पिताजी के दोस्त की बेटी को चोदा
एक दिन जब मैं स्कूल से आया तो देखा कि मेहमान आए हैं। मैंने माँ से पूछा तो उन्होंने बताया कि तेरे पापा के दोस्त परिवार के साथ दिल्ली घूमने आए हैं। उनकी पत्नी और दो बच्चे थे, एक लड़की थी श्वेता, उम्र 18 साल की, और एक लड़का आयुष, उम्र 13 साल का। श्वेता बहुत सुंदर और आकर्षक थी। फिर सब लोग साथ में लंच किया और आराम करने लगे। मुझे भी बुरा लग रहा था इसलिए मैं हमेशा अपने पढ़ाई में व्यस्त रहता था। मैंने नोटिस किया कि श्वेता बार-बार मुझे देख रही थी। मैं अपने कमरे में था और पढ़ाई कर रहा था तब वह आई और मुझसे बात करने लगी। उसने मेरे बारे में सब कुछ पूछा, उसने भी अपने बारे में बताया। वो 12वीं कक्षा में थी, उसने मुझे विज्ञान भी सिखाया फिर वो चली गई। मैं थोड़ी देर के लिए सोने लगा।
शाम को सब लोग माँ-बाप और चाचा-चची की फैमिली घूमने गए, मैं घर पर ही था। जब वे लोग वापस आए तो लगभग 8 बजे हो रहा होगा। मैं अपने कमरे में उस समय पढ़ रहा था तब श्वेता मेरे कमरे आई वो बहुत खुश लग रही थी। मैंने पूछा “बड़ी खुश क्यों लग रही हो?” उसने कहा “दिल्ली घूमने में बहुत मजा आया, तुम होते तो और मजा आता”। मैं कुछ नहीं बोला। फिर उसने अपने कमरे जाकर कपड़े बदल लिए। उसने टी-शर्ट और लोअर पहना हुआ था। उसके ब्रेस्ट साफ दिख रहे थे। मैं उसे देख रहा था तब उसने मुझे नोटिस किया। डिनर करने के बाद सब लोग सो गए। चाचा-चची एंटी गेस्ट रूम में सो रहे थे और श्वेता और मेरी बहन एक कमरे में सो रही थीं, आयुष मेरे कमरे में बिस्तर पर सो रहा था। मेरे कमरे में कारपेट बिछा हुआ था और मैं कारपेट पर ही बेडशीट बिछाकर नीचे पढ़ता था और कभी-कभी नीचे सो जाता था।
सुबह सब लोग नाश्ता किया। और फिर से घूमने चले गए लेकिन श्वेता नहीं गई क्योंकि उसका सिर दर्द कर रहा था। तो घर पर केवल मैं, श्वेता और नौकरानी थीं। मैंने नौकरानी से कहा कि मैं दोस्त के घर जा रहा हूँ और तुम लंच बनाकर श्वेता को दे दो। श्वेता उस समय आराम कर रही थी तो मैंने उसे बिना बताए चला गया। मैं 4 बजे वापस आया, श्वेता टीवी देख रही थी। मैंने पूछा “दर्द ठीक हो गया?” उसने कहा “हाँ”। मैं अपने कमरे जाने लगा तो उसने कहा “लंच नहीं करना है”। मैंने कहा “मैंने कर लिया है दोस्त के घर”। फिर कमरे में चला गया तब नौकरानी आई और कहने लगी कि “श्वेता दीदी अभी तक लंच नहीं किया है, वो आपका इंतजार कर रही थीं”। मैंने कहा था “लंच करने के लिए” पर बोली की “आपके साथ करूंगी”। मैंने खाना लेकर उसके पास गया और पूछा “मेरा इंतज़ार इतनी देर क्यों कर रही हो? तुम खुद लेना चाहती थीं…” मैंने कहा “लो खा लो।” उसने मना करने लगी। मैंने अपने हाथ से ही खिलाने लगा… तब उसने खाया।
