Aunty Sex Story

चाची को साबुन लगा के नहाया

हाय दोस्तों, मेरा नाम जज़ है और मैं 23 साल का हूँ। मैं इस वेबसाइट का नियमित विजिटर हूँ और आज मैं अपना अनुभव शेयर करने के लिए यह कहानी लिख रहा हूँ। बात उन दिनों की है जब मैंने अपना 12वीं कक्षा पास की थी और पिताजी ने मुझे आगे की पढ़ाई के लिए कोलकाता भेजने का फैसला किया था।

पिताजी मुझे भिलाई में नहीं रखना चाहते थे और चाचा ने कोलकाता का प्रस्ताव रखा जो पिताजी ने मान लिया। वैसे मैं कई बार कोलकाता जा चुका था इसलिए पिताजी मुझे छोड़ने नहीं आए। जब मैं कोलकाता पहुँचा तो चाचा और चाची ने मेरा स्वागत किया और हम अंदर गए। चाचा का एक बिजनेस था इसीलिए वो ज्यादातर पूरे भारत में ट्रैवल करते थे, चाची हाउसवाइफ थीं। उनके दो बेटे थे – एक अब न्यूजीलैंड में एमबीए कर रहा है और दूसरा चेन्नई से बीसीए।

चाची से मैं जल्दी ही घुल मिल गया और चाचा शाम की फ्लाइट से मुंबई चले गए थे और चाची को मेरी देखभाल करने को कहा था। शुरुआत में थोड़ा अकेलापन लगा पर चाची ने काफी ख्याल रखा। अगले दिन हम कॉलेज के लिए एडमिशन गए, एक अच्छा कॉलेज मिला और मैंने साइंस चुना। कॉलेज की टाइमिंग 11 बजे थी। चाची बहुत अच्छी और मददगार थीं थोड़ी उम्रदराज थीं पर ठीक-ठाक सुंदर थीं। मेरे मन में कोई बुरा ख्याल नहीं था।

पर उनका साइज़ ३९″३२″३८″ मुझे आकर्षित करता था क्योंकि उनका सामान भारी था। क्लासेस शुरू हुई और मैं व्यस्त हो गया सब ठीक चल रहा था पर एक Sunday ने मेरी दुनिया बदल दी। हुआ यूँ कि Sunday मैं ८ बजे तक सो रहा था और जैसे हमेशा चाचा बाहर गए थे और घर पर मैं और चाची थीं। चाची ने मुझे आवाज लगाकर बुलाया, मैं गया तो चाची बाथरूम में थीं। उन्होंने मुझे टॉवल देने को कहा। मैंने टॉवल उठाया और उन्होंने बाथरूम का दरवाजा खोला और ले लिया।

मैं उन्हें देखकर दंग रह गया वो केवल पेटिकोट में थीं और उसे चुच्चों पर बांधा था, मेरे लंड में जैसे करंट दौड़ गया। उनकी पेटिकोट थोड़ी भीगी थी तो उनको चुच्चों का साइज़ पता चल रहा था। देखकर मजा आया मेरा हाथ मेरे लैंड से नहीं हट रहा था पर मैंने कंट्रोल किया फिर ये बात आम हो गई और मैंने कई बार उन्हें पेटिकोट में और कई बार ब्लाउज-पेटिकोट में देखा १० दिन तक ऐसा ही चला।

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और मैंने चाची को नंगा इमेजिन करके मुथ मारना शुरू कर दिया। फिर जो हुआ उसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था। चाची ने मुझे आवाज लगाई और टॉवल माँगा, मैंने दे दिया। फिर चाची ने दरवाजा खोला और कहा मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। मैंने कहा क्या? तो उन्होंने कहा मेरे पीठ पर थोड़ा साबुन मल दो। मैं थोड़ा घबरा गया पर हम भरी में अंदर गया और साबुन उठाया और मग में पानी लिया। चाची पेटिकोट में थी और चुच्चों तक बंधी थी। मैंने साबुन गिला कर के साबुन उनकी पीठ पर लगाया, मेरी गांड फट गई। लंड खड़ा हो गया हाथ कपने लगे। मैंने कपाती हाथों से साबुन उनकी पीठ की खुली हुई हिस्सों पर लगाया और फिर “हो गया चाची” कहकर जाने लगा। चाची ने थैंक यू कहा उस दिन मैंने ४-५ आर मुथ मारी। कॉलेज में उस दिन मन नहीं लग रहा था बस साबुन और चाची याद आ रहे थे।

बाकी चीज़ें सामान्य थीं हम साथ खाते, टीवी देखते और अपने-अपने कमरों में सो जाते थे। अगले दिन भी वही हुआ। चाची ने नहाते समय साबुन लगाने को बुलाया। मैं गया पर आज पेटिकोट थोड़ी ढीली थी। मैंने फिर अपनी कपाती हाथों से साबुन लगाया और चाची ने थैंक यू कहा। फिर ये रोज का काम हो गया १५ दिन तक ऐसा ही चला। फिर रोज की तरह चाची ने आवाज लगाई और मैं साबुन लाने को गया, इतने दिनों से साबुन लगाकर कॉन्फिडेंस आ गया था और मैं मजे से साबुन लगाता था और कभी-कभी पेटिकोट के थोड़ा अंदर तक भी जाता था। आज जो देखा तो होश उड़ गए।

