क्या था, मैंने अपना मुँह नीचे किया और लपलप बूखे कुत्ते की तरह उनकी चूत चाटने लगा। दोनों फांकों को अलग-अलग करके अपनी जीभ अंदर तक घुसेड़ दी, और फिर उनकी पूरी चूत को मुँह में भरकर चूसा। सचमुच, दोस्तों, क्या मादक स्वाद था।
आंटी की बारी
फिर मैं उठा और उनसे बोला, “अब आपकी बारी।” वो मुस्कुराईं और पहले तो उठकर मेरे होंठ चूसने लगीं, काफी देर तक। फिर मुझे नीचे लिटा दिया और मेरा अंडरवियर भी निकाल दिया। अब छोटा आर्यन उनकी आंखों के सामने था। उन्होंने उसे प्यार से पकड़ा और कुछ देर तो मेरी मुठ मारी। फिर अपना मुँह नीचे करके उसे अपने मुँह में भर लिया। आह्ह, दोस्तों, मैं उस फर्स्ट सक की फीलिंग को एक्सप्लेन नहीं कर सकता। इतना मजा आया कि बस पूछो ही मत। उनके गर्म-गर्म मुँह में मेरा लंड एकदम फिट बैठा। वो कितने प्यार से चूस रही थीं। मेरा लंड पूरा नीचे तक उनके मुँह में ले लेतीं और फिर बाहर निकालतीं। फिर उसे बाहर निकालकर अपनी जीभ से चाटने लगीं। मैं बस उन्हें एकटक निहार रहा था।
बारिश में चुदाई
फिर उन्होंने मुझे अंदर चलने का इशारा किया, लेकिन मैंने मना कर दिया और फिर से उन्हें वहीं लिटा दिया। वो मुस्कुराईं और अपनी टांगें खोल दीं। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर 3-4 बार रगड़ा। फिर उन्होंने उसे अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत के छेद पर रखा। मैंने एक धक्का मारा, लेकिन बारिश के पानी की फिसलन की वजह से वो अंदर नहीं गया। फिर उन्होंने दोबारा अपने हाथ से उसे सेट किया, लेकिन इस बार उन्होंने अपना हाथ नहीं हटाया। मैंने एक बार फिर धक्का मारा, इस बार जरा जोर से। मेरा लंड का अगला हिस्सा अंदर घुस गया। बस, फिर क्या था, 3-4 धक्कों में पूरा छोटू अंदर।
उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे किसी गर्म-गर्म चीज में मेरा लंड घुस गया हो। आंटी तो खेली-खिलाई थीं, तो उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई। उन्होंने अपनी टांगें मेरी कमर पर फंसा लीं और मुझे नीचे की ओर खींचा। मैं भी कभी उनके होंठ चूसते हुए, तो कभी उनके बूब्स पीते हुए धक्के मारने लगा। लेकिन तभी मुझे अपने घुटनों में जलन का अहसास हुआ। हम लोग जमीन पर थे, और धक्के मारने की वजह से मेरे घुटने जमीन से रगड़ रहे थे और छिल रहे थे। लेकिन कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। इसलिए मैंने दर्द की परवाह न करते हुए अपना काम जारी रखा।
दोस्तों, कितना मजा आ रहा था। बारिश में भीगा हमारा जिस्म, और हर धक्के पर थप-थप की आवाज। कभी मैं हल्के धक्के मारता, तो कभी तेज-तेज। आंटी हर धक्के का जवाब अपनी गांड उछाल-उछालकर दे रही थीं। वो और मैं दोनों ही ग्रोअन कर रहे थे और मस्ती की आवाजें निकाल रहे थे। तभी वो बोलीं, “और तेज, और तेज, रुकना नहीं!” मैंने भी अपने धक्के तेज कर दिए। और वो “आह्ह्ह” की एक तेज आवाज के साथ झड़ गईं। उनके झड़ने के समय उनकी चूत की मसल्स की क्या मूवमेंट हो रही थी! उनकी चूत ने मेरे लंड को कसकर दबा लिया था। एक अजीब-सी फील आ रही थी। फिर उनका माल निकला और मेरा लंड पूरी तरह भीग गया।
मैं मन ही मन सोच रहा था कि आज का दिन कितना लकी है। सारे मजे एकसाथ मिल गए। झड़ने के बाद आंटी ने मुझे कसकर अपने से चिपका लिया और जोर-जोर से मेरे होंठ चूसने लगीं। इससे मुझे और भी जोश आया, और मैं और भी जोर-जोर से उनकी चुदाई करने लगा। उनका माल निकला था, जिसकी वजह से उनकी चूत एकदम चिकनी हो गई थी। अब धक्के लगाने में और भी मजा आ रहा था। इस कारण मैं कुछ ज्यादा ही मजे में आ गया और तेज-तेज झटके मारने लगा। थप-थप की आवाजें आ रही थीं, जब मेरी जांघ उनकी जांघ से टकराती। अब मेरे मुँह से भी तेज-तेज “आह्ह, उह्ह” की आवाजें निकलने लगीं। और मैं झड़ने लगा। साथ ही आंटी भी दोबारा झड़ने लगीं। हम दोनों ने एक-दूसरे को कसकर पकड़ लिया और झड़ने का आनंद लेते रहे।
कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे। फिर मैंने उनकी तरफ देखा। हम दोनों हंसे और एक लंबे किस में खो गए।
समापन
तो दोस्तों, ये थी मेरी लाइफ की पहली सेक्स स्टोरी। अगर कोई लेडी या कपल मुझसे मिलना चाहे, या कोई हसबैंड अपनी वाइफ को चुदवाना चाहे, तो मुझे मेल करें।