लंच के बाद उसने पूछा “एक बात बोलो”। मैंने कहा “बोलो”। वो मेरे पास आई और बोली “मैं तुमसे प्यार करती हूँ…” मैं उसे देखता रहा और मैंने भी कहा “आई लव यू” तो। और मैंने उसे किस किया… उसके बाद हम जहाँ भी मिलते अकेले, जैसे कमरे में, लॉन में, किचन में एक-दूसरे से चिपक जाते थे और किस करते थे। शाम को सब लोग घर वापस आए। रात में डिनर करने के बाद सब लोग टीवी बैठकर देख रहे थे। मेरे भी सिर दर्द कर रहा था, मैंने माँ से कहा “कोई ठंडा तेल लगा दो”। माँ थकी हुई थी तब चाची ने कहा “श्वेता तुम लगा दो”। मैं और श्वेत दोनों बहुत खुश हुए। हमारे बारे में चाचा-चची और मेरी फैमिली को कुछ गलत नहीं लग रहा था, सब जानते थे कि बच्चे हैं। श्वेत ने अपनी माँ से कहा कि “तेल लगाने के बाद हम दोनों पढ़ाई करेंगे”। मैं देर सोऊंगी। चाची ने कहा “ठीक है”। कमरे में आते ही श्वेत ने कहा “मेरे जानू, मेरे गोद में अपना सिर रखो”। मैंने कहा “किसी ने देख लिया तो?” उसने कहा “जनू, मैं ऐसे ही सर पर तेल लगाती हूँ, कोई कुछ नहीं कहेगा”। मैंने कहा “ठीक है जनू”। सर पर तेल लगाने के बाद हम पढ़ाई करने लगे।
थोड़ी देर में आयुष आया सोने के लिए वो बिस्तर पर सो गया और हम नीचे कारपेट पर पढ़ रहे थे। समय देखा कि 12 बज गए हैं और सब लोग सो गए हैं। तो फिर क्या था मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और लाइट ऑफ कर दी। श्वेत ने कहा “क्या करने का प्लान है?” मैंने कहा “रात भर प्यार करने का प्लान है..” मैंने कहा “बस आयुष ना जागे, श्वेत ने कहा “ये बहुत गहरी नींद में सोता है, नहीं उठेगा”। फिर क्या मैंने उसे कारपेट पर लेटा दिया और उसके लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया। उसकी सांसें बहुत तेज़ चल रही थीं।
तब मैंने एक हाथ उसके टी-शर्ट के अंदर डाल दिया और डबने लगा। फिर मैंने उसका टी-शर्ट उतार दिया। क्या लग रही थी? ब्रा में बहुत सॉफ्ट थे उसके ब्रेस्ट। फिर क्या मैं मुंह से सोसने लगा, हम दोनों बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गए थे। मुझे रुकना नहीं था, मैंने अपने सभी कपड़े उतारे और उसका भी। उसने कहा “बहुत बड़ा ही बहुत दर्द करेगा, वो भी हमारा पहली बार है..” मैंने कहा “डरो मत थोड़ा होगा, बर्दाश्त कर लो”। उसने कहा “जनू आपके लिए मैं कुछ भी करूंगी”। फिर उसने पूछा “कॉन्डम है?” मैंने कहा “नहीं, कुछ हुआ तो कल इमरजेंसी पिल लाऊंगा”। उसने कहा “ठीक है पर धीरे-धीरे करना, ओके जनू”। हम विज्ञान के छात्र थे सब नॉलेज था।
हमारे पास समय बहुत कम था तब मैंने कोल्ड क्रीम ली और अपने लंड और उसके चूत पर लगा दिया वहाँ छोटे-छोटे बाल थे। तब मैंने उसका पैर फैलाया और कहा “जानू थोड़ा बर्दाश्त कर लो, मैं लंड चूत पर रगड़ रहा था”। तब उसने कहा “जल्दी डालो जनू”। मैंने चेद पर रखकर एक धीरे से झटका मारा। एक बार अंदर चला गया वो सिसकने लगी कह रही थी कि दर्द हो रहा है। फिर मैंने एक हाथ से उसका मुंह बंद कर लिया और एक ज़ोर का झटका मारा, मेरा लंड पूरा उसके चूत में घुस गया और चुत से थोड़ा रस निकलने लगा। मैं उस समय रुका क्योंकि श्वेत की आँखों में आंसू आ गए थे। थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई तो मैंने पूछा “अब करू?” उसने सिर हिलाया फिर झटके देने शुरू कर दिए। उसे भी अब अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया और शांत हो गई। मैं भी 2-4 झटकों में उसके अंदर छोड़ दिया वो बहुत खुश थी। फिर कपड़े पहनकर सोने चली गई। दूसरे दिन मैंने उसे पिल्स की टेबलेट दी। दो दिन बाद वो वापस घर चली गई। तो लड़कियों और लड़कों कैसी लगी स्टोरी? मुझे आपके कमेंट्स का इंतज़ार रहेगा।