आज चाची पेटिकोट और ब्रा में थीं, काले रंग का ब्रा उनकी गोरी चमड़ी को सूट कर रहा था। मेरे कुछ पूछने से पहले ही चाची ने कहा इससे दिक्कत नहीं होगी और पूरी पीठ की सफाई हो जाएगी। अब पीठ का एक बड़ा हिस्सा दिख रहा था। मैंने अच्छे से साबुन पूरी पीठ पर लगाया और उनकी कोमल बॉडी का मजा लिया। पर उनकी ब्रा की पट्टी थोड़ी अडचन डाल रही थी जो उन्होंने नोटिस किया। मैंने पीठ पीठ धोई। चाची ने थैंक यू कहा और मैं चला गया। आज एक्साइटमेंट बढ़ गई थी पूरी पीठ देखकर क्लासेस में ध्यान नहीं लग रहा था। अगले दिन फिर चाची ने आवाज लगाई और मैं गया। आज चाची ने पिंक ब्रा पहनी थी। मैंने साबुन लगाना शुरू किया। ब्रा की पट्टी काम बिगड़ रही थी। फिर चाची ने कहा बेटा ब्रा की हुक खोल ले और अच्छे से लगा। मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था। मैंने कपाती हाथों से उनकी ब्रा की हुक खोली। उन्होंने आगे से ब्रा के ऊपर से चुच्चों को पकड़ लिया ताकि ब्रा गिर न जाए। आज पूरी पीठ साफ थी। मैंने काफी जोश से पीठ साफ की और धोया। मैंने हाथों से साइड्स पर भी काफी अंदर तक ले गया और चुच्चों का एक हिस्सा छुआ मजा आया था। चाची ने थैंक कहा।

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फिर थोड़ी देर बाद चाची ने अपने कमरे में बुलाया तो मैं गया। देखा चाची येलो पेटिकोट में थीं और ब्राउन ब्रा थी जिसकी हुक खुली थी। चाची ने कहा हुक लगाने में मदद करो ना। अब हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि हुक लगाना आम बात हो गई थी। चाची ने थैंक यू कहा। एक हफ्ते तक ये सिलसिला जारी रहा और मैं पीठ पर साबुन और उनकी ब्रा का हुक लगाता रहा। मैं खुश था पर और कुछ चाहता था। उनका नंगा शरीर देखने का। अगले दिन चाची के बुलाने पर गया तो कुछ नया कर लिया था। चाची ने सिर्फ पेटिकोट पहनी थी और चुच्चों को हार से छुपाए थे। चाची ने कहा बेटा पीठ के साथ साथ थोड़ा आगे पेट पर भी साबुन लगा देना। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैंने अच्छे से साबुन लगाया पीठ पर भी और आगे पेट पर भी चुच्चों के अच्छे खास हिस्सों पर हाथ फेरा और पानी से धोया।

ब्रा लगाने का सिलसिला भी शुरू हो गया था। करीब तीन दिन बाद चाची ने एक और स्टेप आगे बढ़ाते हुए जब साबुन लाने बुलाया तो वो केवल पैंटी में थीं और चुच्चों को हाथ से दबाते हुए बोली “बेटा अब से जांगो और पैर में भी साबुन लगा देना।” मुझे मना आया। मैंने अच्छे से आगे पीछे ऊपर नीचे साबुन लगाया पर केवल पीछे की तरफ ही। आज मैंने वो अंग छुआ जो सिर्फ मैं सोचता था। मैंने पूरे शरीर पर पानी डालकर धोया।

मैंने इसी बीच ये नोटिस किया कि इन चीजों के दौरान चाची अपने चुच्चों को दिखाना चाह रही हैं पर मैंने कुछ नहीं कहा बस मजा लेता रहा। कुछ दिन बीतने के बाद चाची ने एक और बोल्ड स्टेप उठाते हुए अगले दिन जब बुलाया तो वो केवल एक टॉवल से अपने चुच्चों और छोटी को छुपाए खड़ी थीं और कह रही थी “आज थोड़ा अच्छे से साबुन लगाओ।” मैंने चारों तरफ से अच्छी तरह से साबुन लगाया उनकी पीठ, उनकी जांघ… मजा आया। फिर आज पहली बार उनके नंगे गांड के दर्शन हुए। उसपर भी मैंने रगड़ रगड़ के साबुन लगाया जब मुझे लगा कि हो गया तब चाची ने कहा बेटा ज़रा टॉवल के अंदर भी हाथ डालकर साबुन लगा दो। मेरा होश का ठिकाना नहीं रहा। मैंने नीचे से शुरू करते हुए हाथ चुच्चों पर ले जाकर साबुन अच्छे से रगड़ा। उनकी गरमाहट से मजा आया। उसपर थोड़े बाल भी मैंने फील किए एकदम सॉफ्ट थे। चाची गुस्सा न हो इसीलिए मैंने जल्दी ऊपर बढ़ा फिर नाभि और कोमल पत होते हुए चुच्चों पर पहुँचा। चाची ने तोवेल थोड़ा उठाया ताकि मैं हाथ घुसा सकूं फिर जो चाहिए था वो मिला। चुच्चों को छूने को साबुन लगाया और चुच्चों को दबाया। फिर चाची को देखा तो वो आंखें दिखा रही थीं। मैं थोड़ा डर गया फिर आँखें नीची कर के साबुन लगाते हुए nipples भी छेड़े। इतने में मेरा पानी छूट गया और मैं तड़प उठा। चाची ने पूछा क्या हुआ? क्या हुआ ये अगले पार्ट में!